विदेशी मुद्रा

क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं

क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं
Bill seeks to create a facilitative framework for creation of official digital currency to be issued by RBI & ban all private cryptocurrencies in India pic.twitter.com/yeaLfuCiBs — ANI (@ANI) November 23, 2021

भारत में बिटकॉइन प्रतिबंध: क्रिप्टोकुरेंसी पर कोई प्रतिबंध नहीं, सरकार क्रिप्टो टैक्स ला सकती है – सूत्रों

No restrictions on cryptocurrency

सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं लगा सकती है। देश में क्रिप्टोकरंसी ट्रेडिंग को रेगुलेट करने के लिए केंद्र सरकार आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में एक नया बिल लाने की तैयारी में है। केंद्र ने पहले डिजिटल मुद्राओं से संबंधित मुद्दों का अध्ययन करने और क्रिप्टो सिक्कों के संबंध में विशिष्ट कार्यों का प्रस्ताव करने के लिए पैनल का गठन किया था। लोकसभा की वेबसाइट में उल्लिखित बुलेटिन क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं के अनुसार बहुप्रतीक्षित क्रिप्टोक्यूरेंसी बिल कुछ अपवादों के साथ, भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की संभावना है। रिपोर्टों के अनुसार अंतर-मंत्रालयी पैनल क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं ने सिफारिश की है कि राज्य द्वारा जारी किसी भी आभासी मुद्राओं को छोड़कर, सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को भारत में प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। ( No restrictions on cryptocurrency)

भारत में क्रिप्टोकुरेंसी पर ब्लैंकेट बैन नहीं

हालांकि, उद्योग के विशेषज्ञों का मानना ​​​​था कि भारत में क्रिप्टोकुरेंसी पर ब्लैंकेट बैन नहीं होगा। बिटकॉइन का मार्केट कैप $ 1 ट्रिलियन से अधिक है। वर्षों से यह एक सट्टा उपकरण से मूल्य के भंडार में बदल गया है। अन्य सभी क्रिप्टोकरेंसी की तुलना संदर्भ के लिए बिटकॉइन से की जाती है। सरकार ने पहले कहा था कि वे उपयोग के मामलों के आधार पर क्रिप्टो को क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं वर्गीकृत करना चाह रहे थे। उस सादृश्य के अनुसार यह सबसे अधिक संभावना है कि बिटकॉइन को एक परिसंपत्ति वर्ग माना जाएगा। एडुल पटेल, सीईओ और मुड्रेक्स के सह-संस्थापक, एक वैश्विक क्रिप्टो निवेश मंच ने कहा।

भारत में वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी पर कर नहीं

भारत में वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी पर कर नहीं लगाया जाता है, लेकिन करदाताओं को क्रिप्टो में निवेश से अपने लाभ की घोषणा करने की आवश्यकता होती है। क्रिप्टोक्यूरेंसी पर कराधान के नियम और विनियम अभी भी एक प्रारंभिक चरण में हैं और इसके दृढ़ आकार लेने से पहले कुछ और समय लगेगा। भारत में क्रिप्टोकरेंसी के कराधान पर, ब्लॉकचैन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (बीएसीसी) के सदस्य क्रिस्टिन बोगियानो ने कहा, “हम मानते हैं कि 36 महीनों से अधिक समय तक आयोजित क्रिप्टोकरेंसी से प्राप्त लाभ को दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। हालांकि, कम समय में आप जो लाभ अर्जित करेंगे, उसे अल्पकालिक लाभ के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। इन लाभों पर कर की दर विभिन्न कारकों के आधार पर अलग-अलग होगी जैसे कि भारत में कितना अधिक लोकप्रिय क्रिप्टो निवेश हो रहा है, सरकार के शुद्ध मूल्य पर इसका प्रभाव, रुपये की विनिमय दरों पर प्रभाव बनाम अन्य अंतरराष्ट्रीय लोगों के बीच कई अन्य। मसौदा विधेयक का विवरण वैसा ही था जैसा कि इस साल के बजट सत्र से पहले जनवरी में लोकसभा सचिवालय बुलेटिन में उल्लेख किया गया था। उनके बाद से बहुत कुछ बदल गया है, उद्योग के विशेषज्ञों का उल्लेख किया।

क्रिप्टोकुरेंसी गलत हाथों में न जाए ( No restrictions on cryptocurrency)

हाल ही में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में क्रिप्टोकुरेंसी परिदृश्य और आगे के रास्ते पर अधिकारियों के साथ बैठक की। केंद्र सरकार के सूत्रों ने पहले उल्लेख किया था कि वह क्रिप्टोकरेंसी पर आगे की ओर देखने वाले और प्रगतिशील विनियमन को देख रहा था। बैठक के बाद, वित्त पर संसद की स्थायी समिति ने उद्योग में विभिन्न हितधारकों से विचार प्राप्त करने के लिए बैठक की। इससे पहले मई में वित्त मंत्री ने कहा था कि क्रिप्टो क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं और डिजिटल मुद्रा पर एक बहुत ही कैलिब्रेटेड स्थिति ली जाएगी क्योंकि दुनिया तकनीक के साथ तेजी से आगे बढ़ रही है। पिछले हफ्ते एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि उदाहरण के लिए क्रिप्टोकुरेंसी या बिटकॉइन लें। यह महत्वपूर्ण है कि सभी लोकतांत्रिक देश इस पर एक साथ काम क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं करें और सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न जाए, जो हमारे युवाओं को खराब कर सकता है। ( No restrictions on cryptocurrency)

क्या संसद के क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं शीतकालीन सत्र में पेश नहीं होगा क्रिप्टोकरेंसी बिल? जानें क्या है केंद्र सरकार की रणनीति

टाइम्स नाउ डिजिटल

Cryptocurrency Bill: सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मौजूदा शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर बिल आने की संभावना नहीं है।

Cryptocurrency Bill

  • भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने कईं बार क्रिप्टोकरेंसी पर चिंता जताई है।
  • अगले वित्त वर्ष क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं की पहली तिमाही में केंद्रीय बैंक पायलट के तौर पर डिजिटल मुद्रा लॉन्च कर सकता है।
  • केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी सीबीडीसी (CBDC) कानूनी टेंडर का डिजिटल रूप होगी।

Cryptocurrency Bill: शीर्ष सूत्रों ने कहा कि शीतकालीन सत्र (winter session) में क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) पर विधेयक लाने की संभावना नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि जब भी कोई विधेयक लाया जाएगा, उसे हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के लिए संसदीय स्थायी समिति को भेजा जाएगा। क्रिप्टोकरेंसी पर शिकंजा कसने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' (The Cryptocurrency & Regulation of Official क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं Digital Currency Bill, 2021) सूचीबद्ध किया गया था।

प्रस्तावित विधेयक में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से जारी होने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के लिए विधान तैयार करने की बात कही गई है। साथ ही इसमें देश में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने का भी प्रावधान किया गया है। हालांकि, यह कुछ अपवादों के साथ क्रिप्टोकरेंसी और इसके उपयोग से जुड़ी तकनीक को बढ़ावा देने की अनुमति देता है।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी पर की थी बैठक
सूत्रों ने कहा कि इसकी संभावना नहीं है कि मौजूदा शीतकालीन सत्र में विधेयक लाया जाएगा। मौजूदा समय में, देश में क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग पर कोई प्रतिबंध नहीं है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने पिछले महीने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ क्रिप्टोकरेंसी पर एक बैठक की थी। इस मुद्दे से निपटने के लिए मजबूत नियामक कदम उठाए जा सकते हैं।

क्रिप्टोकरंसी के विज्ञापनों की संख्या में वृद्धि
हाल के दिनों में क्रिप्टोकरंसी में निवेश पर ज्यादा रिटर्न का वादा करने वाले विज्ञापनों की संख्या में वृद्धि हुई है। इन विज्ञापनों में फिल्मी सितारों को भी दिखाया गया है। इस तरह की मुद्राओं के बारे में चिंताओं के बीच निवेशकों को भ्रामक दावों के साथ लुभाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

भाजपा सदस्य जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में वित्त पर संसदीय स्थायी समिति ने क्रिप्टो एक्सचेंजों, ब्लॉकचैन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (BACC), के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की, और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध (Cryptocurrency Ban) नहीं लगाया जाना चाहिए, बल्कि विनियमित किया जाना चाहिए।

जानें क्या है क्रिप्टोकरेंसी, जिस पर मोदी सरकार लगाने जा रही है बैन

जानें क्या है क्रिप्टोकरेंसी, जिस पर मोदी सरकार लगाने जा रही है बैन

संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार कुछ निजी क्रिप्टोकरेंसी को छोड़कर सभी पर रोक लगाने और आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को विनियमित करने के लिए एक ढांचा तैयार करने के लिए एक विधेयक ला सकती है। 29 नवंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में बहुप्रतीक्षित क्रिप्टोक्यूरेंसी और विनियमन आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 विचार और पारित करने के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। इससे जुड़े बिल से पहले आइए, जानें कि आखिर क्रिप्टोकरेंसी कहते किसे हैं।

जानें क्या है क्रिप्टोकरेंसी ?

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है जिसका मूल्य तो होता है, लेकिन इसे न ही देखा जा सकता है न ही छूआ जा सकता है। यह केवल डिजिटल रूप में होता है, जिससे महज ऑनलाइन ही लेन-देन किया जा सकता है। जिस प्रकार से देश की सरकारें निश्चित मूल्य के बदले मुद्रा या कागजी नोट या सिक्के जारी करती है, यह उस तरह की मुद्रा नहीं है। यह डिजिटल मुद्रा इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती है इसलिए इसे क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है।

इसका लेन-देन खाता-बही द्वारा प्रबंधित होता है जो इसकी पारदर्शिता को सुनिश्चित करती है। यह सब इनक्रिप्टेड होती है। शुरुआत में इसके मूल्य को लेकर काफी आशंकाएं थीं। एक वक्त ऐसा था जब हजार बिटकॉइन से सिर्फ दो पिज्जा खरीदे जा सकते थे। लेकिन, आज यह सबसे महंगा टोकन मनी है। कई कंपनियों ने भी क्रिप्टोकरेंसी को स्वीकार करने की घोषणा की है।

क्रिप्टोकरेंसी बिल

लोकसभा की वेबसाइट पर पेश करने के लिए सूचीबद्ध बिल के अनुसार इसके अतर्गत देश में सभी अनियमित निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश करेगा, साथ ही केंद्रीय बैंक, आरबीआई द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगा।

वर्तमान में, देश में क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग पर कोई विनियमन या कोई प्रतिबंध नहीं है। इस पृष्ठभूमि के खिलाफ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महीने की शुरुआत में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ क्रिप्टोकरेंसी पर एक बैठक की और संकेत हैं कि इस मुद्दे से निपटने के लिए मजबूत नियामक कदम उठाए जा सकते क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं हैं।

हाल के दिनों में क्रिप्टोकरंसीज में निवेश पर आसान और उच्च रिटर्न का वादा करने वाले विज्ञापनों की संख्या में वृद्धि हुई है, यहां तक कि फिल्मी सितारों को भी दिखाया गया है। इस तरह की मुद्राओं पर कथित तौर पर भ्रामक दावों के साथ निवेशकों को लुभाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

पिछले हफ्ते, बीजेपी सदस्य जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में वित्त पर स्थायी समिति ने क्रिप्टो एक्सचेंजों, ब्लॉकचैन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (बीएसीसी) के प्रतिनिधियों से मुलाकात की, और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि क्रिप्टोक्यूरैंसीज पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए, लेकिन इसे विनियमित किया जाना चाहिए।

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Cryptocurrency क्या है, सरकार सभी private क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए विधेयक पेश करेगी

क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक पेश करने के लिए तैयार में है. सभी निजी क्रिप्टोकरेंसीज को बैन किया जा सकता है. सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में इस बारे में बिल लेकर आ रही है.

Govt lists bill in winter session to ban all private cryptocurrency

भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर काबू पाने की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है. केंद्र सरकार ने 23 नवंबर 2021 को क्रिप्टोकरेंसी बिल (Cryptocurrency Bill) लाने की घोषणा कर दी. केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर शिकंजा कसने की तैयारी में है. सभी निजी क्रिप्टोकरेंसीज को बैन किया जा सकता है. सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में इस बारे में बिल लेकर आ रही है.

क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक पेश करने के लिए तैयार में है. लोकसभा की एक विज्ञप्ति के मुताबिक, भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने वाला विधेयक अगले सप्ताह से शुरू होने वाले सत्र में संसद में लाए जाने वाले 26 कानूनों में से एक है. भारत में वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी के लिए कोई विनियमन नहीं है.

Govt to introduce 'The Cryptocurrency & Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021' in winter session of Parliament

Bill seeks to create a facilitative framework for creation of official digital currency to be issued by RBI & ban all private cryptocurrencies in India pic.twitter.com/yeaLfuCiBs

— ANI (@ANI) November 23, 2021

सभी क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी

सभी क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने के लिए सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में 'द क्रिप्टो करेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल 2021' लाएगी. क्रिप्टोकरेंसी तकनीक के इस्तेमाल में राहत देने के लिए ही सरकार इस बिल में भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से सरकारी डिजिटल करेंसी चलाने के लिए फ्रेमवर्क का प्रावधान रखेगी.

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चर्चा

इस बिल को लेकर लोकसभा बुलेटिन में सरकार की तरफ से जानकारी दी गई है. गौरतलब है कि वित्त मामलों की संसदीय समिति में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चर्चा हुई थी जिसमें पाबंदी की बजाए नियमन का सुझाव दिया गया था.

डिजिटल करेंसी में उतार-चढ़ाव

क्रिप्टोकरेंसी के विपरीत रिजर्व बैंक द्वारा जारी इस डिजिटल करेंसी में उतार-चढ़ाव नहीं होगा. यह डिजिटल करेंसी देश की अर्थव्यवस्था में सर्कुलेट हो रही करेंसी का ही हिस्सा होगी. यही नहीं, इसकी कैश के साथ अदला-बदली भी की जा सकेगी. गौरतलब है कि सिस्टम में करेंसी के प्रसार पर रिजर्व बैंक का नियंत्रण रहता है. जब अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ती है तो ज्यादा करेंसी की जरूरत होती है.

क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता

क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता रिजर्व बैंक के लिए एक बड़ी चुनौती है क्योंकि देश में करेंसी के प्रसार पर उसका ही नियंत्रण रहता है. यह तो ऐसी करेंसी है जिस पर रिजर्व बैंक तो क्या किसी सरकार का भी नियंत्रण नहीं है. इसलिए सरकार इस पर अंकुश लगाते हुए डिजिटल करेंसी का विकल्प देने की तैयारी कर रही है.

इस बिल का उद्देश्य

इस बिल का उद्देश्य भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करना है. आरबीआई ने साल 2018 में क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन का समर्थन करने को लेकर बैंकों और विनियमित वित्तीय संगठनों को बैन कर दिया गया था.

इस बिल के तहत ये प्रावधान लाया जाएगा, जिससे सारी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी बैन हो जाएंगी. सुप्रीम कोर्ट ने लगभग दो साल बाद इसको लेकर कानून बनाने की बात क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं कही थी. इस बिल के जरिए सरकार सेंट्रल बैंक रिजर्व बैंक इंडिया के तहत एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए एक आसान फ्रेमवर्क तैयार करना चाहती है.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

गौरतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी किसी मुद्रा का एक डिजिटल रूप है. यह पूरी तरह से ऑनलाइन होती है. इसको इसको कोई सरकार या कोई विनियामक अथॉरिटी जारी नहीं करती है. गौरतलब है कि देश में बड़े पैमाने पर लोग क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रहे हैं. इन करेंसीज में काफी उतार-चढ़ाव होता है.

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Cryptocurrency: इस देश में क्रिप्टो के इस्तेमाल पर लगा प्रतिबंध! कहा- ‘मुस्लिमों के लिए क्रिप्टोकरेंसी हराम’

Cryptocurrency

नई दिल्ली। इस सदी के शुरुआती दशक से अभी तक क्रिप्टोकरेंसी ने कई तरह के बदलाव किए हैं। हालांकि अभी यह कॉन्सेप्ट ज्यादा नया नहीं है। लेकिन इसे लेकर अभी तक किसी तरह का कोई नियम-कानून भी नहीं बनाया गया है। सीधे जनमानस क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं में इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी की काफी तेज पकड़ बन गई है। इसमें कोई दोराय नहीं है कि क्रिप्टो ने बाजार में काफी तेजी से अपने पैर पसार लिए हैं। कई देशों में इसकी मौजूदगी है, और काफी बढ़-चढ़कर लोग इसमें निवेश भी कर रहे हैं। अकेले भारत में ही क्रिप्टो इकोसिस्टम से करोड़ों निवेशक जुड़ गए हैं। हालांकि, इसकी वैधता और नियमन को लेकर हर देश में बहस का जा रही है।

Bitcoin

अल सल्वाडोर एक ऐसा देश बन गया है, जहां क्रिप्टो को ऑफिशियल करेंसी घोषित किया जा चुका है। वहीं, घाना सहित एक-दो और अफ्रीकी देश हैं, जहां क्रिप्टो के तर्ज पर अपनी खुद की क्रिप्टो करेंसी लाने की कोशिशें की जा रही हैं। ऐसे में दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम बहुल देश इंडोनेशिया के एक धार्मिक गुरुओं के परिषद का कहना है कि एक करेंसी के तौर पर क्रिप्टो संपत्ति का इस्तेमाल मुस्लिमों के लिए प्रतिबंधित है।

Cryptocurrency

क्रिप्टोकरेंसी पर लगाया प्रतिबंध

Bloomberg रिपोर्ट के मुताबिक, इंडोनेशिया के नेशनल उलेमा काउंसिल की ओर से क्रिप्टोकरेंसी को हराम बताते हुए प्रतिबंधित घोषित कर दिया गया है। MUI ने कहा क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी के चरित्र में अनिश्चितता, नुकसान और जुए बाजी जैसे तत्व शामिल किए गए हैं, इस वजह से यह मुस्लिमों के लिए हराम है। वहीं धार्मिक आदेश जारी करने वाली इस संस्था के प्रमुख असरोरुन नियाम शोलेह ने कहा कि यदि क्रिप्टोकरेंसी एक कमोडिटी या डिजिटल संपत्ति के तौर पर काम करें और इसमें शरिया कानूनों का पालन किया जाए। इसके साथ ही यदि इसमें साफ फायदा समझ आता है तो इसकी ट्रेडिंग भी की जा सकती है। हालांकि MUI के इस फैसले के बाद से यह साफ नहीं किया गया है कि इंडोनेशिया में क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह बैन की जाएगी या नहीं।

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