विदेशी मुद्रा

फाइनेंस का महत्त्व

फाइनेंस का महत्त्व
iv) हाल के वर्षों में, अधिक क्षेत्र को सिंचाई के तहत लाया जाता है जो बदले में उर्वरकों और पौधों के संरक्षण रसायनों जैसे इनपुट का उपयोग बढ़ाएगा। इसे पूरा करने के लिए, बाहरी वित्त की आवश्यकता है।

आईआईएफसीएल की स्थापना

भारत के माननीय वित्त मंत्री ने, केंद्रीय 2005-2006 का केंद्रीय बजट प्रस्तुत करते समय, देश में पर्याप्‍त आधारभूत संरचना के निर्माण के महत्व तथा मांग को स्‍वीकार किया एवं निम्नलिखित घोषणा की:

“आधारभूत संरचना के त्‍वरित विकास की महत्‍ता की अनदेखी नहीं की जा सकती है। भारत में सर्वाधिक सुस्पष्ट आधारभूत संरचना के निवेश में भारी कमी है तथा इसको बजट द्वारा वित्तपोषित करना जारी रखना होगा। हालाँकि, बुनियादी ढांचे की कई ऐसी परियोजनाएं विद्यमान हैं जो आर्थिक रूप से अर्थक्षम हैं परन्तु वे वर्तमान परिस्थिति में संसाधनों को जुटाने में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। मैं यह प्रस्ताव रखता हूँ कि ऐसी परियोजनाओं को विशेष प्रयोजन माध्‍यम (एसपीवी) से वित्‍तपोषित किया जाए….। यह विशेष प्रयोजन माध्‍यम सीधे पात्र परियोजनाओं को वित्‍तपोषण, विशेष तौर पर लंबी अवधि वाले ऋण उपलब्‍ध कराएगा जो बैंकों एवं अन्‍य वित्‍तीय संस्‍थानों से अन्‍य पूरक ऋणों के तौर पर होंगे। सरकार प्रत्‍येक वित्‍त वर्ष की शुरूआत में एसपीवी को उधार की सीमा से अवगत कराएगी‘’

वित्तीय आजादी: पहली नौकरी के साथ जानें बचत और निवेश के तरीके

Investment

अगर आपने नौकरी की शुरुआत की है तो इसके साथ ही बचत और निवेश भी शुरू कर देना चाहिए। भविष्य को देखते हुए इससे न सिर्फ आर्थिक तौर पर आजादी मिलती है, बल्कि कोविड-19 महामारी जैसे संकट में वित्तीय जरूरतें पूरा करने में मदद मिलती है।

वित्तीय आजादी के लिए निवेश की सही रणनीति जरूरी, महामारी जैसे संकट में मददगार
निवेश सलाहकारों का मानना है कि बहुत से युवा पहले नौकरी से ही बचत और निवेश के महत्व को नहीं समझ पाते। यही वजह है कि वह अनाप-शनाप खर्च करते हैं और उनके पास अपनी वित्तीय आजादी को आगे बरकरार रखने की कोई रणनीति नहीं होती है। यह समस्या आगे तब और बढ़ जाती है जब उनकी वित्तीय जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। ऐसे पहली नौकरी से ही बचत और निवेश की सही रणनीति तैयार करनी चाहिए।

विस्तार

अगर आपने नौकरी की शुरुआत की है तो इसके साथ ही बचत और निवेश भी शुरू कर देना चाहिए। भविष्य को देखते हुए इससे न सिर्फ आर्थिक तौर पर आजादी मिलती है, बल्कि कोविड-19 महामारी जैसे संकट में वित्तीय जरूरतें पूरा करने में मदद मिलती है।

वित्तीय आजादी के लिए निवेश की सही रणनीति जरूरी, महामारी जैसे संकट में मददगार
निवेश सलाहकारों का मानना है कि बहुत से युवा पहले नौकरी से ही बचत और निवेश फाइनेंस का महत्त्व के महत्व को नहीं समझ पाते। यही वजह है कि वह अनाप-शनाप खर्च करते हैं और उनके पास अपनी वित्तीय आजादी को आगे बरकरार रखने की कोई रणनीति नहीं होती है। यह समस्या आगे तब और बढ़ जाती है जब उनकी वित्तीय जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। ऐसे पहली नौकरी से ही बचत और निवेश की सही रणनीति तैयार करनी चाहिए।

बैंक स्टेटमेंट पर रखे निगरानी
अनावश्यक खर्चों से बचने के लिए बैंक स्टेटमेंट पर जरूर नजर फाइनेंस का महत्त्व रखें। इससे खर्चों को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।

कृषि वित्त फाइनेंस का महत्त्व का महत्व तथा कृषि वित्त की आवश्यकता

Importance of Agricultural Finance

कृषि विकास के लिए ऋण आवश्यक है और अर्थव्यवस्था के विकास के लिए भी। निम्नलिखित कारणों से कृषि वित्त की आवश्यकता है:

i) भारत में व्यापक कृषि का दायरा सीमित है। इसलिए, कृषि उत्पादन में वृद्धि खेती की गहनता और विविधता से ही संभव है। गहन कृषि के लिए विशाल व्यक्ति चाहिए।

ii) परिचालन होल्डिंग और परिचालन क्षेत्र के वितरण में अत्यधिक असमानताएं मौजूद हैं। 2 हेक्टेयर से कम क्षेत्रफल वाले कुल परिवारों का 74.5 प्रतिशत कुल संचालित क्षेत्र का केवल 26.2 प्रतिशत हिस्सा है, जबकि कुल कृषि परिवारों का केवल 2.4 प्रतिशत, जो 10 हेक्टेयर से अधिक का मालिक है, प्रत्येक कुल 23 प्रतिशत का संचालन करते हैं। 1980-81 में संचालित क्षेत्र (भारत में, 88.883 मिलियन फार्म हाउस थे, जो 1980-81 में 163.797 मिलियन हेक्टेयर संचालित थे)। इन छोटे और सीमांत किसानों की क्रय शक्ति उनकी निर्वाह खेती तक सीमित है। इसलिए, उन्हें महंगे (आधुनिक) इनपुट का उपयोग करने के लिए बाहरी वित्तीय सहायता पर निर्भर रहना पड़ता है।

स्मॉल फाइनेंस बैंक पर लगाया करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप

स्मॉल फाइनेंस बैंक पर लगाया करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप

शास्त्री नगर से आए लोगों ने फाइनेंस का महत्त्व एक स्मॉल फाइनेंस बैंक पर करोड़ों का घोटाले का आरोप लगाते हुए एसएसपी ऑफिस पर जमकर हंगामा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले स्मॉल फाइनेंस बैंक ने लोगों को रोजगार खोलने के लिए लोन दिया।

जब लोगों ने लोन वापस कर दिया उसके बाद उनसे दोबारा रिकवरी के लिए लेटर भेज दिया और डेढ़ सौ से ज्यादा लोग लोन के रुपए वापस कर चुके हैं, लेकिन स्मॉल बैंक उनके पास रिकवरी भेज रहा है। एसएसपी ने सारे मामले की जांच में नौचंदी थाना पुलिस को दी।

एनबीएफसी का फुल फॉर्म

Table of Contents

NBFC का फुल फॉर्म “Non Banking Financial Company” होता फाइनेंस का महत्त्व है | इसे हिन्दी भाषा में गैर बैंकिंग वित्तीय कम्पनी कहा जाता है | मतलब कि ऐसी कंपनी जो वित्तीय लेंन देन का काम अवश्य करती है, परन्तु यह बैंक कंपनी नहीं होती है, इसके कार्य जरूर बैंक की तरह ही लगते है, परन्तु क़ानूनी रूप से यह बैंक नहीं होती है बल्कि ऐसी फाइनेंस कंपनी होती है जो पैसो के आधार लेन-देन का काम करती है | एनबीएफसी कम्पनी अचल धन राशि में निवेश करने का काम नहीं करती है, जबकि बैंक चल और अचल दोनों तरह की धन राशि में निवेश करने का काम करती है |

एनबीएफसी (NBFC) फाइनेंस का महत्त्व क्या है?

एनबीएफसी (NBFC) कंपनी सभी बैंको की तरह ही किसी जमा योजना में लोगों का पैसा जमा करने का काम करती है और उन्हें कई तरह के ऋण प्रदान करती है | यह एक वित्तीय संस्था होती है, जो बैंक की तरह काम तो करती है लेकिन,यह किसी बैंक की तरह नहीं होती है | इसे ही NBFC कहा जाता है | यह कम्पनी पहले किसी योजना के तहत जमाकर्ता से पैसे फाइनेंस का महत्त्व जमा करवाती है, इसके बाद जमाकर्ता को ऋण के रूप में मुनाफा का कुछ हिस्सा प्रदान करती है | इस तरह की कंपनी जमा राशि, बीमा (Insurance), उधार (Loan), शेयर (Share), स्टोक्स (Stocks) में निवेश करने का काम करती है।

NBFC के कुछ कार्य भी भारतीय रिज़र्व बैंक के अधीन होते हैं क्योंकि, अन्य कंपनियों के लिए काम करने की अलग-अलग व्यवस्था की जाती फाइनेंस का महत्त्व है जैसे- जैसे बीमा कपनियों (Insurance Companies) के लिए आइआरडीए, मर्चेंट बैंकिंग कंपनी, वेंचर कैपिटल कंपनी, स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी और म्युचुअल फंडों के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI), आवास वित्त कपंनियों के लिए राष्ट्रीय आवास बैंक (NHB) निधि कंपनियों के लिए कंपनी कार्य विभाग (DCA) और चिट फंड कंपनियों के लिए राज्य सरकार की जिम्मेदारी होती है |

एनबीएफसी का महत्व

वैसे तो इस कम्पनी का काम करने का तरीका बैंक की तरह होता है लेकिन, इस कम्पनी को बैंक की तरह इसे सस्ती दर पर फंड नहीं प्राप्त होता है | इसलिए इस तरह की सभी कंपनियों को बैंकों से उधार लेना पड़ जाता हैं जिसके बाद ये कंपनियां नॉन-कन्वर्टीबल डिबेंचर्स (NCD) और कमर्शियल पेपर के माध्यम अपना फंड दे पाते हैं। यह फाइनेंस का महत्त्व कम्पनी नॉन-कन्वर्टीबल डिबेंचर्स, को उधार लेने के लिए जारी कर देती है जिसे एक बांड कहा जाता है |

इसके अतिरिक्त एनबीएफसी के जरिये ही भारत सरकार की मुद्रा योजना भी चलाई जा रही है | उस मुद्रा का नाम माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी लिमिटेड (मुद्रा) रखा गया है | इस मुद्रा योजना को छोटे लोगों के लिए लोन मुहैया कराने के लिए शुरू किया गया है। सरफेसी कानून के तहत पंजीकृत की जाने वाली असेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी को सरकार एनबीएफसी के रूप में ही अधिसूचित करती है।

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