ब्रोकर फीस

Groww App पर शेयर खरीद और बिक्री का चार्ज क्या है?
आज कल मार्किट बहुत सारे कम्पनियाँ है जो आपको घर बैठे ही Share और Mutual funds में निवेश करने की सुविधा देते है। अभी के समय में आपको बहुत से डिस्काउंट ब्रोकर मिल जाएंगे, जैसे की Groww, Upstox और Zerodha इत्यादि।
लेकिन आज हम सिर्फ Groww App के बारे बात करने वाले है और आपके प्रश्न “Groww App पर शेयर खरीद और बिक्री का चार्ज क्या है?” का जवाब देने वाला हूँ।
Groww App पर शेयर खरीद और बिक्री का चार्ज क्या है?
किसी भी ब्रोकर के जरिये आप शेयर ख़रीदे या बेचते है तब आपको एक प्रकार का फीस देना पड़ता है, उसे हम ब्रोकरेज चार्ज कहते है।
उसी प्रकार Groww App भी एक ब्रोकर है और आपको ग्रो एप्लीकेशन पर शेयर खरीदते और बेचते वक़्त ब्रोकरेज फीस देनी होगी।
Equity Brokerage
Intra Day | Delivery | |
---|---|---|
SST | 0.025% Sell | 0.1% Buy/Sell |
Stamp Duty | 0.003% Buy | 0.015% Buy |
Exchange Transaction charge | 0.00345% ब्रोकर फीस Buy/Sell | 0.00345% Buy/Sell |
SEBI Charge | 0.0001% Buy/Sell | 0.0001% Buy/Sell |
DP Charges | 0 | 13.5 Per Company |
Equity Brokerage | – | ₹20 or 0.05% whichever is lower |
इसके अलावा आपको इन सभी चार्जेज के ऊपर अलग से 18% GST भी देना पड़ेगा। यदि आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते है और मार्केट क्लोज से पहले अपने पोजीशन को Square off नहीं करते है तब ब्रोकर खुद से आपके पोजीशन को Square Off कर देगा और उसके बदले आपको ₹50 per position प्लस 18% GST देना होगा।
Conclusion
आज हमने जाना की groww पर आपको कितना ब्रोकरेज चार्ज लगता है शेयर खरीदते और बेचते वक़्त। इसी प्रकार अन्य Apps ( जैसे की Upstox) पर भी आपको इस प्रकार के चार्जेज देनी पड़ती है।
आशा करता हूँ की आपके प्रश्न का जवाब मिल गया होगा और आपको यह जानना है की ब्रोकर फीस कैसे आप Groww को इस्तेमाल कर के किसी भी कंपनी के Share खरीदेंगे,इसके लिए इस पोस्ट ( Groww के जरिए शेयर खरीदना सीखें) को एक बार जरूर पढ़े।
याद रखें – कभी कभी हम बिना सोचे समझे किसी ब्रोकर फीस ब्रोकर फीस भी शेयर को खरीद लेते है, जो की अच्छी चीज नहीं है। हमे ब्रोकर फीस किसी भी शेयर को खरीदते समय उस कंपनी के बारें में अच्छे से रिसर्च करे और फिर संतुष्ठ होने के बाद ही उसमे निवेश करे।
Career in Share Market: स्टॉक मार्केट में करियर बनाकर कर सकते हैं मोटी कमाई, जॉब के ढेरों विकल्प
A career in Share Market: स्टॉक मार्केट में भी जॉब की अपार संभावनाएं मौजूद हैं. अगर आप अपना करियर इस क्षेत्र में बनाना चाहते हैं तो बस आपको कुछ चीजों की जानकारी होनी चाहिए.
Career in Share Market: अगर आप शेयर बाजार स्टॉक एक्सचेंज (Stock Exchange), स्टॉक ब्रोकर (Stock Broker), निफ्टी (Nifty) और सेंसेक्स (Sensex) में दिलचस्पी रखते हैं तो इन सारे शब्दों से आप पहले से वाकिफ होंगे. शेयर बाजार में पैसा लगाना इन दिनों आम हो गया कई लोग इस शेयर बाजार में पैसा लगाते हैं. लेकिन शेयर बाजार कोई बच्चों का खेल नहीं है इस मार्केट में पैसा लगाने के लिए काफी जानकारी होनी चाहिए नहीं आपको ब्रोकर फीस नुकसान भी हो सकता है. शेयर मार्केट पैसे कमाने का जरिया हो सकता ब्रोकर फीस है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस क्षेत्र में अगर आपकी दिलचस्पी है तो आप अपना करियर भी बना सकते हैं.
जो व्यक्ति किसी इन्वेस्टर और शेयर मार्केट के बीच काम करता है, उसे स्टॉक ब्रोकर कहा जाता है. इस फील्ड में भी जॉब की अपार संभावनाएं मौजूद हैं.स्टॉक एक्सचेंज और इन्वेस्टर के बीच स्टॉक ब्रोकर एक कड़ी की तरह काम करता है. ब्रोकर के बिना किसी भी इन्वेस्टर या निवेशक के लिए स्टॉक मार्केट में बेस्ट परफॉर्मेंस दे पाना मुश्किल है. शेयर मार्केट में पैसा लगाने के लिए डिमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है और बिना ब्रोकर आप डिमैट अकाउंट नहीं खोल सकते हैं.
2 तरह के स्टॉक ब्रोकर होते हैं
फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर – फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर (Full Service Stock Broker) अपने क्लाइंट्स को स्टॉक एडवाइजरी (कौन सा शेयर कब खरीदें और कब बेचें), स्टॉक खरीदने के लिए मार्जिन मनी की सुविधा, मोबाइल फोन पर ट्रेडिंग सुविधा और आईपीओ में इन्वेस्टमेंट की फैसिलिटी जैसी सर्विस देते हैं. इस सर्विस की फीस ज्यादा होती है. फुल टाइम स्टॉक ब्रोकर की कस्टमर सर्विस काफी अच्छी मानी जाती है.
डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर – दूसरा होता है डिस्काउंट ब्रोकर (Discount Stock Broker) अपने क्लाइंट से बहुत कम ब्रोकरेज लेकर शेयर खरीदने और बेचने की सुविधा देते हैं. इनकी फीस कम होती है. डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर अपने क्लाइंट को स्टॉक एडवाइजरी और रिसर्च की सुविधा नहीं देते हैं. किसी का अकाउंट खोलने से लेकर इनके ज्यादातर काम ऑनलाइन ही होते हैं.
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए जरूरी योग्यता
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए आप कोर्स कर सकते हैं. स्टॉक ब्रोकर कॉमर्स, एकाउंटेंसी, इकोनॉमिक्स, स्टेटिस्टिक्स या बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की नॉलेज होनी बेहद जरूरी है. इन विषयों में ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकते हैं. शनल स्टॉक एक्सचेंज का ‘एनसीएफएम कोर्स’ (NCFM ब्रोकर फीस Courses) ऑनलाइन सर्टिफिकेशन प्रोग्राम है.
जॉब्स की क्या संभावनाएं है?
एजुकेशनल क्वालिफिकेशन (Educational Qualification) और एक्सपीरियंस (Experience)के आधार पर इक्विटी डीलर, इक्विटी ट्रेडर (Trading Jobs), इक्विटी एडवाइजर (Equity Advisor), स्टॉक एडवाइजर (stock advisor),वेल्थ मैनेजर (wealth manager), फाइनेंशियल एनालिस्ट(financial analyst), इन्वेस्टमेंट एडवाइजर (investment advisor), सिक्योरिटी एनालिस्ट (security analyst) और रिस्क मैनेजर के तौर पर जॉब्स पा सकते हैं.
इस फील्ड में आपको स्टॉक एक्सचेंज, रेगुलेशन अथॉरिटी, फॉरेन इन्वेस्टमेंट फर्म्स, इन्वेस्टमेंट कंसल्टेंसी, म्यूचुअल फंड वाली कंपनी, ब्रोकर फर्म्स, इंश्योरेंस एजेंसी, बैंक और दूसरे इंस्टिट्यूट में भी जॉब की काफी अच्छे स्कोप हैं. स्टॉक ब्रोकर के तौर पर करियर बनाने के बाद आपकी सालाना सैलरी 2 लाख रुपये से 8 लाख रुपये तक हो सकती है.
ब्रोकर फीस
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MP में बिना लाइसेंस वाले प्रॉपर्टी ब्रोकर्स के खिलाफ होगी कार्रवाई, यहां शिकायत करें | PROPERTY BROKERS
भोपाल। अब कोई भी पान की दुकान पर खड़े होकर प्रॉपर्टी ब्रोकिंग या डीलिंग का धंधा नहीं कर पाएगा। इसके लिए अब बाकायदा लाइसेंस लेना होगा। रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरटी (रेरा) के एक मई से लागू हो जाने के बाद प्रॉपर्टी ब्रोकर्स पर शिकंजा कसेगा। ब्रोकर्स को रेरा में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इससे पहले प्रॉपर्टी ब्रोकरों की भूमिका प्रॉपर्टी के खरीदार और बेचने वाले के बीच मीटिंग की व्यवस्था करने और सौदे को अंतिम रूप देकर अपनी सेवा के बदले कमीशन लेने तक रहती थी।
रेरा के तहत प्रॉपर्टी ब्रोकर्स के लिए रजिस्ट्रेशन की फीस तय कर दी गई है। व्यक्तिगत तौर पर प्रॉपर्टी ब्रोकिंग का काम करने वाले को 10 हजार रुपए फीस देना होगी और प्रॉपर्टी ब्रोकिंग फर्म को 50 हजार रुपए फीस निर्धारित की गई है। ये फीस देकर रजिस्ट्रेशन के बाद ही ब्रोकर प्रॉपर्टी की खरीदी-बिक्री का बिजनेस कर पाएंगे।
राजधानी में रियल एस्टेट में प्रॉपर्टी ब्रोकर के तौर पर काम करने वाले प्रॉपर्टी ब्रोकर्स का कहना है कि पांच साल पहले तक प्रॉपर्टी ब्रोकिंग का कारोबार अच्छा था लेकिन अब इसमें मंदी आ गई है। बड़े बिल्डर्स और बड़े ब्रोकर्स के आ जाने से छोटे प्रॉपर्टी ब्रोकर्स का काम लगभग खत्म सा हो चला है। हालत यह है कि पिछले पांच वर्षों में ब्रोकर्स के धंधे में 50 फीसदी कमी आ गई है। बड़ी प्रॉपर्टी के ब्रोकर फीस खरीदार कम हो गए हैं, इसलिए रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट नहीं मिल पा रहा है।