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बिटकॉइन की कीमत कैसे निर्धारित की जाती है

बिटकॉइन की कीमत कैसे निर्धारित की जाती है
बिटकॉइन एक तरह की क्रिप्टोकरंसी है। 'क्रिप्टो' का मतलब होता है 'गुप्त'। यह एक डिजिटल करंसी है, जो क्रिप्टोग्राफी के नियमों के आधार पर काम करती है। इसकी सबसे खास बात ये है डिजिटल होने की वजह से आप इसे छू नहीं सकते। बिटकॉइन की शुरुआत 2009 में हुई थी। बिटकॉइन की कीमत बिटकॉइन की कीमत कैसे निर्धारित की जाती है लगातार बढ़ रही है। गुरुवार सुबह के हिसाब से इसकी कीमत करीब 8.31 लाख को क्रॉस कर चुकी है। यह एक तरह की डिजिटल करंसी है। इसकी शुरुआत एलियस सतोशी नाम के शख्स ने की थी।

बिटकॉइन की कीमत कैसे निर्धारित की जाती है

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बिटकॉइन कैसे करता है काम?

बिटकॉइन विशेषज्ञ हितेश मालवीय बताते हैं कि बिटकॉइन वर्चुअल कॉइन हैं, जो अपनी कीमत बनाने और बढ़ाने के लिए डिजाइन किए गए हैं। इस तरह पैसों के लेन-देन के लिए आपकों बैंकों तक जाने की जरूरत नहीं है। अगर किसी भी व्यक्ति के पास बिटकॉइन है, तो इसकी कीमत और वैल्यू ठीक उसी तरह मानी जाएगी जैसे ईटीएफ में कारोबार करते समय सोने की कीमत मानी जाती है। इस बिटकॉइन से आप ऑनलाइन शॉपिंग भी कर सकते हैं और इसे निवेश के रूप में भी संभाल कर रख सकते हैं। बता दें कि ये बिटकॉइन एक पर्सनल ई-वॉलेट से दूसरे पर्सनल ई-वॉलेट में ट्रांसफर भी किए जाते हैं। ये ई-वॉलेट्स आपका निजी डेटाबेस होते हैं, जिसे आप अपने कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन, टैबलेट या किसी ई-क्लाउड पर स्टोर करते हैं।कैसे होती है बिटकॉइन की ट्रेडिंग?

Kraken के जरिए बिटकॉइन ट्रेडिंग की जा सकती है। इसके लिए पहले अपना अकाउंट बनाना होता है। इसके बाद ईमेल के जरिए अकाउंट कन्फर्म करना होता है। अकाउंट वेरिफाइ होने के बाद आप ट्रेडिंग मेथड सिलेक्ट कर सकते हैं। ट्रेडिंग के लिए चार्ट मौजूद होता है जिसमें बिटकॉइन की कीमत की हिस्ट्री होती है। आप समय पर बिटकॉइन का ऑर्डर देकर खरीद सकते हैं और बेच सकते हैं। बिटकॉइन की कीमतों में बदलाव बहुत ही अप्रत्याशित और तेज होता है इसलिए इसमें खतरा बना रहता है। पिछले 24 घंटों में ही इसमें बिटकॉइन की कीमत कैसे निर्धारित की जाती है तगड़ी गिरावट आई है। इसकी कीमत 8.80 लाख रुपये के करीब जा पहुंची थी, जो खबर लिखे जाने तक घटकर 8.31 लाख के करीब आ चुकी है।

शेयर बाजार से बहुत अलग चीज है ये

बिटकॉइन की कीमत दुनियाभर में एक समय पर समान होती है इसलिए इसकी ट्रेडिंग मशहूर हो गई। दुनियाभर की गतिविधियों के हिसाब से बिटकॉइन की कीमत घटती-बढ़ती रहती है। यह किसी देश द्वारा निर्धारित नहीं होती है बल्कि डिजिटली कंट्रोल होती है। स्टॉक मार्केट की तरह बिटकॉइन ट्रेडिंग बिटकॉइन की कीमत कैसे निर्धारित की जाती है का कोई निर्धारित समय नहीं होता है। इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव भी बहुत तेजी से होता है।

क्या है Bitcoin? कैसे करते हैं इस वर्चुअल करेंसी में ट्रेडिंग, जानिए आपके काम का सबकुछ

Bitcoin की शुरुआत 2009 में हुई थी. शुरुआती कुछ सालों में बिटकॉइन में धीरे-धीरे बढ़ रही थी. लेकिन, 2015 के बाद से इसमें बड़ी तेजी देखने को मिली और यह दुनिया की नजरों में आ गई.

बिटकॉइन की कीमत दुनियाभर में एक समय पर समान रहती है. इसलिए इसकी ट्रेडिंग मशहूर हो गई. (Reuters)

दुनियाभर में क्रिप्टोकरंसी (CryptoCurrency) बिटकॉइन (Bitcoin) का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. बिटकॉइन में निवेश करने वाले अमीर लोग इस ऑनलाइन करंसी (Online Currency) के जरिए अपनी पूंजी को तेजी से बढ़ाना चाहते हैं. यही वजह है कि इसके दाम भी नई ऊंचाइयां छू रहे हैं. 3 साल बाद एक बार फिर बिटकॉाइन में बड़ी तेजी देखने को मिली है. साल 2017 में बिटकॉइन में अपना रिकॉर्ड हाई (Bitcoin record High) बनाया था. इसके बाद नीचे की तरफ फिसलती गई. लेकिन, अब 3 साल का नया हाई बना दिया है. दुनियाभर में इस करंसी में लोग पैसा लगा रहे हैं. लेकिन, भारत सरकार (India Government) का मानना है कि उसके पास वर्चुअल करंसी (Virtual currency) का कोई डेटा नहीं है और इसलिए इसकी ट्रेडिंग में खतरा हो सकता है.

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  • News18Hindi
  • Last Updated : December 27, 2020, 15:27 IST

नई दिल्ली: क्रिप्टोकरेंसी ने एक बार फिर रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. शनिवार को डिजिटल करेंसी ने 26,900 डॉलर का नया ऑलटाइम हाई बनाया है. क्रिप्टोकरेंसी में तेजी से एक बिटकॉइन की बिटकॉइन की कीमत कैसे निर्धारित की जाती है कीमत 19.90 लाख रुपए हो गई है. इस समय दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी (बिटकॉइन की कीमत कैसे निर्धारित की जाती है CryptoCurrency) बिटकॉइन (Bitcoin) का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. तुरंत मुनाफे के लिए बड़े निवेशक इसका रुख कर रहे हैं जिसके चलते इसकी कीमत में तेजी से उछाल आ रहा है. बता दें नवंबर महीने में बिटकॉइन का भाव 18 हजार डॉलर के स्तर को पार चुका था.

बिटकॉइन कैसे करता है काम?

बिटकॉइन विशेषज्ञ हितेश मालवीय बताते हैं कि बिटकॉइन वर्चुअल कॉइन हैं, जो अपनी कीमत बनाने और बढ़ाने के लिए डिजाइन किए गए हैं। इस तरह पैसों के लेन-देन के लिए आपकों बैंकों तक जाने की जरूरत नहीं है। अगर किसी भी व्यक्ति के पास बिटकॉइन है, तो इसकी कीमत और वैल्यू ठीक उसी तरह मानी जाएगी जैसे ईटीएफ में कारोबार करते समय सोने की कीमत मानी जाती है। इस बिटकॉइन से आप ऑनलाइन शॉपिंग भी कर सकते हैं और इसे निवेश के रूप में भी बिटकॉइन की कीमत कैसे निर्धारित की जाती है संभाल कर रख सकते हैं। बता दें कि ये बिटकॉइन एक पर्सनल ई-वॉलेट से दूसरे पर्सनल ई-वॉलेट में ट्रांसफर भी किए जाते हैं। ये ई-वॉलेट्स आपका निजी बिटकॉइन की कीमत कैसे निर्धारित की जाती है डेटाबेस होते हैं, जिसे आप अपने कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन, टैबलेट या किसी ई-क्लाउड पर स्टोर करते हैं।शेयर बाजार से बहुत अलग चीज है ये

बिटकॉइन की कीमत दुनियाभर में एक समय पर समान होती है इसलिए इसकी ट्रेडिंग मशहूर हो गई। दुनियाभर की गतिविधियों के हिसाब से बिटकॉइन की कीमत घटती-बढ़ती रहती है। यह किसी देश द्वारा निर्धारित नहीं होती है बल्कि डिजिटली कंट्रोल होती है। स्टॉक मार्केट की तरह बिटकॉइन ट्रेडिंग का कोई निर्धारित समय नहीं होता है। इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव भी बहुत तेजी से होता है।

बिटकॉइन में पैसा लगाना इसलिए है खतरनाक

बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी में कभी भी भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल जाता है। पिछले 5 सालों में बिटकॉइन की कीमत कैसे निर्धारित की जाती है कई मौकों पर बिटकॉइन बिना कोई संकेत दिए ही 40-50 फीसदी गिर गया। 2013 में अप्रैल महीने में बिटकॉइन की कीमत एक ही रात में 70 फीसदी से अधिक गिरी थी। 233 डॉलर तक जा पहुंचा बिटकॉइन अचानक गिरकर 67 डॉलर पर आ गया। कई देशों में बिटकॉइन पर अभी भी ट्रेडिंग होती है, लेकिन इसमें निवेश करना बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है। बिटकॉइन की सबसे खराब बात ये है कि इसका अधिकतर इस्तेमाल हैकिंग, ड्रग्स सप्लाई और हथियारों के अवैध बिटकॉइन की कीमत कैसे निर्धारित की जाती है खरीद-फरोख्त जैसे कामों में होता है, जो गैरकानूनी है।

भारी नुकसान की वजह भी बना है बिटकॉइन

वैसे तो भारत में बिटकॉइन बैन है, लेकिन गुपचुप तरीके से यहां भी बिटकॉइन की ट्रेडिंग होती है। भारत में बिटकॉइन ट्रेडिंग को अपराध माना गया है। बिटकॉइन में निवेश करने वाले अमीर लोग वे हैं, जो इस ऑनलाइन करंसी के जरिए अपनी पूंजी को तेजी से बढ़ाना चाहते हैं। सरकार का कहना है कि उसके पास वर्चुअल करंसी का कोई डेटा नहीं है और इसलिए इसकी ट्रेडिंग में खतरा हो सकता है। रिजर्व बैंक ने भी बिटकॉइन पर सख्त हिदायत दी है।

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