करेंसी ट्रेड

किसी देश की मुद्रा क्या है

किसी देश की मुद्रा क्या है
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प्रतिनिधि मुद्रा क्या होती है?

इसे सुनेंरोकेंप्रतिनिधि पत्र मुद्रा वह कागजी मुद्रा है जिसे निर्गमित करने के लिए उसके बराबर सोना या चाँदी Reserve fund के रूप में रखना अनिवार्य होता है। इस पत्र मुद्रा द्वारा बहुमूल्य धातुओं का प्रतिनिधित्व किया जाता है। यह मुद्रा सोने, चांदी या प्रामाणिक मुद्रा में परिवर्तनीय होती है।

मनी कितने प्रकार के होते हैं?

इसे सुनेंरोकेंसंक्षेप में पैसे के चार सबसे प्रासंगिक प्रकार कमोडिटी मनी, फिएट मनी, फिड्यूसरी मनी और कमर्शियल बैंक मनी हैं। कमोडिटी मनी आंतरिक रूप से मूल्यवान वस्तुओं पर निर्भर करती है जो विनिमय के माध्यम के रूप में कार्य करती है। दूसरी ओर, फिएट मनी को सरकारी आदेश से इसका मूल्य मिलता है।

मनी से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंमुद्रा (currency, करन्सी) पैसे या धन के उस रूप को कहते हैं जिस से दैनिक जीवन में क्रय और विक्रय होती है। इसमें सिक्के और काग़ज़ के नोट दोनों आते हैं। आमतौर से किसी देश में प्रयोग की जाने वाली मुद्रा उस देश की सरकारी व्यवस्था द्वारा बनाई जाती है। मसलन भारत में रुपया व पैसा मुद्रा है।

निकट मुद्रा क्या है?

इसे सुनेंरोकें1) निकट मुद्रा वह है जिसका प्रयोग प्रत्यक्ष लेनदेन के लिए नहीं होता। इसे अल्पकाल में मुद्रा में परिवर्तित किया जा सकता है। 2) मुद्रा का प्रयोग प्रत्यक्ष रुप से वस्तुओं तथा सेवाओं के विनिमय के लिए होता है। 2) निकट मुद्रा का प्रयोग अप्रत्यक्ष किसी देश की मुद्रा क्या है रूप से विनिमय के रूप में होता है।

मुद्रा से आप क्या समझते हैं इसके कार्यों को समझाइए?

इसे सुनेंरोकेंमुद्रा एक ऐसा मूल्यवान रिकॉर्ड है या आमतौर पर वस्तुओं और सेवाओं के लिए भुगतान के रूप में स्वीकार किया जाने वाला तथ्य है. यह सामाजिक-आर्थिक संदर्भ के अनुसार ऋण के पुनर्भुगतान के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है. मुद्रा किसी देश की मुद्रा क्या है का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है लेनदेन को सुविधाजनक बनाना.

मुद्रा का प्रमुख कार्य क्या है?

इसे सुनेंरोकेंमुद्रा के चार प्रमुख कार्य विनिमय का माध्यम, मूल्य का मापक, मूल्य संचय और भावी भुगतान का आधार है।

मुद्रा के कार्य क्या है कागजी मुद्रा या फिएट मनी इन सभी कार्यों को कैसे करते हैं?

इसे सुनेंरोकेंफिएट मनी का मूल्य आपूर्ति और मांग और इसे जारी करने वाली सरकार की स्थिरता के बीच संबंध से प्राप्त होता है। अमेरिकी डॉलर, यूरो, भारतीय मुद्रा आदि जैसी आधुनिक कागजी मुद्राएं फिएट मुद्राएं हैं। फिएट मनी संबंधित देशों के केंद्रीय बैंकों को देश पर नियंत्रण देती हैअर्थव्यवस्था. वे नियंत्रित करते हैं कि कितना पैसा छपा है।

मुद्रा क्या है मुद्रा के विभिन्न कार्यों का वर्णन कीजिए?

भारत की मुद्रा क्या है। Bharat Ki Mudra

जैसा कि हम सब जानते हैं भारत एक विकासशील देश है जो प्रगति की ओर बहुत ही तेजी से बढ़ रहा है। परंतु आज भी यह देश अन्य देशों के मुकाबले बहुत पीछे हैं। अमेरिका, चीन, दुबई, जापान आदि देश सिर्फ technology में आगे नहीं है बल्कि इनकी मुद्राएं भी भारतीय मुद्रा से आगे रहती हैं। परंतु भारत की मुद्रा और इसका चिन्ह क्या है। इसके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी होती है। इसलिए इस लेख में हम जानेंगे कि भारतीय मुद्रा क्या है और international market में इसकी वैल्यू क्या है। चलिए शुरू करते हैं।

bharat ki mudra currency kya hai

भारत की मुद्रा के बारे में जानकारी

भारत की मुद्रा “भारतीय रुपया” है। भारतीय मुद्रा का आधिकारिक प्रतीक चिन्ह “₹” है जिसको 15 जुलाई 2010 को जारी किया गया था। इससे पहले भारतीय रुपया को “रु” से दर्शाया जाता था। परंतु 2010 में Indian government ने इसे एक प्रतीक चिन्ह में बदलने की सोची जिसे iit गुवाहाटी के एक प्रोफेसर ने इसे डिजाइन किया। उन प्रोफेसर का नाम डी. उदय कुमार है। जिन्होंने भारत के प्रतीक चिन्ह को डिजाइन किया है।

भारत के भारतीय प्रतीक चिन्ह को डिजाइन करने के लिए एक प्रतियोगिता आयोजित की गई थी जिसमें लगभग 300 से ज्यादा आवेदन गवर्नमेंट को प्राप्त हुए थे जिनमें से यह प्रतीक चिन्ह चुना गया था।

वर्तमान समय में भारतीय रुपयों को भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा नियामक और जारी किया जाता है।

और वर्तमान समय में भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा भारत में एक रुपए के सिक्के ₹2 ₹5 के सिक्के 10 का सिक्का एवं 50, 100, 200, 500, और 2000 का नोट जारी किए गया है।

अगर यह सब जारी नोट एवं सिक्के किसी के द्वारा लिए नहीं जाते हैं तो यह भारतीय मुद्रा का अपमान माना जाता है इसके लिए आप रिजर्व बैंक से इसकी शिकायत कर सकते हैं।

भारतीय मुद्रा की इंटरनेशनल मार्केट में वैल्यू

  • 1 यूएस डॉलर = 76 ₹
  • 1 भारतीय ₹ = 1.86 पाकिस्तानी रुपया

जैसा हमने ऊपर देखा कि भारतीय मुद्रा की इंटरनेशनल मार्केट में कुछ ज्यादा खासा वैल्यू नहीं है। US Doller के मुकाबले भारतीय रुपया बहुत कमजोर है।

यूनिवर्सल करेंसी विनिमय

एक मुद्रा कनवर्टर एक कैलकुलेटर होता है, जिसे इसके मुद्रा को जांचने के लिए एक मुद्रा को दूसरे रूप में परिवर्तित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह आपको वर्तमान बाजार या बैंक विदेशी मुद्रा दरों के आधार पर वास्तविक समय के आंकड़े देता है।

एक मुद्रा कनवर्टर आपको दूसरे में आदान-प्रदान करने से पहले मुद्रा का सापेक्ष मूल्य देता है। यह आपको विदेश में यात्रा करते समय कितना पैसा लेना है या विदेश में पैसा भेज रहे हैं, तो आपको कितना धन हस्तांतरण करने की आवश्यकता है, इस पर एक उचित विचार देगा।

थॉमस कुक के साथ करेंसी विनिमय कैसे करें

  • विदेशी मुद्रा खरीदें
  • विदेशी मुद्रा बेचें

यात्रियों संबंधी सम्पूर्ण विवरण और डिलिवरी का तरीका अथार्थ घर पर लेंगे या बैंक की ब्रांच में, जानकारी दें।

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Make payment if you choose to block the sell rate by paying 4% of the total transaction, or visit the branch and convert your Forex into INR.

करेंसी कैलकुलेटर संबंधी प्रश्न

विभिन्न तत्व विदेशी मुद्रा के रेट को प्रभावित कर सकते हैं। इनमें से कुछ हैं मुद्रा स्फीति दर, ब्याज दर, सरकारी ऋण, व्यापार संबंधी शर्तें, दूसरी मुद्राओं की तुलनात्मक मजबूती, अर्थव्यवस्था में अवसाद, प्रतियोगिता में बदलाव और सरकारी नियंत्रण आदि।

मांग और पूर्ति में बदलाव आने के कारण विदेशी मुद्रा में लगभग प्रतिदिन बदलाव आता रहता है। किसी देश की मुद्रा क्या है यदि किसी देश की मुद्रा में उछाल आता है तो इससे दूसरे देशों की अर्थव्यवस्था में कमजोरी आ सकती है। परिणामस्वरूप मुद्रा की खरीद फरोख्त करने वाले अधिकतम समय में संतुलन स्थापित करने की कोशिश करने का प्रयास करते रहते हैं।

जी हाँ, आप चाहें तो एक बार में ही एक से अधिक मुद्रा का क्रय कर सकते हैं। आपको केवल अपने ऑर्डर कार्ट में उन मुद्राओं को एड करके भुगतान करना है।

थॉमस कुक पर दिये गए रेट वास्तविक स्थिति के अनुसार निरंतर अपडेट होते रहते हैं। यह रेट आर्थिक बाज़ार से सीधे जुड़े होने के कारण वास्तविक और रियल टाइम मूल्य दिखाते हैं।

विदेशी मुद्रा के खरदीने और बेचने के लिए थॉमसकुक एक भरोसेमंद जगह माना जा सकता है। सही और सुरक्शित मुद्रा के साथ ही बिना देर किए सेवा देने में तत्पर होने के साथ ही यह आपके घर पर बदली हुई मुद्रा को घर पर पहुंचाने का वादा भी करते हैं। इसका अर्थ है कि आप अपने घर के ड्राइंग रूम में बैठकर बिना किसी भीड़ और लाइन में लगे ऑनलाइन मुद्रा खरीदें और वो आपको घर बैठे ही परिवर्तित रूप में मिल जाएगी।

हमने बिलकुल लास्ट मिनट पर यूरोप घूमने का प्रोग्राम बनाया और थॉमस कुक से विदेशी मुद्रा खरीद ली। उन्होनें बिना कोई अतिरिक्त समय लगाए जल्द से जल्द हमारी परिवर्तित विदेशी मुद्रा हमारे घर भिजवा दी थी। न केवल विदेशी मुद्रा के संबंध में यह भरोसेमंद हैं बल्कि नए ग्राहकों को विदेशी मुद्रा कि कहाँ से और कैसे खरीदें, सलाह भी देने में समर्थ हैं और इससे ग्राहक उपयुक्त दर पर विदशी मुद्रा सरलता से ले सकता है।

मेरा बिजनेस के सिलसिले में निरंतर विदेशी ट्रिप पर रहना होता है इसलिए मैंने अलग-अलग जगह पर कैश और विदेशी मुद्रा विनिमय संबंधी परेशानियों और लगने वाले समय को बचाने के लिए बॉर्डरलैस प्रीपेड कार्ड को लेना अधिक उपयुक्त समझा। इस कार्ड की बदौलत अब मैं सरलता से एक से दूसरे देश बिना करेंसी की परेशानी उठाए जा सकता हूँ। इसके अतिरिक्त बार-बार मुद्रा विनिमय में लगने वाली धनराशि को बचा कर यह कार्ड हमारे धन को सुरक्शित और बचत करने में भी सहायक होता है।

बिटकाॅइन से नहीं है किसी भी मुद्रा को नुकसान (Bitcoin is Not Harmful For Any Currency)

बिटकॉइन से किसी देश की मुद्रा को कितना नुकसान?

जब से बिटकॉइन बना है तब से यह मुद्दा भी सामने आने लगा है कि क्या बिटकॉइन किसी देश की स्थानीय मुद्रा की जगह ले सकता है? क्या आने वाले समय में बिटकॉइन इतना मजबूत हो जाएगा की सभी देशों की मुद्रा को खत्म कर देगा?

इस विषय को गहराई से समझने की जरुरत है क्योंकि जैसे जैसे बिटकॉइन और बाकि क्रिप्टो के साथ क्रिप्टो क्षेत्र आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे इसके बारे में गलत जानकारी भी भ्रम पैदा कर रही हैं। पिछले कुछ समय में कई देशों ने अलग अलग तरीके से अपने देश में बिटकॉइन को मान्यता दी है। किसी देश में आप बिटकॉइन से टैक्स दे सकते हैं, कई देशों में बिटकॉइन और बाकि क्रिप्टो से खरीदारी कर सकते हैं। केवल एक देश ऐसा है जिसने बिटकॉइन को अपनी अधिकारिक मुद्रा होने का दर्जा दिया है और इसका नाम है एल सल्वाडोर। कुछ देशों में बिटकॉइन और बाकि क्रिप्टो पर पूरी तरह से प्रतिबन्ध है और कुछ जगहों की सरकार इस विषय पर अभी विचार कर रही है।

बिटकॉइन और मुद्रा में फर्क

इस विषय में सबसे पहले समझने वाली बात है कि ‘बिटकॉइन और मुद्रा में’ क्या फर्क है? बिटकॉइन एक विकेन्द्रीयकृत तकनीक पर आधारित है और इसका नियंत्रण किसी एक व्यक्ति या समुदाय के हाथ में नहीं है! बिटकॉइन की कार्य प्रणाली पहले से ही निर्धारित कोडिंग पर चलती है और इसे बदला नहीं जा सकता और न ही इस से छेड़छाड़ की जा सकती है। बिटकॉइन की मात्रा को बढ़ाया या घटाया नहीं जा सकता।

इसके विपरीत हर देश की मुद्रा पर वहां की सरकार का नियंत्रण होता है और मुद्रा से सम्बंधित सभी निर्णय उस देश की सरकार लेती है। स्थानीय मुद्रा का नियंत्रण सरकार के हाथ में होने के कारण वह इसके विषय में समय समय पर कानून बनाती रहती है और जरुरत पड़ने पर मुद्रा की मात्रा को बढ़ाया जाता है।सरकार चाहे तो कभी भी अपने देश की मुद्रा को बंद कर सकती है। अगर आपके पास बिटकॉइन है तो आप 100% उसके मालिक हैं लेकिन मुद्रा पर सरकार का नियंत्रण होने के कारण हम मुद्रा का इस्तेमाल तो कर सकते हैं लेकिन हम किसी देश की मुद्रा क्या है उसके मालिक नहीं बन सकते।

मुद्रा और बिटकॉइन के इस्तेमाल में फर्क

बिटकॉइन पूरी तरह से इंटरनेट पर आधारित है और इसके इस्तेमाल के लिए इंटरनेट और स्मार्ट फ़ोन या कंप्यूटर का होना अनिवार्य है। इन दो सुविधाओं के बिना बिटकॉइन का लेनदेन संभव नहीं है। अगर हम मुद्रा की बात करें तो यहाँ पर कई तरीके हैं लेनदेन को मुद्रा से पूरा करने के। अगर इंटरनेट और फ़ोन है तो एप्लीकेशन के द्वारा इसका लेनदेन किया जा सकता है लेकिन अगर यह सुविधाएं नहीं है तब भी कैश लेनदेन किया जा सकता है। कैश लेनदेन की एक समस्या है कि इस से सीमित मात्रा में ही लेनदेन किया जा सकता है और इसका दायरा सीमित है यानि जहां आप हैं वहीं लेनदेन कर सकते हैं किसी और जगह नहीं। बिटकॉइन से असीमित लेनदेन किया जा सकता है और कही भी लेनदेन कि कीमत को चुकाया जा सकता है। इसके इलावा बैंक भी चेक द्वारा लेनदेन को पूरा करने कि सुविधा देते हैं। बिटकॉइन कि कीमत स्थिर नहीं है इस लिए बिटकॉइन से खरीदारी करने और बेचने वाले को फायदा और नुकसान दोनों कि सम्भावनाएं है लेकिन मुद्रा कि कीमत स्थिर है इस लिए मुद्रा के साथ ऐसी कोई समस्या नहीं है।

बिटकॉइन से खरीद कितनी आसान

जैसा हमने पहले बताया कि बिटकॉइन के लिए फ़ोन या कंप्यूटर के साथ साथ इंटरनेट भी जरुरी है और इसका इस्तेमाल करने के लिए एक हद तक शिक्षा कि भी जरुरत है। आज भी दुनिया की बहुत बड़ी आबादी तक फ़ोन और इंटरनेट कि सुविधा नहीं पहुंच पाई है, ऐसी जगहों पर बिटकॉइन या क्रिप्टो का इस्तेमाल मुश्किल है। बिटकॉइन से लेनदेन के मामले में सबसे बड़ा मुद्दा है इसकी कीमत में होने वाले उतर चढ़ाव और इसकी ट्रांजक्शन फीस। अगर किसी वस्तु कि कीमत 100 डॉलर निर्धारित कर दी जाए और बिटकॉइन से यह कीमत दी जाए तो सबसे पहले तो यह कीमत देने वाले को अगर एक डॉलर भी फीस देनी पड़े तो यह 1% महंगा हो जाएगा। इसके बाद अगर बिटकॉइन की कीमत नीचे आ जाए तो बेचने वाले को नुकसान होगा और कीमत ऊपर चली जाए तो खरीदार को लगेगा कि उसको नुकसान हो गया। जैसे 10000 बिटकॉइन से दो पिज़्ज़ा खरीदने वाला आज सोच रहा होगा। जैसे जैसे बिटकॉइन कि माइनिंग बढ़ती जाएगी वैसे वैसे कीमत के साथ साथ इसकी फीस भी बढ़ती जाएगी और बिटकॉइन से खरीदारी कम व्यावहारिक रह जाएगी।

बिटकॉइन किसी देश की मुद्रा क्या है की ट्रांजक्शन का देर के पूरा होना भी एक बड़ी समस्या है। अगर कोई लेनदेन बिटकॉइन से किया जा रहा है तो यह तब तक पूरा नहीं होगा जब तक बिटकॉइन उस व्यक्ति के एकाउंट में नहीं आ जाता जिसने इसके बदले में कोई सुविधा दी है या कोई वस्तु दी है। आमतौर पर दुकानों, मॉल, रेलवे टिकट काऊंटर, हवाई अड्डे जैसी सार्वजनिक जगहों पर लम्बी लाइन लगी होती है और ऐसे में अगर लेनदेन जल्द पूरा न हो तो इस से बड़ी समस्या पैदा हो जाएगी। इसका समाधान क्रिप्टो के कई प्रोजेक्ट निकल रहे हैं जहां पर ट्रांजक्शन बहुत तेज़ है और फीस भी बहुत ही कम है। इन बातों को देखें तो बिटकॉइन से लेनदेन थोड़ा मुश्किल ही लगता है।

अभी बिटकॉइन और क्रिप्टो को बहुत सारी समस्याओं को खत्म करना जरुरी है फिर हम यह कह सकते हैं कि क्रिप्टो से लेनदेन संभव हो सकता है। आज दुनिया के कई देश अपनी खुद की CBDC ला रहे हैं और यह लेनदेन को और आसान बनाएगी। अगर हम सभी मुद्दों को देखें तो अंत में हम यह कह सकते हैं किसी देश की मुद्रा क्या है कि बिटकॉइन से किसी भी देश की मुद्रा को कोई खतरा नहीं है और न ही भविष्य में कभी ऐसा हो सकता है। बिटकॉइन एक तकनीक है जो सभी नियंत्रणों किसी देश की मुद्रा क्या है से आजाद है और इसी लिए लोग यहाँ पर अपने निवेश को सुरक्षित समझते हैं। बिटकॉइन से एक हद तक कुछ सेवाओं या वस्तुओं का लेनदेन संभव है लेकिन सभी सुविधाओं के लिए बिटकॉइन और क्रिप्टो का इस्तेमाल कम व्यवाहरिक है।

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Foreign Exchange Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार में फिर से आई गिरावट, जानिए RBI के खजाने में अब कितना बचा है

Foreign Exchange Reserves: एकबार फिर से विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है. 14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में यह 4.50 करोड़ डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर पर आ गया. रुपए को संभालने के लिए डॉलर रिजर्व को लगातार बेचा जा रहा है.

Foreign Exchange Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 4.50 किसी देश की मुद्रा क्या है करोड़ डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर पर आ गया. भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली. इससे पहले, सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. इसमें इस साल अगस्त के बाद से पहली बार किसी साप्ताह में वृद्धि हुई थी. एक साल पहले अक्टूबर 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था.

गिरते रुपए को संभालने के लिए डॉलर रिजर्व का इस्तेमाल

देश का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले कई हफ्तों से लगातार कम हो रही है. दरअसल तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में डॉलर के मुकाबले तेजी से गिरते रुपए को संभालने के लिए आरबीआई ने इस विदेशी मुद्रा भंडार के एक हिस्से का इस्तेमाल किया है. आंकड़ों के अनुसार, 14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा किसी देश की मुद्रा क्या है आस्तियां (एफसीए) 2.828 अरब डॉलर घटकर 468.668 अरब डॉलर रह गयीं. एफसीए असल में समग्र भंडार का एक प्रमुख हिस्सा होता है.

गोल्ड रिजर्व में 1.35 अरब डॉलर का इजाफा

डॉलर के संदर्भ में एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में मूल्य वृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल होता है. स्वर्ण भंडार के मूल्य में सात अक्टूबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 1.35 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी. जबकि 14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में यह 1.502 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 37.453 अरब डॉलर रह गया. केंद्रीय बैंक ने कहा कि विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 14.9 करोड़ डॉलर घटकर 17.433 अरब डॉलर रह गया है. वहीं, अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष के पास रखी भारत की आरक्षित निधि समीक्षाधीन सप्ताह में 2.3 करोड़ डॉलर घटकर 4.813 अरब अमेरिकी डॉलर पर आ गई.

रुपया 82.75 के स्तर पर बंद हुआ

इधर अमेरिकी मुद्रा की तुलना में रुपया शुक्रवार को चार पैसे की तेजी के साथ 82.75 प्रति डॉलर (अस्थायी) पर बंद हुआ. रुपए में शुरू में गिरावट आई थी लेकिन घरेलू शेयर बाजार में तेजी के साथ यह बढ़त में बंद हुआ. अंतर-बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.89 पर खुला और बाद में 82.59 के उच्च स्तर तथा 82.91 के निचले स्तर को छूने के बाद अंत में गुरुवार के बंद भाव के मुकाबले चार पैसे मजबूत होकर 82.75 प्रति डॉलर पर बंद हुआ. गुरुवार को रुपया अपने सर्वकालिक निम्न स्तर से उबरकर 21 पैसे की तेजी के साथ 82.79 रुपए प्रति डॉलर पर बंद हुआ था.

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