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ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है

ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है
इस तकनीक का इस्तेमाल सरकारों द्वारा प्रक्रियाओं की क्षमता और ट्रेसिंग को बेहतर बनाने के लिए भी किया जा सकता है. मई में ब्राजील की सरकार ने एक ब्लॉकचेन नेटवर्क को लॉन्च किया था ताकि पब्लिक के लिए किए जाने वाले खर्चों में घूसखोरी को कम किया जा सके. यह अभी डिवेलपमेंट स्टेज में है लेकिन यह कई सरकारी संस्थाओं द्वारा इस्तेमाल किया जाएगा.

Blockchain टेक्नोलॉजी क्या है और क्यों है यह क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया का बैकबोन? समझिए

क्या बिटकॉइन और ब्लॉकचेन को लेकर आप भी कनफ्यूज हैं? आइए जानते हैं दोनों में क्या संबंध है

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर बिटकॉइन पहला प्रोजेक्ट है। ब्लॉकचेन एक डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी है। यह दो पार्टी के बीच हुए ट्रांजेक्शन को रिकॉर्ड करता है।

पिछले कुछ सालों में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) का इस्तेमाल बढ़ा है। टेक्नोनलॉजी और आईटी कंपनियां अपने बिजनेस प्रोसेस के ऑटोमेशन के लिए ब्लॉकचेन का इस्तेमाल कर रही हैं। इसके फायदे को देखते हुए अब ट्रेडिशनल बिजनेसेज भी बाजार में अपनी बढ़त बनाए रखने और तेजी से बढ़ती कस्टमर डिमांड पूरी करने के लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल शुरू कर रहे हैं। कई लोग ब्लॉकचेन और बिटकॉइन (Bitcoin) को लेकर कनफ्यूज रहते हैं। हम आपको ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और बिटकाइन से इसके संबंध के बारे में बता रहे हैं।

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है। पिछले कुछ सालों में इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है है। इसने दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं के सामने बड़ा चैलेंज पेश किया है। बिटकॉइन सबसे मशहूर क्रिप्टोकरेंसी है। कई लोग बिटकॉइन और ब्लॉकचेन को एक ही चीज समझते हैं। लेकिन दोनों के बीच बहुत अंतर है। हालांकि, दोनों एक दूसरे से संबंधित हैं। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर बिटकॉइन पहला प्रोजेक्ट है। ब्लॉकचेन एक डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी है। यह दो पार्टी के बीच हुए ट्रांजेक्शन को रिकॉर्ड करता है।

IIT मद्रास में स्टूडेंट्स ने पहली बार ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के माध्यम से करवाए इलेक्शन

IIT मद्रास में स्टूडेंट्स ने पहली बार ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के माध्यम से करवाए इलेक्शन

ब्लॉकचेन तकनीक का इस्तेमाल सरकारों द्वारा प्रक्रियाओं की क्षमता और ट्रेसिंग को बेहतर बनाने के लिए भी किया जा सकता है।

खास बातें

  • Webops और Blockchain Club के स्टूडेंट्स ने करवाया इलेक्शन
  • पहली बार किसी इलेक्शन में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का हुआ इस्तेमाल
  • ब्लॉकचेन एक न बदला जा ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है सकने वाला डिस्ट्रिब्यूटेड डिजिटल लैजर होता है

ब्लॉकचेन के माध्यम से भारत में पहली बार एक इलेक्शन करवाया गया है. इंडियन इंस्टिच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मद्रास (IIT-M) के स्टूडेंट्स ने पहली बार ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के माध्यम से स्टूडेंट काउंसिल इलेक्शन करवाए हैं. अधिकारी के अनुसार ऐसा पहली बार किया गया है जब इलेक्शन को ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के माध्यम से कंडक्ट करवाया गया है. सेंटर फॉर इनोवेशन (CIF) से Webops और Blockchain Club के विद्यार्थियों ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है जिसके माध्यम से ब्लॉकचेन तकनीक का इस्तेमाल कर इलेक्शन करवाया जा सके.

ब्लॉकचेन एक न बदला जा सकने वाला डिस्ट्रिब्यूटेड डिजिटल लैजर होता है. इस पर जो भी ट्रांजैक्शन होता है उसे 'ब्लॉक' के रूप में रिकॉर्ड किया जाता है. ब्लॉक में जो जानकारी होती है वह पिछले ब्लॉक से जुड़ी होती है. इस तरह से समय के साथ इसमें ट्रांजैक्शन की एक चेन बन जाती है जिसे बाद में ब्लॉकचेन कह दिया जाता है.

क्या बिटकॉइन और ब्लॉकचेन को लेकर आप भी कनफ्यूज हैं? आइए जानते हैं दोनों में क्या संबंध है

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर बिटकॉइन पहला प्रोजेक्ट है। ब्लॉकचेन एक डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी है। यह दो पार्टी के बीच हुए ट्रांजेक्शन को रिकॉर्ड करता है।

पिछले कुछ सालों में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) का इस्तेमाल बढ़ा है। टेक्नोनलॉजी और आईटी कंपनियां अपने बिजनेस प्रोसेस के ऑटोमेशन के लिए ब्लॉकचेन का इस्तेमाल कर रही हैं। इसके फायदे को देखते हुए अब ट्रेडिशनल बिजनेसेज भी बाजार में अपनी बढ़त बनाए रखने और तेजी से बढ़ती कस्टमर डिमांड पूरी करने के लिए ब्लॉकचेन ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल शुरू कर रहे हैं। कई लोग ब्लॉकचेन और बिटकॉइन (Bitcoin) को लेकर कनफ्यूज रहते हैं। हम आपको ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और बिटकाइन से इसके संबंध के बारे में बता रहे हैं।

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है। पिछले कुछ सालों में इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। इसने दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं के सामने बड़ा चैलेंज पेश किया है। बिटकॉइन सबसे मशहूर क्रिप्टोकरेंसी है। कई लोग बिटकॉइन और ब्लॉकचेन को एक ही चीज समझते हैं। लेकिन दोनों के बीच बहुत अंतर है। हालांकि, दोनों एक दूसरे से संबंधित हैं। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर बिटकॉइन पहला प्रोजेक्ट है। ब्लॉकचेन एक डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी है। यह दो पार्टी के बीच हुए ट्रांजेक्शन को रिकॉर्ड करता है।

इसे ट्रांजैक्शन के इस प्रोसेस से समझिए.

1. मान लीजिए किसी क्रिप्टोकरेंसी यूजर ने एक ट्रांजैक्शन किया.

2. इस ट्रांजैक्शन का डेटा चेन पर एक दूसरे से जुड़े कंप्यूटर्स पर चला जाएगा, और इन्हें कहीं से भी एक्सेस किया जा सकेगा.

3. अगर ट्रांजैक्शन की वैलिडिटी यानी वैधता चेक करनी हो तो एल्गोरिदम से चेक कर लेते हैं.

4. इसकी वैलिडिटी कन्फर्म करने के बाद इस ट्रांजैक्शन के डेटा को पिछले सभी ट्रांजैक्शन के ब्लॉक में ऐड कर देते हैं.

5. यह ब्लॉक दूसरे ब्लॉक्स से जुड़ा होता है, जिससे कि लेज़र में इस ट्रांजैक्शन की जानकारी दर्ज हो जाती है.

इसके फायदे क्या हैं?

सबसे पहले तो इस तकनीक से पारदर्शिता बनी रहती है क्योंकि नेटवर्क पर सबके पास हर रिकॉर्ड का एक्सेस रहता है. और ऊपर से यह एक डिसेंट्रलाइज्ड सिस्टम है यानी कि इसपर किसी एक संस्था या व्यक्ति का कंट्रोल नहीं होता है और कोई एक ही शख्स हर डेटा पर नियंत्रण नहीं रख सकता है.

एनॉनिमस होने के साथ-साथ यह यूजरों को सुरक्षा भी देता है. जैसेकि अगर किसी हैकर को कोई सिस्टम हैक करना है तो उसे पूरे नेटवर्क पर हर ब्लॉक को करप्ट करना होगा. अगर कोई हैकर किसी ब्लॉक को करप्ट करता भी है, तो क्रॉस चेकिंग करके ही उस ब्लॉक की पहचान की जा सकती है, ऐसे में यह चीजें ब्लॉकचेन को सुरक्षित बनाती हैं.

प्राइवेट और पब्लिक ब्लॉकचेन में अंतर

ब्लॉकचेन के दो प्रमुख प्रकार है- प्राइवेट और पब्लिक ब्लॉकचेन । दोनों में क्या अंतर है आइये समझते है--

पब्लिक ब्लॉकचेन- पब्लिक ब्लॉकचेन एक सुरक्षित नेटवर्क होता है,इसमें किसी का भी कंट्रोल नही होता इसमें एक बार डाटा सेव होने के बाद बदलाव करना मुश्किल होता है । पब्लिक ब्लॉकचेन में हो रहे ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है गतिविधियों को कोई भी देख सकता है । Bitcoin इसी ब्लॉकचेन का एक उदाहरण है ।

प्राइवेट ब्लॉकचेन- पब्लिक ब्लॉकचेन के ठीक विपरीत इस ब्लॉकचेन में इसका नेटवर्क प्राइवेट होता है । जिसमे किसी भी कार्य के पहले हर एक नोड्स से अनुमति लेना पड़ता है । पब्लिक ब्लॉकचेन के तुलना में यह उससे कम सुरक्षित होता है । Ripple इसी ब्लॉकचेन का एक उदाहरण है ।

ब्लॉकचेन की प्रमुख विशेषता एँ

  • ब्लॉकचेन में डाटा को एक बार Save होने के बाद बदलना असंभव है । जिससे फ्रॉड होने की संभावना ख़त्म हो जाता है ।
  • ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है लेन-देन की प्रक्रिया के लिए इसे प्रोग्राम किया जाता है ।
  • डेटाबेस का रिकॉर्ड उससे जुड़े सभी कंप्यूटर में होता है । जिससे किसी एक कंप्यूटर में गड़बड़ी होने पर कोई नुकसान नही होता है ।
  • इसका डेटाबेस एन्क्रिप्टेड होता है ।
  • इसमें किसी थर्ड पार्टी के बिना लेन-देन कर सकते है ।
  • इससे लेन-देन में काफी कम समय लगता है ।
  • ब्लॉकचेन एक वितरित नेटवर्क की तरह कार्य करता है जिससे कार्य प्रणाली में कोई समस्या नही होता है ।
  • किसी भी वितिए लेन-देन के लिए Nodes के आपसी सहमती की आवश्यकता होती है ।

ब्लॉकचेन का उपयोग

वर्तमान समय में ब्लॉकचेन का उपयोग निम्नलिखित क्षेत्रो में हो रहा है--

  • लेन-देन के लिए
  • बैंक के क्षेत्र में
  • इ-वोटिंग के लिए
  • स्वास्थ्य क्षेत्र में
  • साइबर सुरक्षा के लिए
  • क्लाउड स्पेस के लिए
  • सूचना के क्षेत्र में

ब्लॉकचेन का भविष्य

टेक्नोलॉजी के बढ़ते दौर में और आज के इस लेख से आप समझ ही गए होंगे ब्लॉकचेन का भविष्य कितना और किसपे आधारित होने वाला है । ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी ने आने के साथ ही सभी क्षेत्रो में अपना अहमियत दिखाना शुरू कर दिया है ।

परन्तु अभी भी इसे बहुत से लोग समझ नही पाए है, क्योंकि यह नार्मल टेक्नोलॉजी से भिन्न है । लेकिन आने वाले समय में इसे थोडा और भी आसान बनाया जा सकता है ।

भारत में भी अब कुछ कुछ कंपनी ब्लॉकचेन के जरिए लेन-देन की प्रक्रिया शुरू कर दिया है । और इसमें कोई गड़बड़ी ना हो इसे सुनिक्षित करने के लिए कई तरह के इन्तेजाम भी किये जा रहे ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है है ।

दोस्तों आज के इस ब्लॉग में हमलोगो ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के बारे जाना ब्‍लॉकचेन टेक्‍नोलॉजी क्‍या है और मुझे उम्मीद है की आप जरुर कुछ सीखे होंगे । आपको यह पोस्ट ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है ? अच्छा लगा हो तो कृपया इस पोस्ट को शेयर जरुर करे । यदि इसमें कुछ त्रुटि रह गया हो तो कमेंट करके जरुर बताये ।

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