करेंसी ट्रेड

Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?

Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?

कम जोखिम में ज्यादा फायदा पाने का आसान तरीका है ऑप्शन ट्रेडिंग से निवेश, ले सकते हैं बीमा

यूटिलिटी डेस्क. हेजिंग की सुविधा पाते हुए अगर आप मार्केट में इनवेस्टमेंट करना चाहते हैं तो फ्यूचर ट्रेडिंग के मुकाबले ऑप्शन ट्रेडिंग सही चुनाव होगा। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आपको शेयर का पूरा मूल्य दिए बिना शेयर के मूल्य से लाभ उठाने का मौका मिलता है। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आप पूर्ण रूप से शेयर खरीदने के लिए आवश्यक पैसों की तुलना में बेहद कम पैसों से स्टॉक के शेयर पर सीमित नियंत्रण पा सकते हैं।

Investment Tips: शेयर मार्केट से करोड़पति कैसे बनें? आपका भी है यही सवाल? ये 7 जवाब

अमित कुमार दुबे

पैसा कमाना हर किसी को अच्छा लगता है. कहा जाता है कि शेयर बाजार में बहुत पैसा है. कुछ लोगों को उदाहरण दिया जाता है कि इन्होंने महज 5000 रुपये से निवेश की शुरुआत की थी, और आज शेयर बाजार से करोड़ों रुपये बना रहे हैं. आखिर उनकी सफलता का राज क्या है, आज हम आपको बताएंगे? (Photo: Getty Images)

How can I earn 1 crore easily

दरअसल, आप भी कुछ आसान टिप्स को फॉलो कर शेयर बाजार से पैसे बना सकते हैं. शेयर बाजार में कुछ बातों का ध्यान रखकर आप लखपति से करोड़पति बन सकते हैं. लेकिन अक्सर लोग पैसे बनाने की होड़ में नियम और रिस्क को भूल जाते हैं, या फिर कहें जानबूझकर नजरअंदाज कर देते हैं. और फिर उनकी उनकी शिकायत होती है कि शेयर बाजार से बड़ा नुकसान हो गया. (Photo: Getty Images)

Major Reasons Retail Investors Lose Money in the Stock

यह भी एक कड़वी सच्चाई है कि शेयर बाजार से 90 फीसदी से ज्यादा रिटेलर पैसा नहीं बना पाते हैं, हर रिटेल निवेशक को शेयर बाजार में कदम रखने से पहले इसे आंकड़े को ध्यान में रखना चाहिए. लेकिन एक इसमें एक अच्छी बात यह है कि 10 फीसदी रिटेल निवेशक पैसे बनाने में सफल रहते हैं. क्योंकि वे नियमों को फॉलो करते हैं. (Photo: Getty Images)

शुरुआत कैसे करें:

अब आइए आपको बताते हैं कि शेयर बाजार के आप कैसे करोड़पति बन सकते हैं.

1. शुरुआत कैसे करें: शेयर बाजार में निवेश से पहले ये जानने की कोशिश करें कि शेयर बाजार क्या है? शेयर बाजार कैसे काम करता है? लोगों को शेयर बाजार से कैसे कमाई होती है? क्योंकि शेयर बाजार कोई पैसे बनाने की मशीन नहीं है. डिजिटल के इस दौर में आप घर बैठे ऑनलाइन इस बारे में जानकारी जुटा सकते हैं. इसके अलावा आप इस मामले में वित्तीय सलाहकार की मदद ले सकते हैं. जो आपको शुरुआत में सही दिशा बताएंगे.

छोटी रकम से करें निवेश की शुरुआत


2. छोटी रकम से करें निवेश की शुरुआत: ये जरूरी नहीं है कि शेयर बाजार में निवेश के लिए बड़ी रकम होनी चाहिए. अधिकतर लोग यही गलती करते हैं. अपनी पूरी जमापूंजी शेयर बाजार में लगा देते हैं. फिर बाजार में उतार-चढ़ाव को झेल नहीं पाते हैं. आप छोटी रकम यानी महज 5 Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? रुपये से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. (Photo: Getty Images)

टॉप कंपनियों को चुनें

3. टॉप कंपनियों को चुनें: शुरुआत में बहुत ज्यादा रिटर्न पर फोकस करने से बचें. क्योंकि बहुत ज्यादा रिटर्न के चक्कर में लोग उन कंपनियों स्टॉक्स में पैसे लगा देते हैं, जो फंडामेंटली मजबूत नहीं होते हैं, और फिर फंस जाते हैं. इसलिए निवेश की शुरुआत अक्सर लार्ज कैप कंपनियों से करें. जो फंडामेंटली मजबूत हो. जब आपको कुछ साल का अनुभव हो जाएगा तो फिर थोड़ा रिस्क ले सकते हैं.

 निवेशित रहने की जरूरत

4. निवेशित रहने की जरूरत: जब आप छोटी रकम से निवेश की शुरुआत करेंगे, तो फिर हर महीने निवेश को बढ़ाते रहें. अपने पोर्टफोलियो को संतुलित बनाकर रखें. जब आप लगातार कुछ साल तक बाजार में निवेशित रहेंगे तो फिर आप लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं. अक्सर बाजार में लंबे समय के निवेशित रहने वालों का फायदा होता है. (Photo: Getty Images)

पैनी स्टॉक्स से रहें दूर

5. पैनी स्टॉक्स से रहें दूर: रिटेल निवेशक अक्सर सस्ते स्टॉक्स पर फोकस करते हैं. 10-15 रुपये वाले स्टॉक्स को अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर लेते हैं और फिर गिरावट में घबरा जाते हैं. उन्हें लगता है कि सस्ते शेयर में कम निवेश कर ज्यादा कमाया जा सकता है. लेकिन ये सोच गलत है. स्टॉक्स का चयन हमेशा कंपनी की ग्रोथ को देखकर करें. उसी कंपनी में निवेश करें, जिसका बिजनेस अच्छा हो और उस बिजनेस को चलाने वाला मैनेजमेंट अच्छा हो.

 गिरावट में घबराएं नहीं

6. गिरावट में घबराएं नहीं: शेयर बाजार में जब भी गिरावट आए, तो अपने निवेश को बढ़ाने बढ़ाएं. अक्सर रिटेल निवेशक को जब तक कमाई होती है, तब तक वो निवेश में बने रहते हैं. लेकिन जैसे से बाजार में गिरावट का दौर चलता है, रिटेल निवेशक घबराने लगते हैं, और फिर बड़े नुकसान के डर से शेयर सस्ते में बेच देते हैं. जबकि बड़े निवेशकर खरीदारी के लिए गिरावट का इंतजार करते हैं. (Photo: Getty Images)

 कमाई का कुछ हिस्सा करें सुरक्षित निवेश


7. कमाई का कुछ हिस्सा करें सुरक्षित निवेश: शेयर बाजार से होने वाली कमाई के कुछ हिस्से को सुरक्षित निवेश के तौर पर दूसरे जगह पर भी लगाएं. इसके अलावा अपने मुनाफे को बीच-बीच में कैश करते हैं. सबसे अहम और हर रिटेल निवेशक के जरूरी बात यह है कि वे बिना जानकारी शेयर बाजार से दूर रहें, और निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें. देश के बड़े निवेशकों को फॉलो करें, उनकी बातों को गंभीरता से लें. (Photo: Getty Images)

शेयर बाजार की जानकारी | Share Market in Hindi | Stock Market ki Jankari

इंटरनेट से पैसा कमाने के कई तरीके हैं इन्ही में एक तरीका शेयर मार्किट (Share Market) का हैं, इसे Stock Market भी कहते हैं, जहा से आप घर बैठे पैसा कमा सकते हैं। आइये जाने शेयर मार्किट क्या हैं और इससे पैसा कैसे कमाते हैं..

शेयर बाजार की जानकारी | Share Market in Hindi | Stock Market ki JankariShare Market या Stock Market क्या हैं – What is Share Market in Hindi?

शेयर का मतलब ही होता हैं हिस्सा, शेयर मार्केट एक ऐसा मार्केट है जहाँ बहुत से कम्पनीज के शेयर्स ख़रीदे और बेचे जाते हैं। शेयर बाजार की भाषा में बात करें तो शेयर का अर्थ है कंपनियों में हिस्सा। उदाहरण के लिए एक कंपनी ने कुल 10 लाख शेयर जारी किए हैं। आप कंपनी के प्रस्ताव के अनुसार जितने अंश खरीद लेते हैं आपका उस कंपनी में उतने का मालिकाना हक हो गया जिसे आप किसी अन्य खरीददार को जब भी चाहें बेच सकते हैं। यह एक ऐसी जगह है जहाँ कुछ लोग या तो बहुत पैसे कमा लेते हैं या तो अपने सारे पैसे गवा देते हैं। आप जितने पैसे लगायेंगे उसी के अनुसार से कुछ प्रतिशत के मालिक आप उस कंपनी के हो जाते हैं। जिसका मतलब ये है की अगर उस कंपनी को भविष्य में मुनाफा होगा तो आपके लगाये हुए पैसे से दुगना पैसा आपको मिलेगा और अगर घाटा हुआ तो आपको एक भी पैसे नहीं मिलेंगे यानि की आपको पूरी तरह से नुकसान होगा। आप जितने चाहे कंपनी के शेयर खरीद सकते हैं।

शेयर मार्केट में शेयर कैसे ख़रीदे – Share Market Share Kaise Kharide?

Share Market / शेयर मार्किट में शेयर आप डायरेक्ट अपने बैंक अकाउंट के जरिये नहीं खरीद सकते। इसके लिए आपको एक Demate Trading account खुलवाना होगा। इसके भी दो तरीके हैं, पहला किसी Broker यानि की दलाल के पास जाकर एक Demat account खोल सकते हैं। दूसरा आप बैंक में खुलवा सकते हैं। इसके लिए आपके पास किसी बैंक एक सेविंग अकाउंट रहना चाहिए, जोकि आपके Demate account से लिंक रहेगा। Demat account में हमारे Share के पैसे रखे जाते हैं जिस तरह की हम किसी बैंक के खाते में अपना पैसा रखते हैं ठीक उसी तरह। अगर आप शेयर मार्किट में निवेश कर रहे हैं तो आपका Demat account होना बहुत ही जरुरी है। क्यूंकि कंपनी को मुनाफा होने के बाद आपको जितने पैसे मिलेंगे वो सारे पैसे आपके Demat account में जायेंगे। यहाँ से आप अपने बैंक अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं।

शेयर आप तीन तरीको से खरीद सकते हैं – Stock Market se Share Kaise Kharide

  1. खुद ऑनलाइन खरीद सकते है.
  2. दलाल (Broker) के जरिये.
  3. Indian Public Offering (IPO) के जरिये.

शेयर मार्किट में शेयर कब ख़रीदे –

शेयर मार्किट में पैसा लगाने से पहले शेयर मार्किट की पूरी जानकारी आपके Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? पैसा होनी चाहिए, क्यूंकि ये एक ऐसा प्लेटफार्म हैं जहा पर जितना प्रतिशत पैसा कमाने का चांस रहता हैं उतना ही पैसा गवाने का भी रहता हैं। इन्वेस्ट करने से पहले उस कंपनी की जानकारी रहना चाहिए, की किस कंपनी का शेयर बढ़ रहा या घट रहा हैं। इसलिए शुरुआत में छोटा-छोटा इन्वेस्ट करे और एक्सपीरियंस ले। सबसे महत्वपूर्ण बात की इस क्षेत्र में भी कई कम्पनिया फ्रॉड रहती हैं। जो की शेयर इन्वेस्ट करने के बाद पैसा लेके भाग जाती हैं। इसलिए संभल के पैसा लगाए।

हालाँकि इसमें भी कई ब्रोकर्स होते हैं जो की स्टॉक मार्किट का ही सदस्य होते हैं। ये आपको सुझाव देंगे की किस में पैसा लगाए। कंपनी जब शेयर जारी करती है उस वक्त किसी व्यक्ति या समूह को कितने शेयर देना हैं यह उसका विवेकाधीन अधिकार है। बाजार से शेयर बाजार खरीदने/बेचने के लिए कई शेयर ब्रोकर्स होते हैं जो उनके तय पारिश्रमिक (लगभग 2 फीसदी) लेकर अपने ग्राहकों को यह सेवा देते हैं।

शेयर में कब और कैसे बदलते हैं प्राइस?

सबसे पहले आईपीओ लाते वक्त शेयर्स के Price कंपनी निर्धारित करती हैं लेकिन एक बार आईपीओ पूरा हो जाने के बाद Shares का मूल्य निर्धारित करने में कंपनी का कोई Role नहीं होता और Shares के मूल्य स्वतन्त्र रूप से shares की Deemand और Supply के आधार पर Stock एक्सचेंज द्वारा निर्धारित किये जाते हैं।

अगर ख़रीदे जाने वाले शेयर की तुलना में बेचे जाने वाले शेयर की संख्या कम होगी तो शेयर के Price बढ़ेंगे और अगर बेचे जाने वाले शेयर की तुलना में ख़रीदे जाने वाले शेयर की संख्या कम होगी तो Share Price कम होगी।

शेयर बाजार में लिस्टेड होने के लिए कंपनी को बाजार से लिखित समझौता करना पडता है, जिसके तहत कंपनी अपनी हर हरकत की जानकारी बाजार को समय-समय पर देती रहती है, खासकर ऐसी जानकारियां, जिससे निवेशकों के हित प्रभावित होते हों। इन्हीं जानकारियों के आधार पर कंपनी का मूल्यांकन होता है और इस मूल्यांकन के आधार पर मांग घटने-बढ़ने से उसके शेयरों की कीमतों में उतार-चढाव आता है। अगर कोई कंपनी लिस्टिंग समझौते के नियमों का पालन नहीं करती, तो उसे डीलिस्ट करने की कार्रवाई सेबी करता है।

भारत में 2 Stock Exchange है – Stock Exchange in India

  • NSE – National Stock Exchange
  • BSE – Bombay Stock Exchange

शेयर मार्किट में SENSEX और NIFTY क्या हैं? What is SENSEX and NIFTY in Hindi

Sensex बोम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक (Index) हैं और Sensex का निर्धारण BSE में लिस्टेड टॉप 30 कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन (कंपनीयों का कुल मूल्य) के आधार पर किया जाता हैं। Sensex BSE की टॉप 30 कंपनियों के प्रदर्शन को प्रदर्शित करता हैं। अगर सेंसेक्स बढ़ता हैं तो इसका मतलब हैं कि BSE में रजिस्टर्ड अधिकांश कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया हैं और इसी तरह अगर सेंसेक्स गिरता हैं तो इसका मतलब यह हैं कि अधिकांश कंपनियों का प्रदर्शन ख़राब रहा हैं।

Nifty नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक (Index) हैं और इसका निर्धारण NSE में लिस्टेड टॉप 50 कंपनियों के के मार्केट कैपिटलाइजेशन (कंपनीयों का कुल मूल्य) आधार पर किया जाता हैं। अगर Nifty बढ़ता हैं तो इसका मतलब यह हैं कि NSE में रजिस्टर्ड कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया हैं और अगर Nifty घटता हैं तो इसका अर्थ यह हैं कि NSE की कंपनियों ने बुरा प्रदर्शन किया हैं।

Stock Market में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती हैं – Types of Trading in Stock Market in Hindi

1). इंट्रा-डे ट्रेडिंग (Intra Day Trading) – इंट्रा-डे ट्रेडिंग में एक ही दिन में शेयर खरीद कर उसे बेच दिया जाता है। मार्केट खुलने के बाद आप शेयर खरीदते हैं और मार्केट बंद होने से पहले उसे बेच देते हैं।

2). स्कैल्पर ट्रेडिंग (Scalper Trading) – यह शेयर ट्रेडिंग का ऐसा तरीका है, जिसमें शेयर को खरीदने के 5-10 मिनट के अंदर ही बेच दिया जाता है। यह बहुत जोखिम भरा होता हैं।

3). स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) या शार्ट टर्म ट्रेडिंग – स्विंग ट्रेडिंग थोड़े लंबे समय के लिए किया जाता है। इसमें आम तौर पर शेयर खरीदने के बाद उसकी डीमैट अकाउंट में डिलीवरी ले ली जाती है। इसे कुछ दिनों के अंदर बेचा जाता हैं।

4). LONG TERM ट्रेडिंग – जब आप किसी शेयर को खरीद कर लंबी अवधि के लिए रख लेते हैं तो उसे Long term ट्रेडिंग कहते हैं। स्टॉक मार्केट में ट्रेड करने के बाद अगर आप एक निवेशक के रूप में किसी शेयर में 6 महीने से लेकर कुछ साल तक बने रहें तो यह लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग है। यह थोड़ा सेफ होता हैं।

बात पते की

शेयर मार्किट में पैसा बनाना बहुत आसान है उसी प्रकार शेयर बाजार में पैसा खोना भी बहुत आसान है। इससे बचा जा सकता है अगर आप स्वंय शेयर बाजार के बारे में अधिक से अधिक जानकारी एकत्र करें,शोध करें और दूसरों के दिये टिप्स पर न जायें। शेयर बाजार एक खतरनाक खेल है, इसमें कूदने से पहले इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी ले लेना बहुत आवश्यक है। मगर इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए कोई अलग तरह की प्रतिभा या योग्यता ही चाहिए। कोई भी कोशिश करके शेयर बाजार की जानकारी ले सकता है।

और अधिक लेख –

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Trading vs Investment में क्या फर्क है इन हिंदी ?|Difference Between Trading & Investment In Hindi.

Difference Between Trading And Investment In Hindi : Quickguruji के आज के आर्टिकल में हम Trading vs Investment में क्या फर्क होता है ? इस के उपर बात करेंगे.

जो लोग स्टॉक मार्केट के फील्ड में अपना नया कदम रखते है,तो ये दो शब्द वो काफी बार सुनते है.इसलिए आज इन्ही दो शब्द के बारे में डिटेल में चर्चा करेंगे.तो चलिए शुरू करते है.

Table of Contents

Introduction

अगर आप Stock market में इंटरेस्ट रखते हो या Stock market सिखना चाहते हो,तो Investment और Trading के बारे में अपको मालूम होना चाहिए.

बहुत सारे लोगों को Trading और Inveatment का मतलब एक ही लगता है,मगर ऐसा नहीं है,दोनों में काफी फर्क है.तो आज की आर्टिकल में हम इन्हीं दोनों के फर्क को समझने वाले हैं.

What Is Trading In Hindi ?(Trading किसे कहते है ?)

Difference Between Trading and Investment

Stock market में आप Trading से बहुत ज्यादा पैसा कमा सकते हो.क्युकी यहां Profit कमाने की कोई limit नहीं है.

लेकिन एक बात याद रखना Trading में बहुत ज्यादा risk होता है.Trading में आप शेयर को Short Term के लिए Buy करते हो.

Short Term के लिए Buy करना मतलब 1 साल या 1 साल से कम टाइम तक अपने पास वो शेयर Hold करके रखना.अब उस शेयर को Trader अपने पास,

  • 1 Min के लिए,
  • 1 week के लिए,
  • एक महिन के लिए,
  • 6 महिने के लिए,
  • या ज्यादा से ज्यादा एक साल के लिए अपने पास hold करके रख सकता है.

जो लोग स्टॉक मार्केट में Trading करते है उन्हें Trader कहां जाता है.

ये जो बड़े बड़े Trader होते है,वो Trading करते time सिर्फ company के stock price के pattern को analysis करके उन्हें buy or sell करते है.

यहां Trader को किसी company की पूरी कुंडली निकालने की जरूरत नहीं होती. क्योंकि Trading करते time हर मिनट हर सेकंड में price चेंज होता रहता है,इसलिए यह stock price के पैटर्न और वॉल्यूम का analysis किया जाता है.

Types Of Trading In Hindi (Trading के प्रकार)

मैने आपको उपर पहिले ही कहा था,की Trading एक Short Term Investment होती है.इसलिए,

Scalp Trading

अगर कोई Trader कुछ मिनिट के लिए Share को Buy करके अपने पास रखेगा और उसे बाद में तुरंत Sell कर देगा तो उसे Scalp trading कहा जायेगा.

Intraday Trading

वहीं अगर कोई Trader सिर्फ एक दिन के लिए shares को Buy और Sell करेगा,तो उसे Intraday trading कहा जायेगा.

Swing Trading

Trader अगर कुछ दिनों के लिए,या कुछ हफ्तों के लिए Shares को Hold पे रखता है और बाद में उसे sell करता है, तो उसे Swing Trading कहेंगे.

Position Trading

अगर कोई Trader किसी Shares को कुछ महीने के लिए अपने पास Hold करके रखता है,तो उसे Position Trading कहेंगे.

क्या Trading से रेगुलर Income कमाई जा सकता है ?

तो इसका जवाब है हा,लेकिन इसके लिए आपके अंदर कई सारी क्वालिटी होनी चाहिए.जैसे की,

  • Trading से पैसे कमाने के लिए कई सारे shares को खरीदना पड़ता है,इसलिए आपके पास बहुत ज्यादा पैसा होना चाहिए.
  • जरूरी नहीं कि अपको पहिले बार में सफलता मिले,सुरु सुरु में अपको loss भी हो सकता है.लेकिन आपके पास Patience होना चाहिए.
  • यहां अपको अच्छी खासी Practice और सीखते रहने की चाह होनी चाहिए.
  • Trading से अच्छे खासे पैसे कमाने के लिए आपके पास Technical Analysis की भी अच्छी खासी knowlege होनी चाहिए.

अगर ये सारी क्वालिटी आपके पास है,तो आप Trading करके इनकम कमा सकता है .

What Is Investment?(Investment किसे कहते है ?)

Difference Between Trading & Investment In Hindi.

Investment जो है वो long term के लिए की जाती है, यहा Shares को long term के लिए hold किया जाता है.Long Term मतलब 1 साल से ज्यादा टाइम के लिए.

जो लोग Investment करते है,उन्हें Investor कहा जाता है.ये जो investor होते है,वो Smart Work करते है,वो Buy-hold-sell Approach को use करते है .

Buy-hold-sell मतलब किसी कंपनी के Shares को Purchase करना ,सालो तक उसे Hold पर रखना और opportunity देख कर उसे market में sell करना.

जैसे Trader का फोकस Technical Analysis के उपर होता है,उसी तरह Investor का focus Fundamental Analysis पर रहता है.

जब कोई Investor कंपनी के Fundamental Analysis करते है,तब उन्हें कंपनी के बारे एक Idea मिल जाती है,की Future में ये कंपनी कहा तक Growth कर सकती है.

Types Of Investing (Investing के प्रकार.)

Value Investing

Value investing का focus,future में जो industry ज्यादा develope होगी उसे पहचाना और उस में invest करना होता है.

Growth Investing

Growth investing का मकसत उन कंपनियों में invest करना होता है ,जो fundamentally काफी strong होती है.और जिनका मार्केट में नाम हो.

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दोस्तो स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट / ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना बहुत जरूरी है.आप चाहे तो Upstox में अपना डीमैट अकाउंट ओपन करके इन्वेस्टमेंट या ट्रेडिंग की शुरवात कर सकते हो.

डीमैट अकाउंट ओपन करने के लिए अभी उपर वाली फोटो पर क्लिक करे.

FAQ |सवाल जवाब

ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट से रिलेटेड गूगल पर पूछे जाने वाले कुछ फेमस सवाल और उनके जवाब.

ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?

ट्रेडिंग के कई सारे टाइप है, लेकिन शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म ये दो ट्रेडिंग के मुख्य टाइप है.

Trading क्या होता है ?

जब शेयर मार्केट में से आप कोई शेयर खरीदते हो,और उसे 1 साल के अंदर बेच देते हो,तो उसे ट्रेडिंग बोला जाता है.

इन्वेस्टमेंट किसे बोला जाता है ?

जब शेयर मार्केट में से आप कोई शेयर खरीदते हो,और उसे 1 साल के लंबे गैप के बाद बेच देते हो,तो उसे इन्वेस्टमेंट बोला जाता है.

आखरी शब्द

दोस्तो में उम्मीद करता हु आज के हमारे आर्टिकल में दी गई जानकारी (Difference Between Trading & Investment In Hindi.) आपको पसंद आई होगी.आज का आर्टिकल आपको कैसा लगा हमे नीचे कॉमेंट करके या फिर ईमेल करके जरूर बताए.ऐसे ही नए नए इनफॉर्मेशन रीड करने के लिए हमारे ब्लॉग पर दोबारा जरूर विजिट करे.

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जिस ट्रेडिंग कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगा रहे, वही बंद हो गई तो क्‍या होगा? जानिए आपका पैसा डूबेगा या बचा रहेगा

शेयर बाजार में निवेश करने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. यहां पर पारंपरिक निवेश की तुलना में ज्‍यादा रिटर्न मिलता है. हालांकि, शेयर बाजार में निवेश का जोखिम भी होता है.

जिस ट्रेडिंग कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगा रहे, वही बंद हो गई तो क्‍या होगा? जानिए आपका पैसा डूबेगा या बचा रहेगा

TV9 Bharatvarsh | Edited By: आशुतोष वर्मा

Updated on: Jul 22, 2021 | 10:32 AM

अब आम आदमी भी शेयर बाजार में निवेश कर ज्‍यादा रिटर्न पाने में रुचि दिखा रहा है. यही कारण है कि बीते एक साल में रिकॉर्ड संख्‍या में डीमैट अकाउंट खोले गए हैं. पिछले महीने तक के आंकड़ों के अनुसार देशभर में करीब 6.9 करोड़ डीमैट अकांउट्स हैं. हालांकि, दूसरे देशों के मुकाबले आबादी के लिहाज से यह अनुपात अभी भी बहुत कम है. भारतीय शेयर बाजार में सबसे ज्‍यादा पैसा महाराष्‍ट्र, गुजरात और उत्‍तर प्रदेश के लोग लगाते हैं. लक्षद्वीप, अंडमान एवं निकोबार से लेकर मिज़ोरम तक के लोग शेयर बाजार से अच्‍छी कमाई कर रहे हैं.

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए सबसे पहली जरूरत डीमैट अकाउंट की होती है. इसी अकाउंट में शेयर्स, ईटीएफ, बॉन्‍ड्स, म्‍यूचुअल फंड्स और सिक्योरिटीज को इलेक्‍ट्रॉनिक फॉर्मेट में रखा जाता है. ये डीमैट अकाउंट डिपॉजिटरीज एनसडीएल और सीडीएसल के साथ खोला जा सकता है. देश में कई स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनियां हैं, जो लोगों को शेयर बाजार में निवेश करने में मदद करती हैं. स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनियां ही इस सुविधा को आम आदमी तक पहुंचाती हैं. इस सुविधा के बदले ये ब्रोकरेज फर्म्‍स छोटी फीस वसूलते हैं.

इस बात की भी संभावना है कि आप ये ब्रोकरेज फर्म्‍स ही किन्‍हीं कारणों से बंद हो जाए. ऐसी स्थिति में क्‍या आपका निवेश पूरी तरह से डूब जाएगा? कहीं स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनी आपका पूरा पैसा लेकर तो नहीं भाग जाएगी? एक निवेशक के तौर पर आपके मन में जरूर इस तरह के सवाल उठ रहे होंगे. लेकिन अब आपको इसकी चिंता नहीं करनी हैं. क्‍योंकि हम आपको इस तरह के सभी सवालों के जवाब लेकर आए हैं.

ब्रोकरेज कंपनी बंद होने पर आपके निवेश का क्‍या होगा?

आप यह जानकार राहत की सांस ले सकते हैं कि स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनी के डिफॉल्‍ट करने या बंद होने के बाद भी आपकी पूंजी या फंड पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा. ऐसा नहीं होगा कि स्‍टॉक ब्रोकर आपकी पूंजी लेकर भाग जाए. उदाहरण के तौर पर देखें तो जब हर्षद मेहता स्‍कैम सामने आया था, तब उनकी ब्रोकिंग कंपनी ग्रो मोर रिसर्च एंड एसेट मैनेजमेंट को सेबी ने बैन कर दिया था. लेकिन इस कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले लोगों को कोई नुकसान नहीं हुआ.

आपको सबसे पहले यह समझने की जरूरत कि ये स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनियां महज एक बिचौलिए के तौर पर काम करती हैं. आपके फंड पर इनकी पहुंच सीधे तौर पर नहीं होती है ताकि वे आपकी पूंजी पर अपना हम जमा सकें. लेकिन इनके पास पड़ी अपनी फंड या पूंजी को इस्‍तेमाल करने के लिए आप इन्‍हें निर्देश दे सकते हैं.

स्‍टॉक्‍स और शेयरों का क्‍या होगा?

आपका फंड डीमैट अकाउंट में जमा होता है. ये डीमैट अकाउंट डिपॉजिटरीज के पास खुलात है. सेबी ने दो डिपॉजिटरीज – नेशनल सिक्‍योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) को मंजूरी दी है. भारत सरकार के वित्‍त मंत्रालय के प्रति सेबी की जवाबदेही होती है.

किसी भी समय पर एक निवेशक का स्‍टॉक या शेयर ब्रोकरेज फर्म्‍स के पास नहीं होता है. वे बस एक प्‍लेटफॉर्म के तौर पर काम करते हैं. इनका काम बस आपके निर्देश के हिसाब से आपकी जगह ट्रेड करना है. बदले में ये आपसे फीस वसूलते हैं.

इसी प्रकार आपका म्‍यूचुअल फंड इन्‍वेस्‍टमेंट एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के पास होता है. ऐसे में अगर ब्रोकरेज फर्म बंद भी हो जाता है तो आपका म्‍यूचुअल फंड सुरक्षित रहेगा.

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