विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए सप्ताह का सबसे अच्छा दिन

मार्च में रहा रूबल का सबसे अच्छा प्रदर्शन
इस मुद्रा में लगातार तेजी आई है और मार्च के पहले सप्ताह में दर्ज अपने निचले स्तर से डॉलर के मुकाबले 60 प्रतिशत तक की वृद्घि दर्ज की गई है। मंगलवार को दिन के कारोबार में रूबल डॉलर के मुकाबले चढ़कर 83 पर पहुंच गया जबकि 7 मार्च को इसने डॉलर के मुकाबले 139 का रिकॉर्ड निचला दर्ज किया था।
ताजा तेजी की वजह से, रूबल 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूस द्वारा किए गए हमले से पहले के मुकाबले सिर्फ लगभग 10 प्रतिशत नीचे है। ब्लूमबर्ग से प्राप्त आंकड़े के अनुसाररूबल यूक्रेन हमले से पहले करीब 76 के आसपास कारोबार कर रही थी।
विश्लेषकों का कहना है कि रूबल में यूक्रेन हमले के बाद आई गिरावट रूस पर यूरोपीय और अमेरिकी प्रतिबंधों की गंभीरता की वजह से अब कुछ कमजोर पड़ी है। रूस पर इन प्रतिबंधों के तहत, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने रूसी केंद्रीय बैंक का 640 अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार में से करीब आधा रूस से बाहर के बैंकों में सील कर दिया है।
रूसी कंपनियों और लोगों को डॉलर और यूरोप में लेनदेन करने से रोक दिया गया है और करीब 400 पश्चिमी कंपनियों ने रूस में अपने परिचालन बंद कर दिए हैं। ज्यादातर रूसी बैंकों को सोसायटी फॉर वल्र्डवाइड इंटरनैशनल फाइनैंशियल टेलीकम्युनिकेशन (स्विफ्ट) से अलग कर दिया गया है। स्विफ्ट दुनियाभर में बैंकों के लिए वित्तीय लेनदेन और भुगतान को क्रियान्वित करता है। इन कदमों से रूस के वित्तीय एवं व्यापार लेनदेन पश्चिमी देशों के साथ समाप्त हो गए हैं।
हालांकि विश्लेषकों का कहना है कि रूबल में सुधार से पता चलता है कि पश्चिम के आर्थिक प्रतिबंधों के प्रभाव शुरुआती उम्मीद के मुकाबले काफी कम हैं। जेएम फाइनैंस इंस्टीट्यूट इक्विटी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य रणनीतिकार धनंजय सिन्हा ने कहा, 'प्रतिबंधों ने रूसी अर्थव्यवस्था के लिए दिवालिया संबंधित जोखिम पैदा किए हैं जिससे रूबल में बिकवाली बढ़ी है। हालांकि आर्थिक दबाव कम हुआ है, क्योंकि यूरोपीय देश लगातार रूस से तेल एवं गैस खरीद रहे हैं और चीन समेत उभरते बाजार भी लगातार रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं।'
कुछ विश्लेषकों का कहना है कि रूसी मुद्रा में खासकर तेल एवं गैस में वैश्विक व्यापार की दिशा में तेजी का संकेत मिलता है।
रूबल में सबसे बड़ी तेजी तब दर्ज की गई जब रूसी राष्ट्रपति ने घोषणा की कि यूरोपीय संघ, अमेरिका, कनाडा, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान दक्षिण कोरिया और ताइवान को रूसी गैस के लिए रूबल में भुगतान करना होगा।
यदि यूरोपीय देश इस पर सहमति बनाने के लिए बाध्य होते हैं तो उन्हें यूरो और डॉलर को रूबल से विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए सप्ताह का सबसे अच्छा दिन बदलना होगा। इससे रूल के लिए बड़ी वैश्विक मांग पैदा होगा जिससे डॉलर तथा यूरो के खिलाफ इसकी वैल्यू में और तेजी को बढ़ावा मिलेगा। रूबल का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर रूस में घरेलू लेनदेन निपटान के लिए किया जाता है।
अमेरिका समेत जी-7 देशों ने रूसी गैस के लिए रूबल में भुगतान से इनकार कर दिया है। यूरोपीय संघ अपनी प्राकृतिक गैस का करीब 40 प्रतिशत हिस्सा रूस से हासिल करता है। पेरिस में मुख्यालय वाली इंटरनैशनल एनर्जी एजेंसी (आईईए) ने कहा है कि रूस पर प्रतिबंधों से विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए सप्ताह का सबसे अच्छा दिन वैश्विक ऊर्जा संकट को बढ़ावा मिल सकता है।
डॉलर के मुकाबले अभी तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा रुपया, क्या USD के मुकाबले 80 के स्तर पर पहुंच जाएगा INR?
Rupee Vs Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपया अभी तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. जानकारों का कहना है कि व्यापार घाटा बढ़ने से विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट और उच्च वैश्विक ऊर्जा कीमतों से रुपये में गिरावट आ रही है.
Published: July 12, 2022 9:34 AM IST
Dollar Vs Rupee: इक्विटी बाजारों में कमजोरी के विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए सप्ताह का सबसे अच्छा दिन बीच सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया आज 79.57 के नए ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गया. यहां तक कि क्रूड ऑयल की कमजोरी भी रुपये को गिरने से नहीं रोक पाई.
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जानकारों के मुताबिक, व्यापार घाटा बढ़ने, विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट और उच्च वैश्विक ऊर्जा कीमतों से रुपये में गिरावट आ रही है. आगे यह उम्मीद की जा रही है कि इस सप्ताह रुपये में अस्थिरता बनी रहेगी और यह 79.80-80.05 के स्तर तक जा सकता है.
मुद्रा व्यापारी इस सप्ताह अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों और फेडरल रिजर्व के अधिकारियों की टिप्पणियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे, क्योंकि वे फेड की आगामी नीति बैठक के परिणाम पर कयास लगा रहे हैं. एक उच्च मुद्रास्फीति रीडिंग फेड के लिए ब्याज दरों में वृद्धि की अपनी पहले से ही आक्रामक गति को बढ़ाने के लिए दबाव डालेगी.
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, बढ़ते व्यापार घाटे ने भारतीय मुद्रा के मूल्य पर दबाव डाला है. भारत का व्यापार घाटा जून में बढ़कर 25.63 अरब डॉलर हो गया. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए, उच्च आयात के कारण व्यापार घाटा बढ़कर 70.25 अरब डॉलर पर पहुंच गया.
हालांकि, विकास की आशंकाओं का असर तेल पर भी पड़ रहा था. ब्रेंट क्रूड गिरकर 106.04 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. हाल के दिनों में भारतीय शेयरों की एफआईआई बिक्री थोड़ी कम हुई है, फिर भी वे शुद्ध बिकवाली कर रहे हैं. सोमवार को, उन्होंने शुद्ध आधार पर 170 करोड़ मूल्य की भारतीय इक्विटी बेची है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को बैंकों से कहा कि वे घरेलू मुद्रा में वैश्विक व्यापारिक समुदाय की बढ़ती रुचि को देखते हुए भारतीय रुपये में निर्यात और आयात लेनदेन के लिए अतिरिक्त व्यवस्था करें. केंद्रीय बैंक ने एक परिपत्र में कहा, हालांकि, बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के विदेशी मुद्रा विभाग से पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता होगी.
बढ़ेगी रुपये की स्वीकार्यता
आरबीआई ने यह एक अच्छा कदम उठाया है. इससे अपतटीय केंद्रों में रुपये को वैश्विक स्तर पर अधिक व्यापार योग्य बनाया जा सकेगा. मुझे लगता है कि एनडीएफ की मात्रा और बढ़ेगी. यह रुपये को अंतरराष्ट्रीय व्यापार वाली मुद्रा बनाने की दिशा में एक कदम है. आरबीआई के इस कदम से रुपये की स्वीकार्यता बढ़ेगी. यह लंबी अवधि में डॉलर के उपयोग को भी कमजोर करेगा. इन्हें डॉलर की भागीदारी के बिना सीधे कारोबार किया जा सकता है. इसे और अधिक व्यापार योग्य, स्वीकार्य बनाना. विदेशी खरीदार भारतीय बैंक में वोस्ट्रो खाता खोल सकते हैं और वे भारतीय निर्यातकों को भारतीय रुपये में भुगतान कर सकते हैं. एफएक्स जोखिम विदेशी खरीदार को हस्तांतरित हो जाता है क्योंकि रुपये की राशि तय हो जाती है.
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सरकारी खजाने में खूब बढ़ा सोना, विदेशी मुद्रा भंड़ार में भी रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी
देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार छठे सप्ताह बढ़ा है. ये रिजर्व लगभग 446.10 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. एक नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.52 अरब डॉलर की बढ़त के साथ 446.10 अरब डॉलर पर रहा जो अब तक का रिकॉर्ड स्तर है. वहीं देश के सोने के भंडार में भी बढ़ोत्तरी हुई है.
देश के विदेशी मुद्रा और सोने के भंडार में हुई बढ़ोत्तरी (फाइल फोटो)
देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार छठे सप्ताह बढ़ा है. ये रिजर्व लगभग 446.10 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, एक नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.52 अरब डॉलर की बढ़त के साथ 446.10 अरब डॉलर पर रहा जो अब तक का रिकॉर्ड स्तर है. वहीं देश के सोने के भंडार में भी वृद्धि हुई है.
यह लगातार छठा सप्ताह है जब फॉरन करेंसी रिजर्व में बढ़ोतरी देखी गयी है. इससे पहले 25 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 1.832 अरब डॉलर बढ़कर 442.58 अरब डॉलर पर रहा था. छह सप्ताह में विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए सप्ताह का सबसे अच्छा दिन यह 17.53 अरब डॉलर बढ़ चुका है. विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा हिस्सा विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति एक नवंबर को समाप्त सप्ताह में 3.20 अरब डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 413.65 अरब डॉलर पर पहुंच गई.
इस दौरान सोने के रिजर्व में भी अच्छी बढ़त देखी गई है. सोने का रिजर्व 30.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 27.53 अरब डॉलर पर पहुँच गया है. सोना तथा चांदी में मांग न होने से दोनों की कीमतों में पिछले सप्ताह भारी गिरावट देखी गई.
सोने - चांदी के दामों में आई गिरावट
बीते सप्ताह में सोने के भाव में लगभग 180 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी के दाम 1800 रुपये प्रति किलो की की गिरावट के साथ बंद हुए. कारोबार की शुरुआत में सोमवार को सोना 38920 रुपये पर खुलने के बाद शनिवार को 38740 रुपये प्रति दस ग्राम होकर थमा. चांदी में व्यापार की शुरुआत 46575 रुपये पर हुई वहीं अंतिम दिन सौदे 44875 रुपये के स्तर हुए. बाजारों में सोना अधिकतम 39010 रुपये प्रति दस ग्राम और न्यूतमत 38700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बिका. चांदी अधिकतम 46775 रुपये और न्यूनतम 44850 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिकी.
फिर घट गया विदेशी मुद्रा भंडार, 2.7 अरब डॉलर गिरकर 597.73 अरब डॉलर पर
मुंबईः देश का विदेशी मुद्रा भंडार 29 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में लगातार सातवें विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए सप्ताह का सबसे अच्छा दिन सप्ताह गिरता हुआ 2.7 अरब डॉलर घटकर 597.73 अरब डॉलर पर आ गया। इससे पूर्व 22 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार लगातार छठे सप्ताह गिरता हुआ 3.27 अरब डॉलर कम होकर 600.4 अरब डॉलर पर आ गया। इसी तरह 15 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 31.1 करोड़ डॉलर कम होकर 603.7 अरब डॉलर, 08 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 2.47 अरब डॉलर घटकर 604 अरब डॉलर, 01 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में यह रिकॉर्ड 11.17 अरब डॉलर कम विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए सप्ताह का सबसे अच्छा दिन होकर 606.48 अरब डॉलर तथा 25 मार्च को समाप्त सप्ताह में 2.03 अरब डॉलर गिरकर 617.65 अरब डॉलर पर रहा।
रिजर्व बैंक की ओर से शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़े के अनुसार, 29 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 1.1 अरब डॉलर गिरकर 532.8 अरब डॉलर पर आ गया। इसी तरह स्वर्ण भंडार 1.2 करोड़ डॉलर कम होकर 41.6 अरब डॉलर रह गया। आलोच्य सप्ताह विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 36.2 करोड़ डॉलर घटकर 18.3 अरब डॉलर पर आ गया। इसी तरह अंतररष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास आरक्षित निधि 5.9 करोड़ डॉलर की गिरावट के साथ पांच अरब डॉलर रह गई।
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देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार छठे सप्ताह बढ़ा है. ये विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए सप्ताह का सबसे अच्छा दिन रिजर्व लगभग 446.10 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. एक नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.52 अरब डॉलर की बढ़त के साथ 446.10 अरब डॉलर पर रहा जो अब तक का रिकॉर्ड स्तर है. वहीं देश के सोने के भंडार में भी बढ़ोत्तरी हुई है.
देश के विदेशी मुद्रा और सोने के भंडार में हुई बढ़ोत्तरी (फाइल फोटो)
देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार छठे सप्ताह बढ़ा है. ये रिजर्व लगभग 446.10 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, एक नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.52 अरब डॉलर की बढ़त के साथ 446.10 अरब डॉलर पर रहा जो अब तक का रिकॉर्ड स्तर है. वहीं देश के सोने के भंडार में भी वृद्धि हुई है.
यह लगातार छठा सप्ताह है जब फॉरन करेंसी रिजर्व में विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए सप्ताह का सबसे अच्छा दिन बढ़ोतरी देखी गयी है. इससे पहले 25 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 1.832 अरब डॉलर बढ़कर 442.58 अरब डॉलर पर रहा था. छह सप्ताह में यह 17.53 अरब डॉलर बढ़ चुका है. विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा हिस्सा विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति एक नवंबर को समाप्त सप्ताह में 3.20 अरब डॉलर की बढ़ोतरी के साथ 413.65 अरब डॉलर पर पहुंच गई.
इस दौरान सोने के रिजर्व में भी अच्छी बढ़त देखी गई है. सोने का रिजर्व 30.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 27.53 अरब डॉलर पर पहुँच गया है. सोना तथा चांदी में मांग न होने से दोनों की कीमतों में पिछले सप्ताह भारी गिरावट देखी गई.
सोने - चांदी के दामों में आई गिरावट
बीते सप्ताह में सोने के भाव में लगभग 180 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी के दाम 1800 रुपये प्रति किलो की की गिरावट के साथ बंद हुए. कारोबार की शुरुआत में सोमवार को सोना 38920 रुपये पर खुलने के बाद शनिवार को 38740 रुपये प्रति दस ग्राम होकर थमा. चांदी में व्यापार विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए सप्ताह का सबसे अच्छा दिन की शुरुआत 46575 रुपये पर हुई वहीं अंतिम दिन सौदे 44875 रुपये के स्तर हुए. बाजारों में सोना अधिकतम 39010 रुपये प्रति दस ग्राम और न्यूतमत 38700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बिका. चांदी अधिकतम 46775 रुपये और न्यूनतम 44850 रुपये प्रति किलोग्राम पर बिकी.