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पांच करोड़ बैरल तेल जारी करेगा अमेरिका
उधर, अमेरिकी सरकार ने कच्चे तेल की कीमतों को नीचे लाने के लिए अपने रणनीतिक तेल भंडार से पांच करोड़ बैरल तेल जारी करने का आदेश दिया है। अमेरिका अन्य देशों के साथ तालमेल कर कच्चे तेल की कीमतों को नीचे लाने का प्रयास कर रहा है। अमेरिकन ऑटोमोबाइल एसोसिएशन ने कहा कि अमेरिकी सरकार के इस कदम का मकसद गैस और पेट्रोल के दाम नीचे लाना है। इस समय इनकी कीमत 3.40 डॉलर प्रति गैलन पर है जो एक साल पहले की तुलना में दोगुना है। अमेरिका के अलावा भारत, जापान, कोरिया और ब्रिटेन ने भी रणनीतिक भंडार से कच्चा तेल जारी करने की घोषणा की है।

घोषणा के बाद अमेरिकी तेल 1.9% गिरकर 75.30 डॉलर प्रति बैरल के निचले स्तर पर आ गया। पिछली बार 2.5% बढ़कर 78.67 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था। अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 3.2% की बढ़त के साथ 82.31 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।

Bitcoin: क्रिप्टो करेंसी पर जल्द आएगा कानून, सरकार ने किया ये ऐलान

Bitcoin: क्रिप्टो करेंसी पर केंद्र सरकार (Central Government) जल्द ही बिल ला सकती है. राज्य सभा में जानकारी देते हुए वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने जानकारी दी.

सरकार जल्द ही क्रिप्टो करेंसी पर बिल लेकर आएगी (फोटो - जी बिजनेस)

Bitcoin: क्रिप्टो करेंसी पर केंद्र सरकार (Central Government) जल्द ही बिल ला सकती है. राज्य सभा में जानकारी देते हुए वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने जानकारी दी. रॉयटर्स की खबर के मुताबक सरकार का मानना है कि देश में क्रिप्टो करेंसी (crypto currency) के लिए पर्याप्त कानून नहीं है. ऐसे में सरकार क्रिप्टो करेंसी पर कुछ और कानून बनाने पर विचार कर रही है.

Elon Musk की कंपनी Tesla ने Bitcoin में पैसे लगाए
गौरतलब है कि एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी Tesla ने सोमवार को जानकारी दी है कि उसने Bitcoin में 1.5 बिलियन डॉलर इन्वेस्ट किया है. ये खबर आते ही बिटक्वाइन की कीमतों में 15 फीसदी तक की तेजी देखी गई. पहली बार ऐसा हुआ है कि Bitcoin का रेट 44,000 डॉलर से ज्यादा हो गया. दरअसल एक रेगुलेटरी के सामने टेस्ला ने इस बात का खुलासा किया. जी बिजनेस के मैनेजिंग एडीटर अनिल सिंघवी के मुताबिक Elon Musk के पैसे लगाने के बाद आने वाले दिनों में दुनिया के कई देशों में Bitcoin को मान्यता मिल सकती है. दुनिया में आने वाले दिनों में Bitcoin समाचार क्रिप्टोकरेंसी का फैशन बढ़ेगा. भारत समेत कई अन्य देश Bitcoin पर कर विचार कर सकते हैं . उन्होंने कहा कि हम दुनिया से अलग नहीं चल सकते. सरकार को ये साफ करने की जरूरत है कि भारत के लोगों को क्रिप्टो करेंसी में पैसे लगाने चाहिए या नहीं.

बिटकॉइन की कीमतों में जबरदस्त उछाल bitcoin prices
Tesla Inc के खुलासा करते ही कि उसने बिटकॉइन में 1.5 बिलियन डॉलर का इन्वेस्ट किया है, बिटकॉइन की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखा गया. यह 44,000 डॉलर पर पहुंच गया जो All time High है. टेस्ला ने यह भी कहा कि वह अपनी इलेक्ट्रिक कारों के पेमेंट के तौर पर वह डिजिटल टोकन को स्वीकार करना शुरू करेगी. दुनिया की सबसे प्रभावशाली कंपनियों में से एक और बिलियेनर एलन मस्क के बिटकॉइन में निवेश से पता चलता है क्रिप्टोकरेंसी को लोगों का कितना सपोर्ट मिल रहा है. जबकि मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी की वजह से पॉलिसी मेकर्स ने क्रिप्टोकरेंसी की काफी आलोचना भी की है.

'बिटकॉइन में और बढ़ेगा निवेश' ('Bitcoin and investment will increase')
लंदन में नेक्सो के मैनेजिंग पार्टनर और को-फाउंडर एंटोनी ट्रेंशेव ने कहा कि- बिटकॉइन के लिए अपनी कंपनी के खजाने का 1.5 बिलियन डॉलर देने से पता चलता है कि इसने कितने बड़े पैमाने पर institutional adoption (संस्थागत स्वीकृति ) हासिल कर ली है. उन्होंने आगे कहा कि 'टेस्ला ने अब रास्ता साफ कर दिया है'. वहीं ट्रेंशेव ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 2022 के अंत तक S&P 500 कंपनियों में से कम से कम 10% का इन्वेस्टमेंट बिटकॉइन में होगा.

क्रिप्टो करेंसी के रेगुलेशन के लिए मौजूदा कानून अपर्याप्त, सरकार संसद में जल्द बिल लाएगी- अनुराग ठाकुर, वित्त राज्य मंत्री#Bitcoin #CryptoCurrency @AnilSinghvi_ pic.twitter.com/bgSvcG53jX

— Zee Business (@ZeeBusiness) February 9, 2021

कई कंपनियों ने लगाए हैं पैसे (Many companies have invested money)
वहीं दूसरी कंपनियों ने भी बिटकॉइन में इन्वेस्ट किया है. MicroStrategy Inc. ने इसपर करीब 1.1 बिलियन डॉलर खर्च किए हैं. अक्टूबर में लंबे समय से क्रिप्टो के समर्थक रहे जैक डोर्सी की अध्यक्षता में Square Inc ने घोषणा कि थी उन्होंने 2020 की दूसरी तिमाही (second quarter) में अपनी कुल संपत्ति का लगभग 50 मिलियन डॉलर टोकन में बदल दिया. वहीं मिलर वैल्यू पाटनर्स के बिल मिलर ने कहा है कि यह तो महज शुरुआत है. बिटकॉइन के साथ विवाद और तारीफ दोनों जुड़े हुए हैं. जिसमें सबसे बड़ी चीज है इसकी अनिश्चितता. कुछ लोग इसे बुलबुले की तरह देखते हैं. वहीं बहुत सारे लोग ऐसे भी हैं जो कहते हैं कि ये लंबे समय तक चलेगा.

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BitCoin पर कंप्लीट बैन चाहता है संघ परिवार का यह सदस्य, आपके लिए राहत की भी खबर, जानिए कौन सा प्रस्ताव हुआ पारित

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने रविवार को 'क्रिप्टो मुद्रा' पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग वाला प्रस्ताव पारित किया।

FILE PHOTO: A representation of the virtual cryptocurrency Bitcoin

संगठन के सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा, '' स्वदेशी जागरण मंच की 15वीं राष्ट्रीय सभा में यह प्रस्ताव पारित किया गया जो कि ग्वालियर में संपन्न हुई।''

बदलने का मिले अवसर

प्रस्ताव में मांग की गई, ''सरकार को भारत में रहने वाले किसी भी व्यक्ति द्वारा क्रिप्टो मुद्रा की खरीद, बिक्री, निवेश और अन्य किसी भी लेन-देन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना चाहिए।'' इसमें यह भी मांग की गई कि जिन लोगों के पास ऐसी मुद्रा है, उन्हें संक्षिप्त समयावधि में इसे बदलने या बेचने का अवसर दिया जा सकता है।

संसद में सरकार की सफाई

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने एक महीने पहले संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) के दौरान लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि बिटकॉइन को भारत की मुद्रा के रूप में मान्यता देने का कोई प्रस्ताव नहीं है। वित्त मंत्री ने लिखित जवाब में यह भी कहा था कि सरकार बिटकॉइन लेनदेन पर डेटा एकत्र नहीं करती है। सांसद सुमलता अंबरीश और डीके सुरेश ने पूछा कि, 'क्या सरकार के पास देश में बिटकॉइन को मुद्रा के रूप में मान्यता देने का कोई प्रस्ताव है?' इस पर वित्त मंत्री ने कहा था- नहीं सर।

आखिर क्यों गिर रहा है क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार, क्या जानते हैं भारत में रोजाना कितना का है इसका बिजनेस

बिटकॉइन या दूसरी क्रिप्‍टोकरेंसी को लेकर दुनियाभर के देश एक अजीब से असमंजस की स्थिति में हैं. कई देशों ने तो अपने यहां क्रिप्‍टोकरेंसी पर पूरी तरह से बैन कर दिया है.

आखिर क्यों गिर रहा है क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार, क्या जानते हैं भारत में रोजाना कितना का है इसका बिजनेस

TV9 Bharatvarsh | Edited By: अंकित त्यागी

Updated on: Jul 05, 2021 | 11:20 AM

बिटकॉइन, एथेरियम और अन्य प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी वर्तमान में मिला जुला करोबार कर रहे हैं. वैश्विक क्रिप्टो मार्केट कैप 1.37 ट्रिलियन डॉलर है. जो हाल के दिनों की तुलना में कम है. रॉयटर्स के मुताबिक, क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंज बिनेंस ने 30 जून को कहा कि उसके प्लेटफॉर्म से स्टर्लिंग निकासी को फिर से सक्रिय कर दिया गया है. ग्राहक अब डेबिट और क्रेडिट कार्ड के साथ डिजिटल क्वॉइन भी खरीद सकते हैं.

स्‍टेबल कॉइन्‍स के वॉल्‍युम की बात करें तो यह 61.Bitcoin समाचार 71 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. पिछले 24 घंटे में कुल क्रिप्‍टो मार्केट में स्‍टेबल कॉइन्‍स की हिस्‍सेदारी 74.32 फीसदी है.

एलन मस्क के ट्वीट से गिरा था बिटक्वॉइन

बीते 24 घंटे में क्रिप्‍टो मार्केट वॉल्‍युम 83.03 अरब डॉलर रहा है. पिछले दिन के मुकाबले इसमें 6.07 फीसदी की गिरावट आई है. पिछले महीने जब बिटक्वॉइन समेत दुनिया की शीर्ष 30 क्रिप्टो करेंसी में गिरावट आई थी, तो चीन में इसके लेकर हुई सख्ती को वजह बताया गया था.

बिटक्वॉइन की कीमतों में आई गिरावट की एक वजह टेस्ला के चीफ एग्जिक्यूटिव अफसर एलन मस्क का ट्वीट को भी बताया गया. वहीं, बिटक्वॉइन को लेकर चीन सख्ती अभी भी जारी है.

कई देशों ने बैन किया क्रिप्टो का कारोबार

बिटकॉइन या दूसरी क्रिप्‍टोकरेंसी को लेकर दुनियाभर के देश एक अजीब से असमंजस की स्थिति में हैं. कई देशों ने तो अपने यहां क्रिप्‍टोकरेंसी पर पूरी तरह से बैन कर दिया है. इसमें ईरान और सऊदी अरब शामिल है. वहीं, भारत, रूस, ब्राजील समेत कई ऐसे देश हैं, जो अभी भी डिजिटल एसेट को लेकर विचार की ही स्थिति में हैं. इनकी तरफ से अभी तक कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया है.

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चीन सख्त

चीन का रवैया हमेशा से क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बहुत ही सख्त रहा है. 2013 में चीन के केंद्रीय बैंक ने वित्त संस्थाओं को बिटक्वॉइन से जुड़े ट्रांजेक्शन को रोक दिया था. चीन में क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग बंद होने का बड़ा असर इसकी कीमतों पर पड़ा. क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में चीन की 70 फीसदी तक की हिस्सेदारी है. न्यूज एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, कुछ माइनर्स चीन से अपना करोबार कजाकिस्तान जैसे देशों में शिफ्ट कर रहे हैं.

भारत में है बड़ा कारोबार

पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टो का कारोबार भारत में भी बढ़ा है. देश में कुल 15 क्रिप्टो एक्सचेंज बिजनेस कर रहे हैं. बताया जाता है कि इनका रोजाना का कारोबार करीब 1500 करोड़ रुपये का है. भारत में इस समय करीब एक करोड़ एक्टिव इन्वेस्टर हैं, जो इसमें ट्रेडिंग कर रहे हैं.

बिटकॉइन की कीमतों में भारी गिरावट

बिजनेस डेस्कः केंद्र सरकार द्वारा 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीत कालीन सत्र में क्रप्टोकरेंसी पर कानून लाए जाने की खबर के बाद मंगलवार देर रात भारत में बिट कॉइन की कीमतें 17 प्रतिशत तक लुढ़क गई जबकि यू एस डी टी 12 प्रतिशत तक गिर गया। मंगलवार देर रात वजीर एक्स पर एक बिट कॉइन की कीमत 37 लाख 98 हजार रुपए के करीब चल रही थी और यह 46 लाख 35 हजार के अपने उच्चतम स्तर से करीब 18 प्रतिशत तक लुढ़क गया था जबकि यू एस डी टी देर रात 71 रुपए पर कारोबार कर रहा था और यह अपने 80 रुपए के उच्चतम स्तर से करीब 19 प्रतिशत गिर कर 65 रुपए तक पहुंच गया था। भारतीय निवेशकों को डर है कि सरकार इस पर नियंत्रण के लिए यदि कानून लाती है तो कानून में कड़े प्रावधान हो सकते हैं लिहाजा निवेशकों ने मंगलवार देर रात अपनी पोजिशंस स्कवेर आफ करनी शुरू कर दी हैं। बिट कॉइन के साथ साथ अन्य करंसी भी देर रात 25 प्रतिशत तक गिरावट के साथ कारोबार कर रही थी।

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किये जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध है। इस विधेयक में भारतीय रिजर्ब बैंक द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के सृजन के लिये एक सहायक ढांचा सृजित करने की बात कही गई है। इस प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है।

हालांकि, इसमें कुछ अपवाद भी है, ताकि क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए। भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग के संबंध में न तो कोई प्रतिबंध है और न ही कोई नियमन की व्यवस्था है। इस पृष्ठभूमि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी महीने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी और संकेत दिया था कि इस मुद्दे से निपटने के लिये सख्त विनियमन संबंधी कदम उठाये जायेंगे । हाल के दिनों में काफी संख्या में ऐसे विज्ञापन आ रहे हैं जिसमें क्रिप्टोकरेंसी में निवेश में काफी फायदे का वादा किया गया और इनमें फिल्मी हस्तियों को भी दिखाया गया। ऐसे में निवेशकों को गुमराह करने वाले वादों को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही थी ।

पिछले सप्ताह वित्त मामलों पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने क्रिप्टो एक्सचेंजों, ब्लाकचेन एवं क्रिप्टो आस्ति परिषद (बीएसीसी) के प्रतिनिधियों एवं अन्य Bitcoin समाचार लोगों से मुलाकात की थी और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि क्रिप्टो करेंसी को प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए बल्कि इसका नियमन किया जाना चाहिए । भारतीय रिजर्ब बैंक ने बार बार क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ सख्त विचार व्यक्त किये है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी इस महीने के प्रारंभ में क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति दिये जाने के खिलाफ सख्त विचार व्यक्त किये थे और कहा था कि ये किसी वित्तीय प्रणाली के लिये गंभीर खतरा है।

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पांच करोड़ बैरल तेल जारी करेगा अमेरिका
उधर, अमेरिकी सरकार ने कच्चे तेल की Bitcoin समाचार कीमतों को नीचे लाने के लिए अपने रणनीतिक तेल भंडार से पांच करोड़ बैरल तेल जारी करने का आदेश दिया है। अमेरिका अन्य देशों के साथ तालमेल कर कच्चे तेल की कीमतों को नीचे लाने का प्रयास कर रहा है। अमेरिकन ऑटोमोबाइल एसोसिएशन ने कहा कि अमेरिकी सरकार के इस कदम का मकसद गैस और पेट्रोल के दाम नीचे लाना है। इस समय इनकी कीमत 3.40 डॉलर प्रति गैलन पर है जो एक साल पहले की तुलना में दोगुना है। अमेरिका के अलावा भारत, जापान, कोरिया और ब्रिटेन ने भी रणनीतिक भंडार से कच्चा तेल जारी करने की घोषणा की है।

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