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क्या बाजार बंद होने पर मैं स्टॉक खरीद सकता हूँ?

क्या बाजार बंद होने पर मैं स्टॉक खरीद सकता हूँ?

Station Guruji

उसके बाद मैंने आपको बताया कि एक अच्छी शेयर का चुनाव कैसे करें? फिर मैंने बताया कि Intraday Trading शेयर मार्केट में कैसे करें? पिछले लेख में मैंने बताया था कि स्टॉक मार्केट (Stock Market) में इन्वेस्ट कैसे करें?

आज मैं आपको बता रहा हूं स्टॉक मार्केट (Stock Market) में ₹1000 डेली कैसे कमाए? आपके मन में यह सवाल उठता होगा क्या स्टॉक मार्केट में ₹1000 प्रतिदिन कमाई संभव है? या फिर 1000₹ कमाने के लिए कितने घंटे काम करने पड़ेंगे?

यह कैसे कर सकते हैं? स्टॉक मार्केट (Stock Market) में कितने रुपए निवेश करने पर ₹1000 कमाया जा सकता है? और ना जाने क्या-क्या सवाल आपके मन में उठ रहा होगा? आज में सभी सवालों का जवाब दूंगा. साथ ही यह बताऊंगा कि आप किस प्रकार स्टॉक मार्केट (Stock Market) में इन्वेस्ट करें कि ₹1000 प्रतिदिन कमा सकें.

दोस्तों जैसा कि आप जानते हैं महीने में लगभग 20 दिन ही स्टॉक मार्केट खुला रहता है. शनिवार और रविवार को छुट्टी रहती है. बीच में एक दो और छुट्टी हो जाता है. इस प्रकार महीने में लगभग 20 दिन ही हम शेयर मार्केट में काम करते हैं.

प्रत्येक दिन ₹1000 कमा ले तो ₹30,000 महीने में हम कमा सकते हैं. आपके मन में यह बात उठता होगा कि आदमी ₹10- ₹15000 महीना कमाने के लिए घर-द्वार छोड़कर दिल्ली-मुंबई जाता है. तो क्या घर बैठे अपने मोबाइल से हजार रुपया स्टॉक मार्केट से कमाए जा सकते है. इसका क्या बाजार बंद होने पर मैं स्टॉक खरीद सकता हूँ? जवाब है हाँ बिल्कुल कमाया जा सकता है.

यदि आप पुराने निवेशक हैं जो स्टॉक मार्केट (Stock Market) से जुड़े हैं तो आप अच्छी तरह जानते होंगे. जो स्टॉक मार्केट में अभी नए हैं या फिर स्टॉक मार्केट का ABC नहीं जानते हैं उन्हें यह बात गलत लग रहा होगा. लेकिन यह बात 100% सच है कि आप थोड़ा सा मेहनत करें तो प्रतिदिन हजार रुपया स्टॉक मार्केट से कमा सकते हैं.

नीचे मैं कुल 5 बिंदुओं पर चर्चा कर रहा हूं. यदि आपने इस पांच बिंदुओं का पालन किया तो आप जरूर स्टॉक मार्केट से ₹1000 प्रतिदिन कमा सकते हैं.

1. कितना पूंजी इन्वेस्ट करना पड़ेगा

अब सवाल यह आता है प्रत्येक दिन ₹1,000 कमाने के लिए हमें स्टॉक मार्केट में कितने रुपए invest करना पड़ेगा. ₹1,000 इन्वेस्ट करके आप daily ₹1000 नहीं कमा सकते हो.

₹10,000 भी इन्वेस्ट करके आप क्या बाजार बंद होने पर मैं स्टॉक खरीद सकता हूँ? प्रतिदिन ₹1,000 यानी 10% तो नहीं कमा सकते हो. यानी आपको कितने रुपए इन्वेस्ट करना पड़ेगा? इसका जवाब है आपको कम से कम ₹5,00,000 स्टॉक मार्केट में निवेश करना पड़ेगा.

लेकिन हम कभी भी एक साथ ₹5,00,000 निवेश करने की सलाह नहीं देते हैं. वह भी एक नए निवेशक को. मैंने पहले बताया था कि स्टॉक मार्केट में आप कुछ पैसे से शुरू करें. पहले ₹5,000 लगाए, उसकी एक महीना बाद 10,000 लगाएं. इस प्रकार लगाते रहे.

जब आपके पास 6 महीने का अनुभव हो जाए तब आप लाख रुपया लगा दे और एक साल बाद उसमें 5,00,000 लगाए. उससे पहले बिल्कुल भी ₹5,00,000 ना लगाए.

1 साल में आप स्टॉक मार्केट को अच्छी तरह समझ जाएंगे. उसके बाद आपको नुकसान होने की संभावना बहुत कम रहेगी. 5,00,000 का 4% ₹20,000 बनता है.

यदि आप महीने का 3 से 5% स्टॉक मार्केट में मुनाफा कमा लेते हैं तो आप अपने आप को एक अच्छा इन्वेस्टर मान सकते हैं. क्योंकि यह साल का 50% से ज्यादा हो गया.

लेकिन दोस्तों यह जितना कहने और सुनने में आसान है उतना आसान है नहीं. लेकिन उतना मुश्किल भी नहीं है जितना मुश्किल एक नए निवेशक किसे मानता है.

2. कितना समय काम करना पड़ेगा

बस थोड़ा सा समय निकालना पड़ेग. स्टॉक मार्केट खुलने से पहले अध्ययन करना पड़ेगा. आज किस-किस stock में क्या होने वाला है. इसके लिए आप सीएनबीसी आवाज या जी बिजनेस चैनल देख सकते हैं.

मोबाइल पर आप मनीकंट्रोल ऐप लोड करके उसमें भी अध्ययन कर सकते हैं. आप प्रतिदिन 1 से 2 घंटे निकाल कर स्टॉक मार्केट दे. मार्केट के शुरुआत में, बीच में और मार्केट बंद होते समय जरूर ध्यान से देखें किस प्रकार मार्केट में उतार-चढ़ाव हो रहा है.

मुझे विश्वास है और मैं इसे करता भी हूं. जिसने यह काम कर लिया वह आराम से 3 से 5% तक मुनाफा कमा सकता है. इसमें कोई दो राय नहीं है.

3. अपनी पूंजी से निवेश करें ब्रोकर की पूंजी से नहीं

कई लोग कहते हैं कि Intraday Trading में अपनी पूंजी का 10 गुना trade कर सकते हैं. यानी आपके पास यदि ₹1,00,000 पूँजी तो आप 10,00,000 का स्टॉक खरीद बिक्री कर सकते हैं. लेकिन दोस्तों यह ज्यादा खतरनाक है.

क्योंकि यह उस कंपनी का क्या बाजार बंद होने पर मैं स्टॉक खरीद सकता हूँ? पैसा होता है जहां पर मेरा डिमैट अकाउंट होता है. इसमें आपको उसी दिन उस share को बेचना होता है. यदि आपके पास खुद का पैसा रहेगा तो आप वह दिन नहीं बेच कर उसे अगला दिन भी बेच सकते हैं. इसमें मुनाफा की ज्यादा संभावना रहती है.

कभी भी कंपनी के पैसे स्टॉक में लगाना नहीं चाहिए. यह बात कुछ लोगों को अच्छा नहीं लगेगा क्योंकि अक्सर लोग यही काम करते हैं. यह मेरा अपना विचार है. आगे आपकी मर्जी है.

4. कभी-कभी नुकसान भी सहन करें

कई बार है हम Intraday Trading में नुकसान उठा लेते हैं. जिसकी भरपाई हम उसी दिन करने के लिए प्रयास करते हैं. जो बिल्कुल गलत है.

यदि हमें किसी कंपनी का शेयर खरीदा और उसमें 2% का stop loss लगा दिया. वह उसी दिन 2% नीचे आ गया और मुझे 2% का नुकसान हो गया. अब हम चाहते हैं यह 2% नुकसान की भरपाई आज ही कर ले और हम कोई दूसरा शेयर खरीद लेते हैं.

यह जल्दबाजी में किया गया काम होता है. इसमें हमें उस नुकसान की भरपाई तो नहीं हो पाता है. उसके बदले और नुकसान हो जाता है. ऐसा कभी भी ना करें.

प्रत्येक दिन आपको फायदा ही नहीं होगा. कभी-कभी आपको नुकसान भी हो जाएगा. इसलिए नुकसान को सहन करना सीखें.

5. प्रत्येक दिन लेनदेन ना करें

कई लोग होते हैं जो प्रत्येक दिन लेनदेन करते हैं. मार्केट कितना भी नीचे जाए या ऊपर जाए वह प्रत्येक दिन Stock खरीदते और बेचते हैं जो गलत है.

किसी किसी दिन मार्केट में इतना उतार-चढ़ाव होता है जिसमें हम कुछ समझ नहीं पाते हैं और जब हम समझ नहीं पाते हैं तब हमे बिल्कुल उसे देखना नहीं चाहिए. जिस दिन हमें समझ आए की आज मार्केट invest करने योग्य है उसी दिन invest करना चाहिए.

यह अनुभव से आपको पता चलेगा. नए इन्वेस्टर इसे नहीं जान पाएंगे. कई स्टॉक ऐसे भी हैं जो 1 दिन में 10% से ज्यादा बढ़ जाता है. वह तो वही लोग पहचान पाते हैं जो इस मार्केट में कुछ सालों से हैं.

नए निवेशक उस स्टॉक को तब खरीदते हैं जब वह टॉप लेवल पर रहता है.

इसलिए विश्व के महान निवेशक Woren Wofet कहते है कि जब अच्छे निवेशक बेचकर बाजार से बाहर चले जाते हैं तब बुरे निवेशक बाजार में निवेश करता है. इसलिए कभी भी उस Stock को नहीं खरीदे जो अपने उच्चतम स्तर पर चल रहा है।

ऐसे ही कुछ नियम है जिसका यदि आप में ईमानदारी से पालन किया तो आप भी बड़े आसानी से ₹1000 प्रतिदिन स्टॉक मार्केट से कमा सकते हैं. इससे ज्यादा भी कमा सकते हैं जितना ज्ञान बढ़ेगा उतनी ही आपकी कमाई बढ़ेगा।

संक्षेप में

मेरे वेबसाइट करना स्टेशन गुरुजी हैं। आप गूगल पर जाकर स्टेशन गुरुजी लिखे या बोल दे आपको सभी सवालों का जवाब मिल जाएगा।

फिर भी आपको कोई दिक्कत है तो मुझे आप ईमेल भेज सकते हैं। मैं रेलवे विभागीय जानकारी, पढ़ाई लिखाई, मोटिवेशनल कहानी, वित्तीय जानकारी इत्यादि विषय पर निष्पक्ष रुप से ज्ञानवर्धक लेख लिखता रहता हूं। जो आपके लिए उपयोगी हो सकते हैं।

Share Bazaar: क्या एक ही शेयर को आप बार-बार खरीद-बेच सकते हैं?

Share Market Investment: क्या किसी Share को हम एक ही दिन में बार-बार खरीद या बेच सकते हैं। इस सवाल को लेकर क्या आप भी दुविधा में हैं? चलिए आपकी दुविधा को दूर किए देते हैं। आपके इस सवाल का जवाब है- हां।

Share-Trading

इंट्रा-डे का ट्रेडिंग का उदाहरण
मान लीजिए, आज आपने किसी कंपनी का 20 रुपये की कीमत वाला शेयर खरीदा। इन शेयरों की संख्या 100 थी। इसके लिए आपने 2010 (2000+10) शेयर की कुल कीमत और कमीशन मिलाकर 2010 रुपये चुकाए। कुछ घंटे बाद इस शेयर की कीमत 20.50 हो गई। आपने मुनाफा देखकर अपने सभी 100 शेयर बेच दिए। आपको इस पर 2040 (2050-10) रुपये मिले।

इस तरह आपने कुछ घंटे का रिस्क लेकर 30 रुपये का शुद्ध लाभ कमाया, जबकि आपके ब्रोकर को इससे 20 रुपये कमीशन मिला। इस तरह एक बार इंट्रा डे ट्रेडिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई। अगर आप चाहें तो उसी कंपनी के शेयर की उसी दिन फिर इसी तरह से खरीद-बिक्री कर सकते हैं। बस, शेयर बाजार बंद न हुए हों। इसी तरह एक ही दिन में नहीं बल्कि सप्ताह में महीने में आप चाहे, जितनी भी बार ट्रेडिंग कर सकते हैं।

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सेबी के नए मार्जिन नियम आज से लागू, यहां जानिए अपने हर सवाल का जवाब

कैश मार्केट में मार्जिन से जुड़े ने नियम 1 सितंबर से लागू हो गए हैं. सेबी ने इसे कुछ समय टालने की अपील ठुकरा दी है

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सेबी मार्जिन के दो तरह के नियमों को लागू करना चाहता है. पहला नियम कैश मार्केट में अपफ्रंट मार्जिन से संबंधित है.

मैं मार्जिन को पूरी तरह से नहीं समझता, क्या मुझे इसके बारे में विस्तार से बता सकते हैं?
मार्जिन का मतलब उस रकम से है, जो आपके ट्रेडिंग अकाउंट में होती है. सामान्य रूप से निवेशक को अपने ट्रेडिंग अकाउंट में जमा रकम से शेयर खरीदने की इजाजत होनी चाहिए. लेकिन, व्यवहार में मामला थोड़ा अलग है. कई ब्रोकिंग कंपनियां अपने क्लाइंट को शेयर खरीदने के लिए रकम उधार देती हैं. इसे लिवरेज या मार्जिन ट्रेडिंग कहते हैं. इंट्राडे ट्रेडिंग में यह ज्यादा देखने को मिलता है.

फिर, 1 सितंबर से क्या बदलने जा रहा है?
पहले हम यह समझते हैं कि शेयरों की डिलीवरी किस तरह होती है. अभी बाजार में डिलीवरी के लिए टी+2 (ट्रेडिंग प्लस दो दिन) मॉडल का पालन होता है. इसका मतलब है कि अगर आप सोमवार को शेयर खरीदते या बेचते हैं तो यह बुधवार को डेबिट या क्रेडिट होगा. इसी तरह शेयर का पैसा भी बुधवार को आपके अकाउंट में आएगा या उससे जाएगा. इस मॉडल में ब्रोकर्स क्लाइंट के अकाउंट में पैसा नहीं होने पर भी शेयर खरीदने की इजाजत देते हैं. यह इस शर्त पर किया जाता है कि आप पैसा टी+1 या टी+2 दिन में चुका देंगे.

अब सेबी ने जो नया नियम बनाया है, उसमें ब्रोकर को सौदे की कुल वैल्यू का 20 फीसदी क्लाइंट से अपफ्रंट लेना होगा. इसका मतलब यह है कि सौदे के वक्त क्लाइंट (रिटेल निवेशक) को 20 फीसदी रकम चुकाना होगा. उदाहरण के लिए अगर रिटेल निवेशक रिलायंस इंडस्ट्रीज के एक लाख रुपये मूल्य के शेयर खरीदता है तो ऑर्डर प्लेस करने से पहले उसके ट्रेडिंग अकाउंट में कम से कम 20,000 रुपये होने चाहिए. बाकी पैसा वह टी+1 या टी+2 दिन में या ब्रोकर के निर्देश के मुताबिक चुका सकता है. सेबी के नए नियम के मुताबिक शेयर बेचते वक्त भी आपके ट्रेडिंग अकाउंट में मार्जिन होना चाहिए.

शेयर बेचने के लिए मेरे ट्रेडिंग अकाउंट में मार्जिन क्यों होना चाहिए?
सेबी ने सोच-समझकर यह नियम लागू किया है. इसे एक उदाहरण से समझ सकते हैं. मान लीजिए आप सोमवार को 100 शेयर बेचते हैं. ये शेयर आपको अकाउंट से बुधवार को डेबिट होंगे. लेकिन, अगर आप मंगलवार (डेबिट होने से पहले) को इन शेयरों को किसी दूसरे को ट्रांसफर कर देते हैं तो सेटलमेंट सिस्टम में जोखिम पैदा हो जाएगा.

ब्रोकिंग कंपनियों के पास ऐसा होने से रोकने के लिए हथियार होते हैं. 95 फीसदी मामलों में ऐसा नहीं होता है. सेबी ने यह नियम इसलिए लागू किया है कि 5 फीसदी मामलों में भी ऐसा न हो.

यह नियम कुछ ज्यादा सख्त लगता है, क्या इसका कोई दूसरा तरीका नहीं है?
इसका दूसरा तरीका है. सेबी ने बगैर मार्जिन शेयर बेचने की इजाजत दी है. लेकिन, इसमें शर्त यह है कि ब्रोकर के पास ऐसा सिस्टम होना चाहिए, जिसमें शेयर बेचने के दिन वह शेयरों को क्लाइंट के अकाउंट से अपने अकाउंट में ट्रांस्फर कर लें. लेकिन, इसमें कुछ ऑपरेशनल दिक्कतें हैं.

इस नियम का बाजार पर क्या असर पड़ेगा?
विश्लेषकों और इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि नए नियमों से ट्रेडिंग वॉल्यूम घटेगा. लेकिन, कुछ लोगों का मानना है कि पिछले 25 साल में जब भी नए नियम लागू किए गए, बाजार ने उसके हिसाब से खुद को ढाल लिया. नए नियम बाजार में जोखिम घटाने और निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए लागू किए जाते हैं.

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सफल दिन के कारोबार के लिए शीर्ष 7 इंट्राडे टिप्स

व्यापार की दुनिया में,इंट्राडे ट्रेडिंग अपना स्थान बनाता है। इंट्राडे शब्द का अर्थ ही 'दिन के भीतर' होता है। इसका उपयोग स्टॉक और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड का वर्णन करने के लिए किया जाता है (ईटीएफ) में दिन के दौरान कारोबार कर रहे हैंमंडी. इंट्राडे ट्रेडिंग दिन भर में कारोबार किए गए शेयरों के साथ-साथ उतार-चढ़ाव भी दिखाती है। जब एक 'नया इंट्राडे हाई' होता है, तो यह दर्शाता है कि ट्रेडिंग सीजन में अन्य कीमतों की तुलना में सुरक्षा एक उच्च स्थान पर पहुंच गई है।

Top 7 Intraday Tips

एक इंट्राडे ट्रेडर के रूप में, आपको सफल होने के लिए कई पहलुओं को ध्यान में रखना होगा। यह लेख आपको एक सफल इंट्राडे ट्रेडर बनने की युक्तियों के बारे में सूचित करेगा। अपने मोबाइल पर ये निःशुल्क इंट्राडे टिप्स प्राप्त करें।

ट्रेडिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ इंट्राडे टिप्स

1. स्टॉक ट्रेडिंग उच्च खरीदें

यदि आप एक इंट्राडे ट्रेडर हैं या एक बनना चाहते हैं, तो एक महत्वपूर्ण पहलू पर ध्यान देना चाहिए - एक ही दिन में स्टॉक खरीदना और बेचना। हां, इंट्राडे ट्रेडर स्टॉक को उसी दिन बेचने के इरादे से खरीदते हैं। हालांकि, इसका अनूठा पहलू यह है कि एक इंट्राडे ट्रेडर वास्तव में कभी भी स्टॉक नहीं खरीदता है या डिलीवरी नहीं लेता है। जब कोई स्टॉक खरीदा जाता है और बंद होने की स्थिति के लिए स्टॉक को बेचा जाता है, तो एक 'ओपन पोजीशन' बनाई जाती है। अन्यथा, व्यापारी को इसके लिए भुगतान करना होगा और बाद की तारीख में इसे बेचना होगा। यह ठीक तब होता है जब ट्रेडिंग वॉल्यूम फोकस में आता है। यह किसी विशेष फर्म के शेयरों की कुल संख्या को संदर्भित करता है जिसका एक दिन में कारोबार होता है। यह ट्रेडर की पोजीशन खोलने की क्षमता में परिलक्षित होता है।

इंट्राडे ट्रेडर्स आमतौर पर स्टॉक की कीमत पर ध्यान केंद्रित करते हैं क्योंकि मुख्य फोकस इसे कम खरीदना और इसे अधिक बेचना है। यह फोकस आमतौर पर अधिकांश इंट्राडे व्यापारियों को स्टॉक वॉल्यूम को अनदेखा करने का कारण बनता है।

एक इंट्राडे ट्रेडर के रूप में, आपको उच्च ट्रेडिंग वॉल्यूम वाले कुछ शेयर खरीदने चाहिए क्योंकि यह आपको बनाए रखने में मदद करता हैलिक्विडिटी अन्यथा, कम ट्रेडिंग स्टॉक आपकी लिक्विडिटी होल्डिंग्स को कम कर देंगे।

2. सहज निर्णय न लें

एक इंट्राडे ट्रेडर के रूप में, सुनिश्चित करें कि आवेग पर निर्णय न लें। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह महत्वपूर्ण है कि आप प्रवेश करने से पहले बाजार में प्रवेश करने और बाहर निकलने की कीमत जान लें। हां, आपको एक ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ेगा जहां बाजार की बदलती प्रकृति के कारण आप आवेग में निर्णय ले सकते हैं। हालाँकि, मुद्दा यह है कि ऐसी परिस्थितियों को आप बिना सोचे-समझे निर्णय लेने के लिए प्रेरित न करें, जिसके लिए आपको बाद में पछताना पड़ सकता है। आखिर यह आपकी मेहनत की कमाई है। इसलिए, ट्रेडिंग से पहले इस बात का अंदाजा लगा लें कि आप क्या खरीद रहे हैं और लक्ष्य मूल्य निर्धारित कर लें।

लक्ष्य मूल्य और खरीद मूल्य दो मुख्य तरीके हैं जिनसे आप मूल्य को समझ सकते हैं। आपका लक्षित मूल्य उस दिन स्टॉक के अपेक्षित मूल्य से थोड़ा कम होना चाहिए। जब कीमत गिरती है और क्षैतिज क्षेत्र में पहुंच जाती है तो आपको स्टॉक खरीदना चाहिए।

हालांकि, याद रखें कि मूल्यों को निर्धारित करने के लिए कोई कठिन और तेज़ सूत्र नहीं है। यह अनुभव और निरंतर सीखना है जो आपको सही संयोजन खोजने में मदद करेगा जो आपके लिए काम करता है।

3. ट्रेडिंग से पहले 1 घंटे तक प्रतीक्षा करें

कई व्यापारी आमतौर पर सुबह बाजार की स्थिति खुलते ही लेने की दौड़ में होते हैं। यह विचार करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण इंट्राडे युक्तियों में से एक है। ऐतिहासिक रूप से कहें तो, ज्यादातर कीमतों में उतार-चढ़ाव बाजार खुलने के पहले घंटे और बंद होने के आखिरी घंटे के दौरान होता है। सुबह में, व्यापारी पिछले दिन से बाजार के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया दे रहे होंगे।

यह कीमतों को बाधित कर सकता है और शुरुआती और यहां तक कि मध्यवर्ती भी घबरा सकता है। लेकिन चिंता मत करो। सुनिश्चित करें कि आप इस दौड़ में तब तक नहीं कूदें जब तक कि आपके पास पहले घंटे में कैसे लाभ हो सकता है, इस बारे में अच्छी तरह से शोध की गई समझ क्या बाजार बंद होने पर मैं स्टॉक खरीद सकता हूँ? और विचार न हो। सुबह ट्रेडिंग करना काफी महंगा होता है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, नए व्यापारियों को दोपहर 1 बजे से पहले बेचने की सलाह दी जाती है क्योंकि ज्यादातर व्यापारी दोपहर 2 बजे के बाद मुनाफावसूली शुरू करते हैं। इसलिए, यदि आप इंट्राडे ट्रेडिंग की दुनिया में नए हैं, तो सुबह 11 बजे या 11:30 बजे के बाद अपना स्टॉक खरीदें और इसे दोपहर 1 बजे से पहले बेच दें।

4. अफवाहों पर भरोसा न करें

अफवाहें आग की तरह फैलती हैं क्योंकि आज संचार के सभी साधन इंटरनेट और टेलीविजन पर बड़े पैमाने पर काम करते हैं। विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त होने वाली किसी भी जानकारी को क्रॉस-चेक करना सुनिश्चित करें। अपने शोध को हमेशा अपडेट करते रहें ताकि आप अफवाहों के शिकार न हों जिससे भारी नुकसान हो सकता है।

5. सीखते रहो

यदि आप एक सफल इंट्राडे ट्रेडर बनना चाहते हैं, तो सुनिश्चित करें कि कभी भी सीखना बंद न करें। यहां पहुंचने की कोई सीमा नहीं है। शेयर बाजारों और बार-बार होने वाले परिवर्तनों के बारे में सीखते रहें और यह कैसे कामकाज को प्रभावित करता है। सफल व्यापारियों और निवेशकों की किताबें, ब्लॉग पोस्ट पढ़ें और समझें कि उन्होंने विभिन्न व्यापारिक स्थितियों से कैसे निपटा है। कौरसेरा, उडेमी और अन्य स्वतंत्र पाठ्यक्रमों जैसी वेबसाइटों से ऑनलाइन पाठ्यक्रम लें जो आपको व्यापार के बारे में हर चीज के संपर्क में रहने में मदद करेंगे।

इस इंट्राडे टिप के साथ बने रहें और समय के साथ, आप ट्रेडिंग के लिए अपनी खुद की रणनीति के साथ आने में सक्षम होंगे और वहां से सब कुछ ऊपर है।

6. लिक्विड स्टॉक्स के लिए जाएं

इंट्राडे ट्रेडिंग को चालू रखने के लिए लिक्विड स्टॉक खरीदना सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में से एक है। बाजार में पर्याप्त तरलता होनी चाहिए, इसलिए, एक इंट्राडे ट्रेडर के रूप में इससे दूर रहना सुनिश्चित करेंछोटी टोपी तथामिड कैप फंड जिनके पास पर्याप्त तरलता नहीं है। यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो हो सकता है कि आप स्क्वायरिंग ऑफ ऑर्डर निष्पादित करने में सक्षम न हों और आपको इसके बजाय डिलीवरी के लिए जाना होगा।

इसके अलावा, याद रखें कि कभी भी अपने ट्रेडिंग पैसे को एक ही स्टॉक में निवेश न करें। इसे एक महत्वपूर्ण इंट्राडे टिप मानें। अपनी खरीदारी में विविधता लाएं और जोखिम कम करें।

7. अपनी पसंदीदा कंपनियों पर शोध करें

किसी कंपनी से सिर्फ इसलिए निवेश या स्टॉक न खरीदें क्योंकि आपको यह पसंद है। इससे बेख़बर और पक्षपाती निर्णय हो सकते हैं जो आमतौर पर नुकसान में समाप्त हो सकते हैं। हमेशा प्रबंधन, खर्चों के बारे में अपना शोध करें,निवल मूल्य, कुल बिक्री,आय, आदि पर निर्णय लेने से पहलेकहां निवेश करें.

पूछे जाने वाले प्रश्न

1. क्या इंट्राडे ट्रेडिंग और रेगुलर ट्रेडिंग में कोई अंतर है?

हां, दोनों में थोड़ा अंतर है। शेयरों की डिलीवरी के समय का अंतर है। जब कोई व्यापार उसी दिन स्वामित्व को व्यापार में बदले बिना किया जाता है, तो यह इंट्राडे ट्रेड होता है। हालांकि, अगर यह कई दिनों, महीनों, वर्षों की अवधि में किया जाता है तो यह नियमित व्यापार होता है।

2. मैं एक नियमित व्यापारी हूं। क्या मैं इंट्राडे ट्रेडिंग में भाग ले सकता हूं?

हां, आप इंट्राडे ट्रेडिंग में भाग ले सकते हैं। कोई उम्र या लिंग पट्टी नहीं है। हालाँकि, यदि आपके पास एक दिन का काम है, तो भाग लेने से बचना चाहिए क्योंकि इंट्राडे ट्रेडिंग का मूल दिन में ट्रेडिंग करना है।

3. इंट्राडे ट्रेडिंग में मुझे कौन से स्टॉक पसंद करने चाहिए?

ऐतिहासिक रूप से और यहां तक कि रिपोर्टों के अनुसार, उच्च तरलता वाले शेयरों की तलाश करना उचित है।

निष्कर्ष

सभी युक्तियों को ध्यान में रखना सुनिश्चित करें और यदि आप एक सफल इंट्राडे ट्रेडर बनना चाहते हैं तो इसे लागू करें।

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होती है इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करे Intraday Trading Details Hindi

Best stocks for 2022 शेयर मार्किट के अन्दर आज बहुत से इन्वेस्टर इन्वेस्ट करते है और इन्वेस्टमेंट करते समय बहुत से सवाल मन में आते है जैसे ; 2022 में शेयरों में निवेश करने की योजना? स्टॉक ट्रेंड से आगे रहना चाहते हैं? 2022 में आपको किन शेयरों में निवेश करना चाहिए? क्या स्टॉक में निवेश करने के लिए 2022 एक अच्छा साल होगा? 2022 में निवेश पर सबसे अच्छा रिटर्न कौन सा स्टॉक होगा? हम 2022 में शेयर बाजार से क्या उम्मीद कर सकते हैं? आदि

इसलिए सभी शेयर मार्किट में इन्वेस्टमेंट करने से पहले बहुत रिसर्च करते है उसके बाद इन्वेस्टमेंट करते है अब 2022 आने वाला है और सभी इन्वेस्टर इसी बात के बारे में सोच रहे की कौन से स्टॉक में पैसे लगाये कौन सा ऊपर जायेगा या फिर किस प्रकार से शेयर मार्किट से पैसा कमाया जाये तो इस आर्टिकल में हम आपको इंट्राडे ट्रेडिंग जो शेयर मार्किट से अच्छे पैसे कमाने का तरीका है उसके बारे में विस्तार से बतायेंगे |

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होती है Intraday Trading Details Hindi

What Is Intraday Trading :- इंट्राडे ट्रेडिंग का मतलब है कि आप एक ही ट्रेडिंग दिन पर स्टॉक खरीदते और बेचते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग को डे ट्रेडिंग के नाम से भी जाना जाता है। शेयर की कीमतों में पूरे दिन उतार-चढ़ाव होता रहता है और इंट्राडे ट्रेडर एक ही ट्रेडिंग दिन के दौरान शेयर खरीद और बेचकर इन मूल्य आंदोलनों से लाभ प्राप्त करने का प्रयास करते हैं

इंट्राडे ट्रेडिंग से तात्पर्य बाजार बंद होने से एक ही दिन पहले शेयरों की खरीद और बिक्री से है यदि आप ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो आपका ब्रोकर आपकी स्थिति को स्क्वायर-ऑफ कर सकता है या इसे डिलीवरी ट्रेड में बदल सकता है इस तरह का व्यापार हमेशा फायदेमंद होता है

इंट्राडे ट्रेडिंग की मूल बातें:

Basics of Intraday Trading:- Day trading से तात्पर्य एक ही दिन में शेयरों की खरीद और बिक्री से है। यह ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करके किया जाता है मान लीजिए कि कोई व्यक्ति किसी कंपनी के लिए स्टॉक खरीदता है तो उन्हें इस्तेमाल किए गए प्लेटफॉर्म के पोर्टल में विशेष रूप से ‘इंट्राडे’ का उल्लेख करना होगा। यह उपयोगकर्ता को बाजार बंद होने से पहले उसी दिन एक ही कंपनी के शेयरों की समान संख्या को खरीदने और बेचने में सक्षम बनाता है। उद्देश्य बाजार सूचकांकों की गति के माध्यम से लाभ अर्जित करना है। इसे कई लोग डे ट्रेडिंग भी कहते हैं

अगर आप लंबी अवधि के निवेशक हैं तो शेयर बाजार आपको अच्छा रिटर्न देता है। लेकिन Short Term में भी, वे आपको मुनाफा कमाने में मदद कर सकते हैं मान लीजिए कोई शेयर सुबह 500 रुपये पर ट्रेड खोलता है। जल्द ही, यह रुपये तक चढ़ जाता है। एक या दो घंटे के भीतर 550। यदि आपने सुबह 1,000 स्टॉक खरीदे और 550 रुपये में बेचे तो आपको 50,000 रुपये का अच्छा लाभ हुआ होगा – सब कुछ कुछ ही घंटों में इसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग- विशेषताएं

Intraday Trading- Features :- ऑनलाइन क्या बाजार बंद होने पर मैं स्टॉक खरीद सकता हूँ? ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर, आपको यह specify करना होगा कि कोई ऑर्डर इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए specific है या नहीं। उस स्थिति में, आप स्टॉक पर एक पोजीशन लेते हैं और उसी दिन ट्रेडिंग घंटों के भीतर इसे बंद कर देते हैं। यदि आप इसे स्वयं बंद नहीं करते क्या बाजार बंद होने पर मैं स्टॉक खरीद सकता हूँ? हैं, तो बाजार बंद होने की कीमत पर पोजीशन अपने आप चुकता हो जाती है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में आपके द्वारा खरीदे और बेचे जाने वाले शेयरों का स्वामित्व आपको नहीं मिलता है। इंट्राडे ट्रेडिंग का लक्ष्य शेयरों का मालिक होना नहीं है, बल्कि दिन के दौरान कीमतों में उतार-चढ़ाव का लाभ उठाकर मुनाफा कमाना है।

Leverage: Leverage का अर्थ है निवेश पर संभावित रिटर्न को बढ़ाने के उद्देश्य से, अपनी Purchasing Power को बढ़ाने के लिए अपने ब्रोकर से पैसे उधार लेना। ओपन पोजीशन के एक Share का भुगतान करते हुए बड़ा एक्सपोजर लेने के लिए आप इंट्राडे ट्रेडिंग में लीवरेज का लाभ उठा सकते हैं। लीवरेजिंग से जुड़े नियम और शर्तें हैं जिनका लाभ उठाने के लिए आपको अपने ब्रोकर से परिचित होना चाहिए।

Leverage :- Leverage का अर्थ है निवेश पर संभावित रिटर्न को बढ़ाने के उद्देश्य से, अपनी Purchasing Power को बढ़ाने के क्या बाजार बंद होने पर मैं स्टॉक खरीद सकता हूँ? लिए अपने ब्रोकर से पैसे उधार लेना। ओपन पोजीशन के एक Share का भुगतान करते हुए बड़ा एक्सपोजर लेने के लिए आप इंट्राडे ट्रेडिंग में लीवरेज का लाभ उठा सकते हैं। लीवरेजिंग से जुड़े नियम और शर्तें हैं जिनका लाभ उठाने के लिए आपको अपने ब्रोकर से परिचित होना चाहिए।

• ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर, आपको यह निर्दिष्ट करना होगा कि कोई ऑर्डर इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए specify है या नहीं।
• आप स्टॉक पर एक पोजीशन लेते हैं और उसी दिन ट्रेडिंग घंटों के भीतर इसे बंद कर देते हैं।
• यदि आप इसे स्वयं बंद नहीं करते हैं, तो बाजार बंद होने वाले मूल्य पर पोजीशन स्वतः चुकता हो जाती है।
• इंट्राडे ट्रेडिंग का लक्ष्य शेयरों का मालिक होना नहीं है, बल्कि दिन के दौरान कीमतों में उतार-चढ़ाव का लाभ उठाकर मुनाफा कमाना है।

इंट्राडे ट्रेडिंग VS डिलीवरी ट्रेडिंग Intraday Trading Details Hindi

इंट्राडे ट्रेडिंग के विपरीत, यदि आप एक शेयर खरीदते हैं, लेकिन उसी ट्रेडिंग दिन पर उसे नहीं बेचते हैं, तो इसे डिलीवरी ट्रेडिंग कहा जाता है। डिलीवरी ट्रेडिंग में, आपके द्वारा खरीदे गए स्टॉक को आपके डीमैट खाते में क्रेडिट कर दिया जाता है। आप इसे बेचने से पहले जितनी देर चाहें, दिनों, महीनों या सालों तक अपने पास रखते हैं।

आपके पास इन शेयरों का स्वामित्व बना रहेगा। डिलीवरी ट्रेडिंग में, निवेशक दिन के भीतर कीमतों में उतार-चढ़ाव के बजाय मुनाफा बुक करने के लिए शेयरों के long-term price movement पर विचार करते हैं।

Intrading trading rules क्या है

Share trading का टाइम 9:15 am से 3:30 pm तक होता है. आपके द्वारा ख़रीदे हुए शेयर आपको उस दिन 3:30 pm तक बेचने होते है.
अगर आप उन को किसी वजह से न बेच पाए तो वो delivery product बन जाते है.
मतलब की आपको उन शेयर के पैसे देकर अपने demat account में रखने होते है.
आप अगले 2-3 दिन बाद उन शेयर को दुबारा बेच सकते है.

इंट्राडे ट्रेडिंग अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: Intraday Trading Details Hindi

Q.1 डे ट्रेडिंग और इंट्राडे ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

Ans. डे ट्रेडिंग और इंट्राडे ट्रेडिंग अलग-अलग शब्द हैं लेकिन इनका एक ही अर्थ है। स्टॉक एक्सचेंज में एक ही दिन में शेयरों की खरीद-बिक्री इंट्राडे ट्रेडिंग कहलाती है। जैसा कि खरीद और बिक्री एक ही दिन होती है, इसे डे ट्रेडिंग के रूप में भी जाना जाता है।
शेयर की कीमतें एक दिन में ऊपर और नीचे चलती रहती हैं, व्यापारी शेयर की कीमत की गति से लाभ कमाता है। शेयर डीमैट खाते में जमा नहीं होते हैं।

Q.2 इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें?

Ans. एक ट्रेडर को ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में इंट्राडे ट्रेडिंग विकल्प का चयन करना होगा। यह एक विकल्प के रूप में डिफ़ॉल्ट रूप से उपलब्ध नहीं है, लेकिन एक आवेदन पत्र भरकर इसे शुरू करने की आवश्यकता है। इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए ब्रोकरेज शुल्क डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग से अलग होते हैं। Intraday Trading Details Hindi
इंट्राडे ट्रेडिंग के मामले में, यदि कोई ट्रेडर स्टॉक मार्केट में पोजीशन लेता है, तो उसे उसी कार्य दिवस के ट्रेडिंग घंटों के भीतर डील को बंद करना होगा। यदि ट्रेडर द्वारा पोजीशन को बंद नहीं किया जाता है, तो स्टॉक अपने आप क्लोजिंग प्राइस पर चुकता हो जाएगा।

Q.3 इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे काम करती है?

Ans. इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए, ट्रेडर को संबंधित डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) या स्टॉकब्रोकर के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में इंट्राडे ट्रेडिंग विकल्प का चयन करना चाहिए। इंट्राडे ट्रेडिंग में, ट्रेडर शेयर बाजार में एक पोजीशन लेता है और एक बार विशिष्ट शेयर की कीमत के अनुकूल होने के बाद, वह सौदे को बंद कर देगा। यदि दिन के दौरान ली गई पोजीशन को ट्रेडर द्वारा बंद नहीं किया जाता है, तो यह स्वचालित रूप से क्लोजिंग मार्केट रेट पर रिवर्स पोजीशन लेती है। दिन के अंत में ट्रेडर के पास शेयर नहीं होते हैं क्योंकि ट्रेडर का इरादा कीमत के उतार-चढ़ाव के आधार पर प्रॉफिट बुक करना होता है।

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