म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा?

म्यूच्यूअल फंड क्या है? Mutual Fund Kya Hai In Hindi | Mutual Fund Me Invest Kaise Kare?
Mutual Fund In Hindi :- क्या आपने Mutual Fund का नाम सुना है? क्या आप जानते है की Mutual Fund Kya Hai ये कैसे काम करते है? Mutual Fund में निवेश कैसे म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा? करें? अगर नहीं तो आज में आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देने की कोशिश करूँगा.
दोस्तों जब भी कहीं पर कोई व्यक्ति Mutual Fund में निवेश की बात करता है तो सबसे पहले उनके मन में एक ही सवाल आता है की क्या इसमें पैसा लगाना Safe है? इसमें कितना Return मिलेगा? आदि ऐसे बहुत से सवाल है जिससे वो डर जाते हैं.
इसलिए दोस्तों आज के इस Article के माध्यम से मैं आपको Mutual Fund Kya Hai? Mutual Fund Me Invest Kaise Kare? के बारे पूरी जानकारी देने वाला हूँ. साथ ही आपके मन में Mutual Funds को लेकर जितने भी सवाल या गलतफहमी होगी उसे भी दूर करने की कोशिश करेंगे.
यदि आप सोच रहे हैं की मेरे पास तो पैसे ही नहीं है तो हम Mutual Fund में कैसे निवेश करें? तो आप गलत सोच रहे हैं , क्योंकि Mutual Fund में पैसे निवेश करने के लिए आपके पास हजारों रुपया होना जरुरी नहीं है बल्कि आप यदि महीने का 500 रुपया भी बचा पा रहें हैं तो उसे भी Mutual Fund में निवेश कर सकते हैं.
कई लोग Share Bajar और Mutual Fund को एक ही मान लेते हैं , पर ये सही नहीं है क्योंकि Mutual Fund or Share Market दोनों एक ही बाजार के दो हिस्से जरुर हैं लेकिन इनमें बहुत अंतर है जिससे बारे में हम आगे बात करेंगे.
- यदि आप नहीं जानते हैं की Share Bazar (शेयर बाजार) क्या है? और इसमें निवेश कैसे करें?तो आप यह लेख पढ़ सकते हैं जिसमें आपको Share Market के बारे में पूरी Detail में जानकारी मिल जाएगी.
तो चलिए दोस्तों जानते हैं की म्यूच्यूअल फंड क्या है - What Is Mutual Fund In Hindi? Mutual Me Invest Kaise Kare?
म्यूच्यूअल फंड क्या है- Mutual Fund Kya Hai In Hindi
म्यूच्यूअल फण्ड निवेश करने का ऐसा तरीका है जहाँ पर बहुत सारे निवेशक का पैसा एक फण्ड के पास जमा किया जाता है और उस जमा पैसा को fund manager द्वारा manage किया जाता है और fund manager अपनी skills का उपयोग करके उस fund में जमा पैसो से financial assets , Share को खरीदने में या वित्तीय साधनो में निवेश करता है.
Mutual Fund के जरिये पैसा निवेश करने का सबसे बड़ा फायदा ये हो जाता है की जिन्हें बाजार के बारे में अधिक जानकारी नहीं होते हैं वो भी बाजार के Growth का फायदा बड़ी ही आसानी से उठा सकता है.
Mutual Fund In Hindi :- Mutual Fund में जब भी कोई निवेशक पैसा लगाता है तब उस पैसे को कब , कहाँ और कैसे निवेश करना है यह सभी चीजें विशेषज्ञों या Mutual Fund कंपनी के पास होती है.
Mutual Funds में कई प्रकार से निवेश किया जाता है और invest में होने वाले risk , profit & loss और returns भी इसी पर depend करता है. आज के समय में कोई भी व्यक्ति छोटी सी राशि से mutual fund मैं निवेश करना शुरू कर सकता है। mutual fund मैं minimum 500 रुपये से निवेश कर सकता है.
Mutual Funds SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) के अंतर्गत पंजीकृत हैं जो कि भारत में बाजार को नियंत्रित करता है. निवेशकों के पैसो को बाजार में सुरक्षित रखने का काम SEBI के द्वारा किया जाता है. SEBI द्वारा सुनिश्चित किया जाता है की कहीं कोई कंपनी लोगों के साथ धोखा तो नहीं कर रही है.
Mutual Fund कैसे काम करती है?
जब बहुत से निवेशक मिल कर एक फण्ड में निवेश करते हैं तो उस fund को बराबर हिस्सों में बाँट दिया जाता है जिसे इकाई या Unit कहते हैं. जब भी कोई व्यक्ति Mutual Fund में निवेश करते हैं तो उसे Units के Price पर ही निवेश करना होता है.
जैसे एक Unit का NAV या कहे तो Price 30 रु.है और आप उसमें 600 रु. निवेश करते हैं तो आपको 20 Units मिलेंगे.
इसके बाद जैसे - जैसे Units के price में वृद्धि होगी तो आपके निवेश की गयी रकम में भी वृद्धि होगी . जैसे - मान लेते हैं की एक Unit का Price 30 से बढ़कर 35 रु. हो गया तो आपको जो 20 Units मिले थे उसका Total भी 20x35 = 700 हो जायेगा.
Mutual Fund के प्रकार - Types Of Mutual Funds
- Open Ended Mutual Fund
- Closed Ended Mutual Fund
1. Open Ended Mutual Fund
ओपन एंडेड फंड्स = इस योजना में निवेशकों को किसी भी समय पर Funds को बेचने या खरीदने की अनुमति प्रदान की जाती है. इसमें funds खरीदने या बेचने की कोई निश्चित तिथि या अवधी नहीं होती.
ये fund निवेशकों को तरलता प्रदान करते है इसलिए निवेशकों द्वारा काफी पसंद किये जाते है.
** Open Ended Mutual Fund के प्रकार
वैसे तो Open Ended Funds के बहुत सारे प्रकार होते हैं, लेकिन मैंने मुख्य चार प्रकारों को ही आपके सामने रखा है.
- Debt Fund
- Liquid Fund
- Equity Fund
- Balanced Fund
Debt Fund: यह फंड बहुत ही सुरक्षित होते हैं, Debt Fund मैं निवेशकों को बहुत ही कम जोखिम उठाना पड़ता है, क्योंकि यहां निवेशक Debunters Government Bond, आदि में निवेश करते हैं.
Liquid Fund: यह फंड भी सुरक्षित ही होते हैं, यदि आप कम समय के लिए Mutual Funds मैं निवेश करना चाहते हैं, तो आपके लिए यह विकल्प अच्छा हो सकता है.
Equity Fund: यदि आप Long Terms निवेश के बारे में सोच रहे हैं, तो आपके लिए Equity Fund एक अच्छा विकल्प है। पर यह याद रखें Equity Fund को शेयर मार्केट में निवेश किया जाता है, इसलिए इसमें जोखिम भी अधिक होता है, पर अगर आपको लाभ मिलता है तो या सारे लाभ से अधिक होता है.
Balanced Fund: यह फंड Equity Fund और Debt Fund का मिश्रित लाभ देता है, होता यूं है कि Balanced Fund को Equity Fund और Debt Fund दोनों में निवेश किया जाता है.
2. Closed Ended Mutual Fund
इस प्रकार की योजना में एक निर्धारित परिपक्वता अवधि होती है और निवेशक funds केवल fund अवधि के दौरान खरीद सकते हैं. और इस तरह के फण्ड शेयर मार्किट में भी शामिल किये जाते है. इसके बाद इनको trading के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है .
** Closed Ended Mutual Fund के प्रकार -
- Capital Protection Fund
- Fixed Maturity Plan
Capital Protection Fund : इस फंड का इस्तेमाल Invest किए हुए पैसे को Safe रखने के लिए किया जाता है. इस फंड में केवल Fixe Time Period तक ही इन्वेस्ट किया जाता है, इस फंड का ज्यादा हिस्सा का निवेश Fixed Encome Security में किया जाता है, और थोड़ा हिस्सा Equity Fund में किया जाता है.
Fixed Maturity Plan : यह प्लान Fixed Deposit का ही दूसरा विकल्प होता है, इसमें निश्चित अवधि के लिए निवेश किया जाता है. आप इसमें निवेश कर सकते हैं, इसमें जोखिम बहुत ही कम होता है, इसमें Maturity की अवधि 1 महीने से लेकर 5 साल तक का होता है, पर ज्यादातर लोगों में 3 साल की अवधि का Maturity ज्यादा पसंद किया जाता है.
Mutual Fund में निवेश कैसे करें? Mutual Fund Me Invest Kaise Kare?
How To Invest In Mutual Fund In Hindi
Mutual Fund में निवेश करने के बहुत सारे तरीके हैं , लेकिन सबसे आसान तरीका है एंड्राइड एप्प के मदद से Mutual Fund में निवेश करना. वैसे तो Market में आपको कई सारे A ndroid App मिल जायेंगे जिनका इस्तमाल कर आप आसानी से Mutual Fund में invest कर सकते हैं. उनमें म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा? कुछ ख़ास हैं जैसे की Groww, MyCams, InvesTap, KTrack Mobile App, IPRUTouch App इत्यादि.
मेरी सलाह यही रहेगी की आप Mutual Fund खरीदने के लिए Groww App का इस्तेमाल करें , क्योंकि इसे मैं खुद भी इस्तेमाल कर रहा हूँ इसके फीचर बहुत ही अच्छे हैं इसके साथ ही आप Gorww के मदद से Stocks भी खरीद सकते हैं.
LIC म्यूचुअल फंड लॉन्च करने जा रहा बैलेंस्ड एडवांटेज फंड, 20 अक्टूबर से शुरू होगी निवेश की प्रक्रिया
एलआईसी म्यूचुअल फंड एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड (LIC Mutual Fund Asset Management Ltd) लॉन्च करने जा रहा है एक बैलेंस्ड एडवांटेज फंड (Balanced Advantage Fund)। यह एक एक ओपन-एंडेड डायनेमिक एसेट एलोकेशन फंड होगा जो वैल्यूएशन और कमाई जैसे मापदंडों का उपयोग करके इक्विटी, डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करेगा। नया फंड ऑफर (NFO) सब्सक्रिप्शन के लिए 20 अक्टूबर को खुलेगा और 3 नवंबर को बंद होगा।
एलआईसी, एमएफ, बीएएफ के फंड मैनेजर इक्विटी हिस्से के लिए योगेश पाटिल और डेट हिस्से के लिए राहुल सिंह होंगे। एलआईसी एमएफ बीएएफ को एक कस्टमाइज्ड इंडेक्स, एलआईसी एमएफ हाइब्रिड कम्पोजिट 50:50 इंडेक्स के खिलाफ बेंचमार्क किया गया है। इंडेक्स में 50 फीसदी निफ्टी 50 टीआरआई और 50 फीसदी निफ्टी 10-वर्षीय बेंचमार्क जी-सेक होगा।
निवेशकों को इक्विटी टैक्सेशन बेनिफिट्स का फायदा उठाने में सक्षम बनाने के लिए फंड का लक्ष्य सकल इक्विटी आवंटन 65 फीसदी या उससे अधिक रखना होगा। पिछले कुछ वर्षों में बैलेंस्ड एडवांटेज फंडों की लोकप्रियता में तेज उछाल आया है।
इसका कारण यह है कि एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMCs) अपने प्रभावी इक्विटी एक्सपोजर को 65 फीसदी से कम करने के लिए डेरिवेटिव का उपयोग करती हैं, जबकि सकल एक्सपोजर को 65 फीसदी या उससे अधिक पर बनाए रखती हैं।
यह कम जोखिम वाले स्तर पर इक्विटी जैसा टैक्सेशन सुनिश्चित करता है। अगर एक इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड को एक वर्ष के बाद भुनाया जाता है तो म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा? निवेशकों पर 1 लाख रुपये से अधिक के कैपिटल गेन पर 10 फीसदी टैक्स लगाया जाता है।
एक वर्ष से पहले रिडेमप्शन पर 1 फीसदी एक्जिट लोड होगा, जो आवंटित इकाइयों के केवल 12 फीसदी से अधिक का शुल्क लिया जाएगा। आवंटन की तारीख से 12 महीने पूरे होने के बाद कोई एक्जिट लोड नहीं होगा।
एलआईसी म्यूचुअल फंड के सीईओ दिनेश पंगटे ने बताया, बॉन्ड प्रतिफल, एक तरह से, इक्विटी में निवेश की अवसर लागत और जोखिम उठाने की क्षमता का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम एलआईसी एमएफ में एलआईसी एमएफ बीएएफ में इक्विटी और डेट के बीच इस विपरीत संबंध का उपयोग इक्विटी से डेट में स्विच करने के लिए करेंगे और इसके विपरीत, एक फंडामेंटल संचालित गणितीय मॉडल पर आधारित होगा।
म्युचुअल फंड क्या है और इसमें इन्वेस्ट कैसे करें?
सामान्य तौर पर पर म्यूचुअल फंड को लेकर लोगों की अपनी में तरह-तरह की मान्यताएं हैं और लगभग कुछ प्रतिशत जनता तो Mutual fund में इन्वेस्ट करने को पूर्ण रूप से जोखिम मानती है। यह सब म्यूचुअल फंड से संबंधित सही जानकारी न मिलने के कारण होता है। म्यूचुअल फंड का सही अर्थ (Meaning of Mutual fund) एक से अधिक निवेशकों के पैसों से बना फंड है अर्थात एक ऐसा फंड जहां विभिन्न इन्वेस्टर्स के पैसों को एक ही जगह इकट्ठा कर इस फंड का बनाया जाता है। सामान्य तौर पर ऐसा माना जाता है कि म्यूचुअल फंड में निवेश हेतु ज्यादा पैसों की मांग होती है परंतु इस बात में कोई भी सच्चाई नहीं है तथा म्यूचुअल फंड में निवेश सिर्फ 500 रूपए की राशि से संभव है। म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने पर जोखिम भार में अन्य निवेशों की तुलना में कमी आती है यहां पर इन्वेस्टर्स का पैसा सिर्फ एक विभाग जैसे शेयर बाजार में नहीं लगता बल्कि अन्य और विभाग जैसे सोना, चंडी, स्टाक, बांड्स आदि पर भी लगाया जाता है।
सही म्युचुअल फंड का चुनाव कैसे करें?
भारत की अधिकतम जनसंख्या म्यूचुअल फंड में निवेश करने से कतराती है परंतु म्यूचुअल फंड में निवेश करना उतना जोखिम भरा नहीं है जितना कि जनता के मन में भय है। म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले यह जानना अति आवश्यक हो जाता है कि सही म्यूच्यूअल फंड कौन सा है और यह कैसे आपके लिए सुरक्षित और लाभदायक होगा। आइए हम आपको बताते हैं कि कैसे शुरुआती दौर में सही म्यूच्यूअल फंड का चुनाव कैसे करें-:
आम जनता जब किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने जाती है तो उसका यह कर्तव्य है कि वह एक उद्देश्य बना ले क्योंकि साल भर की जमा पूंजी को यूं ही गलत निवेश में लगा देने से भारी जोखिम की संभावना उत्पन्न हो सकती है। यहां उद्देश्य से हमारा मतलब दुर्घटना में स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए, घर बनाने के लिए बच्चों की शिक्षा तथा भविष्य की सुरक्षा आदि उद्देश्यों से है। उद्देश्य बनाने से सही म्यूच्यूअल फंड का चुनाव करना आसान हो जाता है।
निवेश काल की अवधि का आकलन करने से हमारा अर्थ आपके इन्वेस्ट करने से लेकर तथा उसकी अवधि के समाप्त होने तक है। यदि म्यूचुअल फंड में निवेश की अवधि कम है तो ऋण निधि का चुनाव करना बेहतर होगा और यदि इन्वेस्ट करने की अवधि अधिक है तो इक्विटी फंड का चुनाव सही रहेगा।
किसी भी म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने से पहले उसमें आपके निवेश पर मिलने वाले रिटर्न तथा जोखिम का आकलन करना जरूरी है इससे आपकी राशि की सुरक्षा का भी ज्ञान होता है।
किसी म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट से करने से पहले उस शाखा के फंड रिकॉर्ड, रिटर्न पॉलिसी, कस्टमर सर्विस, जोखिम सुरक्षा तथा अन्य संबंधित तथ्यों को जांच लें तथा शाखा की अथॉरिटी को भी जांचें।
म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कैसे करें?
म्यूचुअल फंड में आज हर कोई इंवेस्ट करना चाहता है परंतु वह इसके जोखिम और निवेश प्रक्रियाओं से गुजरने में कतराता है। म्यूच्यूअल फंड तथा अन्य निवेशकों को लेकर लोगों के मध्य अपनी धारणाएं हैं परंतु म्यूच्यूअल फंड कई हद तक अन्य निवेशकों की तुलना में सुरक्षित है। म्यूचुअल फंड में आप किस प्रकार इंवेस्ट कर सकते हैं इसकी जानकारी हम आपको नीचे दे रहे हैं-:
- सबसे पहले आप म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करने से पहले बाजार में उपलब्ध अधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और उस म्युचुअल फंड से संबंधित सभी जानकारी को जांच लें।
- म्यूच्यूअल फंड वेबसाइट का चुनाव करने के बाद आप स्वयं इसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं और यदि आप म्यूचुअल फंड में सीधे तौर पर स्वयं इन्वेस्ट करते हैं तथा इन्वेस्ट संबंधी सभी प्रक्रियाओं को खुद ही पूरा करते हैं तो आप म्यूच्यूअल फंड के डायरेक्ट प्लान में प्रवेश करेंगे अथवा इसका मतलब यह हुआ कि आपने म्यूच्यूअल फंड म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा? की शाखा ढूंढने से लेकर निवेश की सभी प्रक्रियाओं को स्वयं ही पूर्ण किया है।
- म्यूचुअल फंड में आप दो प्रकार से इन्वेस्ट कर सकते हैं पहला यह कि जो आपने म्यूच्यूअल फंड चुना है आप उसकी अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर सभी जानकारी और दस्तावेज अपलोड कर इन्वेस्ट कर सकते हैं तथा दूसरा तरीका यह है कि उस म्यूच्यूअल फंड की निजी शाखा में जाकर आप अपने दस्तावेज तथा महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ इन्वेस्ट कर सकते हैं।
- यदि आप म्यूचुअल फंड में खुद से इन्वेस्ट नहीं करना चाहते हैं तो आप बाजार में उपस्थित अन्य थर्ड पार्टी की सहायता से इन्वेस्ट कर सकते हैं यह पार्टी आपको म्यूच्यूअल फंड की जानकारी से लेकर इन्वेस्ट करने तक साथ देती है परंतु इसमें अपना यह कमीशन भी लेती है। यदि आप थर्ड पार्टी या कंपनी की सहायता लेकर इन्वेस्ट करते हैं तो आप रेगुलर प्लान के अंतर्गत आते हैं।
- थर्ड पार्टी की सहायता लेकर इन्वेस्ट करने से आपको कई दिक्कतों हो जैसे कमीशन राशि तथा अवैध कंपनी का आप शिकार हो सकते हैं। इसीलिए थर्ड पार्टी का सहारा लेने से पहले आप उस कंपनी की अथॉरिटी को जांच लें तथा थर्ड पार्टी द्वारा बताए गए म्यूच्यूअल फंड को भी जांच लें क्योंकि एक बार निवेश होने के पश्चात थर्ड पार्टी आप से मुंह मोड़ लेती है।
- अतः अपनी तथा अपने निवेश राशि की सुरक्षा को जांच कर ही म्यूच्यूअल फंड का चुनाव करें तथा सुरक्षित निवेश करें।
इस आर्टिकल में हमने आपको म्यूचुअल फंड क्या है तथा शुरुआती इन्वेस्टर्स के लिए सही म्यूच्यूअल फंड का चुनाव कैसे करें एवं म्यूचुअल फंड में सुरक्षित निवेश कैसे करें इस बात की जानकारी दी। इस जानकारी को आप अन्य लोगों के साथ साझा करें ताकि म्यूच्यूअल फंड से संबंधित गलत धारणाएं खत्म हो एवं जो लोग म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट करने के इच्छुक है वह बिना किसी म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा? भय के अच्छे म्यूचुअल फंड में निवेश कर सके तथा लाभ कमा सके।
म्यूच्यूअल फंड स्कीम में इन्वेस्ट करने से पहले समझ लें म्यूच्यूअल फण्ड से जुड़े सभी रिस्क
दोस्तों हम बचपन से ही अपने पेरेंट्स को फिक्स्ड डिपाजिट में निवेश करते हुए देखते आ रहे है। लेकिन आज के समय में फिक्स्ड डिपाजिट में गिरते इंटरेस्ट रेट की वजह से इसने क्रेज इतना ज्यादा नहीं रहा। आज के समय में निवेश के इंस्ट्रूमेंट में म्यूच्यूअल फण्ड काफी फेमस है। आपने ये तो ज़रूर सुना होगा की : ‘म्यूच्यूअल फंड्स, मार्केट रिस्क्स के अधीन होते हैं,’ लेकिन क्या आप इन मार्केट रिस्क्स से वाकिफ हैं जो आपके इन्वेस्टमेंट्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं? परिणामस्वरूप आपके फाइनैंशल लक्ष्यों को भी? क्या आपको पता है कि किस कैटिगरी का म्यूच्यूअल फंड, आपकी रिस्क प्रोफाइल के लिए सबसे सूटेबल है?
किसी भी निवेश में दो चीजें सबसे ज्यादा मायने रखती हैं – रिस्क और रिटर्न। कहा जाता है कि जितना निवेश में रिस्क होगा उतना ही रिटर्न मिलेगा। हालांकि ऐसा जरूरी नहीं है कि हाई रिस्क प्रोडक्ट में निवेश किया है तो आपको गारंटीड ज्यादा रिटर्न मिलेगा। कभी-कभी हाई रिस्क निवेश में आपको हाई लॉस भी हो सकता है।
आज हम बात जानेगे म्यूच्यूअल फंड से जुड़े म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा? हुए रिस्क के बारे में। तो चलिए शुरू करते है।
दोस्तों म्यूचुअल फंड में निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है। अपनी उम्र, आर्थिक स्थिति और भविष्य मे कितनी ग्रोथ चाहते हैं ये सब ध्यान में रखकर ही अपनी रिस्क उठाने की क्षमता तय करें। ज्यादा रिस्क झेलने वाले व्यक्ति इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं वहीं जो लोग ज्यादा रिस्क नहीं चाहते वह बैलेंस्ड फंड जिसमे डेट और इक्विटी दोनों शामिल होते हैं उसमें निवेश करते हैं।
हर म्यूच्यूअल फंड कैटिगरी में अलग-अलग तरह का रिस्क होता है। उदाहरण के लिए, डेट फंड्स से जुड़े रिस्क, इक्विटी फंड्स से जुड़े रिस्क से अलग होते हैं। इसके अलावा एक ही म्यूच्यूअल फंड कैटिगरी में अलग-अलग प्रकार की स्कीम्स में अलग-अलग प्रकार के रिस्क हो सकते हैं।
म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने से पहले आपको इसमें जुड़े रिस्क के बारे में पता होना चहिये। सबसे पहले आता है –
मार्किट रिस्क – मार्केट रिस्क उस रिस्क को कहते हैं जो किसी इन्वेस्टर को होता है मार्केट की खराब परफॉर्मेंस की वजह से। बहुत सारे फैक्टर होते हैं जो मार्केट की परफॉर्मेंस को अफेक्ट करते हैं। उदाहरण के लिए इन्फ्लेशन, नेचुरल डिजास्टर, रिसेशन, पोलिटिकल अनरेस्ट, फ्लकचुएशन ऑफ इंटरेस्ट रेट्स इत्यादि। मार्केट रिस्क को सिस्टमैटिक रिस्क भी कहते हैं। अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करके भी इस रिस्क से नहीं बचा जा सकता। मार्केट रिस्क के समय इन्वेस्टर सिर्फ और सिर्फ हालात के सही होने का इंतजार कर सकता है।
कंसंट्रेशन रिस्क
कंसंट्रेशन का मतलब होता है किसी एक चीज पर फोकस करना। इन्वेस्टमेंट करते समय पर अपना सारा म्यूच्यूअल फंड क्या करेगा? पैसा किसी एक स्कीम पर कंसंट्रेट कर देना कभी भी एक अच्छा ऑप्शन नहीं होता। ऐसा करने से अगर आप किस्मत वाले हुए तो आपको प्रॉफिट बहुत ज्यादा हो सकता है लेकिन लॉसेस होने के भी इतने ही ज्यादा चांसेस होते हैं। कंसंट्रेशन रिस्क को कम करने के लिए आप अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई कर सकते हैं। एक ही सेक्टर में कंसंट्रेटिंग और इन्वेस्टिंग में बहुत रिस्की होता है। आप अपने पोर्टफोलियो को जितना डायवर्स करेंगे आपका उतना ही रिस्क कम होगा।
इंटरेस्ट रेट रिस्क
इंटरेस्ट रेट रिस्क जुड़ा होता है इंटरेस्ट रेट चेंज से। इंटरेस्ट रेट चेंज डिपेंड करते हैं कि मार्केट में कितना क्रेडिट अवेलेबल है और कितनी डिमांड है। यह दोनों एक दूसरे से जुड़े होते है। अगर आपके इन्वेस्टमेंट पीरियड के दौरान इंटरेस्ट रेट बढ़ता है तो इससे आपकी सिक्योरिटीज के प्राइस में रिडक्शन होगी। उदाहरण के लिए एक व्यक्ति तय करता है कि वह अपने ₹100 रूपये 5 परसेंट के इंटरेस्ट रेट के हिसाब से कुछ सालों के लिए इन्वेस्ट करेगा। अगर किसी कारणवश इंटरेस्ट रेट चेंज होता है और 5 परसेंट की बजाय 6 परसेंट हो जाता है तो उसके निवेश किये गए ₹100 तो उसे तुरंत वापस नहीं मिलेंगे क्योंकि उसका जो रेट है वह फिक्स है। यहां पर सिर्फ एक ही ऑप्शन है उसके पास और वह है उसकी बांड की मार्केट वैल्यू को बेचने का। वही अगर इंटरेस्ट रेट कम होकर 4 परसेंट हो जाता है तो आप अपने ज्यादा इंटरेस्ट रेट वाली इन्वेस्टमेंट को ज्यादा प्राइस पर बेच सकते है।
क्रेडिट रिस्क
क्रेडिट रिस्क वह रिस्क होता है जब किसी स्कीम का इस्सुएर उस स्कीम में प्रॉमिस किए गए इंटरेस्ट को पे ना कर पाए। दोस्तों जनरली एजेंसीज जो इन्वेस्टमेंट्स को हैंडल करती हैं उनका एक रेटिंग क्राइटेरिया होता है। तो जब भी कोई इन्वेस्टर निवेश करें तो वह रेटिंग जरूर चेक करें और हाई रेटिंग वाली फर्म्स के साथ ही निवेश करें। किसी भी डेट फंड में इन्वेस्ट करने से पहले आपको क्रेडिट रेटिंग जरूर देखना चाहिए। एएए सबसे हाई रेटिंग होती है और c सबसे लो क्रेडिट होती है। जब भी आप निवेश करें क्रेडिट रेटिंग को ध्यान में रखकर निवेश करें।
लिक्विडिटी रिस्क
लिक्विडिटी रिस्क का मतलब है इन्वेस्टर अपनी एसेट्स को डिजायर्ड प्राइस पर लिक्विडेट ना कर पाए। दोस्तों लिक्विडिटी रिस्क होता है डिमांड और सप्लाई की कंडीशन की वजह से , इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी की वजह से , क्रेडिट रेटिंग चेंज होने की वजह से। लिक्विडिटी रिस्क को काम करने का सबसे अच्छा तरीका है की आप अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करे और अपने निवेश करने के लिए फण्ड को बहुत ही ध्यान से चुने।
दोस्तों स्मॉल-कैप इक्विटी फंड्स में, लॉन्ग-टर्म इक्विटी फंड से ज्यादा मार्केट रिस्क होता है। इंटरेस्ट रेट रिस्क, क्रेडिट रिस्क, लिक्विडिटी रिस्क, मुद्रास्फीति रिस्क, कीमत उतार-चढ़ाव रिस्क, एकाग्रता रिस्क, इत्यादि म्यूच्यूअल फंड्स इन्वेस्टमेंट से जुड़े कुछ आम रिस्क हैं।आप रिस्क को ख़त्म नहीं कर सकते, लेकिन सही स्ट्रैटिजी अपनाने और म्यूच्यूअल फंड्स का स्मार्ट चुनाव करने पर, रिस्क को काफी हद तक कम करने में मदद मिल सकती है।
तो दोस्तों ये हमने आज आपको बताया म्यूच्यूअल फण्ड से जुड़े हुए रिस्क के बारे में। दोस्तों उम्मीद करते है की आपको हमारी आज का आर्टिकल अच्छा लगा होगा। तो इसे अपने दोस्तों के साथ ज़रूर शेयर कीजिये। धन्यवाद्।
Mutual Fund Hindi: म्यूच्यूअल फंड के फायदे और नुकसान?
आज हम बात करेंगे कि Mutual Fund क्या है? टीवी पर आपने कई सारे विज्ञापन देखे होंगे कि म्यूच्यूअल फंड सही है लेकिन मन में डर फिर भी रहता है अगर बात पैसों को लेकर आती है तो। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लोगों को म्यूच्यूअल फंड के बारे में जानकारी ही नहीं है।
और सबसे बड़ा डर म्यूच्यूअल फंड को लेकर लोगों के मन में यही होता है अगर मेरा पैसा डूब गया तो। तो सारा कुछ जानेंगे (mutual fund hindi) बिल्कुल सरल भाषा में। ताकि म्यूच्यूअल फंड को लेकर आपके सभी सवालों का जवाब आपको मिल सके।
Table of Contents
Mutual Fund क्या है? Mutual fund hindi
म्यूचुअल फंड एक खास तरह का निवेश है जिसके जरिए आप सारी अलग-अलग तरह की इन्वेस्टमेंट साथ में कर सकते हो डायवर्सिफाइड इन्वेस्टमेंट कर सकते हो एक जगह इन्वेस्टमेंट करके asset management company (AMC) वह कंपनी होती है जो म्यूच्यूअल फंड खोलती है।
आमतौर पर क्या होता है कि आप अपना पैसा ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी को देते हो और आप जैसे बहुत सारे लोग अपना पैसा AMC को देते हैं। तो वह सारा जमा हुआ पैसा वो कंपनी अलग-अलग जगह इन्वेस्ट कर देती है। और यह सब होता है एक एक्सपर्ट के द्वारा जिसको मार्केट की बहुत अच्छी समझ होती है।
और उन सारी अलग-अलग इन्वेस्टमेंट से जो रिटर्न मिलता है उसका कुछ परसेंट ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी रख लेती है और बाकी का ऐसा आप लोगों को वापस मिल जाता है उस रिटर्न रेट के हिसाब से।
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Mutual Fund काम कैसे करता है?
तो म्यूच्यूअल फंड ये काम करता है कि थोड़े से पैसे में आपको ज्यादा से ज्यादा कंपनी में निवेश करने का मौके देता है। जो कि आप अगर सीधे इन्वेस्ट करना चाहेंगे तो नहीं कर पाएंगे। यह सब म्युचुअल फंड करता है एक Fund Management Company के द्वारा जिसे हम AMC कहते हैं।
उदाहरण – अगर आपको ₹10,000 लगाने हैं और आप किसी सलाहकार के जरिए invest करना चाह रहे हैं। तो यदि सलाहकार ने आपको बोल दिया कि आप MRF का शेयर खरीद लो। तो आपके लिए MRF का शेयर खरीद पाना नामुमकिन हो जाएगा क्योंकि इसके एक शेयर का दाम ही ₹80,000 से ऊपर है तो आप इसे नहीं खरीद पाएंगे।
तो यह एक समस्या है सलाहकार के जरिए पैसा लगाने में लेकिन एक म्यूच्यूअल फंड क्या करता है? Mutual fund आपसे ₹500 लेगा, किसी और से भी ₹500 लेगा और ऐसे करते-करते 200 लोगों से पैसे जमा करेगा। उसके पास मान लो ₹100,000 आ गए और अब उसने 2 शेयर खरीद लिए Page industry के।
तो अगर आप अकेले चाहें ₹500 का share खरीदने की । तो आप page industry ( share price – ₹48,000) का शेयर नहीं खरीद सकते। लेकिन अगर आपके जैसे 200 लोग हो गए तो सबने मिलकर के 2 शेयर page industry के खरीद लिए और अब लोग 200 है। लेकिन शेयर सिर्फ 2 है।
तो वह सब मे बटेंगे कैसे? तो इसके बदले म्यूच्यूअल फंड तो शेयर खरीदना है और आपको वह म्युचुअल फंड की यूनिट देता है यानी कि मान लीजिए ₹50 – ₹50 हज़ार के 2 शेयर खरीदे गए। तो ₹1 लाख टोटल इन्वेस्ट हो गए। अब 200 लोगों ने वह पैसा लगाया था।
तो आपको वह म्युचुअल फंड ₹500 – ₹500 का एक यूनिट दे देगा। ताकि आप सब लोग समूह में मिलकर के उन 2 शेर के co-holder बन गए।
AMC क्या करती है?
AMC एक फंड को लॉन्च करती है। फिर लोगों से पैसा मंगाती है कि हमने एक Multi Cap Fund लॉन्च किया है। जिसमें हम हर तरह की छोटी, बड़ी और मीडियम साइज की कंपनी में इन्वेस्टिंग करेंगे। हमारे पास खास एक्सपर्ट है। जो आपका पैसा मैनेज करेंगे। हम आपको यह विश्वास दिलाते हैं कि हम आपको अच्छा रिटर्न लाकर देंगे।
आप आइए और अपना पैसा हमको दीजिए। तो जो लोग भी इसमें पैसा लगाना चाहते होंगे पैसा उस AMC कंपनी को दे देंगे। अब मान लीजिए AMC के पास लगभग ₹1 लाख जमा हो गया लोगों का। तो अब वो AMC एक फंड मैनेजर को हायर करेंगे।
जो कि एक एक्सपर्ट होगा shares को चुनने में। तो वह अब ₹1 लाख रुपयो को अलग-अलग जगह पर इन्वेस्ट करेगा share market में अपनी सूज भूज से, रणनीति बनाएगा। ताकि ज्यादा से ज्यादा रिटर्न आ पाए। और आपको मिल जाएंगे उस म्यूच्यूअल फंड स्कीम के units जिसे आप जब चाहे बेच सकते हैं। इसी तरीके से यह पूरा म्युचुअल फंड काम करता है।
कंपनी और बैंक जिनकी खुद की AMC कंपनी है
म्यूच्यूअल फंड के फायदे
वैसे तो म्यूचुअल फंड में (mutual fund hindi) अनेकों प्रकार के फायदे हैं पर कुछ निम्नलिखित इस प्रकार है:-
#1 थोड़े से पैसे में ज्यादा डायवर्सिफिकेशन
अगर आप ₹500 या हजार रुपए लगाना चाहते हो तो आप ज्यादा शेयर नहीं खरीद पाएंगे लेकिन म्यूच्यूअल फंड में क्योंकि सब का पैसा जमा हो रहा है और फिर वह बहुत सारी कंपनियों में लग रहा है तो आपके हजार रुपए भी हो सकता है 50 कंपनियों में लगे हो जोकि आप सीधे नहीं लगा सकते।
#2 डायवर्सिफिकेशन से रिस्क कम
डायवर्सिफिकेशन से आपका रिस्क कम हो जाता है क्योंकि आप किसी एक जगह पर इन्वेस्ट नहीं कर रहे हैं और खूब मार्केट में किसी एक शेयर का प्राइस कम होगा तो उससे आपके पैसे पर फर्क नहीं पड़ेगा
#3 पैसा सलाहकार द्वारा मैनेज
अगर आप खुद अपने ₹1000 किसी एक्सपर्ट को बोलेंगे कि मेरे लिए लगा दो तो मैं एक्सपर्ट बोलेगा कि आपके पास तो सिर्फ ₹1000 हैं और इससे ज्यादा तो मेरी फीस है मैं आपको कैसे चलाता हूं लेकिन म्यूच्यूअल फंड में आपके जैसे हजार लोग मिलकर उसकी फीस दे रहे हैं तो बहुत सस्ते दाम पर आपको फंड मैनेजर की सलाह मिल जाती है।
#4 पैसों का टेंशन कम
आपने एक बार पैसा लगा दिया फिर म्यूच्यूअल फंड अपने हिसाब से उन पैसे से share खरीदता और बेचता रहेगा। आपको बार-बार ट्रांजैक्शन करने की जरूरत नहीं है। तो अब अपनी जिंदगी बिल्कुल बेफिक्र होकर जी सकते हैं। बिना यह चिंता किए कि आपको कौन सा शेयर खरीदना है और कौन सा नहीं।
#5 म्यूच्यूअल फंड एसआईपी (SIP)
यह सबसे अच्छा तरीका है। एक आम आदमी के लिए जो इकट्ठे पैसे एक बार में नहीं लगा सकता। वह हर महीने SIP के जरिए 500 या 1000 रुपए से शुरुआत कर सकता है। एक बार अगर आपने SIP सेट कर दी। तो फिर आपके अकाउंट से हर महीने 1000 या ₹500 कट के स्कीम में लगते रहेंगे।
आप चाहे इस SIP को अपने हिसाब से घटा-बढ़ा सकते हैं। और जब चाहे रोक भी सकते हैं। यह बिल्कुल मुफ्त होता है इसमें किसी भी प्रकार की fees चार्ज नहीं होती।
म्यूचुअल फंड के नुकसान
- हर म्यूच्यूअल फंड अच्छे नहीं होते।
- कुछ म्यूच्यूअल फंड का ध्यान ज्यादा से ज्यादा पैसा जमा करने में होता है ताकि फंड में ज्यादा से ज्यादा पैसा जमा हो सके और उस हिसाब से एक्सपर्ट की फीस भी ज्यादा हो जाए।
- म्यूच्यूअल फंड रिस्की है।
- आप अपना पैसा किसी अनजान आदमी को इन्वेस्ट करने के लिए दे रहे हो। हालांकि वह एक्सपर्ट जरूर है लेकिन 100% भरोसा नहीं किया जा सकता कि एक्सपर्ट भी हमेशा सही निकलेगा।
- म्यूच्यूअल फंड से रातों-रात पैसा डबल नहीं होता यहां पर पैसा बनने में समय लगता है।
- म्यूचुअल फंड में मिलने वाले रिटर्न फिक्स नहीं होते।
म्यूच्यूअल फंड का अर्थ?
म्यूच्यूअल का मतलब होता है सहभाजीत यानी साझा। तो जैसे हम हॉस्टल में शेयर्ड रूम में रहते हैं। उसी प्रकार म्यूच्यूअल फंड भी ऐसा फंड है जहां सबका पैसा इकट्ठा होकर जमा हो रहा है और ये जमा हुए पैसों से फंड मैनेजर शेयर खरीद रहे हैं।
म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना अनिवार्य है। इसमें आप मोबाइल में ऐप डाउनलोड करके निवेश कर सकते हैं ऐप का नाम है Groww, zerodha आदि।
म्यूच्यूअल फंड कितने प्रकार के होते हैं?
आमतौर पर तीन प्रकार के प्रमुख म्यूच्यूअल फंड होते हैं:-
1) Equity Mutual Fund
2) Debt Mutual Fund
3) Hybrid Mutual Fund
म्यूच्यूअल फंड में कितना रिटर्न मिलता है?
म्यूच्यूअल फंड से मिलने वाला रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार के म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं। पिछले आकड़ों को देखें तो कम से कम 4% और अधिकतम 30% से भी ज्यादा का रिटर्न दे सकते हैं।
आपने आज सीखा
आज आप लोगों को जानने को मिला कि आखिर यह mutual fund क्या है? (Mutual Fund Hindi) यह कैसे काम करता है? इसके फायदे और नुकसान के बारे में पूरी जानकारी मिली होगी। Mutual fund के बारे में आपको काफी जानकारी प्राप्त हुई होगी।
इसलिए इस लेख को अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार वालों के साथ share कीजिए। ताकि लोगो में इसके प्रति डर नही बल्कि सही जानकारी हो। और इसके बारे में बातचीत करें ताकि सही जानकारी लोगो तक पहुँचे।