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एक सीमा आदेश क्या है?

एक सीमा आदेश क्या है?
नवभारत टाइम्स 01-11-2022

सामान्य प्रश्न

जी, नहीं। किसी स्टॉक को जमाखोरी के रूप में परिभाषित करने के लिए, राज्य सरकार को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत स्टॉक सीमा आदेश जारी करने होते हैं। आदेश में कवर की गई किसी वस्तु की कोई मात्रा, यदि उस आदेश के उल्लंघन में पायी जाती है तो उसे जमाखोरी के रूप में परिभाषित किया जाता है। यदि कोई स्टॉक सीमा नहीं लगाई हों, तो उस वस्तु में जमाखोरी का कोई प्रश्न नहीं उठता।

  1. क्या आवश्यक वस्तुओं के संचालन, वितरण और व्यापार में किसी प्रकार के अंतर-राज्यीय प्रतिबंध हैं?

जी, नहीं। संघ सरकार के दिनांक 15.02.2002 के आदेश के अनुसार, आवश्यक वस्तु अधिनियम में प्रदान किए गए अधिकारों के तहत आवश्यक वस्तुओं के व्यापार पर सभी प्रकार के प्रतिबंध हटा दिए गए हैं। यदि कोई अन्य अधिनियम में किसी प्रतिबंध का उपबंध है, तो मामले को संबंधित अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार निपटाया जाता है।

  1. क्या केंद्रीय सरकार आवश्यक वस्तुओं पर स्टॉक सीमा निर्धारित करती है?

जी, नहीं। जब कभी किसी आवश्यक वस्तु की अनुचित मूल्य वृद्धि को रोकने के पर्याप्त कारण होते हैं, संघीय सरकार, आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत आदेश अधिसूचित करके, राज्य सरकारों और संघ शासित क्षेत्रों को स्टॉक सीमा निर्धारित करने और संघीय सरकार के अनुमोदन के पश्चात् अधिसूचित करने के लिए सक्षम बनाती है।

  1. क्या राज्य आवश्यक वस्तु अधिनियम और चोरबाजारी निवारण एवं आवश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम के तहत मामलों पर सुनवाई करने केलिए विशेष न्यायालयों का गठन कर सकते एक सीमा आदेश क्या है? हैं?एक सीमा आदेश क्या है?

जी, हां। राज्यों को किसी भी प्रकार के अपराधों के लिए उच्च न्यायालय के परामर्श से विशेष न्यायालय गठित करने के अधिकार प्राप्त हैं। इसके अतिरिक्त, किसी भी विद्यमान न्यायालय को आवश्यक वस्तुओं के लिए विशेष न्यायालय के रूप में पदनामित किया जा सकता है। तथापि, यदि किसी राज्य में ऐसे किसी न्यायालय की आवश्यकता होती है और वे केंद्र सरकार से परामर्श चाहते हैं, तो केंद्र सरकार से अनुमोदन के लिए एक प्रस्ताव भेजा जा सकता है।

  1. क्या किसी आवश्यक वस्तु की कृत्रिम कमी को केंद्रीय सरकार द्वारा रोका जाना अपेक्षित है?

जी, हां। कानून एवं व्यवस्था, राज्य का विषय है। इसके अतिरिक्त, यदि कोई राज्य, आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कोई सांविधिक आदेश जारी करना चाहता है, तो वह दिनांक 09 जून, 1978 को प्रदत्त अधिकारों के तहत संघ सरकार से अनुमोदन के लिए एक प्रस्ताव भेज सकता है।

  1. आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी और चोरबाजारी के विरूद्ध शिकायतों के लिए किसी प्राधिकरण में जाना चाहिए?

आवश्यक वस्तु अधिनियम और चोरबाजारी निवारण एवं आवश्यक वस्तु प्रदाय अधिनियम के तहत, जिलाधीश, पुलिस आयुक्त, राज्य/संघ शासित क्षेत्र के संबंधित विभाग के सचिव अथवा राज्य द्वारा अधिसूचित कोई अन्य प्राधिकरण, जिला पुलिस अधीक्षक के समक्ष ऐसी शिकायतें प्रस्तुत/भेजी जा सकती हैं। पुलिस महानिदेशक, राज्य के मुख्य सचिव के समक्ष भी ऐसी शिकायतें प्रस्तुत/भेजी जा सकती हैं।

  1. क्या आवश्यक वस्तुओं के संबंध में अधिकतम खुदरा मूल्य लागू होता है?

जी, हां। शीघ्र नष्ट न होने वाली वस्तुओं के लिए अधिकतम खुदरा मूल्य निर्धारित होता है। शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं के मामले में, राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों को उत्पादक/विनिर्माता के बिक्री मूल्य और खुदरा कीमतों के बीच न्यूनतम अंतर सुनिश्चित करने के लिए कीमतों को विनियमित करना होता है।

  1. क्या आवश्यक वस्तु (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1981 अभी भी प्रभावी है?

जी, नहीं। विशेष उपबंध अधिनियम, केवल आरम्भ में पांच वर्षों के लिए प्रभावी था। इसे 15 वर्षों तक प्रभावी बनाने एक सीमा आदेश क्या है? के लिए इसकी अवधि को दो बार बढ़ाया गया था। इस प्रकार, 16.09.2006 से यह अधिनियम प्रभावी नहीं है, तथापि, इसे किसी निरसन अधिनियम के तहत, निरस्त नहीं किया गया है, इसे सामान्य खंड अधिनियम, 1887 की धारा 6 के तहत एक केंद्रीय अधिनियम के द्वारा निरस्त माना जाता है।

  1. इन अधिनियमों के कार्यान्वयन की रिपोर्ट कहां से प्राप्त की जा सकती हैं?

भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग की वेबसाईट के अधिनियम और नियम टैब में आवश्यक वस्तु विनियमन और प्रवर्तन के तहत राज्यवार रिपोर्ट उपलब्ध हैं। किसी विशिष्ट राज्य के संबंध में रिपोर्ट संबंधित विभाग के सचिव/विशेष सचिव से प्राप्त की जा सकती हैं। किसी विशिष्ट जिला के संबंध में रिपोर्ट संबंधित जिला के जिला नागरिक आपूर्ति अधिकारी/जिलाधीश/जिला आयुक्त, जैसा भी मामला हो, से प्राप्त की जा सकती हैं।

मध्य प्रदेश सरकारी नौकरी में आयु सीमा में छूट का आदेश - age limit Relaxation Order in MP government jobs

मध्य प्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन भोपाल द्वारा सरकारी नौकरियों में नियुक्ति के लिए निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में छूट का आदेश जारी कर दिया गया है। इससे पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने केवल MPPSC के लिए इसकी घोषणा की थी परंतु एक सीमा आदेश क्या है? उनकी घोषणा के साथ ही सभी शासकीय सेवाओं में आयु सीमा में छूट का प्रश्न स्वाभाविक रूप से उपस्थित हो गया था।

मध्यप्रदेश के राज्यपाल के नाम से तथा आदेशानुसार (शैलबाला ए. मार्टिन) अपर सचिव मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आदेश क्रमांक एफ 07-46 / 2021 / आ.प्र. / एक दिनांक 18 सितंबर 2022 जारी किया गया है जिसमें शासन के समस्त विभाग, समस्त विभागाध्यक्ष, समस्त संभागायुक्त, समस्त कलेक्टर, समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत को बताया गया है कि इस विभाग के संदर्भित परिपत्र (विभागीय परिपत्र क्रमांक सी-3-8 /2016/1 / 3 भोपाल दिनांक 04 जुलाई 2019) द्वारा राज्य शासन की सेवाओं में सीधी भर्ती से भरे जाने वाले पदों पर नियुक्तियों के लिये अधिकतम आयु सीमा संबंधी निर्देश जारी किये गये है।

कोविड-19 के कारण विगत तीन वर्षों से भर्ती परीक्षाएं नियमित आयोजित नहीं की जा सकी हैं, अतः अभ्यार्थियों के हितो को ध्यान में रखते हुए राज्य शासन दिसम्बर 2023 तक अभ्यार्थियों की अधिकतम आयु सीमा में तीन वर्षों की छूट भरे जाने वाले पदों के संबंध में जारी प्रथम विज्ञापन में प्रदान करता है।

खाद्य तेलों की भंडारण सीमा के आदेश से थोक विक्रेताओं को मिली छूट

नवभारत टाइम्स लोगो

नवभारत टाइम्स 01-11-2022

नयी दिल्ली, एक नवंबर (भाषा) सरकार ने कीमतों में आई गिरावट को देखते हुए मंगलवार को खाद्य तेलों एवं तिलहनों के थोक विक्रेताओं और शॉपिंग श्रृंखला खुदरा विक्रेताओं को एक सीमा आदेश क्या है? भंडारण सीमा के आदेश से छूट दे दी।

खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में खाद्य तेल एवं तिलहन के विक्रेताओं पर से भंडारण सीमा हटाए जाने के आदेश की जानकारी देते हुए कहा कि इसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जा रहा है।

मंत्रालय ने कहा कि इस कदम से थोक विक्रेताओं एवं शॉपिंग श्रृंखला खुदरा विक्रेताओं को खाद्य तेलों की अधिक किस्में एवं ब्रांड रखने की छूट मिल जाएगी। फिलहाल भंडारण की एक सीमा होने से उनके पास खाद्य तेलों का सीमित स्टॉक ही रहता था।

सरकार ने खाद्य तेलों एवं तिलहन की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए पिछले साल आठ अक्टूबर को खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं एवं थोक उपभोक्ताओं पर भंडारण सीमा लगा दी थी। इसमें भंडारण सीमा तय करने का अधिकार राज्यों को दिया गया था।

उसके बाद केंद्र ने तय की गई समान भंडारण सीमा का प्रावधान करते हुए पाबंदी का आदेश 30 जून तक के लिए बढ़ा दिया। बाद में इसे 31 दिसंबर, 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया था।

खाद्य मंत्रालय ने कहा कि देश में खाद्य तेलों एवं तिलहनों की मौजूदा कीमतों का अध्ययन करने के बाद भंडारण सीमा की समीक्षा की गई। कीमतों में अंतरराष्ट्रीय एवं घरेलू स्तर पर लगातार आ रही नरमी को देखते हुए भंडारण सीमा हटाने का फैसला किया गया है।

एक्सआरपी व्यापारियों को मई से इस मंदी के आदेश ब्लॉक पर नजर रखने की जरूरत है

XRP traders need to watch out for this bearish order block from May

एक्सआरपी सितंबर में बाजार में सकारात्मक धारणा देखी, लेकिन उससे मेल नहीं खा सका गति अक्टूबर में। रिपल लैब्स के खिलाफ एसईसी का मुकदमा प्रतिवादी के पक्ष में झुक गया। कॉइनबेस ने दायर किया न्याय मित्र संक्षिप्त Ripple Labs, Inc. के पक्ष में Ripple को CEO ब्रैड गारलिंगहाउस के रूप में समर्थन मिला ट्वीट किए कि कई संस्थाओं ने एमिसी ब्रीफ जमा किया है।

ऐसी अटकलें लग रही थीं कि जिन एक्सचेंजों ने असूचीबद्ध एक्सआरपी अतीत में सिक्के को एक बार फिर से सूचीबद्ध करने की स्थिति में हो सकता है। बदले में, सट्टेबाजों को एक्सआरपी पर तेजी लाने का एक कारण मिल सकता है।

यही कारण है कि रेंज हाई शॉर्टिंग अवसर प्रदान कर सकता है

स्रोत: ट्रेडिंग व्यू पर एक्सआरपी/यूएसडीटी

XRP ने सितंबर के मध्य से एक सीमा के भीतर कारोबार किया है। यह रेंज (नीला) $0.42 से $0.55 तक बढ़ी है, जिसमें मिड-रेंज वैल्यू $0.48 है। मई में, कीमत ने अपने पूर्व डाउनट्रेंड को जारी रखने से पहले एक संक्षिप्त उछाल देखा। इस उछाल ने एक मंदी के आदेश ब्लॉक का गठन किया। इसके अलावा, इस क्षेत्र का मनोवैज्ञानिक $ 0.5-स्तर के प्रतिरोध के साथ संगम था।

इसलिए, बुलों के लिए $ 0.5 से अधिक की कोई भी तेजी से आगे बढ़ना मुश्किल हो सकता है। ओबीवी ने एक सीमा आदेश क्या है? सितंबर में स्थानीय प्रतिरोध (सफेद) को तोड़ दिया। पिछले महीने एक बार फिर फ्लैट ओबीवी देखा गया क्योंकि खरीद और बिक्री की मात्रा संतुलित थी। बोलिंगर बैंड चौड़ाई संकेतक भी गिरावट में था। इसने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि दैनिक समय सीमा पर कम अस्थिरता देखी गई।

उच्च समय सीमा के व्यापारी निम्न स्तर पर फिर से आना चाहते हैं, और संपत्ति को कम करने के लिए देख सकते हैं क्योंकि यह $ 0.55 तक पहुंचता है। इस विचार का अमान्य होना एक ब्रेकआउट होगा और $0.55 से ऊपर का पुन: परीक्षण होगा।

धन की दर सकारात्मक क्षेत्र में वापस आ गई है क्योंकि सांडों ने विश्वास हासिल एक सीमा आदेश क्या है? किया है

एक्सआरपी उच्च समय सीमा पर कम अस्थिरता देखता है, यहां निवेशकों के लिए इसका मतलब है

ऑन-चेन मेट्रिक्स ने एक्सआरपी के लिए विशेष रूप से तेजी की तस्वीर को चित्रित नहीं किया। हालांकि, एमवीआरवी (365-दिवसीय) अनुपात जून में निर्धारित निम्न स्तर से कुछ हद तक ऊपर उठा है।

फिर भी, मीट्रिक से पता चलता है कि पिछले वर्ष के एक्सआरपी धारक कुल मिलाकर नुकसान में थे। जून के मध्य में दर्ज चढ़ाव दिसंबर 2018 में निर्धारित चढ़ाव से लगभग बिल्कुल मेल खाते हैं। क्या यह संकेत दे सकता है कि एक दीर्घकालिक तल का गठन किया गया है?

30-दिवसीय सक्रिय पते की संख्या में भी गिरावट आई है। सकारात्मक फंडिंग दर से पता चलता है कि हाल के दिनों में सट्टेबाजों की स्थिति तेजी से बढ़ी है।

पिछले कुछ दिनों में, एक्सआरपी बैल को $ 0.5-मंदी के ऑर्डर ब्लॉक में अस्वीकृति का सामना करना पड़ा है। कॉइनग्लास जानकारी ने दिखाया कि पिछले 24 घंटों में केवल 46.7% लॉन्ग पोजीशन में तेजी देखी गई। मध्य-सीमा से $0.54 की ओर एक सीमा आदेश क्या है? उछाल का उपयोग बुलों द्वारा लाभ प्राप्त करने के लिए और शॉर्ट पोजीशन लेने का आकलन करने के लिए भी किया जा सकता है।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी JSSC का उम्र सीमा पर स्टैंड क्लियर नहीं, विद्यार्थी परेशान

हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी JSSC का उम्र सीमा पर स्टैंड क्लियर नहीं, विद्यार्थी परेशान

Ranchi : झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में कट ऑफ डेट निर्धारित करने और आवेदन की अनुमति देने को लेकर झारखंड कर्मचारी चयन आयोग का स्टैंड अब भी क्लियर नहीं है. जिसके कारण झारखंड कर्मचारी आयोग द्वारा निकाली गई वैकेंसी के फॉर्म भरने में विद्यार्थियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. साथ ही उम्मीदवार अब भी असमंजस में हैं. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि उम्र सीमा एक सीमा आदेश क्या है? का लाभ सभी पद के उम्मीदवारों को मिलेगा. लेकिन आयोग की ओर से सोमवार को जारी नोटिफिकेशन में केवल प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी पद के उम्मीदवारों को ही उम्र सीमा का लाभ दिया गया है.

क्या है पूरा मामला

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का विज्ञापन जारी किया गया. यह विज्ञापन पहले साल 2015 में फिर साल 2019 में निकाला गया था. साल 2019 में जब विज्ञापन निकाला गया था, तब उम्मीदवारों की अधिकतम उम्र की गणना साल 2010 से की जा रही थी. यही विज्ञापन साल 2021 में निकाला गया, तब उम्र सीमा की गणना 01.08.2021 से करने की एक सीमा आदेश क्या है? बात कही गयी. इसके बाद इसी उम्र सीमा के मामले को हाईकोर्ट तक ले जाया गया. जहां हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद आदेश देते हुए कहा कि उम्रसीमा की गणना साल 2010 से की जाये. लेकिन आयोग ने मात्र एक पद के लिए ही उम्र सीमा बढ़ाने के संबंध में नोटिफिकेशन जारी की है. इससे विद्यार्थियों में काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

क्या कहा है हाईकोर्ट ने ऑर्डर में

उम्रसीमा से संबंधित मामले में आदेश देते हुए जस्टिस डॉ एस एन पाठक ने लिखा है कि
In view of the aforesaid order and last date for filling-up of the application form pursuant to advertisement No. 05/2021 shall be suitably extended for the present petitioners also and for all other candidates, whose cases are on similar footing and had applied pursuant to Advertisement No. 03/2019 and/or Advertisement No. 15/2015.

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आयोग के नोटिस में क्या है

(1) झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के आवेदन की तिथि को दूसरी बार बढ़ाया. साथ ही हाईकोर्ट में दायर याचिका WP(C) No. 468/2022, Manoj Kumar Vs The State of Jharkhand & Ors. का हवाला देते हुए जारी अपने नोटिस में कहा कि प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के लिए अधिकतम उम्र सीमा की गणना एक अगस्त 2010 से की जायेगी.

(2) झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने जारी नोटिस में कहा है एक सीमा आदेश क्या है? कि प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के पद के लिए मात्र वैसे आवेदक जिनके द्वारा साल 2019 में निकाले गये विज्ञापन में आवेदन दिया गया था. उनके लिए अधिकतम उम्र सीमा की गणना एक अगस्त 2010 से की जायेगी. इस पद के जो भी उम्मीदवार आवेदन करेंगे. उनके लिए उम्र सीमा की गणना तिथि यही होगी. इसके साथ ही अब तीन मार्च तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जा सकेगा.

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