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समर्थित क्रिप्टोकरेंसी

समर्थित क्रिप्टोकरेंसी

क्रिप्टोकरेंसी क्या है? इसके बारे में विस्तार से जाने।

क्रिप्टोकरेंसी क्या है, दोस्तों हम क्रिप्टोकरेंसी के बारे में आज के समय में हमेशा सुनते आ रहे है, और इसका महत्व भी बढ़ता जा रहा है, आज के समय में क्रिप्टोकरेंसी को अनदेखा नहीं किया जा सकता है, दुनिया भर की नजर इस पर है, और वो अपनी अपनी योजना भी बना रहे है, आज हम अपने इस ब्लॉग के जरिये इसके बारे में जानते है.

क्रिप्टोकरेंसी की बात करे तो सबसे पहले नाम आता है बिटकॉइन का, बिटकॉइन की उत्पत्ति स्पष्ट नहीं है, जैसे कि समर्थित क्रिप्टोकरेंसी इसकी स्थापना किसने की थी। कहा जाता है कि एक व्यक्ति या लोगों का एक समूह, जो सातोशी नाकामोतो की पहचान से जाना गया था, ने वर्ष 2008 के वित्तीय संकट के बाद इस लेखा प्रणाली की अवधारणा प्रस्तुत की थी।

क्रिप्टोकरेंसी क्या है इसके बारे में विस्तार से जाने।

वर्ष 2008 में बिटकॉइन की शुरुआत से पहले वर्ष 2017 में सभी क्रिप्टोकरेंसी का कुल बाज़ार केवल 20 बिलियन डॉलर था जो अगले तीन वर्षों में बढ़कर 289 बिलियन डॉलर हो गया और उसके बाद नवंबर 2021 में 2.9 ट्रिलियन डॉलर के शिखर पर पहुँच गया।पिछले तीन महीनों में इसमें एक बार फिर तेज़ गिरावट देखने को मिली है. भारतीय अर्थव्यवस्था का सम्पूर्ण नोट्स हिंदी में पढ़े

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क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी, जिसे कभी-कभी क्रिप्टो-मुद्रा या क्रिप्टो कहा जाता है, मुद्रा का एक ऐसा रूप है जो डिजिटल या वस्तुतः मौजूद है और लेन-देन को सुरक्षित करने के लिये क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती है। लेन-देन रिकॉर्ड रखने और नई इकाइयाँ जारी करने या इसे विनियमित करने वाला कोई प्राधिकरण नहीं है, इसके स्थान पर यह विकेंद्रीकृत प्रणाली का उपयोग करती है। यह एक विकेंद्रीकृत पीयर-टू-पीयर नेटवर्क द्वारा समर्थित है जिसे ब्लॉकचेन कहा जाता है।

ब्लॉकचेन तकनीक क्या है?

ब्लॉकचेन तकनीक सुनिश्चित करती है कि क्रिप्टोकरेंसी में सभी लेन-देन एक सार्वजनिक वित्तीय लेन-देन डेटाबेस में दर्ज किये जाते हैं।
बिटकॉइन, एथेरियम, रिपल क्रिप्टोकरेंसी के कुछ उल्लेखनीय उदाहरण हैं। ब्लॉकचेन का नाम डिजिटल डेटाबेस या लेजर से लिया गया समर्थित क्रिप्टोकरेंसी है जहाँ जानकारी “ब्लॉक” के रूप में संग्रहित की जाती है जो एक साथ मिलकर “चेन” बनाते हैं।

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यह स्थायी रिकॉर्ड-कीपिंग, रीयल-टाइम लेन-देन, पारदर्शिता और ऑडिटेबिलिटी का एक विलक्षण संयोजन प्रदान करता है। ब्लॉकचेन की एक सटीक प्रति कई कंप्यूटरों या उपयोगकर्त्ताओं में से प्रत्येक के लिये उपलब्ध होती है जो एक नेटवर्क में एक साथ जुड़े हुए होते हैं। नए ब्लॉक के माध्यम से जोड़ी या बदली गई किसी भी नई जानकारी की कुल उपयोगकर्त्ताओं के आधे से अधिक द्वारा जाँच और अनुमोदन किया जाता है।

ब्लॉकचेन तकनीक की उपयोगियता क्या है?

ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी कई प्रक्रियाओं और अनुप्रयोगों में नवाचारों की सुविधा प्रदान कर सकती है, जिसमें डेटा प्रबंधन, भंडारण, पुनर्प्राप्ति, विशाल और महत्त्वपूर्ण जानकारी की सुरक्षा की आवश्यकता होती है। इनमें शामिल हैं – वित्तीय लेन-देन से संबंधित जानकारी का प्रबंधन (जैसे कि क्रिप्टोकरेंसी के मामले में), चुनावी वोटिंग, मेडिकल रिकॉर्ड, शैक्षणिक पाठ, संपत्ति के स्वामित्व के रिकॉर्ड और पेशेवर प्रशंसापत्र। ब्लॉकचेन जैसा विकेंद्रीकृत ढाँचा प्रणाली और उसमें संग्रहीत जानकारी को धोखाधड़ी से बचाता है, पारदर्शी और विश्वसनीय बनाता है.

भारत में क्रिप्टो की वर्तमान स्थिति क्या है?

केंद्रीय बजट 2022-2023 में आने वाले वित्तीय वर्ष में एक डिजिटल मुद्रा पेश करने का भी प्रस्ताव है। फिलहाल भारत में क्रिप्टोकरेंसी को कवर करने वाली कोई विधायिका नहीं है, हालाँकि क्रिप्टोकरेंसी का मालिक होना अब अवैध नहीं है। अब आभासी संपत्ति से होने वाली आय पर 30% कर की घोषणा की गई थी। चीन ने सभी क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन को अवैध घोषित कर दिया है एवं प्रभावी रूप से पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि अल सल्वाडोर ने बिटकॉइन को कानूनी निविदा के रूप में अनुमति दी है.

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सीबीडीसी और क्रिप्टोकरेंसी दोनों हैं बेहद अलग, जानें कैसे?

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नई दिल्ली, 6 नवंबर/ क्रिप्टोकरेंसी और केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) दोनों ने पूरे भारत में लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। डिजिटल एसेट्स के रूप में सामान्य स्थिति के बावजूद दोनों में काफी अंतर है।

पूर्व वित्त सचिव एससी गर्ग का मानना है कि सीबीडीसी डीमैटरियलाइज्ड बैंक नोट की तरह होता है, क्योंकि उनका क्रिप्टोकरेंसी से कोई लेना-देना नहीं है।

उन्होंने कहा, क्रिप्टोकरेंसी को दुनिया मुद्रा के रूप में स्वीकार नहीं कर सकती है। हालांकि, सीबीडीसी जैसे रेगुलेटेड डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य हो सकते हैं।

मैकिन्से ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्टेबल कॉइन के प्रचलन में तेजी से वृद्धि के साथ, केंद्रीय बैंकों ने अपनी स्टेबल डिजिटल करेंसी का पता लगाने के प्रयास तेज कर दिए हैं।

सीबीडीसी, या भारतीय ई-रुपया, आरबीआई द्वारा जारी किया गया एक डिजिटल टोकन है और यह देश की फिएट करेंसी से जुड़ा हुआ है।

ब्लॉकचैन विशेषज्ञों के एक समूह, ब्लॉकचैन काउंसिल का कहना है, क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के विकास ने कैशलेस सोसाइटी और डिजिटल करेंसी में रुचि बढ़ा दी है। जिसके चलते, दुनिया भर की सरकारें और केंद्रीय बैंक सरकार समर्थित डिजिटल करेंसी के उपयोग पर विचार कर रहे हैं।

सीबीडीसी का प्राथमिक उद्देश्य कंपनियों और उपभोक्ताओं को गोपनीयता, हस्तांतरणीयता, सुगमता और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।

काउंसिल का कहना है, सीबीडीसी एक जटिल वित्तीय प्रणाली के लिए आवश्यक रखरखाव को भी कम करता है, सीमा पार लेनदेन लागत में कटौती करता है, और उन लोगों को कम लागत वाले विकल्प देता है जो अब दूसरे धन हस्तांतरण विधियों का उपयोग करते हैं।

केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी डिजिटल करेंसी अपने मौजूदा स्वरूप में डिजिटल मुद्राओं के उपयोग से जुड़े खतरों को भी कम करती है।

दूसरी ओर, क्रिप्टोकरेंसी बहुत अस्थिर है, उनका मूल्य हर समय बदलता रहता है।

उपयोग के मामलों के संदर्भ में क्रिप्टोकरेंसी को संपत्ति और मुद्रा दोनों के रूप में वगीर्कृत किया जाता है।

क्रिप्टोकरेंसी के प्राइस पर अटकलें लगाने के लिए व्यक्ति निवेश बाजारों में हिस्सा ले सकता है। वे खुद को मुद्रास्फीति और आर्थिक अस्थिरता से बचाने के लिए बिटकॉइन जैसी विशेष परियोजनाओं का भी उपयोग कर सकते हैं।

बिटकॉइन और एथेरियम का उपयोग कोई भी लेनदेन और भुगतान करने के लिए कर सकता है। काउंसिल के अनुसार, आज पहले से कहीं अधिक व्यापारी और स्टोर क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट स्वीकार करते हैं।

सीबीडीसी और क्रिप्टोकरेंसी के बीच कई विरोधाभास हैं।

सीबीडीसी अधिकृत (निजी) ब्लॉकचेन पर काम करता है, जबकि क्रिप्टोकरेंसी बिना लाइसेंस (सार्वजनिक) ब्लॉकचेन पर काम करती है।

क्रिप्टोक्यूरेंसी यूजर्स के लिए एक फायदा है। सीबीडीसी ग्राहकों की पहचान मौजूदा बैंक खाते के साथ-साथ समान मात्रा में व्यक्तिगत जानकारी से जुड़ी होगी।

केंद्रीय बैंक सीबीडीसी नेटवर्क के लिए नियम निर्धारित करता है। क्रिप्टो नेटवर्क में अधिकार यूजर को दिया जाता है, जो आम सहमति के माध्यम से चुनाव करता है।

परिषद के अनुसार, सीबीडीसी का उपयोग केवल भुगतान और अन्य मौद्रिक लेनदेन के लिए किया जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग सट्टा और भुगतान दोनों के लिए किया जा सकता है।

समर्थित क्रिप्टोकरेंसी

ईरान ने बताया है कि देश में सरकार समर्थित क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च की जा सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस कदम से ईरान को अमेरिकी प्रतिबंधों से राहत मिल सकती है क्योंकि वहां अब भी वीज़ा और मास्टरकार्ड जैसे अधिकतर अंतर्राष्ट्रीय पेमेंट्स नेटवर्क का इस्तेमाल नहीं होता है। इससे पहले, वेनेज़ुएला ने सरकारी क्रिप्टोकरेंसी 'पेट्रो' जारी करने का दावा किया था।

Bitcoin से 10 गुना ज्‍यादा महंगा हुआ यह Crypto Token, 24 घंटे में 93 करोड़ रुपए से ज्‍यादा हुई कीमत

कॉइन मार्केट कैप डॉट कॉम के आंकड़ों के अनुसार कंपाउंड रैप्‍ड बीटीसी (Wrapped BTC) में 57 हजार फीसदी से ज्‍यादा तेजी देखने को मिल रही है। जिसकी वजह से उसकी कीमत दोबर 12 बजकर 34 मिनट पर 5.41 लाख डॉलर यानी 4.12 करोड़ रुपए देखने को मिल रही है।

Wrapped BTC is 10 times more expensive than bitcoin, value of more than Rs 93 crore in 24 hours

बिजनेस डेस्‍क। क्रिप्‍टोकरेंसी मार्केट (Cryptocurrency Market) में कई तरह की क्रिप्‍टोकरेंसी हैं, जो निवेशकों को मालामाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ती हैं। लेकिन इनमें से सभी करेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) से छोटी ही थी। दुनिया की सबसे पुरानी क्रिप्‍टोकरेंसी को पछाड़ने का माद्दा किसी ने नहीं दिखाया था। अब ऐसी क्रिप्‍टोकरेंसी सामने आई है जिसने बिटकॉइन की कीमत (Bitcoin Price) को कोसों दूर छोड़ दिया है। मौजूदा समय में वो बिटकॉइन के मुकाबले 10 गुना महंगी है। जबकि कारोबारी स्‍तर के दौरान वो 250 गुना ज्‍यादा महंगी थी। इस करेंसी का नाम है रैप्‍ड बीटीसी (Wrapped BTC) । आइए आपको बताते हैं इस करेंसी के बारे में।

रैप्‍ड बीटीसी की कीमत में जबरदस्‍त उछाल
कॉइन मार्केट कैप डॉट कॉम के आंकड़ों के अनुसार कंपाउंड रैप्‍ड बीटीसी में 57 हजार फीसदी से ज्‍यादा तेजी देखने को मिल रही है। जिसकी वजह से उसकी कीमत दोबर 12 बजकर 34 मिनट पर 5.41 लाख डॉलर यानी 4.12 करोड़ रुपए देखने को मिल रही है। ताज्‍जुब की बात तो ये है कि इस कॉइन की कीमत 24 घंटे पहले 935 डॉलर यानी 71 हजार डॉलर से कुछ ज्‍यादा थी, जो 12.22 करोड़ डॉलर यानी 93 करोड़ रुपए तक पहुंची। अभी इसके मार्केट कैप और बाकी चीजों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। उसके बाद भी इसमें बड़ी तेजी देखने को मिल रही है।

बिटकॉइन के मुकाबले 10 गुना महंगी
खास बात तो ये है अब दुनिया की सबसे महंगी क्रिप्‍टोकरेंसी कीमत के मामले में रैप्‍ड बीटीसी हो गई है। इससे पहले बिटकॉइन के पास यह ताज था, लेकिन मार्केट कैप के मामले में अभी बिटकॉइन सबसे बड़ी करेंसी है। मौजूदा समय में बिटकॉइन के दाम 48000 डॉलर के आसपास हैं। इसका मतलब है कि मौजूदा समय में रैप्‍ड बीटीसी बिटकॉइन से 10 गुना से भी ज्‍यादा महंगी हो गई हैं। आज बिटकॉइन के दाम में 3 फीसदी से ज्‍यादा की तेजी देखने को मिल रही है।

क्‍या है रैप्‍ड बीटीसी
रैप्ड बिटकॉइन एक ईआरसी -20 टोकन है, जो इथेरियम ब्लॉकचेन पर बिटकॉइन का रिप्रजेंटेटिव है। WBTC का एक प्रमुख लाभ इथेरियम वॉलेट, डैप और स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट एक ही सिस्‍टम में आ गए हैं। WBTC पार्टनर के माध्यम से, 1 बिटकॉइन को 1 रैप्ड बिटकॉइन में बदला जा सकता है। WBTC तैयार करने उद्देश्‍य यह था कि बिटकॉइन होल्‍डर्स को डिसेंट्रलाइज फाइनेंस (DeFi) ऐप में पार्टिसिपेट करने की अनुमति मिल सके, जो इथेरियम ब्‍लॉकचेन पर काफी पॉपुलर है। WBTC का रखरखाव WBTC DAO नाम का ग्रुप करता है, जिसमें 30 से अधिक मेंबर हैं। यह मूल रूप से BitGo, Ren और Kyber नाम की 3 कंपन‍ियों के द्वारा शुरू किया गया था।

कैसे काम करता है रैप्‍ड बिटकॉइन
मान लीजिए आपके पास पहले से ही बिटकॉइन हैं और डेफी एप्‍लीकेशंस का उपयोग करना चा‍हते हैं, लेकिन एक समस्या है वो ये कि बिटकॉइन और इथेरियम को जोड़ने वाला कोई क्रिप्टोक्यूरेंसी ब्रिज नहीं है। रैप्‍ड बीटीसी इस समस्या को हल करने में मदद करता है, और डेफी प्रोटोकॉल के लिए आवश्यक लिक्विडिटी प्रोवाइड कराता है। WBTC एक ERC-20 टोकन है जो बिटकॉइन के साथ 1:1 के आधार पर समर्थित है। जब बिटकॉइन रैप किया जाता है, तो क्रिप्टोकरेंसी को बिटगो ट्रस्ट द्वारा रिजर्व में रखा जाता है।

रैप टोकन के फायदे
ये टोकन डिजिटल असेट्स के मालिकों को अन्य ब्लॉकचेन का पता लगाने की फ्रीडम देते हैं। DeFi इकोसिस्टम का एक बड़ा हिस्सा बिटकॉइन ब्लॉकचेन के बजाय इथेरियम नेटवर्क पर बेस्‍ड है। यह बीटीसी मालिकों के लिए बेहद निराशाजनक हो सकता है, क्योंकि इसका मतलब है कि उनके लिए इसमें शामिल होना लगभग असंभव है जब तक कि वे अपनी क्रिप्टो संपत्ति नहीं बेचते या दूसरों को नहीं खरीदते। जनवरी 2019 में WBTC.network लॉन्च होने के बाद से, कई DeFi प्रोटोकॉल – जिनमें मेकरडीएओ, धर्मा, कंपाउंड और किबर नेटवर्क शामिल समर्थित क्रिप्टोकरेंसी हैं – ने उधारकर्ताओं को WBTC को कॉलेटरल के रूप में उपयोग करने की अनुमति देना शुरू कर दिया है।

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