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लॉकडाउन में पॉर्न देखने वाले दुनियाभर में बढ़े….. 95% उछाल के साथ भारत सबसे आगे…. इन वीडियो को महिलाएं और पुरुष ज्यादा देख रहे…

नयी दिल्ली 11 अप्रैल 2020। कोरोना वायरस की वजह से दुनिया भर की हर इंडस्ट्री तबाह हो गयी। अर्थव्यवस्था चौपट हो गयी है, लेकिन इस तबाही के बीच एक इंडस्ट्री की चांदी कट रही है। वो इंडस्ट्री है पोर्न इंडस्ट्री.. । हाल ही में जारी हुए आंकड़ों में पोर्न इंडस्ट्री से जुड़े बेहद ही चौकाने […]

नयी दिल्ली 11 अप्रैल 2020। कोरोना वायरस की वजह से दुनिया भर की हर इंडस्ट्री तबाह हो गयी। अर्थव्यवस्था चौपट हो गयी है, लेकिन इस तबाही के बीच एक इंडस्ट्री की चांदी कट रही है। वो इंडस्ट्री है पोर्न इंडस्ट्री.. । हाल ही में जारी हुए आंकड़ों में पोर्न इंडस्ट्री से जुड़े बेहद ही चौकाने वाले आंकड़े सामने आये हैं।घर में कैद हो चुकी पूरी दुनिया ने पॉर्न वेबसाइट पर जाना शुरु कर दिया है जिसके कारण उसकी ट्रैफिक बढ़ गया है।कई पॉर्न स्टार की चांदी- चांदी हो गई। इस दौरान वो अपने बचे हुए कंटेंट अपलोड कर रहे हैं और जिसके लिए उन्हें काफी मोटी रकम दी जा रही है। वहीं लॉस एंजेलिस की एक पॉर्न स्टार से बात की तो उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के कराण सभी लोग अपने अपने घर में लाइटक्वाइन बंद जिसके कारण हमारा वेबकैम बिजनेस काफी अच्छी स्थिति है

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भारतीय देख रहे है ज्‍यादा पोर्न

X-Hamster porn website के वाइस प्रेसिंडेंट एलेक्स हॉकिंस ने मुताबिक लॉकडाउन के दौरान पोर्न साइट के ट्रैफिक में 10 से 20 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। हॉकिंस के बताया कि भारत में ज्यादातर देशी पोर्न देखा जा रहा है। वेबसाइट के मुताबिक प्रतिदिन 30 मिलियन लोग इस पर आते हैं। हॉकिंस ने बताया कि भारत में सबसे इंडियन पोर्न देखी जाती हैं। इसके अलावा पुरुष मॉम में ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं और महिलाएं पोर्न फॉर वुमेन में रुचि लेती हैं।

पॉर्नहब के आंकड़े बताते हैं कि 17 मार्च को फ्रांस में लॉकडाउन शुरू होने के बाद 40% का तत्काल उछाल आया. ऐसी ही तस्वीर जर्मनी की भी है. वहां 22 मार्च को लॉकडाउन शुरू होने पर एडल्ट साइट्स के ट्रैफिक में 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. इटली दुनिया में चीन के बाहर कोरोना वायरस की सबसे लाइटक्वाइन बुरी मार झेलने वाला देश है. यहां 9 मार्च को लॉकडाउन शुरू हुआ. इस अवधि में इटली में एडल्ट कंटेट की खपत में 55 फीसदी का उछाल आया.

पॉर्नहब के अलावा वर्चुअल रियाल्‍टी एक्‍सपीरियंस कंटेंट प्रोवाइड कराने वाली अडल्‍ट साइट सेक्‍सलाइकरियल (SLR) ने भी क्रिप्‍टोकरेंसी से भुगतान स्‍वीकारना शुरू कर दिया है। इस साइट का सब्‍सक्रिप्‍शन लेने के लिए यूजर्स क्‍वाइनगेट के जरिये 50 क्रिप्‍टोकरेंसी से ज्‍यादा का भुगतान कर सकते हैं। ये भुगतान बिटक्‍वाइन, बिटक्‍वाइन कैश, लाइटक्‍वाइन, एक्‍सआरपी, एथर, नैनो और ट्रॉन में किया जा सकता है। इसी तरह लाइवजैसमिन और मैनीविडस भी क्रिप्‍टोकरेंसी के जरिये भुगतान की सुविधा दे रही हैं। इनमें लाइवजैसमिन यूजर्स को लाइव स्‍ट्रीमिंग और वेबकैम शो के लिए पहचानी जाती है। वहीं, मैनीविडस कनाडा की अडल्‍ट साइट है। ये साइट वीडियो, लाइव स्‍ट्रीमिंग और ई-कॉमर्स कंपनी के तौर पर पहचानी जाती है। इनके अलावा नॉटी अमेरिका और कैमसोडा भी इस माध्‍यम से भुगतान स्‍वीकार कर रही हैं। वहीं, पॉर्न स्‍टार्स भी क्रिप्‍टोकरेंसी से भुगतान को प्रोत्‍साहित कर रहे हैं।

क्रिप्टो करेंसी क्या होता है (कैसे काम करती है,कहां से खरीदें,कैसे इनवेस्ट करे,भविष्य, प्रकार)

क्रिप्टो करेंसी क्या होता है (what is cryptocurrency)

क्रिप्टो करेंसी दरअसल, वित्तीय लेन-देन का एक जरिया है। बिल्कुल भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर के समान, अंतर सिर्फ इतना है कि यह आभाषी है और दिखाई नहीं देती, न ही आप इसे छू सकते हैं। इसलिए इसे डिजिटल करेंसी भी कहते हैं।


इसका पूरा कारोबार ऑनलाइन माध्यम लाइटक्वाइन से ही होता है। जहां एक ओर किसी भी देश की करेंसी के लेन-देन के बीच में एक मध्यस्थ होता है, जैसे भारत में केंद्रीय बैंक, लेकिन क्रिप्टो के कारोबार में कोई मध्यस्थ नहीं होता और इसे एक नेटवर्क द्वारा ऑनलाइन संचालित किया जाता है। यही कारण है कि इसे अनियमित बाजार के तौर पर जाना जाता है, जो पल में किसी को अमीर बना देता है और एक झटके में उसे जमीन पर गिरा देता है। लेकिन बावजूद इस उतार चढ़ाव के इसको लेकर लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है।

ब्लॉकचैन क्या है(what is Blockchain)

ब्लॉकचैन एक ऐसा डिजिटल लेजर है, क्रिप्टो करेंसी का लेन-देन करने के लिए जिस प्रणाली का इस्तेमाल किया जाता है उसे ब्लॉकचेन कहते हैं। ये डिजिटल करेंसी इनक्रिप्टेड (कोडेड) होती हैं। इसे एक कंप्यूटर नेटवर्क के जरिए नियंत्रित किया जाता है। इसमें प्रत्येक लेन-देन का डिजिटल हस्ताक्षर द्वारा सत्यापन किया जाता है। इसका रिकॉर्ड क्रिप्टोग्राफी की मदद से नियंत्रित होता है। यह सारा काम कंप्यूटर नेटवर्क के जरिए चलता है। क्रिप्टो करेंसी में कोई लेन-देन होता है तो इसकी जानकारी ब्लॉकचेन में दर्ज की जाती है, यानी उसे एक ब्लॉक में रखा जाता है।

ब्लॉकचेन की विशेषताएं(Features of Blockchain)

  • यह एक डिजिटल लेजर है।
  • ब्लॉकचेन के डेटा को आसान से हैक नहीं किया जा सकता है।
  • इसमे होने वाली गतिविधियो को पता लगा जा सकता है।
  • (ट्रैंजेक्सन)लेन-देन की गति बहुत ज्यादा होती है

क्रिप्टोकरंसी कैसे काम करती है(How cryptocurrency works)

आसान भाषा में समझें तो क्रिप्टो करेंसी एक प्रकार की डिजिटल कैश प्रणाली है, जो एक निजी कंप्यूटर चेन से जुड़ी हुई है और कंप्यूटर एल्गोरिदम पर बनी है। इस पर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं लाइटक्वाइन है। इसकी लोकप्रियता में इस कदर इजाफा हो रहा है कि कई देश इसे लीगल कर चुके हैं। अल सल्वाडोर में तो डिजिटल मुद्रा पर केंद्रित बिटक्वाइन सिटी बनाने की तैयारी भी शुरू हो चुकी है। क्रिप्टोकरंसी ब्लॉकचैन पर आधारित होती है और लेनदेन के डेटा को ब्लॉक में रखा जाता है और इसकी सुरक्षा क्रिप्टो माइनिंग द्वारा की जाती है और जो लोग क्रिप्टो माइनिंग करते हैं उन्हें क्रिप्टो माइनर्स के रूप में जाना जाता है।

क्रिप्टोकरंसी की विशेषताएं (Advantages of cryptocurrency)

  • क्रिप्टोकरंसी डिजिटल संपत्ति का एक रूप है |
  • यह विकेंद्रीकरण पर आधारित है और इसका मतलब है कि उस पर नियंत्रण केवल एक लोगों के पास नहीं है, दूसरे शब्दों में इसे एक व्यक्ति द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।
  • क्रिप्टोकरेंसी का आदान-प्रदान किया जा सकता है।
  • यह पूरी तरह से वर्चुअल सिक्का है और यह केवल ऑनलाइन उपलब्ध है।
  • इसमें पारदर्शिता है क्योंकि इसका अधिकांश कोड ओपन सोर्स है।

क्रिप्टो के नुकसान(Disadvantages of cryptocurrency)

  • क्रिप्टो का उपयोग गैर कनूनी कार्यों के लिए किया जाता है।
  • एक गलत लेनदेन के बाद, इसे पूरी तरह से पुनर्प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
  • इसमें बड़ा जोखिम भी शामिल हो सकता है।
  • यह किसी एक संगठन या किसी व्यक्ति द्वारा संचालित नहीं है।
  • अगर आप क्रिप्टो वॉलेट की आईडी भूल जाते हैं, तो आपका सारा पैसा लूटा जा सकता है।
  • क्रिप्टो में बहुत सारे उतार-चढ़ाव हैं।

क्रिप्टोकरंसी का इतिहास(History of cryptocurrency)

1983 में, अमेरिकी क्रिप्टोग्राफर डेविड चाउम(David chaum) ने ईकैश(eCash) नामक एक क्रिप्टोग्राफ़िक इलेक्ट्रॉनिक मुद्रा की कल्पना की। बाद में, 1995 में, उन्होंने डिजीकैश(Digicash) के माध्यम से इसे लागू किया, क्रिप्टोग्राफिक इलेक्ट्रॉनिक भुगतान का एक प्रारंभिक रूप जिसमें उपयोगकर्ता सॉफ़्टवेयर की आवश्यकता होती है ,जिसकी सहायता से कई प्रमुख कार्य किये जाते हैं|

2009 में, पहली विकेन्द्रीकृत क्रिप्टोकरंसी को सातोशी नाकामोटा(satoshi Nakamota) द्वारा विकसित किया गया था और इसका नाम बिटकॉइन रखा गया। यह SHA-256 क्रिप्टोग्राफिक हैश के फंकशन का उपयोग करती है।

कुल क्रिप्टोकरंसी (Total cryptocurrency)

(Survey)सर्वेक्षण की एक रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर 2021 में लगभग 6000 क्रिप्टोकरेंसी उपलब्ध होने का दावा किया गया था और पिछले वर्षों की तुलना में, क्रिप्टोकरेंसी की संख्या में वृद्धि हुई है।

  • (2013) ~ 66 क्रिप्टो
  • (2014) ~ 506 क्रिप्टो
  • (2015) ~ 562 क्रिप्टो
  • (2016) ~ 644 क्रिप्टो
  • (2017) ~ 1335 क्रिप्टो
  • (2018) ~ 1658 क्रिप्टो
  • (2019) ~ 2817 क्रिप्टो

क्रिप्टो मार्केट क्या है(Whai is crypto market)

एक बाजार जहां ब्लॉकचेन आधारित डिजिटल मुद्रा खरीदी और बेची जा सकती है और साथ ही आप इस बाजार में कुछ प्रसिद्ध क्रिप्टो एक्सचेंजों के माध्यम से व्यापार कर सकते हैं जिन्हें क्रिप्टो ट्रेडिंग एक्सचेंज भी कहा जाता है।

क्रिप्टो करेंसी कहां से खरीदें(How to buy cryptocurrency)

देश में बिटक्वाइन अन्य क्रिप्टो करेंसी को खरीदना और बेचना काफी आसान है। सबसे खास बात यह है कि खरीदारी के ये सभी क्रिप्टो एक्सचेंज चौबीसों घंटे खुले रहते हैं। इनके जरिए क्रिप्टो करेंसी को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया भी काफी आसान है। दुनिया भर में सैकड़ों क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज काम कर रहे हैं। भारत की अगर बात करें तो यहां पर काम कर रहे वजीरएक्स, जेबपे, क्वाइनस्विच कुबेर, क्वाइन डीसीएक्स गो समेत कई एक्सचेंज संचालित है। इसके अलावा क्वाइनबेस और बिनान्से जैसे अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म भी मौजूद हैं, जहां से बिटक्वाइन, इथेरियम, टेथर और डॉजक्वाइन समेत दुनिया भर की डिजिटल मुद्राएं खरीदी जा सकती हैं। रुपये में क्रिप्टो ट्रेडिंग और निवेश करने के लिए आपको किसी एक एक्सचेंज पर पंजीकरण करना होता है।

Business News: क्रिप्टोकरेंसी पर भारी Corona का नया स्वरूप, Bitcoin में भारी गिरावट

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नई दिल्ली: दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में मिले कोरोना (Corona) के नए वेरिएंट ‘ओमिक्रॉन’ (Omicron) विश्व भर के शेयर बाजारों (Share Markets) के साथ-साथ अब क्रिप्टो बाजार (Crypto Market) पर भी हावी हो चुका है। निवेशकों (Investors) में इसको लेकर डर की भावना का आलम ये है कि विश्व की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन (Bitcoin) का दाम शनिवार को 40 हजार के स्तर तक आ गया हैं। केवल बिटक्वाइन ही नहीं बल्कि इथेरियम, पोल्काडॉट और डॉजक्वाइन समेत ज्यादातर डिजिटल मुद्राओं की कीमतों में भारी गिरावट आई है। इसने निवेशकों को जबरदस्त हानि पहुंचाया है।

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क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन की कीमत 40 हजार के स्तर पर

कोविड का नया वेरिएंट सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में मिला, डब्ल्यूएचओ ने इसे पूराने स्वरूप से 30 गुना ज्यादा खतरनाक बताया है। हाल ये है कि इसने अब वो पूरे ग्लोबल मार्केट को अपनी चपेट में ले रहा है। हर बाजार इससे डरा – सहमा हुआ है। यहां तक कि क्रिप्टो करेंसी बाजार भी इससे अछूता नहीं है। आंकड़े को देखें तो दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन की कीमत आज गिरकर 40,30,391 रुपये के निचले स्तर तक पहुंच गई हैं। कल भी इसमें भारी गिरावट आई थी।

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केवल बिटक्वाइन ही नहीं बल्कि दूसरी सबसे पसंदीदा डिजिटल करेंसी ‘इथेरियम’ में भी ‘ओमिक्रॉन’ वेरिएंट का असर दिखाई दे रहा है। इसकी कीमत में पांच फीसदी तक की गिरावट आ गयी है। अभी, इथेरियम की कीमत 18,998 रुपये कम होकर 3,09,699 रुपये पर पहुंच गया हैं। गौरतलब है कि इसी महीने इथेरियम अपने ऑल टाइम हाई के स्तर पर पहुंचा था और अब इसमें 20 प्रतिशत तक की कमी आ चुकी है। दूसरी मुद्राओं की बात करें तो कार्डानो मे तीन प्रतिशत, रिपल में पांच प्रतिशत, पोल्काडॉट में 7 प्रतिशत, डॉजक्वाइन में 3 प्रतिशत, शीबा इनु में 4 प्रतिशत, लाइटक्वाइन में 7 प्रतिशत, अंडर डॉग में 12 प्रतिशत और किशु इनु में 10 प्रतिशत तक की कमी आ चुकी है।

बालाघाट रट्टा में नाला में दफन मिला बाघ

बालाघाट। दक्षिण वनपरिक्षेत्र सामान्य बालाघाट के रट्टा क्षेत्र के राजस्व भूमि के नाला में वन्यप्राणी बाघ का शव मिलने से वन अमले में हड़कंप का माहौल निर्मित हो गया है। यहां सूचना मिलने पर वन अमले ने मौके पर पहुंचकर नाला से बाघ के शव को निकालकर पशु चिकित्सक के द्वारा बाघ के शव का पोस्टमार्टम कराने के उपरांत उसका अंतिम संस्कार कर मामले को विवेचना में लिया है।

12 से 13 दिन पुराना है बाघ का शव :

दक्षिण वन परिक्षेत्र का गांगुलापारा व लौंगुर का जंगल है, जहां बहुतायत में बाघ विचरण करते हैं और वन विभाग का अमला भी लगातार इस क्षेत्र में गश्त करता है बावजूद इसके 12 से 13 दिन पहले बाघ का शिकार कर उसके शव को नाला में दफनाया गया है और वन विभाग को इसकी खबर तक नहीं लग पाई है।

कुछ अवशेष दिख रहे थे बाहर :

शिकार के बाद बाघ के शव को रट्टा के नाला में दफनाया दिया गया जिसके कुछ अवशेष आधा कंधा, एक पैर ओर पीछे के कुछ अवशेष दिखाई दे रहे थे साथ ही शव से दुर्गंध आने के चलते ही पता चल पाया कि बाघ का शव दफनाया गया है। जिसकी जानकारी वन अमले को सोमवार को लगी और वन अमले ने शव को बरामद कर कार्रवाई में लिया है।

पोस्टमार्टम में नहीं हो पाया खुलासा, अब जांच रिपोर्ट से उम्मीद :

बाघ का शव काफी दिन पुराना होने के कारण पूर्ण रूप से सड़ गया है। जिसके चलते ही मौके पर पहुंच पशु चिकित्सक को भी पोस्टमार्टम करने पर कुछ पता नहीं चल पाया है बाघ का शिकार किस तरीके से किया गया हैं। जिसके चलते ही बाघ की बिसरा सैंपल लेकर जांच के लिए रिपोर्ट देहरादून भेजी गई है, जहां से ही खुलासा हो पाएगा कि बाघ का शिकार आखिर किस तरह से किया गया है।

दक्षिण वनमंडल सामान्य के रट्टा के राजस्व के नाला में बाघ का शव मिला है। मौके पर पहुंचकर बाघ के शव को बरामद कर पोस्टमार्टम कराकर शव का अंतिम संस्कार किया गया है सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं जिसके बाद ही बाघ की मौत का खुलासा हो सकेगा। मौके की परिस्थिति से बाघ के शिकार की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।

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