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बिटकॉइन किसने बनाया था

बिटकॉइन किसने बनाया था
रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार, क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार को गैर-कानूनी बताने वाले फैसले पर रोक लगा दी गई है. इस फैसले से देश भर में बिटकॉइन समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार और उपयोग पर लगा प्रतिबंध खत्म हो गया है. इसका लेन-देन अब देश के सभी बैंक शुरू कर सकते है.

Blockchain kya hai | What is Blockchain Technology in hindi

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क्या आप जानना चाहते हैं की Blockchain technology kya hai और इस technology का अविष्कार किसने किया था, तो इस आर्टिकल में बने रहिये।

अभी के समय आपने एक क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन के बारे में जरूर सुना होगा बिटकॉइन को लेकर लोगों को बहुत ज्यादा उम्मीद है क्योंकि बिटकॉइन की कीमत प्रति दिन बढ़ती बिटकॉइन किसने बनाया था जा रही है।

लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस क्रिप्टोकरंसी के पीछे कौन सी टेक्नोलॉजी होती है? अगर आप जानना चाहते हैं कि बिटकॉइन के पीछे की टेक्नोलॉजी क्या है तो इस आर्टिकल Blockchain kya hai के साथ अंत तक बने रहे।

Cryptocurrency kya hai

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम शायर सिंह है ! मैं आप सबका तहे दिल से shayarallinone पर स्वागत करता हूँ ! दोस्तों आज का आर्टिकल cryptocurrency पर है, और मुझे पूरी उम्मीद है, इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद आप जान जायेंगे की Cryptocurrency kya hai आखिर cryptocurrency किस बला को कहते है!

वर्तमान में internet की दुनिया advance लेवल पर है और इसका नेटवर्क चारों तरफ फैला हुआ है! आज के इस युग में सबकुछ online होने जा रहा है! हर कोई आज internet से जुड़ा है! बहुत कुछ डिजिटल हो गया है! तो इस दौर में मुद्रा कहाँ पीछे रहने वाली थी, उसको भी डिजिटल का रूप मिला! और इसमें नाम आता है cryptocurrency का अर्थात cryptocurrency एक डिजिटल मुद्रा का रूप है! cryptocurrency कोई रुपयों का वास्तविक रूप नहीं है! इसको हम अपनी जेब में तो नहीं रख सकते न ही इसे छू सकते! cryptocurrency हमारी डिजिटल वॉलेट में रहती है!

Cryptocurrency kya hai

जिस प्रकार ऑनलाइन purchasing स्टोर पर purchasing करके या फिर game खेलकर पॉइंट लिए जाते है! OR cryptocurrency में हम रूपये देकर पॉइंट लेते है! और इनका use करके हम ऑनलाइन purchasing, शॉपिंग में कर सकते है! cryptocurrency fix होती है और इसकी माँग बहुत ज्यादा होती है और इसकी डिमांड बढ़ने का मुख्य कारण यह की इसमें किसी third party का कोई रोल नहीं होता है! किसने किसको दिया या लिया कोई नहीं जानता सिवाय cryptocurrency के लेनदार और देनदार के! RBI पहले बैंक को बिच में लाती है जिससे बैंक हर जानकारी GOVT. को देती है फिर GOVT. देखती है किसका कितना लेनदेन है और उसके BASE बिटकॉइन किसने बनाया था पर TAX लेती है!

अबतक आपने जाना है Cryptocurrency kya hai , अब जानेंगे cryptocurrency कितने प्रकार की होती है!| types of cryptocurrency

दोस्तों बात करें की cryptocurrency कितने types की होती है तो यह दुनिया में 5000+ से भी ज्यादा है! इनमे से कुछ महत्वपूर्ण cryptocurrency के बारे में बात करते है Bitcoin (BTC), Ethereum (ETH), Tether(USDT), Binance Coin (BNB),USD Coin (USDC), Cardano (ADA),Solana (SOL), Terra (LUNA)

क्रिप्टोकररेंसी की महत्वपूर्ण विशेषता CRYPTOCURRENCY FEATURE IN HINDI | CRYPTOCURRENCY KYA HAI IN HINDI

  • प्रत्येक CRYPTOCURRENCY की एक ब्लॉकचैन (BLOCKCHAIN) होती है! और इसका इस्तेमाल क्रीप्टोकरेन्सी के सभी लेनदेन का TRACK रखने के लिए किया जाता है! कोई भी लेनदेन हो तो वो इस BLOCKCHAIN में जाकर जुड़ जाता है! CRYPTOCURRENCY TRANSACTION होने में किसी में कम समय लगता है तो किसी में तुरंत होता है!
  • एकबार जब TRANSACTION होने पर यह ब्लॉकचैन में नया ब्लॉक जुड़ जाता है! इसको फिर से REVERSE नहीं किया जा सकता है! और ना ही BLOCKCHAIN में से पुराने BLOCK को मिटा (DELETE) सकते हो!
  • क्रिप्टोकरेन्सी एक्सचेंज | (CRYPTOCURRENCY EXCHANGE IN HINDI) यह एक ONLINE प्लेटफॉर्म होता है जहाँ FEAT करेंसी को क्रिप्टोकरेन्सी में और क्रिप्टोकरेन्सी को FEAT करेंसी में बदला जाता है!

Bitcoin का इतिहास क्या है?

साल 2008 जब बिटक्वाइन का निर्माण हुआ. Satoshi Nakamoto जो बिटक्वाइन के निर्माता है उन्होंने 2008 में इंटरनेट के एक आर्टिकल के माध्यम से अपने इस आइडिया को लोगों के सामने रखा.

Satoshi Nakamoto की सोंच

सबसे पहले यह जनना आवश्यक है की हमारा अर्थव्यवस्था कैसे कार्य करता है. जरा सोच के देखिये पैसे का वेल्यू पूरी तरह भरोसे पर कार्य करता है पैसे का वैल्यू इसलिए है क्योंकि उस पर धारक को इतने रूपये अदा करके का वचन देता हूँ यह बात समर्थित है. इसके साथ ही उसपर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर का हस्ताक्षर यह भरोसा दिलाता है. इस रूपये की वैल्यू है वार्ना यह महज एक कागज का टुकड़ा है.

अब आप अंदाजा लगा सकते हैं बिटकॉइन किसने बनाया था की सरकार और बैंक (सेन्ट्रल बैंक) कितना शक्तिशाली है पैसे को कंट्रोल करने के मामले में, जब आप बैंक पर पैसे डिपॉजिट करते हैं. तब आप बैंक को एक तरह से अनुमति देते हैं की वह कम्पनी और अन्य चीजों में आपके पैसे को लगाए, जरा सोचिये कहीं वह पैसे डूब गए तो क्या होगा? हमने नीरव मोदी, विजय माल्या का बैंक फ्रॉड तो देखा ही हुआ है.

बिटक्वाइन कैसे कार्य करता है?

बिटक्वाइन Blockchain तकनीक पर आधारित है. सभी Bitcoin ट्रांजेक्शन का एक पब्लिक अकाउंट होता है. जिसे लेजर कहते हैं यह पब्लिक अकाउंट सभी सिस्टम पर उपलब्ध होता है. जो लोग इस सिस्टम को चलाते हैं उन्हें माइनर कहा जाता है. माइनर का काम सभी ट्रांजेक्शन को वेरिफाई करना होता है की अगर A व्यक्ति B के पास 2 बिटक्वाइन भेजता है माइनर का यह यह काम होता की क्या A के खाते में सचमुच 2 बिटक्वाइन यह पता करना.

यह बहुत ही जटिल और कंप्यूटरकृत कार्य है जिसके लिए हाई प्रोसेसिंग वाले कम्प्यूटर की आवश्यकता पड़ती है. एक बार बिटकॉइन किसने बनाया था एक्वीजन पूरा हो जाने के बाद नेटवर्क के सभी कम्प्यूटर इसे कन्फर्म करते हैं और यह ट्रांजेक्शन चैन में शामिल हो जाती है. इसी लिए टेक्नोलॉजी को ब्लॉक चेन कहते हैं. माइनर को यह कार्य करने के बदले कुछ Bitcoin दिया जाता है.

क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन का उपयोग कैसे किया जाता है?

  • बिटकॉइन का सर्वाधिक प्रयोग इन्वेस्टमेंट के रूप में किया जाता है.
  • कहीं कहीं पर Bitcoin का उपयोग करंसी की तरह गुड्स एवं सर्विस खरीदने के लिए किया जाता है.

Bitcoin पर लोगों का भिन्न-भिन्न तरह का राय है. कोई इसे आने वाला भविष्य मानता है तो कोई Bitcoin को बिना वेल्यू का बताता है क्योंकि इसे देखा और छुवा नहीं जा सकता, लोगों का मानना है की Bitcoin अगर सोने के सामान Gold करंसी है तो गोल्ड को तो देखा और छुवा जा सकता है परन्तु Bitcoin के साथ ऐसा नहीं है. घर और सम्पति को देखा जा सकता है उसे भौतिक रूप से महसूस किया जा सकता है परन्तु Bitcoin को नहीं इसलिए अभी भी ज्यादातर लोग Bitcoin को पूरी तरह सहीं नहीं मानते.

इसके अलावा अगर किसी दुकान से सामान लेना है तब Bitcoin का उपयोग नहीं किया जा सकता हालांकि लगातार परिवर्तन जारी है कई जगह पर हॉटल रेस्तरा में Bitcoin का उपयोग किया जा रहा है. देखा जाये तो यह अभी भी निश प्रोडक्ट बना हुआ है. परन्तु समय के साथ इसमें कितना परिवर्तन होता है यह कहा नहीं जा सकता.

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल करेंसी है. यह करेंसी कंप्यूटर एल्गोरिदम पर आधारित है. इसका उपयोग शॉपिंग या कोई सर्विस खरीदने हेतु किया जा सकता है. इस तकनीक के जरिए करेंसी के लेन-देन का पूरा लेखा-जोखा होता है. यह स्वतंत्र मुद्रा है जिसका कोई मालिक नहीं है. क्रिप्टोकरेंसी की सबसे पहले शुरुआत साल 2009 में हुई थी. बिटकॉइन सबसे पहली क्रिप्टोकरेंसी थी.

केंद्र सरकार जुलाई 2019 में संसद में विधेयक लाई थी, जिसमें तय हुआ था कि क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटक्‍वाइन को रखने, बेचने या खरीदने पर 10 साल की जेल हो सकती है. इसे पूरी तरह से अवैध बनाने के अतिरिक्त विधेयक में क्रिप्टोकरेंसी रखने को गैर-जमानती अपराध बनाया गया है.

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बिटकॉइन प्राइस को कौन कंट्रोल करता है

बिटकॉइन प्राइस (Bitcoin Price) को कौन कंट्रोल करता है? यह सवाल कई बार उठाया जाता है। लेकिन आपको बता दें कि बिटकॉइन प्राइस (Bitcoin Price) को कोई भी कंट्रोल नहीं करता है। यह एक विकेन्द्रीकृत (Decentralized) मुद्रा है। मतलब इसका कोई केंद्र नहीं है, इसका कोई दफ्तर नहीं है।

जैसे भारतीय रुपये को आरबीआई कंट्रोल करता है। किसी भी तरह की समस्या होने पर हम रिजर्व बैंक से गुहार लगा सकते हैं लेकिन बिटकॉइन के मामले में ऐसा नही है। बिटकॉइन को खरीदने और बेचने के लिए कई एप का इस्तेमाल किया जाता है।

जैसा कि हमने पहले बताया है कि बिटकॉइन की एक निश्चित संख्या है। इस लिए जब ज्यादा लोग बिटकॉइन को खरीद लेते हैं तो खुले में बिटकॉइन कम बचते हैं। इस लिए उसका दाम अपने आप बढ़ जाता है। वहीं जब यही लोग बिटकॉइन को बेंचने लगते हैं तो इसका दाम कम होने लगता है। क्योंकि बाजार में बहुत सारे बिटकॉइन आ जाते हैं।

बिटकॉइन का इस्तेमाल कैसे किया जाता है

बिटकॉइन का इस्तेमाल करने के लिए पहले बिटकॉइन वॉलेट की आवश्यक्ता होती है। वालेट सेंडर और रिसीवर यानी भेजने वाले और पाने वाले दोनों के पास होना चाहिए। उसके बाद रिसीवर यानी बिटकॉइन पाने वाला सेंडर को अपना बिटकॉइन एड्रेस देता है।

सेंडर अपने वॉलेट में उस एड्रेस को डालता है और कितना बिटकॉइन भेजना है यह लिख कर सेंड कर देता है। इस प्रोसेस को पूरा करते ही सेंडर के वॉलेट में पड़े बिटकाइन कट जाते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि बिटकॉइन तुरंत ही पहुंच जाता है।

वह कई कंप्यूटरों से जुड़ा होता है। वहां से वेरीफाई होने के बाद वह रिसीवर को मिलता है। इस प्रक्रिया में 5-6 मिनट लग जाते हैं। कई बार यह समय आधे घंटे तक हो जाता है। अब सवाल यह आता है कि जब कोई सेंट्रल सिस्सटम नहीं होता तो आखिर बिटकॉइन वेरीफाई किस कंप्यूटर से होता है?

बिटकॉइन कैसे प्रचलित हुआ

बैंकों से पैसे के ट्रांसफर में समय और धन ज्यादा लगता है। साथ ही यह खर्च और बढ़ जाता है जब आप विदेशों से पैसा भेज रहे हों। फॉरेन एक्सचेंज में लोगों का ज्यादा खर्च लगता था। जबकि यही दाम बिटकॉइन ट्रांसफर में बहुत ही कम हो गया।

कहा जाए तो भेजी जाने वाली राशि के 1 प्रतिशत से भी कम दाम में। जिसके बाद लोगों ने बिटकॉइन का इस्तेमाल शुरू कर दिया। इसकी एक खास बात और थी कि इसे ट्रैक नहीं किया जा सकता था। जिसके कारण सरकारें चिंतित हो गईं।

कई देशों की सरकारों का मानना था कि बिटकॉइन का इस्तेमाल करके अवैध व्यापार जैसे स्म्गलिंग, हथियारों का धंधा किया जा सकता है। इस लिए कई देशों ने इसे बैन कर दिया। बिटकॉइन से पैसा भेजने का फायदा यह भी था कि बिटकॉइन वॉलेट का अकाउंट ब्लॉक नहीं होता है।

बिटकॉइन का दाम (Bitcoin Price) क्यों सर्च किया गया

साल 2017 में जिस समय गुजरात में चुनाव थे उस समय बिटकॉइन का दाम तेजी से बढ़ने लगा। जिससे बिटकॉइन खबरों में आ गया। लगातार खबरों में उसके दाम के बढ़ने का सिलसिला देखने को मिल रहा था। कभी जनवरी 2017 में 1 लाख रुपये का बिटकॉइन दिसंबर 2017 तक 14 लाख रुपये पहुंच गया।

जिसके कारण बिटकॉइन की ओर लोग आकर्षित हुए और बंपर इन्वेस्ट भी किया। लेकिन दिसंबर के बाद दाम गिरने लगा। आज बिटकॉइन का दाम 3 लाख रुपये से भी कम है। बिटकॉइन के लगातार घटते बढ़ते दामों को देखने के लिए लोगों ने बिटकॉइन प्राइस (Bitcoin Price) सर्च किया।

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