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व्यापार तकनीक क्या है?

व्यापार तकनीक क्या है?
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सेल्फ-ड्राइविंग तकनीक पर काम करने के लिए चीनी टेस्ला प्रतिद्वंद्वी Nio और विशाल Tencent पार्टनर

Nio अपनी तकनीक के माध्यम व्यापार तकनीक क्या है? से चीनी इलेक्ट्रिक वाहन प्रतिस्पर्धियों की लहर से अलग दिखने की कोशिश कर रहा है। कंपनी उम्मीद कर रही है कि Tencent के साथ उसकी साझेदारी मैपिंग से स्वायत्त ड्राइविंग तक के क्षेत्रों में अपनी तकनीकी कौशल को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है।

अनादोलु एजेंसी | गेटी इमेजेज

चीनी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता एनआईओ और तकनीकी दिग्गज Tencent स्वायत्त ड्राइविंग और हाई-डेफिनिशन मैपिंग सहित क्षेत्रों पर मिलकर काम करने पर सहमत हुए।

Tencent – एक गेमिंग, सोशल मीडिया और क्लाउड कंप्यूटिंग टाइटन – ने Nio के साथ एक सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं टेस्ला के चीन में प्रतिद्वंद्वियों, क्योंकि कंपनियां तथाकथित नई ऊर्जा कारों पर बीजिंग के ध्यान को भुनाने की कोशिश करती हैं।

व्यापार से लाभ के प्रकार | गत्यात्मक प्रकार का लाभ | स्थैतिक प्रकार का लाभ | अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रावैगिक एवं स्थैतिक लाभ

व्यापार से लाभ पर प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों ने भिन्न-भिन्न विचार किये हैं पर वे एक बात पर सहमत हैं कि व्यापार का मूल उद्देश्य लाभ की प्राप्ति है। व्यापार से लाभ का आशय शुद्ध लाभों या वस्तुओं की वृद्धि से है।

व्यापार से लाभ दो प्रकार के हैं जो निम्नलिखित हैं-

  • (I) गत्यात्मक प्रकार का लाभ (व्यापार तकनीक क्या है? Dynamic Type of Gains)
  • (II) स्थैतिक प्रकार का लाभ (Static Types of Gains)

(I) गत्यात्मक लाभ ( Dynamic Gains)-

व्यापार में निम्नलिखित गत्यात्मक लाभ प्राप्त होते हैं-

  1. संसाधनों का कुशल प्रयोग (Efficient Employment of Resources)- अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से प्रत्यक्ष गत्यात्मक लाभ यह है कि तुलनात्मक लाभ से विश्व के उत्पादकीय संसाधनों का अधिक कुशल प्रयोग होता है।
  2. अन्य क्रियाओं का विकास (Development of Other व्यापार तकनीक क्या है? Activities)- जब एक देश निर्यात के लिए वस्तुयें उत्पादित करना तथा घरेलू उपभोग के लिए आयात करना प्रारम्भ करता है तो अन्य आर्थिक क्रियाओं का विकास होता है, विद्युत, सड़कों, फ्लाईओवर पुलों आदि बुनियादी सुविधाओं का निर्माण होता है। प्राथमिक क्षेत्र कच्चे माल के लिए घरेलू प्रयोग एवं निर्यात के लिए व्यावसायिक क्षेत्र में विकसित हो जाता है। बैंक, इंश्योरेंस, संचार आदि के रूप में तृतीयक क्षेत्र विकसित होता है।
  3. बाजार का विस्तार (Expansion of Market)- व्यापार से मुख्य परोक्ष गत्यात्मक लाभ बाजार के विस्तार का है। विशिष्टीकरण का क्षेत्र और बाजार के आकार का विस्तार करने से अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से मशीनों का अधिक प्रयोग होता है, खोजों और नवप्रवर्तनों को प्रोत्साहन मिलता है, श्रम उत्पादकता में वृद्धि होती है, लागतें कम होती है तथा विकास तीव्र गति से होता है।
  4. निवेश में वृद्धि (Increase in Investment)- विदेशी व्यापार विभिन्न प्रकार की वस्तुओं को एकत्र करने और उत्पादन की नई इकाइयाँ स्थापित करने को प्रोत्साहित करता है। पूरक एवं सहायक इकाइयाँ स्थापित हो जाती है। निर्यात के लिए उत्पादन की अन्य क्रियाओं (ऊपर वर्णित) के विकास में पश्चगामी (Backward) एवं अग्रगामी (Forward) श्रृंखलायें (Linkages) लाता है। ये सभी देश में स्वायत्त तथा प्रेरित निवेशों में वृद्धि लाते हैं।

(II) स्थैतिक लाभ ( Static Gains)-

व्यापार से स्थैतिक लाभ निम्नलिखित हैं-

  1. राष्ट्रीय आय में वृद्धि (Increase in National Income)- जब एक देश व्यापार में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर विशिष्टीकरण और वस्तुओं के विनिमय से लाभ उठाता है तो उससे राष्ट्रीय आय में वृद्धि होती है तथा इसके फलस्वरूप उत्पादन के स्तर तथा अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में भी तीव्र गति से वृद्धि होती है।
  2. उत्पादन का अधिकतम होना (Maximisation of Production)- प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों के अनुसार, व्यापार से लाभ राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तरों पर श्रम विभाजन और विशिष्टीकरण के लाभों के कारण होते हैं। एक देश में संसाधन और प्रौद्योगिकी दिये होने पर, व्यापार और तुलनात्मक लाभ के आधार पर उत्पादन में विशिष्टीकरण प्रत्येक देश को अपनी वस्तुयें दूसरे देश की वस्तुओं के साथ विनिमय करने की क्षमता प्रदान करता है। इस प्रकार, यह व्यापार के बिना की तुलना में व्यापार से अधिक लाभ प्राप्त करता है। प्रत्येक देश कम लागत से उत्पादित वस्तुओं को आयात करता है और अपनी अन्य सस्ती उत्पादित वस्तुओं का निर्यात करता है। इस प्रकार, दोनों देश अपने उत्पादन को अधिकतम करते हैं।
  3. अतिरेक का निर्गम (Vent for Surplus)- व्यापार से लाभ एक देश में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से पूर्व भूमि, श्रम एवं संसाधनों के निष्क्रिय पाये जाने से भी होते हैं। अन्तर्राष्ट्रीय बाजारों में शामिल होने से इसके संसाधनों का प्रयोग वस्तुओं के अतिरेक को उत्पादित करने में व्यापार तकनीक क्या है? प्रयोग होता है जो अन्यथा बिना बेंचे रह जायेगी। यह एडम स्मिथ का व्यापार से अतिरेक का निर्गम कहलाता है।
  4. कल्याण में वृद्धि (Increase in Welfare)- अन्तर्राष्ट्रीय श्रम विभाजन और विशिष्टीकरण के परिणामस्वरूप व्यापार करने वाले दो देशों के बीच वस्तुओं के उत्पादन में वृद्धि होती है इससे वस्तुओं के उपभोग में बढ़ोत्तरी होती है तथा व्यक्तियों के कल्याण में वृद्धि होती है।

आधुनिक बाजार:

लेकिन, आज किसी भी चीज पर भारी नवाचार और तकनीकी प्रभाव के साथ, बाजार सिर्फ व्यापार से कहीं ज्यादा हैं। वे प्रतिस्पर्धा के बारे में हैं, वे छूट आदि के बारे में हैं प्रचार कोड और विपणन और बाजार हिस्सेदारी। यह आधुनिक तकनीक और ई-कॉमर्स का युग है, जहां व्यापार इंटरनेट पर किया जाता है, जहां आपको चीजें खरीदने के लिए अपने घर से बाहर नहीं निकलना पड़ता है। लेकिन आधुनिक दुनिया में ही कई अंतर और समस्याएं हैं जिनसे निपटने की जरूरत है।

सबसे व्यापार तकनीक क्या है? बड़ा रिस्क है इंटरनेट घोटालों और खतरों से सुरक्षित रहें. यह धमकी क्या है? इनमें पहचान की चोरी, हैकिंग, फ़िशिंग, डेटा हेरफेर आदि शामिल हैं। इसलिए, जहां हमने स्क्रीन के सामने अपने घरों में आराम से खरीदारी करना आसान बना दिया है, वहीं हमने खुद को धोखाधड़ी और चोरों से बचाना भी कठिन बना दिया है। कुछ सबसे उन्नत प्रौद्योगिकियां आपके क्रेडिट कार्ड पर माइक्रोचिप पढ़ सकती हैं और आपकी जानकारी निकाल सकती हैं जिसका उपयोग अवैध लेनदेन के लिए व्यापार तकनीक क्या है? व्यापार तकनीक क्या है? किया जा सकता है। इससे चीजें बहुत जटिल हो जाती हैं।

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