Trading के फायदें

ज्यादा फायदे के लिए कंहा निवेश करें

ज्यादा फायदे के लिए कंहा निवेश करें
Zee Business हिंदी 2 दिन पहले ज़ीबिज़ वेब टीम

Invest Money: पैसे से पैसा बनाने का यह तरीका जानेंगे तो फायदे में रहेंगे

हर कोर्इ चाहता है कि उसके पास इतना ज्यादा पैसा हो और वह जिंदगी की सारी आवश्यकताओं को आसानी से पूरा कर सके. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि पैसा आयेगा कहां से?

वैसे तो पैसे कमाने के कई तरीके हैं, लेकिन निवेश को लोग सबसे बढ़िया साधन मानते हैं. यह बात अलग है कि निवेश करना कई बार जोखिमभरा भी हो सकता है. हम आपको बताएंगे कि आपको कहां, कैसे और कितना निवेश करना चाहिए ताकि आप अपने पैसे से ज्यादा पैसा बना सकें.

पहले तय करें कि निवेश किसलिए करना है
पैसा कहीं भी निवेश करने से पहले यह तय कर लें कि इसके पीछे आपकाउद्देश्य क्या है. इससे आप किस तरह के खर्चों की पूर्तिकरनाचाहते हैं? अगर आप निवेश को लेकर स्पष्ट होंगे, तो आपका टारगेट सेट रहता है. ऐसे में फिर आप अपने निवेश का रिटर्न, उसमें लगाया समय और जोखिम जैसी बातें समझ और तय कर सकते हैं.

अलग-अलग जगह लगायें अपना पैसा
निवेश का सबसे पहला फंडा यह है कि आप एक जगह निवेश बिलकुल न करें. अलग-अलग जगह निवेश करने का आपको ज्यादा फायदा होगा. अगर आपने चार अलग-अलग जगह निवेश कर रखा होगा और उनमें से एक में आपको घाटा हो रहा हो, तो बाकी के तीन जगह से मिलनेवाला रिटर्न आपके निवेश के एक हिस्से आये घाटे को पूरा कर देगा.

सुनी बातों पर यकीन करने से सच्चाई पता होनाअच्छा
एक बात का ध्यान रखें. ट्रेडिंग मार्केट में प्रचार ज्यादा चलता है. ऐसे में लोग बिना रिसर्च किये दूसरों का कहा मानकर किसी भी प्लान में निवेश कर देते हैं. ऐसे में हमारी सलाह है कि सुनी हुई बातों पर यकीन करने के बजाय प्लान्स के बारे में खुद रिसर्च करके उसमें इन्वेस्ट करें.

बाजार की टाइमिंगपहचानें
स्टॉक मार्केट अस्थिर होता हैऔर इसमें उतार-चढ़ाव चलता रहता है. किसका भाव बढ़ेगा और किसका गिरेगा, इसके बारे में सटीक भविष्यवाणी कोई नहीं कर सकता. बाजार की चाल पर तुक्का लगानेवालों के चक्कर में न पड़ें. बाजार पर बारीक नजर रखकर आप इसकी टाइमिंग पहचान कर सकते हैं.

जरूरी खर्च के पैसेन करें निवेश
हमेशा अतिरिक्त पैसे को ही निवेश में लगाना चाहिए. ​निवेश के लिए कभी अपनी जरूरत का पैसा इस्तेमाल न करें. स्टॉक मार्केट के मामले में यह जरूरी नहीं है कि अगर आज नुकसान नहीं हो रहा है तो आगे भी नहीं होगा. ऐसे में सलाह दी जाती है कि अतिरिक्त फंड ही निवेश करें, ताकि अगर कभी नुकसान उठाना पड़े तो आपके जरूरी खर्च प्रभावित न हों.

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अटल पेंशन योजना

मुख्य पृष्ठ

भारत सरकार का सह योगदान वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 के लिए यानी 5 साल के लिए उन ग्राहकों को उपलब्ध है जो 1 जून, 2015 से 31 मार्च, 2016 की इस अवधि के दौरान इस योजना में शामिल होते हैं और जो किसी भी वैधानिक और सामाजिक सुरक्षा योजना में शामिल नहीं हैं एवं आयकर दाताओं में शामिल नहीं हैं। सरकार का सह-योगदान पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा पात्र स्थायी सेवानिवृत्ति खाता पेंशन संख्या को केंद्रीय रिकार्ड एजेंसी से ग्राहक द्वारा वर्ष के लिए सभी किस्तों का भुगतान की पुष्टि प्राप्त करने के बाद वित्तीय वर्ष के अंत में लिए ग्राहक के बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में कुल योगदान का 50% या 1000 रुपये का एक अधिकतम अंशदान जमा किया जाएगा। वैसे लाभार्थी जो वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अंतर्गत आते हैं, एपीवाई के तहत सरकार के सह-योगदान प्राप्त करने के पात्र नहीं हैं। उदाहरण के लिए, निम्नलिखित अधिनियमों के तहत सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के सदस्य एपीवाई के तहत सरकार के सह-योगदान प्राप्त करने के लिए पात्र नहीं हो सकते है:

    और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952
  • कोयला खान भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1948
  • असम चाय बागान भविष्य निधि और विविध प्रावधान, 1955
  • नाविक भविष्य निधि अधिनियम, 1966
  • जम्मू-कश्मीर कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1961
  • कोई भी अन्य वैधानिक सामाजिक सुरक्षा योजना

अटल पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन की इस अर्थ में सरकार द्वारा की गारंटी होगी कि यदि पेंशन योगदान पर वास्तविक रिटर्न अंशदान की अवधि के दौरान कम हुआ तो इस तरह की कमी को सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। दूसरी ओर, यदि पेंशन योगदान पर वास्तविक रिटर्न न्यूनतम गारंटी पेंशन के लिए योगदान की अवधि में रिटर्न की तुलना में अधिक हैं तो इस तरह के अतिरिक्त लाभ ग्राहक के खाते में जमा किया जायेगा जिससे ग्राहकों को बढ़ा हुआ योजना लाभ मिलेगा।

सरकार कुल योगदान का 50% या 1000 रुपये प्रति साल जो भी कम हो का सह-योगदान प्रत्येक पात्र ग्राहक को करेगी जो इस योजना में 1 जून 2015 से 31 मार्च 2016 के बीच शामिल होते हैं और जो किसी भी अन्य सामाजिक सुरक्षा योजना के एक लाभार्थी नहीं है एवं आयकर दाता नहीं है। सरकार के सह-योगदान वित्तीय वर्ष 2015-16 से 2019-20 तक 5 साल के लिए दिया जाएगा।

वर्तमान में, नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के तहत ग्राहक योगदान एवं उसपर निवेश रिटर्न के लिए के लिए कर लाभ पाने के पात्र है। इसके अलावा, एनपीएस से बाहर निकलने पर वार्षिकी की खरीद मूल्य पर भी कर नहीं लगाया जाता है और केवल ग्राहकों की पेंशन आय सामान्य आय का हिस्सा मानी जाती है उसपर ग्राहक के लिए लागू उचित सीमांत दर लगाया जाता है। इसी तरह के कर उपचार एपीवाई के ग्राहकों के लिए लागू है।

खाता खोलने के लिए प्रक्रिया

  • बैंक शाखा/पोस्ट ऑफिस जहां व्यक्ति का बचत बैंक है को संपर्क करें या यदि खाता नही है तो नया बचत खाता खोलें
  • बैंक/डाकघर बचत बैंक खाता संख्या उपलब्ध करायें और बैंक कर्मचारियों की मदद से एपीवाई पंजीकरण फार्म भरें
  • आधार/मोबाइल नंबर उपलब्ध कराएं । यह अनिवार्य नहीं है, लेकिन योगदान के बारे में संचार की सुविधा हेतु प्रदान की जा सकती है।
  • मासिक/तिमाही/छमाही योगदान के हस्तांतरण के लिए बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में आवश्यक राशि रखना सुनिश्चित करें

योगदान की विधि, कैसे योगदान करें और योगदान की नियत तारीख

निरंतर चूक के मामले में

ग्राहकों को अपने बचत बैंक खातों/डाकघर बचत बैंक खाते में निर्धारित नियत दिनांक देरी योगदान के लिए किसी भी अतिदेय ब्याज से बचने के लिए पर्याप्त राशि रखनी चाहिए। मासिक/तिमाही/छमाही योगदान बचत बैंक खाता/डाकघर बचत बैंक खाते में महीने/तिमाही/छमाही की पहली तारीख को जमा किया जा सकता है। हालांकि, अगर ग्राहक के बचत बैंक खाते/डाकघर बचत बैंक खाते में पहले महीने के अंतिम दिन/पहले तिमाही के अंतिम दिन/ पहले छमाही के अंतिम अपर्याप्त शेष है तो इसे एक डिफ़ॉल्ट माना जायेगा और देरी से योगदान के लिए अतिदेय ब्याज के साथ अगले महीने में भुगतान करना होगा। बैंकों को प्रत्येक देरी मासिक योगदान के लिए प्रत्येक 100 रुपये में देरी के 1 रुपये प्रति माह शुल्क लेना है। योगदान की तिमाही/छमाही मोड के लिए देरी योगदान के लिए अतिदेय ब्याज के हिसाब से वसूल किया जाएगा। एकत्र बकाया ब्याज की राशि ग्राहक के पेंशन कोष के हिस्से के रूप में रहेगा। एक से अधिक मासिक/तिमाही/छमाही योगदान धन की उपलब्धता के आधार पर लिया जा सकता है। सभी मामलों में, योगदान यदि कोई हो अतिदेय राशि के साथ-साथ जमा किया जा सकता है। यह बैंक की आंतरिक प्रक्रिया होगी। देय राशि की वसूली खाते में उपलब्ध धन के अनुसार की जाएगी।

रखरखाव शुल्क और अन्य संबंधित शुल्कों के लिए ग्राहकों के खाते से कटौती एक आवधिक आधार पर किया जाएगा। उन ग्राहकों के लिए जिन्होंनें सरकार के सह-योगदान का लाभ उठाया है के लिए, खाते की राशि शून्य माना जाएगा जब ग्राहक कोष एवं सरकार के सह-योगदान खाते से घटाने पर राशि रखरखाव शुल्क, फीस और अतिदेय ब्याज के बराबर हो जाये और इसलिए शुद्ध कोष शून्य हो जाता है । इस मामले में सरकार का सह अंशदान सरकार को वापस दिया जाएगा।

Fixed Deposit और Floating Rate FD के बीच क्‍या है फर्क, किसमें आपका फायदा और किसमें नुकसान?

Zee Business हिंदी लोगो

Zee Business हिंदी 2 दिन पहले ज़ीबिज़ वेब टीम

Fixed Deposit आज भी निवेश का एक पसंदीदा विकल्‍प है. इसकी वजह है कि फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट पर कितना रिटर्न मिलेगा, इस बात का ग्राहक को पहले से पता होता है. इसमें मार्केट के उतार-चढ़ाव का का रिस्‍क नहीं होता है. लेकिन एफडी पर बैंक समय-समय पर ब्‍याज घटाती और बढ़ाती रहती है. ऐसे में जिस समय आपने अपने पैसे को फिक्‍स किया है, आपको उसी हिसाब से इंटरेस्‍ट मिलता है.

अगर निवेश के समय इंटरेस्‍ट रेट कम है, ज्यादा फायदे के लिए कंहा निवेश करें तो मुनाफा भी कम होगा और इंटरेस्‍ट रेट ज्‍यादा है तो मुनाफा भी बेहतर होगा. लेकिन अगर आप चाहें तो फ्लोटिंग रेट्स एफडी का भी विकल्‍प चुन सकते हैं. आइए आपको बताते हैं कि Fixed Deposit और Floating Rate FD क्‍या फर्क है और आपके लिए कौन सा फायदे का सौदा है.

ये है फिक्‍स्‍ड रेट एफडी

फिक्‍स्‍ड रेट एफडी निवेश का वो जरिया है, जिसमें आपको गारंटीड रिटर्न मिलता है. इसमें इंटरेस्ट रेट मैच्‍योरिटी के समय तक समान रहता है. आप चाहें एफडी में पैसा एक साल के लिए निवेश करें या 5 साल के लिए, फिक्‍स करने के दिन जो इंटरेस्‍ट रेट था, मैच्‍योरिटी पर आपको रकम उसी के हिसाब से मिलेगी. इस बीच ब्‍याज के घटने या बढ़ने का कोई फर्क नहीं पड़ता है.

फ्लोटिंग रेट फिक्‍सड डिपॉजिट

फ्लोटिंग रेट फिक्‍सड डिपॉजिट में जब आप पैसा निवेश करते हैं तो इसमें इंटरेस्‍ट रेट मैच्‍योरिटी की अवधि तक बदलते रहते हैं. चूंकि आरबीआई हर निश्चित अवधि में ब्याज दरों में बदलाव करता है. ऐसे में बैंक अगर एफडी पर ब्‍याज दर बढ़ाता है, तो एफडी पर बढ़ा हुआ ब्‍याज लगता है और घटाता है तो आपके निवेश पर घटा हुआ ब्‍याज लगता है. साधारण शब्‍दों में समझें तो आरबीआई के रेपो रेट बढ़ने और घटने का असर बैंक की ब्‍याज दरों पर पड़ता है और बैंक के ब्‍याज बढ़ाने और घटाने का सीधा असर फ्लोटिंग रेट फिक्‍सड डिपॉजिट पर पड़ता है.

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आपका किसमें फायदा

फिक्स्ड रेट डिपॉजिट और फ्लोटिंग रेट एफडी दोनों के अपने-अपने फायदे हैं. लेकिन मौजूदा समय में जिस तरह महंगाई की मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए जिस तरह से रिजर्व बैंक रेपो रेट बार-बार बढ़ा रहा है, तो उससे एफडी रेट्स के ब्‍याज में भी बढ़ोतरी हुई है. इस बीच आपके ज्यादा फायदे के लिए कंहा निवेश करें लिए फ्लोटिंग रेट एफडी में निवेश करना मुनाफे का सौदा हो सकता है. लेकिन आपको भविष्‍य में बैंक के इंटरेस्‍ट रेट्स के दोबारा कम होने की स्थिति के लिए भी तैयार रहना चाहिए क्‍योंकि कब तक कौन सी ब्‍याज दर लागू रहेगी, ये निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता. लेकिन अगर आप सिर्फ गारंटीड रिटर्न लेना ही ज्यादा फायदे के लिए कंहा निवेश करें पसंद करते हैं, तो आपको फिक्स्ड रेट डिपॉजिट में ही निवेश करना चाहिए. फिलहाल यस बैंक में फ्लोटिंग रेट एफडी का विकल्‍प मौजूद है.

बचत खाते में पैसा रखने के बजाय इनमें करें निवेश और पाएँ अधिक रिटर्न

बचत खाते में पैसा रखने के बजाय इनमें करें निवेश और पाएँ अधिक रिटर्न

बचत हम सभी के लिए बेहद जरूरी है, लेकिन इसी के साथ ये भी जानना उतना ही जरूरी है कि इसके लिए सबसे उचित साधन कौन सा है? आमतौर पर हम अपनी बचत की राशि को सीधे बचत खाते में डाल देते हैं। बचत खाते में भले ही जोखिम ना हो लेकिन उसमें मिलने वाला ब्याज़ बेहद कम होता है, जिससे आपकी बचत राशि में कोई खास बढ़ोत्तरी देखने को नहीं मिलती है।

इसके उलट अगर आप निवेश को ध्यान में रखते हुए अपनी बचत राशि के जरिये अच्छा रिटर्न पाना चाहते हैं तो आपके पास कई विकल्प मौजूद हैं, जो आपको कम जोखिम के साथ आधिक रिटर्न में आपकी मदद करेंगे। नीचे हम ऐसे ही कुछ विकल्पों की चर्चा कर रहे हैं, जिनके साथ आगे बढ़ते हुए आप अपनी बचत राशि को निवेश के लिए इस्तेमाल कर अधिक लाभ उठा सकते हैं।

म्यूचुअल फंड

आजकल म्यूचुअल फंड अधिक चर्चा में है। इक्विटी म्यूचुअल फंड के जरिये आप इक्विटी स्टॉक में निवेश का कर सकते हैं। सेबी के अनुसार जो स्कीम अपने फंड का 65 प्रतिशत हिस्सा शेयरों में निवेश करती है वो इक्विटी म्यूचुअल फंड कहलाती है। इस स्कीम के तहट एक फंड मैनेजर पर्याप्त रिसर्च के बाद निवेश के लिए बेहतर शेयर का चुनाव कर उसमें निवेश करता है।

आप डेट म्यूचुअल फंड के जरिये गारंटीड रिटर्न कमा सकते हैं। इन म्यूचुअल फंड के जरिये आप कॉर्पोरेट बांड्स, सरकारी सिक्योरिटीज और कमर्शियल पेपर आदि में निवेश करते हैं, जिसमें आपको पाँच साल की अवधि के लिए 7.5 फीसदी सालाना रिटर्न तक मिल सकता है।

NPF (नेशनल पेंशन स्कीम)

नेशनल पेंशन स्कीम बीते कुछ समय से लोगों की पसंद का हिस्सा रहा है। इसमें निवेश के साथ निकासी संबंधी नियमों में बदलाव और अतिरिक्त टैक्स छूट ने इसे निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक बना दिया है। NPS में निवेश के साथ ही आप शिक्षा, शादी और मेडिकल इमरजेंसी के समय में आंशिक निकासी भी कर ज्यादा फायदे के लिए कंहा निवेश करें सकते हैं।

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बैंक एफडी

बैंक में पैसा डालने के बाद अगर आप निश्चिंत हो जाना चाहते हैं तो एफडी का विकल्प आप के लिए ही है। यह निवेश का सबसे सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न वाला विकल्प है। एफडी में निवेश करते हुए आप 80C के तहत टैक्स में छूट भी पा सकते हैं।

रियल एस्टेट

निवेश के लिए यदि आपके पास बड़ी राशि है तो रियल एस्टेट आपके लिए सर्वोत्तम विकल्पों में से एक हो सकता है। इस सेक्टर में निवेश करने के बाद आपकी संपत्ति के दाम को लगातार बढ़ते ही हैं, साथ में आप किराए के जरिये भी आमदनी का एक पक्का साधन तैयार कर सकते हैं।

रियल एस्टेट में निवेश करते समय आपको लोकेशन और मौजूद सुविधाओं के बारे में अधिक सजग रहना होता है, ताकि आपको क्षेत्र के विकास के साथ अधिक से अधिक रिटर्न हासिल हो सके। रियल इस्टेट महज कुछ सालों के भीतर ही 100 प्रतिशत से अधिक रिटर्न दे सकता है।

सैकड़ों सालों से सोना निवेश का सबसे लोकप्रिय और सुरक्षित साधन बना हुआ है। लोग सोने के सिक्के, आभूषण आदि में निवेश करते हैं, लेकिन अगर आप सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले गोल्ड बॉन्ड के जरिये सोने में निवेश करते हैं तो आप अधिक लाभ उठा सकते हैं।

सोना आमतौर पर एक निश्चित रिटर्न तो आपको उपलब्ध कराता ही है, वहीं इसके साथ आपको जल्दबाज़ी करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। रिटर्न के मामले में यह भी रियल एस्टेट की तरह की काम करता है।

हर दिन मात्र 417 रुपये जोड़कर बन जाएंगे करोड़पति, Post Office की इस स्कीम का उठाएं फायदा

Post Office PPF: डाकघर भारत में मध्यम वर्ग के वेतनभोगी लोगों के लिए सबसे पसंदीदा विकल्पों में से एक है, जो अच्छे रिटर्न के साथ सुरक्षित निवेश के लिए भी जाने जाते हैं। हालांकि शेयर बाजार में भी लाभ के कई अवसर हैं, डाकघर लोक भविष्य निधि (पोस्ट ऑफिस पीपीएफ) योजना एक बेहतर विकल्प है यदि आप अपना पैसा कहीं सुरक्षित रखना चाहते हैं और अच्छा रिटर्न देना चाहते हैं। भले ही आप ज्यादा फायदे के लिए कंहा निवेश करें इस योजना में केवल एक छोटी राशि का निवेश करते हैं, फिर भी आप एक महत्वपूर्ण लाभ कमा सकते हैं।

यह योजना सुरक्षा और बचत दोनों प्रदान करती है। पोस्ट ऑफिस पीपीएफ खाता निवेशकों के लिए अपने उच्च रिटर्न की वजह से सोचने के लिए सबसे अच्छे विकल्पों में से एक है। निवेशकों को उस दर पर निश्चित रिटर्न की गारंटी दी जाती है जिस दर पर उनका पैसा शुरू में इस योजना के तहत निवेश किया गया था। इसका मतलब यह है कि अगर बाद में ब्याज दरों में कटौती की जाती है, तो भी निवेशकों को उनके बदलाव के बारे में चिंतित होने की जरूरत नहीं है।

एकमात्र व्यक्ति जो इच्छुक निवेशकों के लिए खाता खोल सकता है, वह है जो खाते के लिए पंजीकरण करता है। उसके बाद, योजना किसी भी नए संयुक्त खाते को खोलने पर रोक लगाती है। नाबालिगों की ओर से, माता-पिता या कानूनी अभिभावक खाता खोल सकते हैं।

25 साल तक बैंक खाते में हर दिन 417 रुपये जमा करें

एनआरआई को डाकघर के नियमों के अनुसार कार्यक्रम का उपयोग करने की अनुमति नहीं है। एक भारतीय जो वयस्कता तक पहुंचने से पहले एनआरआई बन जाता है, वह लाभ के लिए पात्र है। आपको रुपये की राशि में गारंटी प्राप्त ज्यादा फायदे के लिए कंहा निवेश करें होगी। इसमें एक करोड़ तक की वापसी मिलेगी ही मिलेगी। पिछले उदाहरण में, अगर आपने 25 साल तक बैंक खाते में हर दिन 417 रुपये जमा किए, तो आपका कुल रिटर्न एक करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।

हालांकि इस कार्यक्रम में 15 साल की परिपक्वता अवधि है, आपके पास इसे 5 साल की अवधि के लिए दो बार बढ़ाने का विकल्प है। साथ ही, आप कर लाभ प्राप्त करते हैं। यहां 7.1 फीसदी सालाना ब्याज दर दी जा रही है। इस मामले में, ब्याज वार्षिक रूप ज्यादा फायदे के लिए कंहा निवेश करें से संयोजित होता है।

रिटर्न कैलकुलेटर

15 साल में, या मैच्योरिटी तक, अगर आप 12,500 रुपये प्रति माह या 417 रुपये प्रति दिन निवेश करते हैं, तो आपका पूरा निवेश 22.50 लाख रुपये हो जाएगा। आपको नियमों के अनुसार 7.1 प्रतिशत की वार्षिक ब्याज दर के साथ चक्रवृद्धि का लाभ भी प्राप्त होगा। इसके बाद आपको ब्याज के रूप में 18.18 लाख रुपये मिलेंगे। दोनों को शामिल करने पर आपके पास कुल 40.68 लाख रुपये होते हैं।

यदि आप 5-5 वर्षों के लिए दो बार अपने निवेश को जारी रखने का निर्णय लेते हैं तो आपको 1.03 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। इस परिदृश्य में आपका निवेश कुल 37.50 लाख रुपये होगा। आप जिस ब्याज का भुगतान करते हैं वह बढ़कर 65.58 लाख रुपये हो जाता है। आपको प्राप्त होने वाली कुल राशि 1.03 करोड़ रुपये है।

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