सीएफडी पर कमाई

धन प्रबंधन तकनीक

धन प्रबंधन तकनीक

अधिकतम दोहन पर आधारित प्रबंधन नहीं है उचित

भारत के पारम्परिक जल प्रबंधन की सबसे बड़ी खुबी है कि यह स्थानीय समझ, सामग्री और कौशल द्वारा संचालित होता रहा है। शासन की भूमिका सिर्फ उपलब्ध कराने की थी। आज फिर से हमें अपनी जड़ों की ओर लौटना होगा। तभी हम सब पानीदार हो सकेंगे।

भारत का वर्तमान जलचित्र एक ऐसे आईने की तरह है, जिसमें अतीत का अक्स देखे बगैर भविष्य का सुधार संभव नहीं है। तस्वीर कहती है कि स्वतंत्र भारत में पानी को लेकर खर्च भी खूब हुआ है और ढांचे भी खूब बने हैं। जल संसाधन, सिंचाई, कृषि, ग्रामीण विकास, शहरी विकास से लेकर पंचायतीराज व नगरपालिकाओं तक। जितने अधिक मंत्रालय, संस्थान पानी प्रबंधन में भागीदार हैं, शायद ही किसी और चीेज के इंतजाम में हों। फिर भी नतीजा यह है कि मर्ज बढ़ता गया, ज्यों-ज्यों दवा की।

बढ़ती आबादी और वर्षा में हो रही कमी इसके कई कारणों में से एक हैं। किंतु मूल कारण दोहन पर केंद्रित हो जाना है। जल संचयन और निकासी के बीच असंतुलन का नतीजा है, भारत का वर्तमान जल संकट। यदि हम चाहते हैं कि यह संतुलन सधे तो जितना और जैसा धरती को लौटाने के सिद्धांत को सख्ती से लागू तो करना ही होगा, साथ ही यह भी समझना होगा कि नहर, बांध और हर घर को नल से जल के बूते यह संभव नहीं। परंपरागत जल प्रबंधन तकनीकों और जलोपयोग का स्वानुशासन लाने से ही यह संभव होगा। भारत के पारंपरिक जल प्रबंधन की सबसे बड़ी खुबी है कि यह स्थानीय समझ, सामग्री, और कौशल द्वारा संचालित होता रहा है। शासन की भूमिका सिर्फ भूमि उपलब्ध कराने की थी। धन की व्यवस्था करना, धर्मार्थ का काम माना जाता था। लिहाजा, ऐसा करने वाले धनवान को समाज महाजन की उपाधि देता था। इस प्रक्रिया में पानी के लिए परावलंबन नहीं, धन प्रबंधन तकनीक स्वावलंबन था। जल का स्वराज था, स्वानुशासन था। पानी पर एकाधिकार की संभावना नहीं थी। सामुदायिक व साझेपन के जिंदा रहने की संभावना हमेशा थी। चाल, खाल, पाल, झाल, लाल, कूल, कुंड, झील, बावड़ी, जोहड़ व ताज जैसे अनेक नाम व डिजाइन वाली प्रणालियां सदी-दर-सदी इसी तरह निर्मित व संचालित हुई।

सुखद है कि परंपरागत जल प्रणालियों तथा प्रबंधन की बात, प्रधानमंत्री जी के मन में आज है। पानी नीचे सरकता जा रहा है। कुंए और नलकूपों के हलक सूखने लगे हैं। पानी के आने-जाने के रास्त करें। शहरी लोग भी अपनी छतों को साफ कर पानी की व्यवस्था में जुट जाएं। यह काम बड़े-बड़े भवन, स्कूल परिसर तत्काल करें। वर्षा जल संचयन अनिवार्य घोषित इलाकों में जो भवन बारिश में इसका इंतजाम न कर पाएं तो उनके नल काट दिए जाएं। बोरवेल सील कर दिए जाएं। सरकारों को भी चाहिए कि उन सभी बाधाओं को हटाएं, जो समुदायों को उनके हिस्से के पानी का प्रबंधन खुद करने से हतोत्साहित करती हैं। स्थानीय पानी प्रबंधन से जुड़े समस्त कर्मचारियों को ग्राम सभाओं के अधीन किया जाए। परंपरा की सीख यही है।

सफलता के लिए करें धन की कद्र

धन हमारी मूलभूत जरूरत है। लोग प्रतिदिन कड़ी मेहनत करते हैं, पसीना बहाते हैं और पैसा कमाते हैं। पैसे की मदद से ही हम अपनी जरूरतों को पूरा करते हैं। पैसा होना बहुत जरूरी है, ताकि हम एक अच्छे तरीके से अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें और अच्छा जीवन व्यतीत कर सके। अमीर व्यक्ति को यह समाज बहुत आदर की नजरों से देखता है, जब कि गरीब इंसान के साथ ऐसा नहीं है। यह सोच की बात है। आज के युग में सब लोग एक अमीर, प्रतिष्ठित व्यक्ति के साथ जुड़ना चाहते हैं। हम सब आज दूसरे लोगों से अपनी तुलना करते हैं। और अमीर और ऊंचा बनने की कोशिश करते हैं। हम सब करोड़पति बनना चाहते हैं, ऐशो-आराम की ¨जदगी चाहते हैं, इसमें कुछ भी गलत नहीं हैं, लेकिन हमें अपने साथ-साथ गरीबों के बारे में भी सोचना चाहिए और उनकी मदद करनी चाहिए। ¨जदगी में अच्छी और ऊंची सोच रखकर आगे बढ़ें, कभी गलत न करें। आज जितना जरूरत पैसा कमाने की है, उतना ही जरूरत सही जगह सही तरीके से खर्च करके की भी है। व्यय प्रबंधन भी एक कला हैं और जिन लोगों को व्यय प्रबंधन आता हैं, वे लोग ¨जदगी में किसी भी मोड़ पर असफल नहीं होते। हम सभी जानते हैं गृहणियां इस काम में निपुण होती हैं। वे जानती हैं कि पैसों को कहां, कितना और कैसे खर्च करना है, कैसे बचत करनी है। हम अपने घरेलू खर्च में से थोड़ा बहुत बचाकर संभाल कर रखते हैं। थोड़े-थोड़े बचाए हुआ पैसा एक दिन बड़ी राशि बन जाती है, जो बुरे वक्त में हमारे काम भी आती है। इसी प्रकार व्यय प्रबंधन बहुत जरुरी है। पैसा केवल एक व्यक्ति के लिए ही नहीं, बल्कि हमारी पूरी अर्थ व्यवस्था और पूरे देश के लिए जरुरी है। आजकल की पीढ़ी दूसरों को दिखाने के लिए बहुत महंगी-महंगी चीजें खरीदती है। विदेशी वस्तुओं का जैसे आजकल जैसे एक दौर सा चल गया है। युवा पीढ़ी को समझना चाहिए विदेशी चीजों के प्रयोग से, उन्हें खरीदने से हमारी मुद्रा विदेशों में चली जाती है। भारतीय कंपनियों की चीजें खरीदें और उन्हें इस्तमाल में लाएं। इससे देश आगे बढ़ेगा। ऐसा करने से हमारी मुद्रा हमारे देश में ही रहेगी। मासिक खर्चो को हमें अपनी आय के हिसाब से खर्च करने का प्रबंधन करना चाहिए। यदि इरादा मुनाफा कमाने के बजाय केवल बचत करने का है तो फिर बैंकों और डाक घरों के बचत खातों में सावधि जमा निवेश ज्यादा सुरक्षित रहता है। आर्थिक जरूरतें तो आकस्मिक हो सकती हैं या फिर तय कार्यक्रम समय अनुसार आने वाले खर्च जैसे शादी-ब्याह, बच्चों की पढ़ाई, घर-मकान खरीदने और बुढ़ापे में एक नियमित आय के स्त्रोत की जरुरत के तौर पर सामने आ सकती है। भविष्य निधि और पेंशन कोष, बीमा, बैंक सावधि जमा योजना शामिल हैं। आय व्यय के आकलन के बाद व्यवहारिक बजट बना लेना भी उपयोगी है। फिजूल खर्ची से परहेज करें। पैसों को समझदारी के साथ खर्च करें। शौकिया या विज्ञापनों के मोह जाल में फंस कर ऐसी कोई वस्तु नहीं खरीदनी चाहिए। बचत की आदत बनानी चाहिए। जब किसी इंसान को धन की जरूरत होती है, तो उसे और माध्यम से पूरा नहीं किया जा सकता। धन ही ऐसा माध्यम है, जो वक्त पर काम आता है। कई बार हम एक, दूसरे की बातों में आकर झूठी शान के चक्कर में पैसा पानी की तरह बहाने लगते हैं। ऐसा न करें। हम धन के महत्व को समझें। अगर हम स्वस्थ हैं और कोई तकलीफ है तो इलाज के लिए पैसे की जरूरत पड़ती है। किसी की मदद करनी है तो भी पैसे की जरूरत होती है। धन की सब जगह जरूरत होती है। घर-परिवार की जिम्मेदारी के लिए पैस चाहिए। धन का महत्व बढ़ता जा रहा है। हमारा रहन-सहन भी महंगा हो गया है। आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए धन जीवन की अहम जरूरत है। इस दौर में धन की कद्र करेंगे, तभी कामयाबी के शिखर तक पहुंचेंगे। हम सब जानते हैं कि गृहस्थ से लेकर व्यवसाय तक व्यय प्रबंधन की आवश्यकता होती है। हमें अपने वेतन के अनुसार ही सुख-सुविधाओं का चुनाव करना चाहिए। यदि हमारा वेतन कम है तो हमें व्यर्थ की सुख-सुविधाओं पर धन नहीं खर्च करना चाहिए। यदि हम महीने के आरंभ में ही अपने वेतन के अनुसार व्यय प्रबंधन कर लेंगे, तो हमें पूरे महीने कोई कठिनाई नहीं आएगी। इसी प्रकार एक व्यवसायी को भी व्यय प्रबंधन करना अनिवार्य है, जिससे वह अधिकांश लाभ प्राप्त कर सके तथा अपने व्यवसाय का विकास कर सके।

-राधा चौहान, उप प्रधानाचार्य, तरुण निकेतन पब्लिक स्कूल।

नैतिक मूल्यों पर दें ध्यान

हम कह सकते हैं कि धन हमारे जीवन के लिए अति महत्वपूर्ण है, लेकिन धन के महत्व के साथ-साथ युवा पीढ़ी को नैतिक मूल्यों के प्रति जागरूक करना अनिवार्य है। धन का होना महत्वपूर्ण है, लेकिन व्यय प्रबंधन उससे भी अधिक महत्वपूर्ण विषय है। आज के दौर में आय के साधन सीमित है, लेकिन उपयोग असीमित है। खर्च पर ध्यान दिया तो ही सफलता मिलती है। बचत करके हम बुरे वक्त में औरों के भी काम आ सकते हैं।

-स्वाति ¨सह, अध्यापिका, तरुण निकेतन पब्लिक स्कूल। ।

धन से बढ़ती हैं सुविधाएं

किसी भी क्षेत्र में जाने के लिए धन का होना बहुत जरूरी है, जैसे पढ़ाई, खेलकूद, व्यापार के क्षेत्र में धन से प्रतिष्ठा का मूल्यांकन किया जाता है। धन ही तय करता है कि हम समाज में कौन से स्तर पर है (निम्न, मध्य, उच्च)। जीवन के हर क्षेत्र में प्रगति करने के लिए धन का होना अनिवार्य है। धन से हम सुविधाओं का आनंद ले सकते हैं।

-पूजा शर्मा, अध्यापिका, तरुण निकेतन पब्लिक स्कूल।

बचत पर दें ध्यान

हमारे जीवन के लिए धन का बहुत महत्व है। जैसे हमारे शरीर में रक्त का होना अनिवार्य है। उसी प्रकार हमारे जीवन में धन का होना भी अनिवार्य है। प्रत्येक कार्य के लिए हमें धन की आवश्यकता होती है। धन के अभाव में हम अपनी प्राथमिक आवश्यकताओं जैसे रोटी, कपड़ा, मकान की पूर्ति नहीं कर सकते हैं। हर वर्ग के लोग इन बातों पर तवज्जो दें, तभी घर-परिवार बेहतर ढंग से चल पाता है।

-बलजीत, अध्यापिका, तरुण निकेतन पब्लिक स्कूल।

व्यय प्रबंधन को बना लें योजना

जिस प्रकार किसी भी कार्य को करने के लिए एक योजना बनाना जरुरी है। उसी तरह धन को व्यय करने के लिए योजना की आवश्यकता होती है। व्यय प्रबंधन एक ऐसी तकनीक है, जिसके द्वारा हम अपने सीमित साधनों का सर्वोत्तम उपयोग कर सकते हैं। यह बात माता-पिता अक्सर समझाते हैं।

-दीपांशी, छात्रा, तरुण निकेतन पब्लिक स्कूल।

माता-पिता का रखें ख्याल

हमारे माता-पिता हमें पढ़ाने-लिखाने में खर्च करते हैं। हमें भी ध्यान देना है कि बेवजह ज्यादा खर्चे न करें। यदि हम पैसों को घर के इस्तेमाल से जोड़े तो ऐसा भी देखा जाता है, कि लोग घर में भी पैसों का गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं। हम ऐसा न करें।

-अहरनिश द्विवेदी, छात्र, तरुण निकेतन पब्लिक स्कूल।

दिखावे में न पड़ें

बहुत से लोग एक-दूसरे को दिखाने के लिए जरूरत न होने पर भी घर का सामान खरीद लेते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। हम अपने पैसों को उचित जगह खर्च करें और बैंक की बचत योजना पर ध्यान दें तो ही बेहतर रहेगा। अपने माता-पिता की आर्थिक स्थिति को देखें।

छोटी उम्र..बड़ा काम..धन दना दन ऐप के जरिए प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने में जुटे युवा आर्यन

नयी दिल्लीः युवा मन उत्साही होता है और उसी उत्साह के वशीभूत और प्रेरणा स्वरूप छोटी उम्र..बड़ा काम करने की जुगत में रहता है जिससे उसके जीवन में बदलाव आये ही साथ ही व्यापक स्तर पर सामाजिक जीवन में भी बदलाव आये और लोगों को जीवन आसान हो। विशेष रूप से आज का युवा जो तकनीक फ्रेंडली है, यानी न सिर्फ उसका उपयोग करता है बल्कि कुछ सीखने और बदलाव करने के भी जुगत में रहता है। ऐसा ही एक युवा है आर्यन जैन। वैसे तो उम्र छोटी है लेकिन कारनामें बड़े हैं। गुड़गाँव के छात्र ने तकनीक का उपयोग करके देश में वित्तीय साक्षरता फैलाने का मिशन शुरू किया है। वो भी उस पड़ाव पर जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है यानी देश के आजादी के 75 साल पूरे हुए हैं। हमारे 75 वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को उपहार के रूप में, सनसिटी स्कूल के कक्षा ग्यारहवीं के छात्र आर्यन जैन ने धन दना दन,नामक एक वित्तीय साक्षरता ऐप विकसित किया है।
क्या कहते हैं आर्यन
आर्यन का कहना है कि वह प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के इस विचार से बहुत प्रेरित हैं कि जनता तक पहुंचने के लिए तकनीक का उपयोग करने से बेहतर कोई ओर तरीका नहीं है। युवा आर्यन चाहते हैं कि धन दना दन ऐप अधिक से अधिक भारतीयों तक पहुँचे और वे इससे लाभ उठा सकें और अपना भविष्य सुरक्षित कर सकें। सेबी की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत की सिर्फ 27 फीसदी आबादी ही आर्थिक रूप से साक्षर है। विशेष रूप से टियर 2 और 3 शहरों में अधिक वित्तीय साक्षरता की आवश्यकता है।
सुरक्षित भविष्य की ओर बढ़ने का प्रयास
इस बाबत आर्यन ने आगे कहा कि धन दना दन प्रत्येक व्यक्ति को उसकी आय और बचत को बेहतर तरीके से नियोजित करने में सक्षम बनाने,उनकी छोटी और लंबी अवधि की वित्तीय जरूरतों के बारे में जागरूकता लाने ओर भविष्य की जरूरतों और आपात स्थितियों के लिए बचत और निवेश करने और उनके परिवार के लिए सुरक्षित भविष्य की ओर आगे बढ़ने के लिए किया गए एक प्रयास है।
वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देगा धन दना दन
धन दना दन न केवल वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देगा बल्कि युवाओं को जीवन में इस कौशल को सीखने के लिए प्रोत्साहित करेगा। शहरी सेटअप में 5 एनिमेटेड वीडियो की एक श्रृंखला और एक किशोर चरित्र द्वारा निर्देशित कहानी कहने के प्रारूप के माध्यम से धन दना दन वित्तीय नियोजन की कई बुनियादी, महत्वपूर्ण अवधारणाओं को सरल तरीके से हिंदी में समझाता है। प्रत्येक मॉड्यूल के अंत में एक प्रश्नोत्तरी है जो व्यक्ति को उनके सीखने के परिणामों का आकलन करने में मदद करती है और अच्छा स्कोर करने वालों के लिए एक प्रमाण पत्रध्बैज के रूप में एक पुरस्कार प्रदान करती है।

आर्यन इस ऐप को जनहित के साधन के रूप में देखते हैं। वे इसे जन -जन तक पहुँचाना चाहते हैं और चाहते हैं कि अधिक से अधिक लोग इससे लाभान्वित हों। भविष्य में इसे चार्ज करने योग्य बनाने या इससे पैसे कमाने की उनकी कोई योजना नहीं है। ऐप फ्री में उपयोग करने के लिए है और वर्तमान में एंड्रॉइड प्ले स्टोर, पर हिंदी में उपलब्ध है।

विभिन्न मॉड्यूल के जरिए समझाई पूरी प्रक्रिया

धन दना दन मॉड्यूल 1 ….. वित्तीय नियोजन के महत्व के बारे में जागरूक करता है। यह संक्षेप में आय के स्रोतों, वित्तीय आवश्यकताओं के प्रकार, व्यय के प्रकार और प्रमुख वित्तीय शब्दावली पर चर्चा करता है।
▪ मॉड्यूल 2 आय को समझने पर केंद्रित है। इसमें आय और उसके स्रोतों से संबंधित विषयों को शामिल किया गया है। इसमें विभिन्न स्रोतों से आय के प्रवाह की नियमितता पर नजर रखने की आवश्यकता सक्रिय और निष्क्रिय आय क्या है, नियमित और अनियमित आय के साधन, एक वित्तीय डायरी के बारे में बताया है और यह मॉड्यूल निष्क्रिय आय के स्रोत बनाने पर बल देता है ।
▪ मॉड्यूल 3 .व्यय प्रबंधन पर केंद्रित है। यह वित्तीय और जीवन की जरूरतों पर ध्यान केंद्रित करता है। और खर्चों को आवश्यक, गैर.आवश्यक, अल्पकालिक और दीर्घकालिक श्रेणियों में बाँटता है। यह अपने खर्चों को नियंत्रण में रखने के तरीकों पर आधारित है।
धन दना दन मॉड्यूल 4 बचत और उसके महत्व पर केंद्रित है। इसमें बजट के महत्व जैसी अवधारणाओं को शामिल किया गया है। इसके बाद यह उपयोगकर्ता को नियमित रूप से बचत करने का अभ्यास करने, अपनी इच्छाओं पर कम पैसा खर्च करने और बचत के विकल्पों के बारे में जागरूक करता है।
▪ मॉड्यूल 5 .बचत विकल्पों और योजनाओं पर केंद्रित है। यह नकद और गैर.नकद बचत विकल्पों के बारे में बताता है साथ ही बचत के लक्ष्यों के साथ .साथ बचत के विभिन्न विकल्पों के फायदे और नुकसान के बारे में भी बताता है। यह मॉड्यूल बचत को आपके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने काम करता है।
छोटी उम्र…बड़ी पहचान
युवा छात्र आर्यन ने अगले 75 धन प्रबंधन तकनीक दिनों में 7500 भारतीयों को आर्थिक रूप से साक्षर बनाने और धन दना दन मिशन को आगे बढ़ाने की योजना बनाई है। ऐसा भी नहीं है कि इस तरह की चुनौतियों को सहजता से सामना स्वीकार करने के लिए आर्यन कोई नये हैं। 2021 में वह नासा के आर्टेमिस नेक्स्ट.जेन स्टेम . मून टू मार्स ऐप डेवलपमेंट चैलेंज के विजेताओं में एकमात्र भारतीय थे। जहां उन्होंने अन्य देशों के छात्रों के साथ अंतरिक्ष यात्रियों को उतारने के लिए आर्टेमिस जनरेशन के प्रयासों में भाग लेने के लिए एक एप्लिकेशन विकसित किया था. जिसमें शामिल हैं पहली महिला और अगला पुरुष . 2024 तक चंद्रमा पर।

हाथी प्रबंधन की सरगुजिहा तकनीक सीख रहे मध्यप्रदेश के वनकर्मी

0 मध्यप्रदेश का सीधी, शहडोल जिला है हाथियों से प्रभावित 0 सरगुजा में अपनाई गई तकनीक का लाभ उठाएंगे मध्यप्रदेश के वनकर्मी फोटो-7, 8- संजय टाइगर रिजर्व के प्रशिक्षण में वनकर्मी, विभिन्न तकनीकों की दी जानकारी फालोअप अंबिकापुर । नईदुनिया प्रतिनिधि हाथी प्रबंधन की सरगुजिहा तकनीक से मध्यप्रदेश के वन अधिकारी कर्मचारी अवगत हो रहे है। मध्यप्रदेश के सीधी,

हाथी प्रबंधन की सरगुजिहा तकनीक सीख रहे मध्यप्रदेश के वनकर्मी

0 मध्यप्रदेश का सीधी, शहडोल जिला है हाथियों से प्रभावित

0 सरगुजा में अपनाई गई तकनीक का लाभ उठाएंगे मध्यप्रदेश के वनकर्मी

फोटो-7, 8- संजय टाइगर रिजर्व के प्रशिक्षण में वनकर्मी, विभिन्न तकनीकों की दी जानकारी

अंबिकापुर । नईदुनिया प्रतिनिधि

हाथी प्रबंधन की सरगुजिहा तकनीक से मध्यप्रदेश के वन अधिकारी कर्मचारी अवगत हो रहे है। मध्यप्रदेश के सीधी, शहडोल जिला और बांधवगढ़ क्षेत्र में 38 हाथी लंबे समय से नुकसान पहुंचा रहे हैं। जन धन के नुकसान को कम करने हाथियों के व्यवहार की भी जानकारी दी जा रही है। प्रभावित क्षेत्र में देहाती कैलेंडर का वितरण किया जा रहा है। इसमें प्रत्येक महीने के हाथियों के व्यवहार के संबंध में विस्तार से जानकारी देने के साथ ही बचाव के उपाय भी बताए गए है।

संजय-दुबरी टाइगर रिजर्व सीधी, मध्यप्रदेश के अधिकारी-कर्मचारियों को जंगली हाथियों के प्रबंधन, व्यवहार एवं मानव-हाथी संघर्ष प्रबंधन सरगुजा पद्धति का प्रशिक्षण भारतीय वन्य जीव संस्थान के बायोलाजिस्ट अंकित कुमार व हाथी विशेषज्ञ प्रभात दुबे द्वारा संजय टाइगर रिजर्व में दिया गया। संजय टाइगर रिजर्व के हाथी प्रभावित ग्रामों में हाथी व्यवहार की जानकारी के साथ जन-धन की हानि रोकने के उपायों को बताया गया। जंगल में 12 किमी ट्रैक कर छत्तीसगढ़ के हाथियों की पहचान किया गया। टाइगर रिजर्व में हाथी की खाद्य श्रृंखला की प्रजातियों की पहचान की गई। इसी तरह अधिकारी-कर्मचारियों को हाथियों की बायोलाजी, ईकोलजी, व्यवहार एवं हाथी-मानव द्वंद प्रबंधन का तकनीक सिखाया गया। सरगुजा के तत्कालीन सीसीएफ केके बिसेन के पदस्थापना के दौरान हाथियों से बचाव के लिए जो प्रयास यहां किए गए थे, उनकी विस्तार से जानकारी देने के साथ ही यहां की तकनीकों से भी अवगत कराया जा रहा है। हाथी आबादी क्षेत्र की ओर प्रवेश न कर सकें, इस हेतु अपनाई जाने वाली तकनीकों, उपकरणों को लेकर मध्यप्रदेश के हाथी प्रभावित क्षेत्र के वन अधिकारी-कर्मचारियों में उत्साह भी देखा गया। हाथी विशेषज्ञ प्रभात दुबे ने बताया कि वे लगभग 10 दिनों तक मध्यप्रदेश में रहेंगे। हाथी प्रभावित क्षेत्रों में सेवा दे रहे अधिकारी-कर्मचारियों को हाथियों से बचाव के लिए सरगुजा में अपनाई जा रही सारी तकनीक व गतिविधि से अवगत कराया जाएगा।

मप्र में भी तैयार होगी दक्ष टीम

मध्यप्रदेश का सीधी, शहडोल जिला तथा बांधवगढ़ क्षेत्र हाथियों से प्रभावित है। इस क्षेत्र में हाथियों से बचाव के लिए भारतीय वन्य जीव संस्थान के बायोलाजिस्ट अंकित कुमार व सरगुजा के हाथी विशेषज्ञ प्रभात दुबे द्वारा वहां के अधिकारी-कर्मचारियों की दक्ष टीम तैयार की जाएगी, जो मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रभावित क्षेत्र के मैदानी अमले को हाथी प्रबंधन की बारीकियों से अवगत कराकर बचाव के सारे उपाय करेंगे।

आज 09 नवंबर 2022 का मकर राशिफल (Capricorn Horoscope): आज के दिन करें इन चीजों धन प्रबंधन तकनीक का दान, जानें कैसे होगा धन लाभ

Makar Rashifal 09 november 2022: नीति नियमों का पालन बढ़ाएंगे. शि़क्षण प्रशिक्षण में रुचि बढ़ेगी. कामकाजी परिस्थितियों में सुधार लाएंगे. आवश्यक बदलाव संभव हैं. प्रसन्नता और उत्साह बने रहेंगे. मित्रों करीबियों से सामंजस्य बढ़ेगा. सक्रियता व सूझबूझ से काम लेंगे. अपनों के साथ स्मरणीय पल बिताएंगे. उम्मीद से अच्छा प्रदर्शन बना रहेगा. कला कौशल संवार पर रहेंगे. सभी प्रभावित होंगे.

Capricorn Horoscope 09 november 2022: मकर राशि वालों के लिए आज कैसा रहेगा दिन?

अरुणेश कुमार शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 09 नवंबर 2022,
  • (अपडेटेड 09 नवंबर 2022, 7:41 AM IST)

Capricorn/Makar rashi, Aaj Ka Rashifal- नीति नियमों का पालन बढ़ाएंगे. शि़क्षण प्रशिक्षण में रुचि बढ़ेगी. कामकाजी परिस्थितियों में सुधार लाएंगे. आवश्यक बदलाव संभव हैं. प्रसन्नता और उत्साह बने रहेंगे. मित्रों करीबियों से सामंजस्य बढ़ेगा. सक्रियता व सूझबूझ से काम लेंगे. अपनों के साथ स्मरणीय पल बिताएंगे. उम्मीद से अच्छा प्रदर्शन बना रहेगा. कला कौशल संवार पर रहेंगे. सभी प्रभावित होंगे. आत्मविश्वास बढ़ेगा. सम्मान में वृद्धि होगी. प्रतियोगिता में प्रभावी रहेंगे. निसंकोच आगे बढ़ते रहेंग. बड़ा सोचें.

धन लाभ - कामकाज में उत्साह बनाए रखेंगे. अनुकूलता में तेजी आएगी. सुविधाओं पर जोर रहेगा. लक्ष्य पर फोकस रहेगा. प्राथमिकता की सूची बनाएंगे. समय प्रबंधन रखेंगे. जरूरी कार्यों में तेजी लाएंगे. बौद्धिकता पर जोर रहेगा. अवसर भुनाएंगे. कार्य व्यापार में लाभ के संकेत हैं. प्रतिस्पर्धा का भाव बढ़ेगा. वातावरण सुधार पर बना रहेगा. पेशेवर शिक्षा से जुड़ सकते हैं. तेजी रखेंगे.

प्रेम मैत्री- मित्रों का साथ विश्वास बढ़ाएगा. संबंधों में मजबूती आएगी. रिश्तों में अनुकूलता रहेगी. अपनों का साथ सहयोग पाएंगे. मन के मामलों में शुभता बढ़ेगी. मेलजोल बढ़ाएंगे. प्रियजन प्रसन्न होंगे. निजी विषयो ंमें प्रभावशाली रहेंगे. संवेदनशीलता बढ़ेगी. सरप्राइज दे सकते हैं.

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