ट्रेंड लाइंस के साथ ट्रेडिंग

Updated Tue, 27 Oct 2020 01:53 AM IST
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अनी बुलियन कंपनी ने 100 लोगों से पांच करोड़ रुपये ठगे
लखनऊ ब्यूरो
Updated Tue, 27 Oct 2020 01:53 AM IST
गोमतीनगर थाने में अनी बुलियन ट्रेडिंग कंपनी और आई विजन इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के संचालकों पर करीब 100 लोगों से पांच करोड़ रुपये हड़पने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई हैं। इंस्पेक्टर धीरज कुमार सिंह का कहना है कि सभी मामलों की जांच की जा रही है।
इंस्पेक्टर ने बताया कि बाराबंकी के रामसनेहीघाट स्थित धरौली के सुमेरगंज गांव निवासी सरोजनी कौशल ने कंपनी में प्रति वर्ष 40 प्रतिशत लाभ के लालच में रकम निवेश की थी। उन्होंने अपने कई ट्रेंड लाइंस के साथ ट्रेडिंग करीबियों और रिश्तेदारों के पैसे भी निवेश कराए। बाद में कंपनी ने उन्हें अपना एजेंट बना लिया। सरोजनी ने करीब 100 लोगों के पांच करोड़ रुपये के आसपास कंपनी में निवेश कराए। 2019 में रकम मेच्योर होनी थी लेकिन निवेशकों ने टरका दिया।
निवेशकों में एकता खन्ना, वंदना कौशल, अनुराधा कौशल, सतोष कौशल, आशा देवी, विनीता अग्रवाल, अंबरवती, सनत तिवारी, मनीष कौशल, पल्लवी अग्रवाल, मनोज कुमार गुप्ता शामिल थे। सबकी रकम सितंबर 2019 में मेच्योर होनी थी। निर्धारित अवधि आने पर निवेशकों ने कंपनी संचालकों से संपर्क ट्रेंड लाइंस के साथ ट्रेडिंग किया तो वह बहाने बनाकर टरकाने लगे। सरोजनी ने कंपनी के संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। इसी तरह बाराबंकी के सत्यप्रेमीनगर निवासी रचना श्रीवास्तव ने कंपनी में 20.96 लाख रुपये, रामेश्वरी श्रीवास्तव ने एक लाख रुपये, नवाबगंज के शिवपुरी की अर्चना श्रीवास्तव ने दो लाख रुपये, सिविल लाइंस के ट्रेंड लाइंस के साथ ट्रेडिंग श्रीनगर के कृष्ण कुमार सिंह ने 1.62 लाख रुपये, उनकी पत्नी बीना सिंह ने 50000 रुपये, लखपेड़ाबाग के ललराम चौधरी ने 9.10 लाख रुपये, उसके बेटे रामविलास चौधरी ने 1.40 लाख रुपये कंपनी में निवेश किए थे। कुल रकम 36.58 लाख रुपये थी जिसे कंपनी ने हड़प लिया।
कंपनी संचालकों का कहना था कि सितंबर 2019 में निवेश की अवधि पूरी होने पर वह कंपनी संचालकों ट्रेंड लाइंस के साथ ट्रेडिंग से मिले तो उन्होंने हीरा ओर मोबाइल फोन के व्यापार में पूरा रुपया निवेश करने की बात कही। उनका कहना था कि चार महीने में ब्याज समेत पूरी रकम का भुगतान कर दिया जाएगा। चार महीने बीतने पर फरवरी 2020 में सभी फिर संचालकों से मिले तो वह टालमटोल करने लगे। इसके बाद लॉक डाउन लग गया तो संचालकों ने 27 जून तक रकम देने को कहा। निवेशकों का कहना है कि कंपनी के संचालक अजीत गुप्ता, उसकी पत्नी निहारिका सिंह, संतोष गुप्ता, अंजनी कौशल, शिवकुमार गोस्वामी, अजय उपाध्याय ने धर्मेंद्र कौशल, मंजू कौशल, वासुदेव कौशल, आशीष तिवारी, धरनीधर उपाध्याय के साथ मिलकर निवेशकों के रुपये हड़प लिए। ठगों ने खुद के लिए बंगला, कारें व विदेशों में संपत्तियां खरीद ली हैं। अजीत कुमार गुप्ता को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
गोमतीनगर थाने में अनी बुलियन ट्रेडिंग कंपनी और आई विजन इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के संचालकों पर करीब 100 लोगों से पांच करोड़ रुपये हड़पने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई हैं। इंस्पेक्टर धीरज कुमार सिंह का कहना है कि सभी मामलों की जांच की जा रही है।
इंस्पेक्टर ने बताया कि बाराबंकी के रामसनेहीघाट स्थित धरौली के सुमेरगंज गांव निवासी सरोजनी कौशल ने कंपनी में प्रति वर्ष 40 प्रतिशत लाभ के लालच में रकम निवेश की थी। उन्होंने अपने कई करीबियों और रिश्तेदारों के पैसे भी निवेश कराए। बाद में कंपनी ने उन्हें अपना एजेंट बना लिया। सरोजनी ने करीब 100 लोगों के पांच करोड़ रुपये के आसपास कंपनी में निवेश कराए। 2019 में रकम मेच्योर होनी थी लेकिन निवेशकों ने टरका दिया।
निवेशकों में एकता खन्ना, वंदना कौशल, अनुराधा कौशल, सतोष कौशल, आशा देवी, विनीता अग्रवाल, अंबरवती, सनत तिवारी, मनीष कौशल, पल्लवी अग्रवाल, मनोज कुमार गुप्ता शामिल थे। सबकी रकम सितंबर 2019 में मेच्योर होनी थी। निर्धारित अवधि आने पर निवेशकों ने कंपनी संचालकों से संपर्क किया तो वह बहाने बनाकर टरकाने लगे। सरोजनी ने कंपनी के संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। इसी तरह बाराबंकी के सत्यप्रेमीनगर निवासी रचना श्रीवास्तव ने कंपनी में 20.96 लाख रुपये, रामेश्वरी श्रीवास्तव ने एक लाख रुपये, नवाबगंज के शिवपुरी की अर्चना श्रीवास्तव ने दो लाख रुपये, सिविल लाइंस के श्रीनगर के कृष्ण कुमार सिंह ने 1.62 लाख रुपये, उनकी पत्नी बीना सिंह ने 50000 रुपये, लखपेड़ाबाग के ललराम चौधरी ने 9.10 लाख रुपये, उसके बेटे रामविलास चौधरी ने 1.40 लाख रुपये कंपनी में निवेश किए थे। कुल रकम 36.58 लाख रुपये थी जिसे कंपनी ने हड़प लिया।
कंपनी संचालकों का कहना था कि सितंबर 2019 में निवेश की अवधि पूरी होने पर वह कंपनी संचालकों से मिले तो उन्होंने हीरा ओर मोबाइल फोन के व्यापार में पूरा रुपया निवेश करने की बात कही। उनका कहना था कि चार महीने में ब्याज समेत पूरी रकम का भुगतान कर दिया जाएगा। चार महीने बीतने पर फरवरी 2020 में सभी फिर संचालकों से मिले तो वह टालमटोल करने लगे। इसके बाद लॉक डाउन लग गया तो संचालकों ने 27 जून तक रकम देने को कहा। निवेशकों का कहना है कि कंपनी के संचालक अजीत गुप्ता, उसकी पत्नी निहारिका सिंह, संतोष गुप्ता, अंजनी कौशल, शिवकुमार गोस्वामी, अजय उपाध्याय ने धर्मेंद्र कौशल, मंजू कौशल, वासुदेव कौशल, आशीष तिवारी, धरनीधर उपाध्याय के साथ मिलकर निवेशकों के रुपये हड़प लिए। ठगों ने खुद के लिए बंगला, कारें व विदेशों में संपत्तियां खरीद ली हैं। अजीत कुमार गुप्ता को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
Brahmachari बनकर वो कर दिखाया जिसे सुनकर आप सब भूल जाएंगे | Mahaprabhu Ram Das | Hare Krsna TV
‘Hare Krsna’ TV is free to air, non commercial linear satellite television channel which broadcasts content from International Society for Krishna Consciousness (ISKCON) on Television and OTT Platforms. The channel is owned by Hare Krsna Content Broadcast Pvt. Ltd. The channel is licensed by Ministry of Information and Broadcasting, Government of India.
Genre : Devotional
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विटामिन की गोलियों से कैंसर से लेकर मौत तक का खतरा! विशेषज्ञों ने चेताया
डॉक्टर्स ट्रेंड लाइंस के साथ ट्रेडिंग के अनुसार, लोग खुद से विटामिन, मिनरल्स की गोलियां/कैप्सूल्स खरीदकर (Over the Counter Vitamins Minerals) खाने लगते हैं। मेडिकल एक्सपर्ट्स की सलाह है कि ऐसा करने के बजाय हेल्दी डाइट पर ध्यान देना चाहिए।
सप्लीमेंट्स लेने का सबसे आम कारण हेल्थ मेंटेन रखना और डाइट में पोषण की कमी को पूरा करना बताए जाते हैं। बिना जरूरत विटामिन्स-मिनरल्स लेने से फायदे के बजाय तगड़ा नुकसान हो सकता है।
28 जून 22। कोविड-19 महामारी से लड़ाई में बेहतर 'इम्युनिटी' अहम फैक्टर साबित हुई है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की चिंता है है ट्रेंड लाइंस के साथ ट्रेडिंग कि लोग 'इम्युनिटी' बढ़ाने के चक्कर में बेवजह विटामिन्स-मिनरल्स के सप्लीमेंट्स ले रहे हैं। न सिर्फ डॉक्टर्स के बीच मल्टीविटामिन्स प्रिस्क्राइब करने का ट्रेंड बढ़ा है, बल्कि लोग खुद से खरीद कर खा रहे हैं। ग्लोबल डाइटरी सप्लीमेंट मार्केट में सबसे ज्यादा बिक्री विटामिन्स की ही होती है। साल 2018 के आंकड़े बताते हैं कि इस सेगमेंट ने 37.64 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू दर्ज किया।
इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च (IJMR) में प्रकाशित लेख में विभिन्न स्टडीज के हवाले से कहा गया है कि भारत में डॉक्टर्स जितनी भी दवाएं लिखते हैं, उनमें से एक-चौथाई विटामिन्स होते हैं। दुनियाभर में विटामिन्स की खपत बढ़ रही है। सप्लीमेंट्स लेने का सबसे आम कारण हेल्थ मेंटेन रखना और डाइट में पोषण की कमी को पूरा करना बताए जाते हैं। बिना जरूरत विटामिन्स-मिनरल्स लेने से फायदे के बजाय तगड़ा नुकसान हो सकता है।
भारत में गाइडलाइंस की जरूरत'
दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (MAMC) और राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल के फार्माकोलॉजिस्ट्स ने यह लेख लिखा है। डॉ. प्रोतीश राणा और डॉ वंदना रॉय ने भारत में ऐसे सप्लीमेंट्स के लिए एविडेंस-बेस्ड गाइडलाइंस की जरूरत बताई है। दोनों के मुताबिक, वैज्ञानिक सबूतों के आधार ट्रेंड लाइंस के साथ ट्रेडिंग पर खास लक्षणों पर ही विटामिन्स प्रिस्क्राइब करने चाहिए। उनका बेलगाम इस्तेमाल रुकना चाहिए।
गोली/कैप्सूल गटक लेना सही नहीं
एक्सपर्ट्स के अनुसार, भारतीय लोगों की डाइटरी जरूरतों की ध्यान रखते हुए गाइड लाइंस तैयार की जानी चाहिए। जो लोग रेगुलर डाइट ले रहे हैं, उनमें न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट्स की भूमिका भी साफ हो। IJMR के लेख में खासतौर से 'B विटामिन्स' का जिक्र किया गया है, जिसका बेजा इस्तेमाल खूब होता है।' B-विटामिन्स पानी में घुलने वाले विटामिन्स हैं, आमतौर पर डाइटरी सप्लीमेंट्स के रूप में इनका इस्तेमाल होता है। इनमें B1, B2, B3 से B9 (फॉलिक एसिड) लेकर B12 (सायनोकोबालेमिन) शामिल हैं। इस पूरे ग्रुप को 'विटमिन बी कॉम्प्लेक्स' कहते हैं।
AIIMS के डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन में ऐडिशनल प्रफेसर, डॉ नीरज निश्चल ने कहा कि गोलियां गटकने के बजाय लोगों को हेल्दी डाइट लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'मेडिकल जरूरतों पर पूरी तरह विचार करने के बाद सप्लीमेंट्स प्रिस्क्राइब करने चाहिए, और किसी वजह से नहीं।'
बेवजह विटामिन्स लेने से बहुत ज्यादा खतरा
IJMR में छपे लेख में कहा गया है कि बी-विटामिन्स अक्सर उन स्थितियों में दे दिए जाते हैं जहां विटामिन बी की कमी तक नहीं होती। पेपर के अनुसार, 'फॉलिक एसिड जैसे बी-विटामिन्स का इस्तेमाल उनके लिए नुकसानदायक है जिनके बेसलाइन होमोसिस्टीन लेवल्स हाई हैं। इसी तरह बीटा कैरोटीन वाले मल्टीविटामिन्स सप्लीमेंट्स फेफड़ों में कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं। विटामिन ई की ज्यादा डोज लेने वालों में मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है।
क्या मल्टीविटामिन्स आपको हेल्दी बनाते हैं?
अगर आप मल्टीविटामिन्स ले रहे हैं तो शायद आप अपनी हेल्थ से जुड़ी जरूरतें पूरी करना चाहते हैं। हालांकि, इस बात के पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स का यह कॉकटेल सच में कारगर है या नहीं। हार्वर्ड हेल्थ यूनिवर्सिटी के अनुसार, ज्यादातर स्टडीज में दिमाग या दिल की रक्षा में मल्टीविटामिन्स से कोई फायदा होता नहीं दिखा।