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बाजार अनुसंधान

बाजार अनुसंधान
प्रतीकात्मक तस्वीर।

बाजार अनुसंधान (सर्वेक्षण) एजेंसियों के पैनल के लिए आरएफपी

बैंक ऑफ महाराष्‍ट्र कभी भी फोन कॉल/ई-मेल/एसएमएस के माध्‍यम से किसी भी उद्देश्‍य हेतु बैंक खाते के ब्‍यौरे नहीं मांगता।
बैंक सभी ग्राहकों से अपील करता है कि ऐसे किसी भी फोन कॉल/ई-मेल/एसएमएस का उत्‍तर न दें, और किसी से भी, किसी भी उद्देश्‍य हेतु अपने बैंक खाते के ब्‍यौरे साझा न करें। किसी से भी अपने डेबिट/क्रेडिट कार्ड का सीवीवी/पिन साझा न करें।

विपणन अनुसंधान का क्षेत्र | विपणन अनुसंधान एवं बाजार अनुसंधान में अन्तर | विपणन नियोजन के उद्देश्य

विपणन अनुसंधान का क्षेत्र | विपणन अनुसंधान एवं बाजार अनुसंधान में अन्तर | विपणन नियोजन के उद्देश्य | Marketing Research Areas in Hindi | Difference between marketing research and market research in Hindi | Objectives of marketing planning in Hindi

Table of Contents

विपणन अनुसंधान का क्षेत्र

(Scope of Marketing Research)

विपणन अनुसंधान का क्षेत्र बहुत ही व्यापक है। संक्षेप में, विपणन अनुसंधान के क्षेत्र में निम्नलिखित तथ्यों को सम्मिलित किया जा सकता है –

  1. बाजार का अनुसंधान (Research of Markets) – इसके अन्तर्गत विद्यमान उत्पादों के बाजार का विश्लेषण करके सभी उत्पाद की माँग का पूर्वानुमान लगाया जाता है। जिस बाजार में वह वस्तु बेची जायेगी उसकी क्या-गया विशेषतायें एवं भिन्न-भिन्न प्रकार के बाजारों की लाभप्रदता आदि के विषय में ज्ञान प्राप्त किया जाता है। बाजार अनुसंधान के द्वारा ग्राहकों की संख्या, प्रकृति एवं उनके आर्थिक स्तर की जानकारी की जाती है।
  2. उत्पादों और सेवाओं का अनुसंधान (Research of Products and Services)- इसके अन्तर्गत यह अध्ययन किया जाता है कि जो उत्पाद या सेवायें संस्था ने ग्राहकों को प्रदान की है, आाहक उन्हें अपनाते हैं या नहीं और यदि अपनाते है तो किस सीमा तक अपनाते हैं। यदि ग्राहक उस उत्पाद या सेवा से असंतुष्ट है तो उसके कारणों का पता लगाया जाता है। इसके अतिरिक्त इसमें प्रतिस्पर्धियों के उत्पादों और सेवाओं का तुलनात्मक अध्ययन करके अपनी उत्पाद या सेवा का बाजार अनुसंधान मूल्यांकन किया जाता है। इस अनुसंधान के पक्षात उत्पाद और सेवा में सुधार नयी-नयी वस्तुओं का विकास, उत्पाद पंक्ति में सरलीकरण अथवा उत्पाद विशाखन, पैकेजिंग एवं डिजाइन आदि के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण निर्णय लिये जाते हैं।
  3. विक्रय विधियों और नीतियों का अनुसंधान (Research of Sales Methods and Policies)- इसके अन्तर्गत विक्रय क्षेत्रों की स्थापना या उनमें संशोधन करना, वर्तमान और प्रस्तावित विक्रय विधियों का मूल्यांकन करना तथा प्रतिस्पर्धी कीमत का अध्ययन और वितरण लागत का अध्ययन आदि सम्मिलित हैं। इस अनुसंधान के पश्चात् विपणन नीतियों का निर्धारण किया जाता है।
  4. विज्ञापन का अनुसंधान (Research of Advertising) – इसके अन्तर्गत विज्ञान की प्रभावशीलता का मूल्यांकन किया जाता है, प्रतिस्पर्धी विपज्ञापन और विक्रय परम्पराओं का विश्लेषण किया जाता है और विज्ञापन माध्यम का चुनाव किया जाता है।
  5. विविध क्रियाओं का अनुसंधान (Research of Miscellaneous Activities) – इसके अंतर्गत संस्था की उत्पाद या उसकी नीति के सम्बन्ध में जनता, अशंधारियों एवं संस्था के कर्मचारियों के विचारों का अध्ययन किया जाता है। नये बिक्री केन्द्रों और विक्रय शाखाओं की स्थिति का निर्धारण किया जाता है। इसके अतिरिक्त संस्था पर केन्द्रीय, राज्य और स्थानीय सन्नियम के सम्भावित प्रभावों का अध्ययन किया जाता है।

विपणन अनुसंधान एवं बाजार अनुसंधान में अन्तर

(Distinction Between Marketing and Market Research)

अन्तर का आधार

विपणन अनुसंधान

बाजार अनुसंधान

1. परिभाषा

विपणन अनुसंधान वह प्रक्रिया है जिसके अन्तर्गत विपणन की समस्याओं को पहचानने एवं उनका समाधान करने के लिए उपयोगी सूचनाओं एवं समंको का संकलन, अभिलेखन, विश्लेषण एवं अध्ययन किया जाता है।

बाजार अनुसंधान वह कार्य है जिसके अन्तर्गत किसी विशिष्ट बाजार में उपभोक्ताओं या किसी विशिष्ट वस्तु के बाजार के सम्बन्ध में सूचनाओं एवं आंकड़ों का संकलन एवं अध्ययन किया जाता है।

2. अध्ययन के पहलू

विपणन अनुसंधान में विपणन एवं विपणन वातावरण से सम्बन्धित विविध पहलुओं का अध्ययन किया जाता है। दूसरे शब्दों में, इसमें उपभोक्ता, उत्पाद, विक्रय, वितरण, विज्ञापन, मूल्य निर्धारण जैसे कई पहलुओं का अध्ययन किया जाता है।

इसमें केवल बाजार के आकार, प्रकृति, वातावरण का अध्ययन किया जाता है। दूसरे शब्दों में, इसमें केवल किसी विशिष्ट बाजार के उपभोक्ताओं या किसी वस्तु आकार, प्रकृति तथा वातावरण का अध्ययन किया जाता है।

3. क्षेत्र

इसका क्षेत्र विस्तृत है। इसमें बाजार अनुसंधान भी सम्मिलित है।

इसका क्षेत्र सीमित है। यह विपणन अनुसंधान का ही अंग है।

4. प्रक्रिया की प्रकृति

इसकी प्रक्रिया व्यवस्थित एवं उद्देश्यपरक होती है।

इसकी प्रक्रिया तुलनात्मक रूप से कम व्यवस्थित होती है।

5. समस्या का समाधान

विपणन अनुसंधान के द्वारा विपणन समस्याओं का निदान खोजा जाता है।

बाजार अनुसंधान के द्वारा केवल एक विशिष्ट बाजार के उपभोक्ताओं के सम्बन्ध में आँकड़ों का संकलन एवं विश्लेषण किया जाता है।

विपणन नियोजन के उद्देश्य

(Objectives of Marketing Planning)

विपणन नियोजन विपणन प्रबन्ध का मुख्य आधार होता है। विपणन नियोजन का उद्देश्य व्यावसायिक उपक्रम के पूर्व निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उपलब्ध मानवीय एवं भौतिक साधनों का सदुपयोग करने की योजना बनाना है। किसी भी व्यावसायिक उपक्रम में विपणन नियोजन के निम्नलिखित प्रमुख उद्देश्य होते हैं –

  1. पूर्वानुमान लगाना- पूर्वानुमान विपणन नियोजन का सार है। वास्तव में विपणन नियोजन का प्रमुख उद्देश्य भावी बिक्री पूर्वानुमान के आधार पर विपणन योजनायें बनाना है।
  2. भावी कार्यों में निश्चितता लाना- नियोजन के द्वारा विपणन क्रियाओं की भावी गतिविधियों में निश्चितता लाने का प्रयास किया जाता है।
  3. विशिष्ट दिशा प्रदान करना- विपणन नियोजन विपणन के समस्त कार्यों की रूपरेखा तैयार करके उनको विशिष्ट दिशा प्रदान करता है।
  4. महत्त्वपूर्ण जानकारी प्रदान करना- विपणन नियोजन के माध्यम से उपक्रम के भीतरी एवं बाहरी व्यक्तियों को उपक्रम के लक्ष्यों तथा उन्हें प्राप्त करने की विधियों के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जाती है।
  5. जोखिमों को परखना- विपणन नियोजन के माध्यम से भविष्य के सम्बन्ध में पूर्व कल्पनायें की जाती हैं, परिणामों का पूर्वानुमान लगाया जाता है एवं जोखिमों को परखा जाता है।
  6. समन्वय स्थापित करना- विपणन नियोजन के माध्यम से विपणन प्रबन्ध की नीतियों, उद्देश्यों, कार्यविधियों एवं कार्यक्रमों में समन्वय स्थापित किया जाता है।
  7. स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बनाये रखना- विपणन नियोजन की क्रियाओं के परिणामस्वरूप विपणन संगठन में एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का वातावरण बन जाता है।
  8. स्वस्थ मोर्चाबन्दी- विपणन नियोजन के माध्यम से प्रतिद्वन्द्रियों की योजनाओं का सामना करने के लिए मोर्चाबन्दी की जाती है।
  9. प्रबन्ध में मितव्ययिता लाना- बाजार अनुसंधान विपणन नियोजन के द्वारा विपणन की भावी गतिविधियों की योजना बन जाने से प्रबन्ध का ध्यान उन योजनाओं को क्रियान्वित करने की ओर केन्द्रित हो जाता है जिसके फलस्वरूप विपणन क्रियाओं में अपव्यय के स्थान पर नितव्ययिता आती है।
  10. लक्ष्य प्राप्त करना- विपणन नियोजन का प्रमुख उद्देश्य योजना के अनुसार कार्य करके उपक्रम के लक्ष्यों को प्राप्त करना है।
विपणन प्रबन्ध – महत्वपूर्ण लिंक

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Information provided about बाजार अनुसंधान ( बाजार अनुसंधान ):

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नौकरी: बाजार और विपणन अनुसंधान में हजार मौके

बाजार अनुसंधान का भविष्य बहुत अच्छा है। क्लाउड कंप्यूटिंग और बिग डाटा की वजह से इस क्षेत्र का तेजी से विस्तार हो रहा है। अगले कुछ सालों में बाजार अनुसंधान की पढ़ाई करने वालों के लिए नौकरियों की कमी नहीं रहेगी। -संजय सिंह बघेल, करिअर काउंसलर

नौकरी: बाजार और विपणन अनुसंधान में हजार मौके

प्रतीकात्मक तस्वीर।

हर कंपनी को व्यापार करने के लिए बाजार की स्थिति को जानना जरूरी होता है। लोगों की आवश्यकता, पसंद, नापसंद आदि के बारे में पता लगाने के लिए कंपनियां बाजार अनुसंधान कराती हैं। नए उत्पाद को बाजार में उतारने से पहले उससे संबंधित विभिन्न पहलुओं के बारे में कंपनियां शोध कराती हैं। इसके लिए कंपनियां खास पेशेवरों का चयन करती हैं, जिन्हें बाजार अनुसंधान विश्लेषक कहते हैं। बाजार की विभिन्न जानकारियां कंपनी तक इन्हीं के किए गए सर्वे से हासिल होती हैं। बाजार के तेजी से बढ़ने के कारण युवाओं को भी यह क्षेत्र बहुत आकर्षित कर रहा है। इसमें उनके लिए अच्छी संभावनाएं हैं। बाजार अनुसंधान अब एक महत्त्वपूर्ण और बेहतर करिअर विकल्प है। विभिन्न व्यवसायों की श्रेणी में यह एक तेजी से बढ़ने वाला व्यवसाय बनकर उभर रहा है। आज के प्रतिस्पर्धी माहौल में कंपनी की तरक्की के लिए बाजारअनुसंधान बहुत जरूरी हो गया है। बाजार और उपभोक्ताओं के बारे में जानकारी जमा करने के लिए बाजार अनुसंधान विश्लेषक सुनियोजित ढंग से काम करते हैं। इससे वे उपभोक्ताओं की प्राथमिकता, पसंद, नापसंद आदि की जांच करते हैं। उत्पाद सर्वेक्षण, जोखिम विश्लेषण, उपभोगता विश्लेषण, विज्ञापन सर्वे आदि की सहायता से बाजार अनुसंधान किया जाता है।

प्रमुख संस्थान

’ एपीजे स्कूल ऑफ मार्केटिंग, दिल्ली
’ भारतीय जन संचार संस्थान, जेएनयू कैंपस, नई दिल्ली
’ नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सेल्स, नई दिल्ली
’नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवरटाइजिंग, नई दिल्ली
’ भारतीय विदेश व्यापार संस्थान, नई दिल्ली
’आरए पोद्दार इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, जयपुर
’ मुद्रा इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन, अहमदाबाद
’ भारतीय प्रबंधन संस्थान, अमदाबाद, बेंगलुरु, कोलकाता, लखनऊ,
’ जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, मुंबई
’ एसपी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, मुंबई
’ डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा
’ जी इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिव आटर्स, मुंबई
’ एमिटी स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन, लखनऊ
– सिंबाएसेस इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन, पुणे

इन पदों पर कर सकते हैं काम

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’डायरेक्टर ऑफ मार्केटिंग , ’डायरेक्टर ऑफ मार्केटिंग रिसर्च , ’ब्रांड मैनेजर मार्केटिंग रिसर्च एनालिस्ट,’रिसर्च मैनेजर
’अकाउंट एग्जीक्यूटिव/ डायरेक्टर, ’ प्रोजेक्ट डायरेक्टर/ मैनेजर, ’रिसर्च एनालिस्ट, ’फील्ड डायरेक्टर, ’सेंपल स्पेशलिस्ट , ’मॉडरेटर, ’फोकस ग्रुप मॉडरेटर, ’ऑडिटर फॉर रिसर्च स्टडीज, ’ फील्ड मैनेजर

वेतनमान

देश में बाजार अनुसंधान के क्षेत्र में अच्छा वेतन मिलता है। इसमें मास्टर्स और पीएचडी करने वालों के लिए आमदनी अच्छी-खासी होती है। शुरुआती स्तर पर ज्यादा कमाई नहीं होती लेकिन अनुभव और कार्यक्षमता के आधार पर बाद में वेतन बढ़ता जाता है।

बाजार अनुसंधानकर्ता के कार्य

’कंपनी की संभावित बिक्री या सेवा के कार्य को बाजार शोधकर्ता या बाजार अनुसंधान विश्लेषक देखते हैं। इसमें वे कंपनी में पिछले महीने या पिछले साल होने वाले व्यापार से आगे होने वाले व्यापार बाजार अनुसंधान का अनुमान लगाते हैं।
’अपनी प्रतिस्पर्धी कंपनियों की जानकारी, उनके उत्पादों की विभिन्न जानकारी और उससे संबंधित विपणन रणनीति आदि से संबंधित कार्य भी एक विपणन विश्लेषक द्वारा देखा जाता है।
’बाजार से संबंधित डाटा को विश्लेषण, प्रश्नोत्तरी तैयार करना, ऑनलाइन सर्वे या व्यक्तिगत साक्षात्कार के माध्यम से जमा करता है। इन सर्वेक्षणों को एक कुशल और प्रशिक्षित साक्षात्कारकर्ता ही लेता है।
’कंपनी के लिए नया ब्रोशर निकालना, बिक्री को बढ़ाने के लिए विज्ञापन आदि की तैयारी में भी बाजार शोधकर्ता मदद करते हैं। इसके अलावा सर्वेक्षण का प्रारूप तैयार करना और उसका क्रियान्वयन करना भी उन्हीं के कार्य में शामिल है।
’ये सर्वे विभिन्न संस्थानों, सरकारी एजंसियों, बाजार अनुसंधान राजनीतिक दलों और सेवा प्रदाता के लिए किए जाते हैं। इन सर्वेक्षणों से प्राप्त जानकारियों की मदद से कंपनियां अपनी नीति, निर्णय और बजट की तैयारी करती हैं।
’विश्लेषक ही जनता की राय पर भी शोध करता है। राय जानना विभिन्न राजनीतिक दलों, कारोबारी नेताओं आदि के लिए जरूरी होता है। इसमें एक बाजार अनुसंधान प्रबंधक का काम सर्वे करने वाली टीम को देखने के लिए होता है।

शैक्षणिक योग्यता

विपणन अनुसंधान के पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए आवेदक को मान्यता प्राप्त संस्थान से स्नातक होना अनिवार्य है। आवेदक को यदि अंग्रेजी भाषा का अच्छा ज्ञान है और उसने विपणन, अर्थशास्त्र, सांख्यिकी, मनोविज्ञान, समाज शास्त्र, राजनीतिक शास्त्र आदि विषयों के साथ स्नातक किया है तो उसे इसका लाभ मिलेगा। इसके आगे छात्रों को बाजार अनुसंधान में एमबीए करना होगा। संबंधित डिप्लोमा और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हैं। शुरुआती स्तर पर इस क्षेत्र में सहायक परियोजना प्रबंधक पद पर नियुक्ति होती है। इसके लिए स्नातक के साथ बाजार अनुसंधान में स्नातकोत्तर डिप्लोमा जरूरी होता है। जिन छात्रों के पास बाजार अनुसंधान में एमबीए या पीएचडी की डिग्री होती है, वे सीधे परियोजना प्रंबधक के रूप में करिअर की शुरुआत कर सकते हैं। एक सफल अनुसंधानकर्ता बनने के लिए पहली जरूरत बेहतर संचार कौशल का होना है। इसके अलावा सेल्समैनशिप, विश्लेषण कौशल, रचनात्मकता, दीर्घावधि तक काम करने की क्षमता, डाटा को सुचारू रूप से रखने की काबिलियत आदि गुण भी एक अच्छे शोधकर्ता में होने चाहिए।

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