क्रिप्टो-करेंसी से लाभ

करण बत्रा, टैक्स कंसल्टेंसी फर्म चार्टर्ड क्लब के फाउंडर
क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स: 31 मार्च से पहले बुक करें मुनाफा और टैक्स से बचें, एक्सपर्ट ने दी सलाह
भारत में अगले वित्त वर्ष से अब क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) से होने वाली कमाई पर भी टैक्स (Tax) लगेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को अपने बजट भाषण में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी और NFT (नॉन-फंजिबल टोकन) जैसे डिजिटल एसेट्स के ट्रांसफर पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा। इसके अलावा, ऐसी एसेट्स के हर ट्रांजैक्शन पर 1 फीसदी टीडीएस (TDS) भी लगेगा। यहां तक कि गिफ्ट में मिले ऐसे एसेट्स पर भी 30 फीसदी टैक्स लगेगा।
क्रिप्टोकरेंसी टैक्स को कैसे लागू किया जाएगा, इसे लेकर टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ एक स्पष्टीकरण और विस्तृत आदेश आना अभी बाकी है। हालांकि इस बीच मनीकंट्रोल ने कुछ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स से बात कर यह जानने की कोशिश किया कि यह टैक्स कैसे लागू किया जाएगा और इसका क्रिप्टो यूजर्स पर क्या असर पड़ेगा। आइए जानते हैं कि उन्होंने क्या कहा-
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प्रस्तावित संशोधनों का मतलब है कि क्रिप्टो यूजर्स केवल 31 मार्च 2022 से पहले अपने घाटे को बुक कर सकते हैं, अगर वे अन्य आय के खिलाफ इस तरह के नुकसान को सेटऑफ करना चाहते हैं तो। ऐसे में यहां यह अहम हो जाता है कि प्रत्येक यूजर्स अपनी आमदनी की प्रकृति की जांच करे और देखे कि क्या उन्हें चालू वित्तीय वर्ष में इन नुकसानों का उपयोग करने की आवश्यकता है। दूसरी ओर, अगर उनका ऐसा मानना है कि कोई खास क्रिप्टो संपत्ति आने वाले समय में न केवल नुकसान की भरपाई कर सकती है, बल्कि तगड़ा मुनाफा भी दे सकती है, तो उसे बनाए रख सकते हैं। हालांकि फिर अगले वित्त वर्ष से उन्हें डिजिटल एसेट्स से होने वाले लाभ पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा।
Cryptocurrency: निजी क्रिप्टोकरेंसी क्या है? क्यों सरकार ने की इसको लेकर टेढ़ी निगाहें, जानें सबकुछ
खबर है कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी ( cryptocurrencies) को लेकर संसद में एक विधेयक पेश करने वाली है। कुछ को छोड़कर भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी (private cryptocurrencies) को प्रतिबंधित किया जा सकता है। इस क्रिप्टो-करेंसी से लाभ खबर के साथ ही सभी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी पिछले कुछ घंटों में नीचे की ओर आने लगी। केंद्र सरकार अपना नया क्रिप्टोकरेंसी लाने की भी योजना बना रही है।
केंद्र अब भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक अनुकूल ढांचा बनाने की योजना बना रहा है। 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' आगामी शीतकालीन सत्र क्रिप्टो-करेंसी से लाभ में संसद में पेश किए जाने की योजना है।
निजी क्रिप्टोकरेंसी टोकन
हाल ही में, क्रिप्टोकरेंसी की मांग तेजी से बढ़ी है। जबकि 2021 में बड़ी संख्या में नए क्रिप्टो निवेशक बाजार में आए, एथेरियम, बिटकॉइन और शीबा इनु जैसे कई सिक्कों ने उनके नाम का फायदा उठाया। ब्लॉकचेन तकनीक बिटकॉइन जैसे सिक्कों का उपयोग सुरक्षित और गुमनाम होने के लिए करती है। इनमें से कुछ सिक्के लेनदेन के मामले में अधिक निजी होते हैं। कुछ प्रमुख निजी करेंसी उपयोगकर्ताओं की पहचान और गतिविधियों को छुपाकर रखते हैं।
Monero (XMR): मोनेरो एक लोकप्रिय टोकन है जो मुख्य रूप से उपयोगकर्ताओं को गुमनाम करने में मदद करने की क्षमता के लिए जाना जाता है। कई अन्य टोकन की तुलना में एक्सएमआर में लेनदेन का पता लगाना मुश्किल है क्योंकि वे रिंग सिग्नेचर का उपयोग करते हैं। ये विधियां किसी भी प्रकार के लेनदेन के लिए उपयोगकर्ता की पहचान छुपाकर सुरक्षित बबल प्रदान करती हैं। CoinMarketCap के अनुसार 24 नवंबर को सुबह 9:30 बजे तक XMR 240.68 अमेरिकी डॉलर पर कारोबार कर रहा था।
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का है इरादा, आगे बढ़ने से पहले पांच जरूरी बातें
नई दिल्ली,डेस्क रिपोर्ट। पिछले कुछ दिनों से क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) लगातार सुर्खियों में है। इससे जुड़े फायदे नुकसान पर चर्चा तेजी से जारी है। इस बीच लोग अचानक क्रिप्टो करेंसी (cryptocurrency) में निवेश करने में दिलचस्पी ले रहे हैं, क्रिप्टो से जुड़े स्कैम होने की संभावनाएं भी जताई जाती रही है। क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) को रेग्यूलेट करने के लिए फिलहाल भारत में कोई बड़ा फैसला नहीं हुआ है। हालांकि एडवर्टाइजिंग काउँसिल ने अपने स्तर पर गाइडलाइन जारी की है। जिसमें कहा गया है कि 1 अप्रैल 2022 के बाद क्रिप्टो से जुड़े क्रिप्टो-करेंसी से लाभ विज्ञापनों में डिस्क्लेमर देने जरूरी कर दिया गया है। जिसमें विज्ञापन देने वालों को ये साफ साफ लिखना होगा कि क्रिप्टो करेंसी भारत में रेग्युलेटेड नहीं है, इसमें निवश करना जोखिम भरा हो सकता है।
Step 3. Make your first deposit
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Step 4. Download the crypto trading system
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शौक-शौक में 'क्रिप्टो करेंसी' न खरीद लें, कई नियमों में उलझ सकतें हैं आप
इंदौर। सरकार ने बजट में क्रिप्टो करेंसी से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत आयकर लेने की घोषणा कर इसे और क्रेजी बना दिया, लेकिन इसे क्रेज व स्टेटस के लिए खरीदना महंगा पड़ सकता है। अभी सरकार ही बहुत से नियम-कानून स्पष्ट नहीं कर सकी है। विसंगतियां ऐसी है, जिनसे आप आयकर कानून के दायरे में उलझ कर रह जाएंगे। मंगलवार को इंदौर मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा बजट में क्रिप्टो करेंसी के क्रिप्टो-करेंसी से लाभ लिए किए गए प्रावधानों पर सेमिनार का आयोजन किया गया।
इस सेशन में सीए मनीष डफरिया ने क्रिप्टो को लेकर किए गए प्रावधानों को बताया। सीए नवीन खंडेलवाल ने सेशन का संचालन किया। सेशन में श्रोताओं ने क्रिप्टो को लेकर कई सवाल पूछे, लेकिन कई ऐसी रहीं, जिनके जवाब सरकार के तय नियमों में भी नहीं मिल सकें। सीए डफरिया ने बताया, क्रिप्टो करंसी वर्तमान में सबसे ज्यादा चर्चा वाला विषय है। यह डिजिटल करेंसी ब्लाक चैन तकनीक से तेजी से फंड ट्रांसफर का माध्यम बन रही है। फिलहाल इसकी वैधानिकता को लेकर भी असमंजस की स्थिति है। अपने देश में किया गया लेन-देन तो वैधानिकता के दायरे में रहेगा, लेकिन फॉरेन प्लेटफार्म पर इसकी वैधानिकता स्पष्ट नहीं है। इसमें जरा सी असावधानी फेमा के उल्लंघन जैसी मुश्किल बढ़ा सकती है। सीए डफरिया ने बताया, क्रिप्टो से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत आयकर लिया जाएगा। इस पर होने वाली हानि को अन्य स्त्रोतों से होने वाली आय से समायोजित करने का लाभ नहीं मिलेगा, इसलिए बहुत सोच समझ कर इसे खरीदें। लाभ होने पर कर देना होगा, हानि होने पर कोई फायदा नहीं मिलेगा।