फोरेक्स ट्रेडिंग क्या होता है

Indore : फोरेक्स ट्रेडिंग फर्जीवाड़ा की फरार महिला को पुलिस ने हैदराबाद से किया गिरफ्तार
इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। करोड़ों रुपये के फर्जी फोरेक्स ट्रेडिंग फर्जीवाड़ा की एक आरोपी मोनिका बिष्ट को इंदौर पुलिस (Indore Police) ने हैदराबाद के एक होटल से गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि मोनिका यहां अपने असली भेष और नाम से नहीं बल्कि अपनी पहचान छिपाकर रह रही थी, मगर पुलिस के साथ गया उसका भाई भी उसके नए रूप को देखकर हैरान हो गया। क्योंकि उसने पहचान छिपाने के लिए बाकायदा बुर्का पहन रखा था। फिर बाद में पुलिस ने उसे बेनकाब कर दिया।
बता दें कि इंदौर पुलिस काफी समय से आरोपी मोनिका बिष्ट की तलाश कर रही ही थी क्योंकि यह महिला फर्जी एडवाइजरी कंपनी का सर्वर ऑपरेट करती थी। इधर जांच में जुटी पुलिस को उसके हैदराबाद में होने की सूचना प्राप्त हुई, कि वह एक होटल में रुकी है। हैदराबाद में मोनिका के इलाइट (ओयो) होटल में होने की पुष्टि होने पर हैदराबाद पुलिस के साथ इंदौर पुलिस ने होटल में जाकर दबिश दी। और फिर होटल में पहुंचकर रजिस्टर की जांच की तो पता चला कि इस नाम का कोई भी नहीं रुका, फिर जब रजिस्टर की द्वारा जांच की तबा पता चला कि मोनिका वहां मोना नाम से रुकी थी। और उसने मोना नाम का सभी डॉक्यूमेंट भी होटल में दिया था।
पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, होटल में मोना नाम से किसी महिला के कमरा लेने का पता चला। जांच के लिए टीम होटल के कमरे में पहुंची। गेट पर दस्तक दी तो गेट खुला तो वहां मोना नाम की महिला बुर्के में कमरे से बाहर निकली। बुर्के में महिला को देख पुलिस टीम को उस पर संदेह हुआ। लेकिन पुलिस मोनिका के भाई को भी उसकी पहचान के लिए साथ ले गई थी। बुर्के में छिपी मोनिका की सच्चाई जानने के लिए पुलिस ने उससे पूछताछ शुरू की। पुलिस के कई सवालों का मोनिका सही से जवाब नहीं दे सकी। लेकन, मोनिका के चेहरे से जब नकाब को हटाया गया, तो उसके भाई ने उसे तुरंत पहचान लिया। क्योंकि आवाज से तो भाई को भी लग रहा था कि बहन ही है! मगर, वह नकाब हटाने की पहले हिम्मत नहीं कर सका।
मोनिका से पूछताछ में पता चला कि स्कैम के आरोपी अतुल नेतनराम, पति अनिल बिष्ट और उसके साथी मिलकर ये काम करते थे। वह तो कम्प्यूटर ऑपरेट (नेटवर्किंग संभालती) करती थी। वे उसे गिफ्ट में फॉरेन ट्रिप देने के साथ ही ठगी के पैसे में भी हिस्सा देते थे। दूसरे आरोपियों ने मोनिका को एक मोबाइल फोन भी गिफ्ट में दिया था। इन लोगों की तरफ से वह साल की शुरुआत में ही दुबई की ट्रिप फोरेक्स ट्रेडिंग क्या होता है भी कर चुकी है। पुलिस ने मोनिका का मोबाइल, लैपटॉप जब्त किया है। इसे जांच के लिए भेजा जाएगा। पिछले दो साल से ये लोग काम कर रहे थे।
विजय नगर पुलिस ने मार्च महीने में बीजलपुर के देवेश की शिकायत पर फर्जीवाड़े का एक मामला दर्ज किया था। इसका मास्टरमाइंड अतुल नेतनराम फोरेक्स ट्रेडिंग कंपनी प्लेटिनम ग्लोबल के नाम से ये कंपनी संचालित करता था। पुलिस को जानकारी मिली कि ये लोग फर्जी सर्वर बनाकर ट्रेडिंग करवाते थे। उनके अकाउंट में कई गुना ज्यादा डॉलर या विदेशी करेंसी दिखाते थे! लेकिन, जब वे लोग राशि निकालने जाते तो उसे ब्लॉक का मैसेज दिखाते थे। अब पुलिस मामले में फरार आरोपियों की तलाश कर रही है।
इस मामले से जुड़े चेतन, सोनिया, हरदीप और मोनिका के पति अनिल बिष्ट को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में अभी भी अतुल नेतनराम, पारुल सहित अन्य आरोपी फरार है। जिनकी तलाश पुलिस कर रही है। पहले मोनिका विजय नगर थाने के पुलिसकर्मियों की पकड़ में आने से बच गई थी और उन्हें चकमा देकर भाग निकली थी। मामले में कार्रवाई करने वाली टीम फोरेक्स ट्रेडिंग क्या होता है को कुछ वक्त पहले ये सूचना भी मिली थी कि मोनिका मुख्य आरोपी अतुल के पास दुबई पहुंच गई है। मगर वह हैदराबाद के इस होटल में मिली।
फॉरेन एक्सचेंज मार्केट या फॉरेक्स ट्रेडिंग दरअसल वह बाजार है फोरेक्स ट्रेडिंग क्या होता है जहां करेंसी का एक-दूसरे के साथ आदान-प्रदान किया जा सकता है। फॉरेक्स ट्रेडिंग प्रमुख रूप से करेंसी को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया है और यह उन बाजारों में से एक है जहां सबसे भारी ट्रेड होता है। मगर आरोपियों ने किया ये था कि इन्होंने प्लेटिनम ग्लोबल नाम से फॉरेक्स ट्रेडिंग कंपनी खोल ली थी। इसका मास्टरमाइंड अतुल नेतनराम था। आरोपी फेक सर्व बनाकर ट्रेडिंग करवाते थे। सामने वाले के अकाउंट में कई फोरेक्स ट्रेडिंग क्या होता है गुना ज्यादा डॉलर या दूसरी विदेशी करंसी शो होती थी, लेकिन जब वह रकम निकालने जाता तो उसे ब्लॉक का मैसेज मिलता।
शेयर बाजार में क्या है कमोडिटी ट्रेडिंग, जानिए कैसे करते हैं खरीद-बेच, कितना फायदेमंद
जिस तरह से हम अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं वैस . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : May 06, 2021, 09:25 IST
मुंबई. जिस तरह से हम अपनी रोजमर्रा की जरुरतों के लिए कोई वस्तु यानी कमोडिटी (commodity) जैसे अनाज, मसाले, सोना खरीदते हैं वैसे ही शेयर बााजार (share market) में भी इन कमोडिटी की खरीद बेच होती है. शेयर बााजार के कमोडिटी सेक्शन में इनकी ही खरीद बेच को कमोडिटी ट्रेडिंग (commodity trading) कहते हैं. यह कंपनियों के शेयरों यानी इक्विटी मार्केट की ट्रेडिंग से थोड़ी अलग होती है. कमोडिटी की ट्रेडिंग ज्यादातर फ्यूचर मार्केट में होती है. भारत में 40 साल बाद 2003 में कमोडिटी ट्रेडिंग पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया था.
सामान्य तौर पर, कमोडिटी को चार प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है.
कीमती धातु - सोना, चांदी और प्लेटिनम
बेस मेटल - कॉपर, जिंक, निकल, लेड, टीन और एन्युमिनियम
एनर्जी - क्रूड ऑयल, नेचुरल गैस, एटीएफ, गैसोलाइन
मसाले - काली मिर्च, धनिया, इलायची, जीरा, हल्दी और लाल मिर्च.
अन्य - सोया बीज, मेंथा ऑयल, गेहूं, चना
कमोडिटी ट्रेडिंग में क्या अलग है
- कमोडिटी ट्रेडिंग और शेयर बाज़ार ट्रेडिंग करने में बुनियादी फर्क है. शेयर बाजार में आप शेयरों को एक बार खरीद कर कई साल बाद भी बेच सकते हैं लेकिन कमोडिटी मार्केट में दो-तीन नियर मंथ में ही कारोबार होता है. इसलिए सौदे खरीदते या बेचने में एक निश्चित अवधि का पालन करना जरूरी होता है. यह इक्विटी फ्यूचर ट्रेडिंग (equity future trading) की तरह होता है.
फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट क्या है -
दो पार्टियों के बीच यह खरीदने बेचने का ऐसा सौदा होता है जो आज के दाम पर फ्यूचर की डेट में एक्सचेंज होता है. कमोडिटी राष्ट्रीय स्तर ऑनलाइन मॉनिटरिंग और सर्विलांस मैकेनिज्म के साथ ट्रेड होता है. एमसीएक्स और एनसीडीएक्स में कमोडिटी फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट एक महीने, दो महीने और तीन महीने के लिए एक्सापाइरी सायकल के आधार पर खरीदे जाते हैं.
पोर्टफोलियो में विविधता के लिए कमोडिटी में निवेश फायदेमंद -
विशेषज्ञों के मुताबिक पोर्टफोलियों में विविधता के लिए निवेशक को इक्विटी के साथ साथ कमोडिटी में भी निवेश करना चाहिए. इससे कीमतों में उतार-चढ़ाव का फायदा लिया जा सकता है. हालांकि, रिटेल और छोटे निवेशकों को कमोडिटी में निवेश में विशेष सावधान होना चाहिए. बाजार की अस्थिरता और कम जानकारी पूरा पैसा डूबा सकती है. निवेशकों को इसमें डिमांड सायकल और कौन से कारक कमोडिटी बाजार को प्रभावित करते हैं यह जानना जरूरी होता है.
कमोडिटी ट्रेडिंग से फायदा -
भारत में 25 लाख करोड़ रुपए सालाना का कमोडिटी मार्केट तेजी से बढ़ रहा है. यह मुख्यत लिवरेज मार्केट होता है. मतलब छोटे और मध्यम निवेशक भी छोटी सी राशि से मार्जिन मनी के जरिये कमोडिटी ट्रेडिंग कर सकते हैं.
हेजिंग -
किसानों, मैन्युफैक्चरर और वास्तविक उपयोगकर्ताओं के लिए कमोडिटी के दाम में उतार चढ़ाव का रिस्क कम हो जाता है.
पोर्टफोलियों में विविधता -
कमोडिटी एक नए एसेट क्लास के रुप में विकसित हो रही है. यह पोर्टपोलियों में प्रभावी विविधता लाती है.
ट्रेडिंग अपॉरच्यूनिटी -
कमोडिटी का डेली टर्नओवर लगभग 22,000 - 25,000 करोड़ रुपए है, जो एक बेहतर ट्रेडिंग अपॉर्च्यूनिटी उपलब्ध कराती है.
हाई लिवरेज -
इसमें बहुत कम पैसे में आप मार्जिन मनी के सहारे बड़े सौदे कर सकते हैं.
समझने में आसानी-
कमोडिटी के बेसिक नेचर और सिंपल इकोनॉमिक फंडामेंटल की वजह से इसे समझना भी आसान होता है
इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज का क्या है रोल -
इंडियन कमोडिटी एक्सचेंज वह संस्था है जो कमोडिटी फ्यूचर में ट्रेडिंग के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराती है. जैसे स्टॉक मार्केट इक्विटी में ट्रेडिंग के लिए स्पेस उपलब्ध कराता है. वर्तमान में फ्यूचर ट्रेडिंग के लिए 95 कमोडिटी उपलब्ध है जो रेगुलेटर फॉर्वर्ड मार्केट कमिशन ( एफएमसी) द्वारा जारी गाइडलाइन और फ्रेमवर्क के फोरेक्स ट्रेडिंग क्या होता है अंदर हैं. भारत में 3 नेशनल और 22 क्षेत्रिय एक्सचेंज अभी काम कर रहे हैं.
एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) क्या है -
एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) द्वारा सुगम कमोडिटी मार्केट में कमोडिटी का कारोबार अक्सर एमसीएक्स ट्रेडिंग के रूप में जाना जाता है. जिस प्रकार बीएसई और एनएसई स्टॉक में कारोबार के लिए मंच प्रदान करते हैं, वैसे ही एमसीएक्स कमोडिटी में कारोबार के लिए एक मंच प्रदान करता है. इसमें कारोबार मेजर ट्रेडिंग मेटल और एनर्जी में होती है. इसमें रोजाना एक्सचेंज वैल्यूम 17,000-20,000 करोड़ है.
एनसीडीएक्स-
यह दिसंबर 2003 में अस्त्तिव मे आया. इसमें मुख्यत एग्री ट्रेडिंग होती है. रोजाना एक्सचेंज वैल्यूम लगभग 2000 - 3000 करोड़.
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Indore Crime News : कर्मचारियों को दुबई घुमाने ले जाता था फोरेक्स ट्रेडिंग घोटाले का सरगना
Indore Crime News : इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। 50 करोड़ रुपये से ज्यादा के फोरेक्स ट्रेडिंग घोटाले में गिरफ्तार आरोपित मोनिका बिष्ट को विजय नगर पुलिस ने बुधवार को जेल भेज दिया। उसे मोबाइल लोकेशन के आधार पर हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया था। मोनिका ने पूछताछ में मास्टर माइंड कंपनी संचालक अतुल नेतनराव को ही बताया है। यह भी कहा कि अतुल उसे घुमाने के लिए दुबई ले गया था।
विजय नगर टीआइ रविंद्रसिंह गुर्जर के मुताबिक, मोनिका ही अतुल की कंपनी प्लेटिनम ग्लोबल फोरेक्स ट्रेडिंग में काम काज संभालती थी। उसके पति अनिल बिष्ट की गिरफ्तारी के बाद वह फरार हो गई थी। मामले में उस पर इनाम भी घोषित हो चुका था। पूछताछ के वक्त मोनिका ने बताया कि अतुल जो काम देता था, वह कर देती फोरेक्स ट्रेडिंग क्या होता है थी। ज्यादातर काम कंप्य्टूर संबंधित होता था। उसने यह भी स्वीकारी कि अतुल उसे विदेश घुमाने भी लेकर गया था। लाखों रुपये सैलरी और महंगे उपहार भी कर्मचारियों को देता था।
दुबई में बैठा मास्टर माइंड, एलओसी फोरेक्स ट्रेडिंग क्या होता है जारी - टीआइ के मुताबिक मामले में अनिल बिष्ट, मोनिका बिष्ट, हरदीप सलूजा, पुष्पेंद्र और सोनिया की गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि मास्टर माइंड अतुल और उसकी पत्नी पारुल फरार है। वह दुबई में बैठा हुआ है। पुलिस ने उसके घर और अन्य ठिकानों पर भी छापे मारे, लेकिन सफलता नहीं मिली। थक कर उसके विरुद्ध फोरेक्स ट्रेडिंग क्या होता है लुक आउट सर्कुलर जारी करवाया है।
दो प्रकरणों में है तलाश - आरोपितों पर विजय नगर थाने में दो केस दर्ज हो चुके हैं। पहला केस देवेश निवासी बिजलपुर की शिकायत पर और दूसरा राजेंद्र सिंह निवासी नीमच की शिकायत पर दर्ज हुआ था। मामले की जांच के लिए एसआइटी भी गठित हो चुकी है। पुलिस को जानकारी मिली है कि आरोपित अतुल फरारी के दौरान ही फरियादियों को प्रलोभन देकर समझौता करने की कोशिश कर रहा है। एडिशनल डीसीपी जोन-2 राजेश व्यास के मुताबिक पुलिस के पास कुछ और शिकायतें भी आई हैं।