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विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा

विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा
बीजिंग, 23 जुलाई (आईएएनएस)। चीन में विदेशी मुद्रा बाजार अधिक लचीला है और आरएमबी की विनिमय दर अपेक्षाकृत स्थिर रही। चीन में सीमापार पूंजी का प्रवाह आम तौर पर स्थिर रहा। यह बात चीन राष्ट्रीय विदेशी मुद्रा प्रबंध ब्यूरो के उप प्रभारी और प्रेस प्रवक्ता वांग छुनयिंग ने 22 जुलाई को पेइचिंग में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कही।

Foreign Exchange Reserves: कम हो रहा है देश का विदेशी मुद्रा भंडार, घटकर 528.37 अरब डॉलर पर पहुंचा

देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार कमी आ रही है। 14 अक्टूबर को समाप्त हुए सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4.50 करोड़ डॉलर घटकर 528.37 डॉलर पर आ गया। इसकी जानकारी शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने दी। 7 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार में थोड़ी बढ़ोतरी देखी गई थी जब विदेशी मुद्रा भंडार 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पहुंच गया था। साल भर पहले समान अवधि में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था।

लगातार गिर रहा है रुपये

देश में विदेशी मुद्रा भंडार की कमी का कारण रुपया का डॉलर के मुकाबले कमजोर होने को माना जा रहा है। डॉलर के मुकाबले रुपये के तेजी से गिरने के कारण रिजर्व बैंक ने विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल किया है। 14 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में FCA 2.82 अरब डॉलर की कमी के साथ 468.668 अरब डॉलर पर आ गया। विदेशी मुद्रा भंडार में FCA एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।

गोल्ड रिजर्व में भी कमी

14 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में देश के स्वर्ण भंडार में कमी देखी गई है। समाप्त सप्ताह में देश का स्वर्ण भंडार 1.502 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 37.453 अरब डॉलर रह गया। इसके साथ साथ SDR 14.9 करोड़ डॉलर घटकर 17.433 अरब डॉलर रह गया है। इसके साथ साथ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में रखी भारत की आरक्षित निधि बीते सप्ताह में 2.3 करोड़ डॉलर घटकर 4.813 अरब डॉलर रह गया।

विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा

चीन में विदेशी मुद्रा बाजार अधिक लचीला

चीन में विदेशी मुद्रा बाजार अधिक लचीला

बीजिंग, 23 जुलाई (आईएएनएस)। चीन में विदेशी मुद्रा बाजार अधिक लचीला है और आरएमबी की विनिमय दर अपेक्षाकृत स्थिर रही। चीन में सीमापार पूंजी का प्रवाह आम तौर पर स्थिर रहा। यह बात चीन राष्ट्रीय विदेशी मुद्रा प्रबंध ब्यूरो के उप प्रभारी और प्रेस प्रवक्ता वांग छुनयिंग ने 22 जुलाई को पेइचिंग में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कही।

वांग ने कहा कि इस साल के पहले छह महीनों में चीन में बैंकों के विदेशी मुद्रा निपटान व बिक्री और विदेशी-संबंधित प्राप्तियों और भुगतानों दोनों ने अधिशेष दिखाया है। माल के व्यापार और प्रत्यक्ष निवेश जैसे मौलिक अधिशेषों ने अपेक्षाकृत उच्च स्तर बनाए रखा है।

आरएमबी की विनिमय दर की चर्चा में वांग ने कहा कि इस साल से अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर बढ़ाने और भू-राजनीति मुठभेड़ आदि कई तत्वों से प्रभावित होकर अंतर्राष्ट्रीय विदेशी मुद्रा के बाजार में यूएस डॉलर का मूल्य निरंतर बढ़ता रहा, जबकि गैर यूएस डॉलर की मुद्राओं का मूल्य कम होता रहा। यूएस डॉलर के प्रति चीन की विनिमय दर में भी अवमूल्यन हुआ है, लेकिन अन्य प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय मुद्राओं की तुलना में आरएमबी के मूल्य में स्थिरता अपेक्षाकृत मजबूत होती रही है।

विनिमय दर के जोखिम का निपटारा करने के लिए चीन राष्ट्रीय विदेशी मुद्रा प्रबंध ब्यूरो ने कई विभागों और वाणिज्य बैंकों के साथ मिलकर चीन के उद्यमों को मदद दी है।

(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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एकल प्राथमिक डीलरों को विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार की सभी सुविधाओं की पेशकश की अनुमति पर विचार

नयी दिल्ली, पांच अगस्त (भाषा) एकल प्राथमिक डीलर (एसपीडी) विदेशी मुद्रा बाजार में खरीद-बिक्री से संबंधित सभी सुविधाओं की पेशकश कर सकेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई ने) देश में वित्तीय बाजार के विकास को सुगम बनाने के लिये शुक्रवार को यह प्रस्ताव किया। फिलहाल श्रेणी-1 के अंतर्गत आने वाले अधिकृत डीलरों को इसकी पेशकश की अनुमति है। इस कदम से ग्राहकों को अपने विदेशी मुद्रा जोखिम का प्रबंधन करने के लिये विभिन्न इकाइयों (मार्केट मेकर्स) का विकल्प मिलेगा। साथ ही इससे भारत में विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार भी मजबूत होगा। एसपीडी बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान होते हैं, जिन्हें सरकारी

फिलहाल श्रेणी-1 के अंतर्गत आने वाले अधिकृत डीलरों को इसकी पेशकश की अनुमति है।

इस कदम से ग्राहकों को अपने विदेशी मुद्रा जोखिम का प्रबंधन करने के लिये विभिन्न इकाइयों (मार्केट मेकर्स) का विकल्प मिलेगा। साथ ही इससे भारत में विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार भी मजबूत होगा।

एसपीडी बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान होते हैं, जिन्हें सरकारी प्रतिभूतियों में लेन-देन की अनुमति होती है।

मौद्रिक नीति समीक्षा विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा के बाद रिजर्व गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘‘एकल प्राथमिक डीलरों ने देश के वित्तीय बाजारों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसको देखते हुए उन्हें विदेशी मुद्रा बाजार में खरीद-बिक्री से संबंधित सभी सुविधाओं की पेशकश करने की अनुमति देने का प्रस्ताव है. ।’’

उन्होंने कहा कि इस कदम से ग्राहकों को अपने विदेशी मुद्रा जोखिम का प्रबंधन करने के लिये विभिन्न इकाइयों (मार्केट मेकर्स) के साथ काम करने का विकल्प मिलेगा।

व्यापक स्तर पर मौजूदगी से एसपीडी सरकारी प्रतिभूतियों के मामले में विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा प्राथमिक और द्वितीयक बाजार गतिविधियों को समर्थन दे पाएंगे।

दास ने बयान में यह भी कहा, ‘‘एकल प्राथमिक डीलरों (एसपीडी) को सीधे प्रवासी भारतीयों और अन्य से विदेशी मुद्रा निपटान ओवरनाइट इंडेक्स्ड स्वैप (एफसीएस-ओआईएस) लेनदेन की अनुमति दे दी है।

वर्तमान में एकल प्राथमिक डीलरों को सीमित उद्देश्यों के लिए विदेशी मुद्रा व्यापार करने की अनुमति है।

इस साल फरवरी में बैंकों को विदेशी एफसीएस-ओआईएसबाजार में प्रवासियों और अन्य से लेनदेन की अनुमति दी गयी थी।

विदेशी मुद्रा बाजारों में पीवेट ट्रेड से सावधान रहें

मंगलवार को जोखिम वाली संपत्ति में एक जबरदस्त रैली देखी गई, जहां यूरोपीय इक्विटी ने 4%से अधिक प्राप्त करके पैक का नेतृत्व किया, उच्च उपज क्रेडिट फैलता है 30bp+ और उभरते बाजारों में वापस उछाल दिया गया-रोमानिया के 2051 USD-DENOMINTED बॉन्ड ने 10%से अधिक की रैली की! एफएक्स में, यूरोपीय मुद्राएं हाल के नुकसान के बाद वापस लड़ी।

इस अवधि को देखते हुए एक व्यक्ति शायद कई प्रकार की घटनाओं को दोष दे सकता है जैसे

1. सेंट्रल बैंक हस्तक्षेप बाजारों को स्थिर करने के लिए (बैंक ऑफ जापान और पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना इन एफएक्स, बैंक ऑफ इंग्लैंड में गिल्ट्स)

2. कुछ थोड़ा नरम अमेरिकी डेटा

3. रिजर्व बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया के छोटे से अपेक्षित बढ़ोतरी, अनियंत्रित स्टैगफ्लेशन व्यापार के उलट में योगदान के लिए। एक नई तिमाही की शुरुआत में पतले बाजारों में काम करने के लिए स्थिति समायोजन और नए धन को भी एक भूमिका निभाई हो सकती है।

केंद्रीय बैंक हस्तक्षेप के विषय पर, निवेशक 12 अक्टूबर को G20 से सुनने के लिए ब्याज के साथ इंतजार कर सकते हैं। हमें संदेह है कि जी 20 वित्तीय अधिकारियों के पास एफएक्स बाजारों के बारे में कहने के लिए बहुत अधिक होगा - लेकिन संचार एक घटना जोखिम है। हालांकि, हमें संदेह है कि फेड इस सप्ताह थोड़ा नरम यूएस डेटा की पीठ पर पिवट करने वाला है। तंग श्रम आपूर्ति चुनौती पर ध्यान केंद्रित करते हुए, फेड ने हमें सितंबर में बताया कि बेरोजगारी को अपने वर्तमान 3.7% से अगले साल 4.4% से बढ़कर 4.50-4.75% से अधिक होने से रोकने की आवश्यकता है।

इसके बजाय, ऐसा लगता है कि कल की बाहरी प्रतिक्रिया बाजार की स्थिति का एक कार्य था। हम अभी भी बहु-महीने के लिए बहु-चौथाई डॉलर के बुल्स नहीं हैं और इस डॉलर DXY सुधार को 108.50/110.00 क्षेत्र में भाप से बाहर चल रहे हैं।

EUR: उपरोक्त-समता के स्तर पर लौटें अनिश्चित लगती है

EUR/USD कल जोखिम संपत्ति में तारकीय रैली का पालन किया गया, और अब 1.000 प्रतिरोध को दबा रहा है। हम एक स्थिति-स्क्वैरिंग इवेंट और एक व्यापक डॉलर सुधार के अलावा जोड़ी की रैली के पीछे बहुत अधिक देखने के लिए संघर्ष करते हैं। यूरोपीय परिसंपत्तियों को काफी तेजी से रिबाउंड करने विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा के बावजूद, यूरोज़ोन के दृष्टिकोण में किसी भी सामग्री परिवर्तन को इंगित करना कठिन है जो यूरो के लिए अभी तक बाजार की भूख की एक महत्वपूर्ण वापसी का वारंट करेगा।

हमारे विचार में, एक स्थायी आधार पर समता से ऊपर EUR/USD रखने के लिए पर्याप्त तेजी से धक्का नहीं है, और हम अभी भी वर्ष के अंत में कम 0.90 क्षेत्र में एक बूंद का अनुमान लगाते हैं।

GBP: राजकोषीय घटना FX नुकसान अनचाहे हैं

gbp/usd अब 23 सितंबर को यूके सरकार के राजकोषीय कार्यक्रम से पहले स्तरों पर वापस आ गया है। पूर्व-फिस्कल इवेंट लेवल पर क्या नहीं हैं, यूके के संप्रभु क्रेडिट डिफ़ॉल्ट स्वैप (अब 45bp बनाम 32BP) और 10-वर्षीय गिल्ट-बंड स्प्रेड (200bp बनाम 155bp) हैं। सरकार की राजकोषीय प्रतिष्ठा को धूमिल कर दिया गया है और खबर है कि चांसलर के बाद वह अपने मध्यम अवधि के राजकोषीय बयान को आगे नहीं ला सकता है, जो स्टर्लिंग को कमजोर छोड़ देता है।

आज कंजर्वेटिव पार्टी सम्मेलन में पीएम लिज़ ट्रस की टिप्पणियों के लिए बाहर देखें। हमें संदेह है कि स्टर्लिंग रिबाउंड और डॉलर सुधार काफी दूर आ सकता है और आसानी से केबल को 1.1200 क्षेत्र में उलट कर देख सकता है।

CEE: केंद्रीय बैंक लंबी पैदल यात्रा चक्र को समाप्त करने का प्रयास करते हैं

आज हमारी मध्य और पूर्वी यूरोपीय क्षेत्र में केंद्रीय बैंकों की दो बैठकें हैं। हम नेशनल बैंक ऑफ पोलैंड से मुद्रास्फीति में नवीनतम उल्टा आश्चर्य की प्रतिक्रिया पर सुनेंगे। वारसॉ में हमारी टीम को सर्वेक्षणों के अनुरूप 25bp दर में 7.0%तक बढ़ने की उम्मीद है। केंद्रीय बैंकरों के नवीनतम बयानों ने संकेत दिया कि लंबी पैदल यात्रा चक्र खत्म हो गया है और हम अधिक उम्मीद नहीं कर सकते हैं। हालांकि, मुद्रास्फीति अभी तक चरम पर है और एनबीपी के लिए धीमी अर्थव्यवस्था को नेविगेट करना मुश्किल होगा। बाजार के नजरिए से, स्थिति बहुत अस्थिर है।

पिछले हफ्ते मुद्रास्फीति के बाद, बाजार हॉकिश पक्ष में चला गया, लेकिन पिछले कुछ दिनों में हमारी उम्मीदों के करीब लौट आया है। हालांकि, रिकॉर्ड वाइबोर का स्तर बताता है कि बाजार अभी भी हॉकिश पक्ष में झुका हुआ है। हम देखते हैं कि एनबीपी लंबी पैदल यात्रा चक्र को समाप्त करने की कोशिश कर रहा है, हालांकि हम अभी भी आगे की दर बढ़ोतरी की उम्मीद करते हैं। कुल मिलाकर, आज की बैठक इस प्रकार पोलिश ज़्लोटी के लिए नकारात्मक खबर होगी। हमारे दृष्टिकोण को दर अंतर में वृद्धि के कारण पिछले दो दिनों में प्राप्त मजबूत स्तरों द्वारा भी समर्थित है।

रोमानिया में, स्थिति थोड़ी स्पष्ट है। नेशनल बैंक ऑफ रोमानिया ने पिछली बैठक में पहले से ही ब्याज दर में वृद्धि की गति को धीमा कर दिया था और हम उम्मीद करते हैं कि यह प्रवृत्ति जारी रहेगी। हम आज 6.00%तक 50bp की बढ़ोतरी की उम्मीद करते हैं। जबकि नवीनतम मुद्रास्फीति के विकास हमारे केंद्रीय परिदृश्य के उल्टे पर रहे हैं, हम इस दृष्टिकोण को बनाए रखते हैं कि हमने अगस्त में पीक हेडलाइन को 15.3% साल-दर-साल देखा था। एक धीमी अर्थव्यवस्था के साथ, यह हमें नवंबर में बाद में एक और दर वृद्धि की ओर ले जाता है, 25bp द्वारा 6.25%की टर्मिनल दर तक। एफएक्स की तरफ, रोमानियाई ल्यू 4.95 EUR/रॉन को मजबूत स्तरों के लिए एक संक्षिप्त भ्रमण के बाद वापस चला गया है और एनबीआर को लगता है कि स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है, अब के लिए।

हम अल्पावधि में किसी भी बदलाव की उम्मीद नहीं करते हैं, हालांकि, सीईई क्षेत्र पर वैश्विक बिक्री दबाव भी रॉन बाजार को प्रभावित कर रहा है। हंगेरियन फोरिंट और पोलिश ज़्लोटी को देखते हुए, हम यह मान सकते हैं कि पिछले दो हफ्तों में एनबीआर की एफएक्स रक्षा लागत में काफी वृद्धि हुई है, यह दर्शाता है कि स्थिरता हमेशा के लिए नहीं रह सकती है। अभी के लिए, हम अगले साल की शुरुआत में हस्तक्षेप स्तर के लिए अपने पूर्वानुमान में एक बदलाव की उम्मीद करते हैं। हालांकि, सर्दियों के महीने एफएक्स पर बढ़ते दबाव ला सकते हैं और एनबीआर को थोड़ा पहले दबाव को कम करने के लिए धक्का दे सकते हैं।

RBI Action: वैश्विक मंदी की अटकलों के बीच विदेशी मुद्रा लाने के नियम किए गए आसान, चिंता में क्यों है आरबीआइ

RBI action to boost indian economy वैश्विक मंदी की अटकलों के बीच आरबीआइ ने बड़े फैसले लिए हैं। आरबीआइ (Reserve Bank of India) ने देश में विदेशी मुद्रा लाने के नियमों को आसान बना दिया है। जानें क्‍यों चिंतित है केंद्रीय रिजर्व बैंक.

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। डालर के मुकाबले लगातार रुपये की घटती कीमत, देश में बढ़ते कारोबार घाटे (निर्यात के मुकाबले आयात पर ज्यादा खर्च) और वैश्विक मंदी की अटकलों के बीच आरबीआइ ने देश में विदेशी मुद्रा लाने के नियमों को आसान बना दिया है। केंद्रीय बैंक ने इस बारे में पांच अहम कदम उठाकर पहली बार यह संकेत दिया है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआइआइ) द्वारा भविष्य में भी पैसा निकाले जाने की संभावना है और इससे रुपये की कीमत और गिरावट आ सकती है।

Train Cancelled List Today 19 november 2022 IRCTC (Jagran File Photo)

चिंता में क्यों हैं आरबीआइ

1-चालू वित्त वर्ष डालर के मुकाबले रुपया 4.1 प्रतिशत गिरा

2-अप्रैल-जून की तिमाही में 61 अरब डालर का हुआ कारोबारी घाटा

3-शेयर बाजार से बाहर निकल रहे हैं विदेशी संस्थागत निवेशक

4-विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 593 अरब डालर पर आया

AIBEA calls off Nov 19 nation-wide bank strike

ईसीबी से कर्ज लेने की सीमा को किया दोगुना

यह भी आश्चर्यजनक है कि अभी कुछ समय पहले तक कारपोरेट घरानों की तरफ से वाह्य वाणिज्यिक कर्ज (ईसीबी) को लेकर बहुत उत्साह नहीं दिखाने वाले आरबीआइ ने अब ईसीबी से कर्ज लेने की सीमा को दोगुना कर दिया है।

केंद्रीय बैंक द्वारा उठाए गए कदम

  • विदेशों से ज्यादा कर्ज ले सकेंगे कारपोरेट
  • घरेलू ऋण बाजार में ज्यादा निवेश कर सकेंगे विदेशी निवेशक
  • प्रवासी भारतीयों से विदेशी मुद्रा में ज्यादा जमा जुटा सकेंगे बैंक

घरेलू मुद्रा बाजार को बचाकर रखने के निर्देश

Some foreign companies keen to bring hyperloop tech to India says Niti Member VK Saraswat

केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा है कि वह पूरे हालात पर नजर रखे है और उसकी पूरी कोशिश है कि वैश्विक स्तर पर जो हालात बन रहे हैं उससे घरेलू मुद्रा बाजार को बचाकर रखा जा सके। जो उपाय किए गये हैं उसमें बैंकों को प्रवासी भारतीयों से ज्यादा से ज्यादा विदेशी मुद्रा में जमा राशि जुटाने को कहा गया है।

बैंकों को दिया सुझाव

अभी प्रवासी भारतीयों के लिए लागू विदेशी मुद्रा वाली जमा स्कीमों (एफसीएनआरबी) के तहत बैंक कितनी ब्याज विदेशी मुद्रा बाजार की समीक्षा दर दे सकते हैं इसको लेकर सख्त नियम लागू है। इन स्कीमों के तहत जमा की परिपक्वता अवधि के हिसाब से कितना ब्याज दिया जा सकता है, इसकी सीमा तय की गई है। अब केंद्रीय बैंक ने बैंकों से कहा है कि वो 31 अक्टूबर, 2022 तक ब्याज दरों की उक्त सीमा के इतर जमा राशि आकर्षित कर सकते हैं।

Central government increase maximum tenure of psu bank CEO

एफपीआइ के लिए खोले दरवाजे

इसी तरह से ऋण बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआइ) के लिए निवेश के दरवाजे और खोल दिए गए हैं। अभी एफपीआइ के लिए कंपनियों के ऋण प्रपत्रों में कम से कम एक वर्ष के लिए निवेश करने की शर्त लागू है। इस नियम को बदलते हुए केंद्रीय बैंक ने कहा है कि एफपीआइ कारपोरेट ऋण प्रपत्रों के तहत कमर्शियल पेपर, गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर्स (एनसीडी) आदि में एक वर्ष से कम अवधि के लिए भी निवेश कर सकते हैं।

Nexus Select Trust Submit drhp to SEBI know Details (Jagran File Photo)

निवेश की शर्तें की आसान

सरकारी प्रतिभूतियों में भी एफपीआइ के लिए निवेश की मौजूदा शर्त को आसान कर दिया गया है। अभी इस श्रेणी में एक वर्ष की परिपक्वता अवधि वाले प्रपत्रों में एफपीआइ के कुल निवेश का 30 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा नहीं लगाया जा सकता। अब इस नियम को हटा दिया गया है यानी अब एफपीआइ ज्यादा राशि सरकारी प्रतिभूतियों में कम अवधि के लिए भी निवेश कर सकेंगे।

Book Train Ticket from IRCTC AskDISHA Chatbot (Jagran File Photo)

कंपनियों को अब विदेश से डेढ़ अरब डालर तक लेने की छूट

एक अहम फैसला ईसीबी को लेकर किया गया है। अभी कंपनियों को आटोमोटिक रूट के जरिये विदेश से 75 करोड़ डालर लेने की छूट है। इस सीमा को बढ़ाकर 1.5 अरब डालर कर दिया गया है। ईसीबी के तहत पहली बार भारतीय कंपनियों को विदेशों से इतनी बड़ी मात्रा में कर्ज लेने की छूट मिली है। यह नियम 31 दिसंबर, 2022 तक लागू होगी। इसके अलावा बैंकों से कहा गया है कि वे भी विदेशों से ज्यादा कर्ज ले सकेंगे ताकि जो कंपनियां ईसीबी से सीधे उधारी नहीं ले सकते हैं, उन्हें वो ज्यादा विदेशी मुद्रा में कर्ज दे सकें। यह नियम 31 अक्टूबर, 2022 तक लागू होगा।

After Elon Musk

केंद्रीय बैंक ने कहा, विकास संभावनाओं पर नहीं पड़ेगा कोई असर

इन नियमों को लागू करते हुए आरबीआइ ने कहा है कि वैश्विक स्तर पर मंदी के बादल छाए हैं। वित्तीय बाजार में जोखिम बढ़ा है और उभरती बाजार की अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राओं पर लगातार गिरावट का दबाव है। केंद्रीय बैंक भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर सकारात्मक है और मानता है कि भारत की विकास संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है। हालांकि बढ़ते कारोबारी घाटे और चालू खाता घाटे का बढ़ता स्तर चिंताजनक है। यह भी कहा है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 593.3 अरब डालर है। डालर के मुकाबले रुपया बुधवार को 79.30 के स्तर पर बंद हुआ है।

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