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एक सुरक्षित दलाल कौन है

एक सुरक्षित दलाल कौन है
जेई की नौकरी छोड़ अपनाई राजनीति, पहली बार जीत बने केबिनेट मंत्री : पूर्व कृषि मंत्री सुरेंद्र सिंह के बेहद नजदीकी दोस्त रहे जेपी दलाल ने पूर्व मंत्री के कहने पर ही जेई की नौकरी छोड़ राजनीति में कदम रखा। वे सुरेंद्र सिंह के इतने नजदीकी थे कि हरियाणा विकास पार्टी में उनका अहम रोल रहा।

सुरक्षित प्रसव की राह में रोड़ा बन रहे दलाल

गोपालगंज। सरकारी अस्पताल तथा उसके आसपास दलालों की सक्रियता बढ़ गई है। ये दलाल सुरक्षित प्रसव की राह में रोड़ा बनते जा रहे हैं। प्रसव पीड़ित महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराने के लिए परिजन घर से उनको साथ लेकर सरकारी अस्पताल के लिए निकलते हैं। लेकिन सरकारी अस्पताल तक पहुंचते-पहुंचते दलाल उन्हें बहका कर निजी नर्सिंग होम लेकर चले जा रहे हैं। दलालों की भूमिका में कुछ आशा कार्यकर्ता भी शामिल बताई जाती हैं। एक सुरक्षित दलाल कौन है निजी नर्सिंग होम ले जाने के बाद महिलाओं का आर्थिक शोषण तो किया ही जाता है। उनकी जान पर भी बन आती है।

बात कुछ दिन पहले की ही है। बैकुंठपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत एक आशा कार्यकर्ता के एक सुरक्षित दलाल कौन है झांसे में आने का नतीजा एक महिला तथा नवजात बच्चे की मौत के रूप में सामने आया था। प्रसव के लिए सदर अस्पताल आई इस महिला को एक आशा कार्यकर्ता बहला फुसल कर एक निजी नर्सिंग होम में लेकर चली गई थी। जहां प्रसव के बाद महिला तथा नवजात की मौत हो गई। इस घटना के बाद नर्सिंग होम संचालक झोलाछाप चिकित्सक फरार हो गया तथा आशा कार्यकर्ता को लोगों ने पकड़ कर जमकर धुनाई कर दी थी। बाद में मामला तुल पकड़ने पर इस आशा कार्यकर्ता को स्वास्थ्य महकमा ने हटा दिया।। इस घटना के बाद बीते 25 नवंबर को बैकुंठपुर प्रखंड के रेवतीथ गांव निवासी एक प्रसव पीडित को उसी गांव की आशा कार्यकर्ता सरकारी अस्पताल से बहका कर दिघवा दुबौली के एक अवैध नर्सिंग होम में लेकर चली गई। जहां नार्मल प्रसव हुआ। लेकिन जब महिला के घर जाने की बारी आई तो नर्सिंग होम के कर्मियों ने 21 हजार रुपये की मांग किया। तब काफी जद्दोजेहाद और पैरवी के बाद मामला पचास प्रतिशत भुगतान पर सुलझा। सूत्र बताते हैं कि यह नर्सिंग होम भी अवैध रूप से चल रहा है। ऐसे कई अन्य नर्सिंग होम भी यहां चल रहे हैं जिसमें न तो कोई एमबीबीएस डॉक्टर आते हैं और ना ही नर्सिंग होम का भवन मानक के अनुसार है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अगल बगल चल रहे इन नर्सिंग होम के प्रति स्वास्थ्य महकमा उदासीन बना हुआ है। आलम यह है कि प्रत्येक माह के नौ तारीख को सरकारी अस्पताल में जांच के लिए आने वाली गर्भवती महिलाओं को भी बिना डॉक्टर की सलाह के कुछ आशा कार्यकर्ता निजी एक्सरे तथा अल्ट्रासाउंड सेंटर पर भेज देती हैं।

जेपी के मंत्री बनते ही 15 साल बाद खत्म हुआ राजनीतिक सूखा, भिवानी में जगी विकास की आस

कैबिनेट मंत्री बनने पर जेपी दलाल को बधाई देते हुए कार्यकर्ता।

पिछले 15 साल से राजनीतिक रूप से सूखा झेल रहे लोहारू क्षेत्र में मंत्री पद मिलने के बाद एक बार फिर से विकास की नई उम्मीद जगी है। मनोहर मंत्रिमंडल के पहले विस्तार में वीरवार को लोहारू के विधायक जेपी दलाल को केबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। लोहारू विधानसभा क्षेत्र से जेपी दलाल ऐसे तीसरे विधायक हैं जिनको मंत्री पद मिला है।

लोहारू क्षेत्र को पहली बार प्रदेश के मंत्रिमंडल में हीरानंद आर्य के रूप में मंत्री पद नसीब हुआ था। वे एक बार वित्त और दूसरी बार शिक्षा मंत्री बने थे। दोनों ही बार वे देवीलाल मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बने थे। हालांकि, वर्ष 1999 से 2004 तक इनेलो शासन में बहादुर सिंह ने शिक्षा मंत्री के रूप हलके का प्रतिनिधित्व किया था। लेकिन, वे राज्य मंत्री बने थे।

करण सिंह दलाल पहला चुनाव जीतने के बाद सिर्फ एक बार हारे, पांच बार जीते

करण सिंह दलाल पहला चुनाव जीतने के बाद सिर्फ एक बार हारे, पांच बार जीते

फरीदाबाद (बिजेंद्र बंसल)। पलवल विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक करण सिंह दलाल ऐसे नेता हैं जो छात्र जीवन से अब तक अंगद की तरह राजनीति में अपना पैर जमाए हुए हैं। 1991 में दलाल ने पहला चुनाव कांग्रेस के नित्यानंद शर्मा से जीता। दलाल ने तब हरियाणा में नवसृजित हरियाणा विकास पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और 38.74 फीसद मत लेकर चुनाव जीता था।

दलाल ने अपना पहला चुनाव 1991 में तब जीता जब फरीदाबाद, गुरुग्राम, मेवात, पलवल जिलों में कांग्रेस की लहर थी। तब सिर्फ तावडू से जाकिर हुसैन निर्दलीय और दलाल हविपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। बाकी एक सुरक्षित दलाल कौन है सीटों पर कांग्रेस के ही विधायक बने थे। अब तक दलाल ने छह चुनाव लड़े और सिर्फ एक ही चुनाव हारे हैं।

हथियारों के दलाल थे राजीव गांधी: विकिलीक्स

राजीव गांधी

  • नई दिल्ली,
  • 08 अप्रैल 2013,
  • (अपडेटेड 08 अप्रैल 2013, 4:51 PM IST)

विकिलीक्स ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बारे में सनसनीखेज खुलासा किया है. विकिलीक्स ने आरोप लगाया है कि इंडियन एयरलाइन्स में काम करते हुए राजीव गांधी स्वीडन की एक कंपनी के लिए एजेंट का काम करते थे.

एक अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' में छपी एक सुरक्षित दलाल कौन है इस खबर के अनुसार वो स्वीडन की साब स्कानिया कंपनी के साथ जुड़े हुए थे. ये कंपनी भारत को लड़ाकू विमान बेचना चाहती थी. हालांकि ये सौदा नहीं हो सका था. उस रेस में ब्रिटिश कंपनी जुगआर ने बाजी मार ली थी.

इस खुलासे से बाद बीजेपी ने गांधी परिवार से जवाब मांगा है. बीजेपी का कहना है कि इस पूरे मामले में सरकार और गांधी परिवार को सामने आकर सफाई देनी चाहिए.

निर्यात में एक सीमा शुल्क ब्रोकर क्या है?

जबकि आपके उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार बेचने की संभावना आकर्षक है, माल की सोर्सिंग और परिवहन, सीमा शुल्क निकासी और पार्सल का वितरण / वितरण एक बोझिल प्रक्रिया है। इसके ऊपर, आपके द्वारा भेजे जाने वाले प्रत्येक देश के पास अपने सीमा शुल्क नियमों का अपना सेट होता है, और उनके लूप में होना वैश्विक व्यवसायों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है, क्योंकि ये नियम हर दूसरे दिन बदलते रहते हैं।

यह वह जगह है जहाँ सीमा शुल्क ब्रोकरेज या एक सीमा शुल्क दलाल खेल में आता है।

एक सीमा शुल्क ब्रोकर कौन है?

सीमा शुल्क ब्रोकरेज, या अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क में एक सीमा शुल्क दलाल, एक तृतीय पक्ष कंपनी है जो गंतव्य देश के सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा नियमों द्वारा आगे रखी गई सभी सीमा शुल्क आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए व्यवसायों के साथ समन्वय करती है।

निषिद्ध/प्रतिबंधित वस्तुओं पर परामर्श व्यवसाय

व्यवसायों के लिए एक कम ज्ञात तथ्य - दक्षिण अफ्रीका या मैक्सिको में खेल के जूते एक सुरक्षित दलाल कौन है आयात करना, या अल्जीरिया देश में किसी भी दंत उत्पाद का आयात करना मना है। इसी तरह, हर देश की अपनी विशिष्ट निषिद्ध वस्तुओं की सूची होती है जो समय-समय पर अपडेट होती रहती है।

सरकारी मंजूरी पारित करना

किसी देश में आयात किए जा रहे माल के प्रकार के आधार पर, चर्चा में देश से विशेष सरकारी मंजूरी की आवश्यकता होती है। एक सीमा शुल्क दलाल यहां सरकार की आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करता है और माल को सुरक्षित रूप से निर्दिष्ट सीमाओं में स्थानांतरित करता है।

सीमा शुल्क ब्रोकरेज में शामिल शुल्क क्या हैं?

एक कस्टम ब्रोकर आमतौर पर ब्रोकरेज शुल्क लेता है, जो आमतौर पर आयातित शिपमेंट के मूल्य का प्रतिशत होता है। सीमा शुल्क प्रविष्टि की जटिलता, आयातित माल के मूल्य और अनुपालन की सुगमता के आधार पर, आयातक और सीमा शुल्क दलाल दलाली के शुल्क पर परस्पर सहमत होते हैं।

कृपया ध्यान दें कि कंपनी और डिलीवरी के स्थान के आधार पर शुल्क भी भिन्न हो सकते हैं।

ब्रोकरेज शुल्क का भुगतान सीधे सीमा शुल्क दलाल को पहले ही कर दिया जाता है ताकि एजेंट दस्तावेज जमा करने और सीमा शुल्क शुल्क संसाधित करते समय होने वाली लागत को कवर कर सके। ब्रोकरेज को कई तरह से चार्ज किया जा सकता है -

  1. प्रति सेवा के लिए एक फ्लैट के रूप में
  2. सेवाओं के बंडल के लिए एक मूल्य के रूप में, या
  3. शिपमेंट मूल्य के प्रतिशत के रूप में।
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