प्रमुख भारतीय स्टॉक एक्सचेंज

इक्विटी शेयर के नुकसान

इक्विटी शेयर के नुकसान
पारंपरिक म्यूचुअल फंड के अलावा निवेशक नए उभरते इक्विटी ट्रेडेड फंड (ETF) और इंडेक्स फंड में भी निवेश कर सकते हैं।

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आईनॉक्स ग्रीन एनर्जी ने शेयर बाजार में पहले ही दिन कराया निवेशकों का नुकसान

नई दिल्ली. आईनॉक्स ग्रीन एनर्जी सर्विसेज के शेयरों की आज बुधवार को एनएसई पर लिस्टिंग हुई. कंपनी के शेयर ने 60 रुपये प्रति शेयर पर स्टॉक लिस्टिंग के साथ एक कमजोर शुरुआत की. इसके आईपीओ ने 65 रुपये प्रति शेयर की तुलना में 7% से अधिक की छूट के साथ बीएसई पर 60.5 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार करना शुरू किया. इसे एक कमजोर शुरुआत माना जा रहा है.

आईनॉक्स विंड की सहायक कंपनी आईनॉक्स ग्रीन एनर्जी सर्विसेज का इनिशियल पब्लिक ऑफर (आईपीओ) आखिरी दिन 1.55 गुना सब्सक्रिप्शन हुआ था, जो मंगलवार, 15 नवंबर, 2022 को समाप्त हुआ. इसे 6.67 करोड़ के मुकाबले 10.37 करोड़ शेयरों के लिए बोलियां मिलीं.

बीएसई ने दी लिस्टिंग की सूचना

बीएसई ने एक नोटिस जारी कर कहा है कि 23 नवंबर, 2022 से आईनॉक्स ग्रीन एनर्जी सर्विसेज के इक्विटी शेयरों को ‘बी’ ग्रुप की लिस्ट में एक्सचेंज पर लेनदेन के लिए शामिल किया जाएगा. आईनॉक्स ग्रीन एनर्जी आईपीओ में आईनॉक्स विंड द्वारा 370 करोड़ रुपये मूल्य के इक्विटी शेयर जारी करना और 370 करोड़ रुपये के इक्विटी स्टॉक का ऑफर-फॉर-सेल (ओएफएस) शामिल है. वहीं इसका प्राइस बैंड 61 से 65 इक्विटी शेयर के नुकसान रुपये प्रति शेयर था.

पोर्टफोलियो में विविधता क्यों जरूरी है? फायदे और नुकसान जानें

पोर्टफोलियो में विविधता क्यों जरूरी है? फायदे और नुकसान जानें

विविधता पोर्टफोलियो मैनेजमेंट का एक महत्वपूर्ण पहलू है। अलग-अलग एसेट्स में निवेश करने से निवेशकों का जोखिम कम होता है। इसके साथ ही यह बाजार के उतार-चढ़ाव से भी निवेशकों को बचाता है। यह मुनाफा बनाने की रणनीति में भी मददगार साबित हो सकता है।

सभी पैसों को एक ही बस्ते में नहीं रखना चाहिए: यह बात विविधता को बहुत अच्छी तरह बताती है। पोर्टफोलियो में विविधता या एसेट एलोकेशन से आप अलग-अलग एसेट वर्ग में निवेश करते हैं। अगर किसी एक वर्ग में गिरावट आती है, तो दूसरा एसेट आपको नुकसान से बचाता है।

Share Market: चीन में लॉकडाउन से एशियाई बाजार में दबाव, भारत पर पड़ेगा क्या असर?

Share Market: चीन में लॉकडाउन से एशियाई बाजार में दबाव, भारत पर पड़ेगा क्या असर?

Stock Market News Update Today: भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) शुक्रवार को फिसल सकता है. घरेलू बाजार पर विदेशी बाजार का दबाव दिख रहा है. एक्सपर्ट्स के अनुमान के मुताबिक, शुरुआत में निवेशक बिकवाली की तरफ जा सकते हैं, जिससे बाजार को गिरावट का सामना करना पड़ सकता है.

इससे पहले पिछले सत्र यानी गुरुवार को घरेलू बाजार रिकॉर्ड हाई स्तर पर पहुंचा और 62 हजार के ऊपर बंद हुआ. सेंसेक्‍स ने 762 अंकों की बढ़ोतरी दर्ज की. वहीं निफ्टी 217 अंकों की तेजी के साथ 18,484 पर बंद हुआ.

विदेशी बाजारों का क्या है हाल?

अमेरिकी बाजारों में गुरुवार को थैंक्स गिविंड डे की छुट्टी थी. शुक्रवार को आधे दिन के लिए वहां के बाजार खुलेंगे. डाओ फ्यूचर में 44 अंकों की तेजी है. US बॉन्ड मार्केट आज बंद रहेगा. आज से वहां ब्लैक फ्राइडे सेल (Black Friday Sale) की शुरुआत हो रही है, जिसपर बाजार की नजर रहेगी.

अगर एशियाई बाजारों का बात करें तो यहां दबाव देखने मिल रहा है. SGX निफ्टी में 50 अंकों से अधिक की गिरावट देखी जा रही है. नवंबर में जापान में महंगाई दर 40 सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई जिसके कारण वहां के इंडेक्स Nikkei पर दबाव देखा जा रहा है.

बाजार पर इसका भी असर

चीन में कोरोना संक्रमण बढ़ने और सख्‍त लॉकडाउन की वजह से एशियाई बाजारों पर दबाव दिख रहा है. वहीं अमेरिकी और यूरोपीय बाजार भी मंदी के डर से सहमे हुए हैं.

भारतीय शेयर बाजार पर विदेशी निवेशकों का भरोसा वापस लौटता दिख रहा है. इस सप्‍ताह पहली बार विदेशी निवेशकों ने खरीदारी की है. पिछले कारोबारी सत्र में विदेशी संस्‍थागत निवेशकों ने बाजार में 1,231.98 करोड़ की पूंजी लगाई है, जबकि इसी दौरान घरेलू संस्‍थाग‍त निवेशकों ने 235.66 करोड़ रुपये के शेयर बेच डाले.

इन स्टॉक्स पर रखें नजर

LIC: LIC के चेयरमैन ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में कंपनी शेयर बेचकर इक्विटी शेयर के नुकसान 40180 करोड़ का मुनाफा बुक करेगी. अगले दो सालों में नॉन पार्टिसिपेंट बिजनेस का बिजनेस शेयर 9 फीसदी से बढ़ाकर 13 फीसदी करने की है.

State Bank of India: देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने गुरुवार को कहा कि वह 10,000 करोड़ रुपये तक के बुनियादी ढांचे के बांड जारी करके धन जुटाने पर विचार करेगा.

PNB: पंजाब नेशनल बैंक को UTI AMC से निकलने की मंजूरी मिल गई इक्विटी शेयर के नुकसान है. बैंक 15.22 फीसदी की पूरी हिस्सेदारी बेचेगा. वर्तमान में इसकी वैल्यु 1329 करोड़ के करीब है. बैंक को DIPAM से इसकी मंजूरी मिल गई है. UTI देश की सबसे पुरानी म्यूचुअल फंड कंपनी है.

NDTV: एएमजी मीडिया नेटवर्क्स और अडानी एंटरप्राइजेज के साथ विश्वप्रधान कॉमर्शियल की अगुवाई में ओपन ऑफर के तीसरे दिन लगभग 28 लाख एनडीटीवी इक्विटी शेयर सब्सक्राइब किए गए.

किसी शेयर को खरीदने और बेचने पर कितने प्रकार से लगता है टैक्स, यहां जानिए पूरी डिटेल

  • Himali Patel
  • Publish Date - October 2, 2021 / 04:33 PM IST

किसी शेयर को खरीदने और बेचने पर कितने प्रकार से लगता है टैक्स, यहां जानिए पूरी डिटेल

सेंसेक्स 60,836 और निफ्टी 18,197 के स्तर तक गया. बाजार लगातार 5वें दिन बढ़त के साथ बंद हुए. सेंसेक्स 452 पॉइंट यानी 0.75% बढ़कर 60,737 पर और निफ्टी 170 पॉइंट यानी 0.94% की तेजी के साथ 18,162 के स्तर पर बंद हुआ था

भारतीय इक्विटी बाजार नई उचाईयों को छूता जा रहा है और अभी इसकी गिरावट या धीमा होने के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं. इस सितंबर में बीएसई सेंसेक्स पहली बार 60,000 का आकड़ा भी पार कर गया है. क्या आप ऐसे समय के दौरान इक्विटी शेयरों (Stock) के मालिक हैं या खरीदने का इरादा रखते हैं तो आपको शेयरों की बिक्री से जुड़े टैक्स प्रभावों के बारे में पता होना चाहिए.

शार्ट-टर्म पीरियड में होने वाला कैपिटल लॉस और गेन

यदि एक लिस्टेड इक्विटी शेयर एक्वीजीशन के 12 महीनों के भीतर बेचा जाता है, तो सेलर को शार्ट-टर्म कैपिटल गेन या शार्ट टर्म कैपिटल लॉस चुकाना पड़ सकता है. जब शेयरों को खरीदी गयी वैल्यू से अधिक कीमत पर बेचा जाता है, तो विक्रेता को शार्ट टर्म कैपिटल गेन चुकाना होता है और जब शेयरों को खरीदे गए मूल्य से कम कीमत पर बेचा जाता है, तो विक्रेता को शार्ट टर्म कैपिटल लॉस चुकाना पड़ता है.

यदि शेयर बाजार में कारोबार किए गए इक्विटी शेयरों को अधिग्रहण के 1 वर्ष के बाद बेचा जाता है, तो विक्रेता को इस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन या लॉस पर टैक्स देना पड़ता है. 2018 के बजट की शुरुआत से पहले, इक्विटी शेयर अंडर सेक्शन 10 (38) के तहत लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स से फ्री थे.

2018 के फाइनेंशियल बजट के नए नियमों के अनुसार, यदि कोई विक्रेता इक्विटी शेयरों की बिक्री पर 1 लाख रुपये से अधिक का लॉन्ग टर्म लाभ अर्जित करता है, तो यह लाभ 10% के कैपिटल गेन टैक्स के अधीन आता है. इसके अलावा, यहां विक्रेता इंडेक्सेशन का लाभ नहीं उठा पाएगा. ये नियम 1 अप्रैल, 2018 को या उसके बाद किए गए लेन-देन पर लागू होता हैं.

इक्विटी शेयरों से लाभ का टैक्सेशन

आपके टैक्स ब्रैकेट के बावजूद, शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर 15% टैक्स लगता है. शेयर बाजार में लिस्टेड इक्विटी शेयरों पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर 1 लाख रुपये तक के टैक्सेशन से छूट है. इक्विटी शेयरों की बिक्री पर 1 लाख रुपये से अधिक का लाभ 10% लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स के अधीन आता है और इस पर इंडेक्सेशन संभव नहीं होता है. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि पूर्वगामी टैक्स दरें तभी लागू होती हैं जब लेनदेन पर सिक्योरिटी ट्रांसक्शन इक्विटी शेयर के नुकसान टैक्स (STT) का भुगतान किया जाता है.

इक्विटी शेयरों की बिक्री से किसी भी शार्ट टर्म कैपिटल लॉस को किसी भी पूंजीगत संपत्ति की बिक्री से किसी भी अल्पकालिक या दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के खिलाफ ऑफसेट किया जा सकता है. यदि नुकसान को समायोजित नहीं किया जाता है, तो इसे अतिरिक्त आठ वर्षों के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है और उन आठ वर्षों के दौरान किए गए किसी भी शार्ट टर्म या लॉन्ग टर्म पूंजीगत लाभ के खिलाफ ऑफसेट किया जा सकता है. लंबी अवधि के कैपिटल लॉस को किसी भी अन्य दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के मुकाबले ऑफसेट किया जा सकता है और लंबी अवधि के लाभ के खिलाफ ऑफसेट करने के लिए लंबे समय तक पूंजी हानि को अगले आठ वर्षों तक आगे बढ़ाया जा सकता है.

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gautam adani

उद्यमी और अरबपति गौतम अडानी अपने अडानी समूह के चेयरमैन और फाउंडर हैं। (फाइल)

एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति और जाने-माने उद्योगपति गौतम अडानी का अडानी ग्रुप बड़े स्तर पर फंड रेजिंग (पैसा जुटाने की प्रक्रिया) करने वाला है। उनका ग्रुप इस बार आईपीओ के बजाय एफपीओ (फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर) के जरिए 20,000 करोड़ रुपए जुटाएगा।

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