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ट्रेडिंग क्या होती है

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मुहूर्त ट्रेडिंग क्या है ? Muhurat Trading का मतलब क्या होता है ?

What is Muhurat Trading Full Information in Hindi:- हिंदू धर्म में दिवाली एक बहुत ही बड़ा त्यौहार होता है। यह त्यौहार हिंदू धर्म के लोगों द्वारा काफी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लक्ष्मी माता की पूजा की जाती है और उस वक़्त हमारे घर में हमारे ट्रेडिंग क्या होती है पास जो भी लक्ष्मी यानी पैसे मौजूद होते हैं, उनको हमारे घर के मंदिर में लक्ष्मी माता के सामने रखकर पूजा की जाती है। इसके अलावा हिन्दू धर्म के लोग अपनी जीवनी चलाने के लिए जिन औजारों का इस्तेमाल करके आमदनी कमाते हैं, पैसे कमाते हैं, उन औजारों को भी मंदिर में रखकर उनकी पूजा की जाती है।

ठीक ऐसे ही दीवाली के दिन शेयर मार्केट में पूजा की जाती है। शेयर मार्केट के सभी इन्वेस्टर अपने अपने ट्रेडिंग अकाउंट की पूजा करते हैं। मूहूर्त ट्रेडिंग दीपावली के समय शेयर मार्केट में इस्तेमाल होने वाला एक शब्द है। मुहूर्त ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है ? इस लेख में हम आपको बताएंगे।

मूहूर्त ट्रेडिंग क्या है ? Muhurat Trading का मतलब क्या होता है ?

अगर आप स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करते हैं या आपको स्टॉक मार्केट का थोड़ा बहुत नॉलेज रखते हैं तो आपको पता होगा कि स्टॉक मार्केट में कंपनियों के शेयर्स को खरीदने और बेचने को ट्रेडिंग कहते हैं। जोकि हर सप्ताह सोमवार से शुक्रवार सुबह 9:15 बजे से दोपहर 3:30 तक होती है। शेयर मार्केट शनिवार और रविवार को बंद रहता है। इसके अलावा बहुत बार सरकारी दफ्तरों की छोटी होने पर और बड़े बड़े त्योहारों पर भी स्टॉक मार्केट बंद रहता है।

भारत मे दिवाली भी एक बहुत बड़ा त्यौहार है इसलिए दिवाली के दिन भी शेयर मार्केट बंद रहता है। लेकिन दिवाली के दिन हिंदू धर्म के लोग लक्ष्मी माता की पूजा करते हैं उनके पास जो भी धन होता है, उसकी पूजा करते हैं। इसके अलावा अगर हमें कोई भी बड़ा काम करना हो तो इसके लिए दिवाली का दिन काफी शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में इस दिन को काफी पवित्र और शुभ माना जाता है। इसीलिए शेयर मार्केट में भी इस दिन को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। दिवाली के दिन शेयर मार्केट की छुट्टी होने के बावजूद मार्केट को सिर्फ 1 घंटे के लिए खोला जाता है।

Muhurat Trading 2020 : जानिए क्या होती है मुहूर्त ट्रेडिंग और आज कब है इसका समय

रामानुज सिंह

What is muhurat trading, And when is it this Diwali? know its history also

  • लक्ष्मी पूजा के दिन आज मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन किया जा रहा है
  • भारतीय शेयर बाजार इसके लिए खास टाइमिंग की व्यवस्था करता है
  • मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान शेयरों की खरीद बिक्री करना शुभ माना जाता है

नई दिल्ली: प्रकाश का पर्व दिवाली आज पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह हिंदू वित्तीय वर्ष की शुरुआत का भी प्रतीक है। हर साल की तरह इस साल भी जश्न मनाने के लिए भारतीय शेयर बाजार ने स्पेशल व्यापारिक सत्र का आयोजन किया है। स्टॉक ट्रेडर्स और निवेशक इस साल के मुहूर्त ट्रेडिंग (Muhurat Trading) के लिए कमर कस लिए हैं जो दिवाली के दिन होगा। दिवाली के दिन, भारतीय शेयर बाजार लक्ष्मी पूजन के विशेष समय में एक स्पेशल ट्रेडिंग सत्र की व्यवस्था करते हैं जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग कहते हैं। इस दिन व्यापारियों और निवेशकों द्वारा प्रतिभूतियों को खरीदने और बेचने के शुभ घंटों के दौरान हिंदू पंचांग के अनुसार स्पेशल ट्रेडिंग विंडो खुलती है।

मुहूर्त ट्रेडिंग क्या है?

मुहूर्त हिंदी शब्द है, जिसका अर्थ है शुभ समय। यह ग्रहों, तारों औ नक्षत्रों के आधार पर गणना की जाती है। हिंदू ज्योतिष के लिए मुहूर्त महत्वपूर्ण हैं। लंबे समय से भारत में स्टॉक एक्सचेंज मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन कर रहे हैं। यह एक वार्षिक अनुष्ठान है जिसे हर किसी की नजरें होती हैं। मुहूर्त ट्रेडिंग आमतौर पर शाम को होती है। स्टॉक एक्सचेंज एक घंटे का स्पेशल ट्रेडिंग सेशन की घोषणा करते हैं, जिस दौरान हिंदू व्यापारी और निवेशक नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए शेयरों की खरीद और बिक्री में शामिल होते हैं। उनका मानना है कि यह उन्हें पूरे साल सौभाग्य और समृद्धि लाता है।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) शनिवार (14 नवंबर) को एक घंटे की दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन करेंगे। बीएसई और एनएसई दोनों एक घंटे के लिए ट्रेडिंग की अनुमति देंगे, जो शाम 6:15 बजे से शुरू होगा। एक्सचेंजों ने कहा कि एक ब्लॉक डील सेशन इस मुख्य सत्र से पहले और प्री ऑपनिंग सेशन शाम 5:45 से 6:00 बजे के बीच होगा। ट्रेडर्स को शाम 5:15 से 5:45 के बीच लॉगिन करने की सलाह दी जाती है। यह एक्सचेंज 16 नवंबर को दीवाली बलिप्रतिपदा के अवसर पर बंद रहेगा। मंगलवार से सामान्य व्यापार फिर से शुरू होगा।

मुहूर्त ट्रेडिंग का इतिहास

सत्र में एक नए संवत या हिंदू कैलेंडर वर्ष की शुरुआत होती है। ऐसा माना जाता है कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरे वर्ष समृद्धि और धन लाता है। बीएसई 1957 से मुहूर्त सत्र का आयोजित कर रहा है, जबकि एनएसई 1992 से कर रहा है। पिछले साल के मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र में, सेंसेक्स 192 अंक बढ़कर 39,250 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 0.65 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करने के बाद 10598 पर बंद हुआ था।

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ग्रिड ट्रेडिंग क्या है?

ग्रिड ट्रेडिंग एक ट्रेडिंग बॉट है जो फ्यूचर्स अनुबंधों की खरीद और बिक्री को स्वचालित करती है। इसे एक कॉन्फिगर की गई मूल्य सीमा के भीतर पूर्व निर्धारित अंतराल पर बाजार में ऑर्डर देने के लिए डिजाइन किया गया है।

ग्रिड ट्रेडिंग तब होती है जब ऑर्डर एक निर्धारित मूल्य से ऊपर और नीचे रखे जाते हैं, जिससे बढ़ती कीमतों पर ऑर्डर का एक ग्रिड तैयार होता है। इस तरह, यह एक ट्रेडिंग ग्रिड का निर्माण करता है। उदाहरण के लिए, कोई व्यापारी बिटकॉइन के बाजार मूल्य से प्रत्येक 200,000 पर खरीद-ऑर्डर दे सकते हैं, साथ ही बिटकॉइन के ट्रेडिंग क्या होती है बाजार मूल्य से प्रत्येक 200,000 पर बिक्री-ऑर्डर भी दे सकते/सकती हैं। यह विभिन्न परिस्थितियों का लाभ उठाता है।

ग्रिड ट्रेडिंग अस्थिर और साइडवे मार्केट में सबसे अच्छा प्रदर्शन करती है जब मूल्य में एक निश्चित दायरा के अंदर उतार-चढ़ाव होता है। यह तकनीक छोटे मूल्य परिवर्तनों पर लाभ कमाने के लिए है। आप जितने अधिक ग्रिड शामिल करेंगे/करेंगी, व्यापारों की आवृत्ति उतनी ही अधिक होगी। हालांकि,यह एक खर्च के साथ आता है क्योंकि प्रत्येक ऑर्डर से आपको होने वाला लाभ कम होते हैं।

अपनी ग्रिड ट्रेडिंग रणनीति सेट करें

यदि आप बायनेन्स एप का उपयोग कर रहे/रही हैं, तो [फ्यूचर्स] - [USDⓈ-M फ्यूचर्स] - [ग्रिड ट्रेडिंग]पर टैप करें।

2. रणनीति को निष्पादित करने के लिए एक संकेत चिह्न का चयन करें और ग्रिड मापदंड सेट करें। पुष्टि करने के लिए [बनाएं] पर क्लिक करें।

  1. जब आप वर्तमान में चयनित संकेत चिह्न पर ग्रिड ट्रेडिंग चला रहे/रही हों।
  2. जब आपके पास चयनित संकेत चिह्न पर ओपन ऑर्डर या पोजीशन हों।
  3. जब आप हेज पोजीशन मोड में हों, तो कृपया वन-वे मोड में समायोजित करें।
  4. जब ट्रेडिंग क्या होती है आप काम करने की कुल मात्रा और ट्रिगर ग्रिड ट्रेडिंग की सीमा 10 से अधिक हो जाते/जाती हैं।

ग्रिड ट्रेडिंग युक्ति

उपयोगकर्ता तुरंत ग्रिड लिमिट ऑर्डर शुरू करना चुन सकते हैं या जब बाजार मूल्य एक निश्चित मूल्य पर पहुंच जाए तो ट्रिगर करना चुन सकते हैं। जब चयनित ट्रिगर मूल्य (अंतिम मूल्य या अंकित मूल्य) आपके द्वारा दर्ज किए गए ट्रिगर मूल्य से ऊपर या नीचे गिर जाते हैं, तो ग्रिड ऑर्डर ट्रिगर हो जाएंगे।

प्रारंभिक संरचना नवीनतम बाजार मूल्य (खरीद, बिक्री, मध्य-मूल्य) के अनुसार मूल्य स्तरों की एक श्रृंखला निर्धारित करने के लिए है, बाजार मूल्य से अधिक मूल्य पर बिक्री सीमित ऑर्डर दें, और बाजार मूल्य से कम मूल्य पर एक खरीद सीमित ऑर्डर दें, और मूल्य के ट्रिगर होने की प्रतीक्षा करें।

ध्यान दें कि प्रारंभिक निर्माण के समय सीमित ऑर्डर की संख्या ग्रिड +1 की संख्या है क्योंकि कोई पोजीशन नहीं है। उनमें से एक (नवीनतम बाजार मूल्य के पास वाला) आरंभिक ओपनिंग ऑर्डर है जो निष्पादित होने की प्रतीक्षा कर रहा है;

क्या होता है 'हॉर्स ट्रेडिंग' का मतलब, क्यों राजनीति में इसके हैं बहुत खास मायने

न्यूज डेस्क। कर्नाटक में भाजपा को कल बहुमत साबित करना है। भाजपा ने दावा किया है कि, वे बहुमत साबित करेंगे। अभी भाजपा के पास कुल 104 विधायक हैं। बहुमत के लिए 112 विधायकों का समर्थन चाहिए। कांग्रेस ने अपने विधायको को भाजपा से बचाने के लिए हैदराबाद के एक रिसॉर्ट में छुपाकर रखा है। वहीं भाजपा नेता विधायकों का समर्थन जुटाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। इसी बीच एक बार फिर 'हॉर्स ट्रेडिंग' शब्द चर्चा में आ गया है। हम बता रहे हैं ये शब्द आया कहां से और क्या होते हैं इसके मायने?

# सौदेबाजी के सेंस में होता है यूज.

- इंडिया में 'हॉर्स ट्रेडिंग' वर्ड का नॉर्मल यूज पॉलिटिक्स में किया जाता है। जब कोई सरकार फेल हो जाती है तो हॉर्स ट्रेडिंग शुरू हो जाती है। यह तब तक चलती है जब तक नई सरकार का गठन न हो जाए।

कैसे होती है सिक्योरिटी की खरीद और बिक्री

ब्रोकिंग फर्म ट्रेडिंग की सुविधा के लिए तीन अकाउंट को लिंक करता है। पहला Demat Account, दूसरा Trading Account और तीसरा Bank Account। ट्रेडिंग अकाउंट से ऑर्डर दिए जाते हैं। Demat Account सिक्योरिटी और बैंक अकाउंट कैश की जिम्मेदारी रखता है। निवेश काफी अहम प्रक्रिया होती है और उसमें बड़े पैमाने पर कैश का इस्तेमाल होता है इसलिए तीनों चरणों को अलग अलग रखा गया है। जब कोई निवेशक कारोबार करना चाहता है तो पहले वो कैश को बैंक खाते ट्रेडिंग क्या होती है से रिलीज करता है, जिसके बाद इस रिलीज की गई रकम के आधार पर ट्रेडिंग अकाउंट से ऑर्डर दिए जाते हैं। ऑर्डर पूरा होने पर खरीदी गई सिक्योरिटी को Demat Account में सुरक्षित कर लिया जाता है। वहीं बिक्री की स्थिति में पहले निवेशक डीमैट अकाउंट में उन सिक्योरिटी को चुनता है जिसे उसे बेचना हो, इसका बाद Trading Account में ऑर्डर का विकल्प दिखता है। शेयर की बिक्री का ऑर्डर ट्रेडिंग अकाउंट से दिया जाता है। डील पूरी होने पर डीमैट अकाउंट से सिक्योरिटी रिलीज कर उस अकाउंट में ट्रांसफर हो जाती है जिसने इन सिक्योरिटी को खरीदा है और वहां से मिला पैसा सिक्योरिटी बेचने वाले निवेशक के बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाता है। देखने में ये काम काफी पेचीदा लगता है, लेकिन इसकी जिम्मेदारी ब्रोकर्स और डिपॉजिटरी के हाथ में होती है। निवेशक सिर्फ कुछ जानकारी भर कर और कुछ विकल्पों का चुनाव कर ये प्रक्रिया मिनटों में पूरी कर सकता है।

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