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वायदा कारोबार

वायदा कारोबार

वहीं कममजोर हाजिर मांग से प्रतिभागियों के सौदे घटाने से वायदा कारोबार में चांदी भी 618 रुपये वायदा कारोबार टूट कर 46,773 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गयी। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में, मार्च महीने में डिलीवरी वाली चांदी 618 रुपये यानी 1.3 प्रतिशत गिरकर 46,773 रुपये प्रति किलोग्राम पर रही। इसमें 10,366 लॉट का कारोबार हुआ। इसी प्रकार, मई डिलीवरी वाली चांदी 696 रुपये घटकर 47,234 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। इसमें 131 लॉट का कारोबार हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजार में, न्यूयॉर्क में चांदी 1.44 प्रतिशत गिर कर 17.91 डॉलर प्रति औंस पर रही।

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सोना वायदा(गोल्ड फ्यूचर्स) में निवेश करने से पहले जानने योग्य बातें

वायदा अनुबंध भविष्य वायदा कारोबार की तारीख पर एक सहमत मूल्य पर किसी वस्तु को खरीदने या बेचने के लिए एक कानूनी समझौता होता है। मान्यता प्राप्त वायदा अनुबंध मानकीकृत होते हैं और वस्तुओं या वित्तीय साधनों के लिए हो सकते हैं। सोना उन वस्तुओं में से है, जिनका एक्सचेंज-ट्रेडेड, औपचारिक समझौतों के रूप में वायदा अनुबंधों के माध्यम से कारोबार किया जाता है।

सदियों से सोना सिक्कों, बार और आभूषणों के रूप में खरीदा और बेचा जाता रहा है। पिछले कुछ वर्षों में, सोने का कारोबार गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड, गोल्ड बॉन्ड, डिजिटल गोल्ड जैसे रूपों में होने लगा है। वायदा बाजार में काम करने वाले निवेशक मोटे तौर पर सट्टेबाज या हेजर्स होते हैं। सट्टेबाज बाजार का जोखिम लाभ कमाने की उम्मीद से लेते हैं, जबकि हेजर्स मूल्य गिरने के जोखिम का प्रबंधन करने के लिए वायदा अनुबंधों में निवेश करते हैं। उद्देश्य चाहे जो हो, वायदा कारोबार केवल वित्तीय और कमोडिटी बाजार के अच्छे ज्ञान वाले निवेशकों द्वारा ही कुशलतापूर्वक किया जा सकता है। यह ज्ञान न केवल उन्हें बाजार जोखिम का प्रबंधन करने में मदद करता है बल्कि वायदा अनुबंध की लागत और विशेषताओं को भी समझने में सहायक होता है।

भारत में सोने के वायदा कारोबार के विभिन्न पहलू

भारत में मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) के माध्यम से सोने का वायदा कारोबार किया जा सकता है। सोने का वायदा कारोबार सोने को भौतिक रूप से लिए बिना सोने में निवेश करना है। सोने के वायदा वायदा कारोबार कारोबार के निवेशकों का उद्देश्य सोना लेना या उसमें निवेश करना नहीं होता। वे अपने जोखिमों को हेज करने के लिए सोने की कीमत में उतार-चढ़ाव को एक माध्यम के रूप में इस्तेमाल करते हैं।

सोने के वायदा कारोबार के प्रकार: MCX में सोने का वायदा कारोबार कई आकार के लॉट में होता है। लॉट का आकार आपके लेन-देन की कीमत तय करता है। 1 किलो लॉट आकार के सोने के अलावा, गोल्ड मिनी, गोल्ड पेटल और गोल्ड ग़िनीया अनुबंध हैं जो भारत में वायदा कारोबार में आ सकते हैं। मिनी अनुबंध 100 ग्राम का, गिनीया अनुबंध 8 ग्राम का और पेटल अनुबंध 1 ग्राम सोने का होता है। हालांकि, 1 किलो सोने का ट्रेड लोकप्रिय है, इसलिए यह सबसे ज्यादा लिक्विड है।

एक उदाहरण के माध्यम से वायदा अनुबंधों को समझना:

  • मान लीजिए कि आप अभी सोने के वायदा अनुबंध में प्रवेश करते हैं। यदि सोने का आखिरी कारोबार मूल्य रु. 50,000 प्रति 10 ग्राम था तो 1 मिनी लॉट के लिए आपके अनुबंध की कीमत रु 50 लाख होगी।
  • MCX टिक आकार या न्यूनतम मूल्य 1 रुपए/ प्रति ग्राम है। तो, इस अनुबंध में, आपको प्रत्येक रुपए में वृद्धि या कमी के साथ 100 रुपये का लाभ या हानि होगी। इस अनुबंध से आपको यही लाभ या हानि होगी।
  1. सबसे पहले, आपको MCX में पंजीकृत ब्रोकर के साथ कमोडिटी ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होगा। अकाउंट खोलने के लिए एक फॉर्म भरने और बुनियादी KYC दस्तावेज जैसे पहचान और निवास का प्रमाण, पासपोर्ट साइज फोटो, बैंक विवरण आदि प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है।
  2. आपका अकाउंट खुल जाने के बाद, आपको मार्जिन मनी को ब्रोकर के पास एक मार्जिन अकाउंट में जमा करना होगा। सोने के वायदा कारोबार के अनुबंध दस्तावेज में आपको मार्जिन दर मिल जाएगी। यदि ट्रेडिंग में घाटे के कारण आपकी प्रारंभिक मार्जिन राशि कम हो जाती है, तो आपको एक रखरखाव मार्जिन राशि जमा करना होगा। यह वह राशि है जिसका भुगतान करना प्रारंभिक मार्जिन को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

वायदा कारोबार पर लगाई गई रोक, तिलहन और कच्चे तेल के बढ़ते दामों पर काबू पाने के लिए सरकार ने उठाया कदम

वायदा कारोबार पर लगाई गई रोक, तिलहन और कच्चे तेल के बढ़ते दामों पर काबू पाने के लिए सरकार ने उठाया कदम

देश में पिछले दो वर्षों से तेल और तिलहन के दाम लगातार बढ़ रहे थे. तिलहन और कच्चे तेलों के वायदे खेलने की कमोडिटी एक्सचेंज पर कारोबार करने की मंजूरी भी इसके दामों के बढ़ने के पीछे का एक कारण बताया जा रहा था. अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के महानगर अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने कहा कि, इस विषय पर अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी वायदा कारोबार महासंघ ने लगातार सरकार से मांग की थी, की तेलों और तिलहन संबंधी चीजों के वायदे पर रोक लगाई जाए जिससे हो रहे “खेले” को रोका जा सके और बड़े सटोरिए एवं पूंजीपतियों द्वारा किसी भी चीज पर वायदे के माध्यम से काबू में न कर सके.

वायदा कारोबार पर रोक लगाने की दी गयी थी सलाह

गौरतलब कि आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ने के कारण सरकार चिंतित थी. सरकार द्वारा उपभोक्ता मंत्रालय , वाणिज्य मंत्रालय एवं कृषि मंत्रालय द्वारा संयुक्त तौर पर आयोजित वेबीनार में शंकर ठक्कर ने यह सुझाव दिया था की दामों को काबू में लाना है तो वायदा कारोबार पर रोक लगानी चाहिए और इस बारे में संबंधित मंत्रालयों को बार-बार चिट्ठी लिख कर भी अवगत कराया था.

सरकार के लिए आगामी दिनों में पांच राज्यों के चुनाव सर पर है और नवंबर के लिए उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति बढ़कर तीन महीने के उच्चतम स्तर 4.91 फीसदी हो गई है इसके साथ ही खाद्य कीमतों में भी वृद्धि हुई. यह सरकार और राज्यों द्वारा पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क में कटौती के बावजूद था, जिसने मुद्रास्फीति को कम करने में ज्यादा राहत नहीं दी. नवंबर में थोक महंगाई दर एक महीने पहले के 12.54 फीसदी से बढ़कर 14.23 फीसदी हो गई. यह लगातार आठवां महीना था जिसमें यह दोहरे अंक के स्तर पर रहा जिससे सरकार को यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा. संगठन के महामंत्री तरुण जैन ने कहा हमारी मांग पर सरकार द्वारा वायदा कारोबार पर देर से ही सही रोक लगाने के लिए सरकार के आभारी है.

वायदा कारोबार में 450 रुपये फिसला सोना, चांदी में भी आई गिरावट

बिजनेस डेस्क: कमजोर वैश्विक रुख के बीच प्रतिभागियों के सौदे घटाने से वीरवार को वायदा कारोबार में सोना 450 रुपये फिसलकर 39,660 रुपये प्रति दस ग्राम पर आ गया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में फरवरी महीने में डिलीवरी वाला सोना 450 रुपये यानी 1.12 प्रतिशत गिरकर 39,660 रुपये प्रति दस ग्राम पर आ गया। इसमें 5,093 लॉट का कारोबार हुआ।

इसी प्रकार अप्रैल डिलीवरी वाला सोना 472 रुपये यानी 1.17 प्रतिशत लुढ़क कर 39,840 रुपये प्रति दस ग्राम पर रहा। इसमें 603 लॉट का कारोबार हुआ। विश्लेषकों ने कहा कि वैश्विक बाजार में कमजोर रुख के साथ निवेशकों के सौदे घटाने से वायदा कारोबार में कीमती धातु के दाम में गिरावट रही। वैश्विक स्तर पर न्यूयॉर्क में सोना 0.49 प्रतिशत गिरकर 1,552.50 डॉलर प्रति औंस रहा।

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जानिए क्या होता है वायदा कारोबार.

करेंसी फ्यूचर्स के तहत करेंसी का भविष्य की किसी तारीख के लिए वायदा कारोबार किया जाता है। इसके तहत यह तय होता है कि भविष्य में किसी तारीख को करेंसी की बिक्री किस कीमत पर होगी।

  • News18India.com
  • Last Updated : October 19, 2015, 08:19 IST

नई दिल्ली। करेंसी फ्यूचर्स के तहत करेंसी का भविष्य की किसी तारीख के लिए वायदा कारोबार किया जाता है। इसके तहत यह तय होता है कि भविष्य में किसी तारीख को करेंसी की बिक्री किस कीमत पर होगी। करेंसी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट के अंतर्गत निवेशकों को विदेशी मुद्रा विनिमय के जोखिम से बचने के लिए हेजिंग करने की अनुमति दी जाती है। निवेशक को अगर लगता है कि आगे उसे नुकसान उठाना पड़ेगा, तो उस स्थिति में वह अनुबंध की डिलीवरी की तारीख से पहले भी मुद्रा को बेच या खरीद सकता है। अगर कोई निवेशक डिलीवरी की तारीख से पहले अनुबंध से पहले बाहर निकलना चाहता है तो उस तारीख में बाजार में मुद्रा की जो कीमत होती है, उसके आधार पर कॉन्ट्रैक्ट का निपटान किया जाता है, न कि कॉन्ट्रैक्ट की डिलीवरी वाली तारीख के हिसाब से।

2.ऑप्शन (Option) क्या है

ऑप्शन में ट्रेडर्स के पास ट्रेडिंग के कुछ विकल्प होते हैं । ऑप्शन ट्रेडिंग की एक सीरीज एक माह की होती वायदा कारोबार है। ऑप्शन में शेयर,उनकी संख्या, प्राइस पहले से निर्धारित हो जाती है, परन्तु ट्रेडिंग का समय निर्धारित नहीं होता है । ऑप्शन में ट्रेडिंग एक माह में कभी भी हो सकती है । ऑप्शन 2 तरह के होते हैं – बायर ऑप्शन और सेलर ऑप्शन । ऑप्शन बायर के पास कई राइट्स होते हैं, जबकि इन राइट्स के बदले प्रीमियम मिलता है । ऑप्शन बायर को इन राइट्स के लिए धन देना पड़ता है । साल में ऑप्शन ट्रेडिंग की 12 सीरीज होती हैं, अधिकांशतः 9-10 सीरीज में फायदा ऑप्शन सेलर को ही होता है ।

ऑप्शन में ट्रेडिंग कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन दो प्रकार से होता है । ऑप्शन में बायर अर्थात क्रेता और विक्रेता होते हैं । बायर राइट्स खरीदता है, सेलर राइट्स बेचता है, बदले में सेलर को प्रीमियम दिया जाता है । ऑप्शन में ट्रेडिंग प्रीमियम की होती है । खरीदने का राइट को कॉल ऑप्शन कहते हैं। विक्रय के राइट मांगने को पुट ऑप्शन कहा जाता है। ऑप्शन में सौदे प्रीमियम के लिए होते हैं । ऑप्शन में अलग-अलग स्ट्राइक प्राइस होती है ।

कारोबार क्या है

वायदा कारोबार में व्यापारी अपनी भविष्य की अवश्यकताओ को ध्यान में रखकर सौदे करता है, इसमें पूरा पैसा भी एक साथ नहीं दिया जाता है, परन्तु निर्धारित तिथि आने तक आपको अपना सौदा क्लियर करना होता है । भारत में कई कमोडिटी एक्सचेंज हैं, जिनमें कमोडिटी का वायदा कारोबार होता है । इनमें एमसीएक्स, एनसीडीएक्स, एनएमसीई और आरसीएक्स प्रमुख हैं ।

कमोडिटी एक्सचेंज, कमोडिटी कारोबार के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराते हैं । वर्तमान समय में भारत में पांच राष्ट्रीय स्तर के कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स, एनसीडीईएक्स, एसीई, आईसीईएक्स और एनएमसीई हैं । यह सभी एक्सचेंज भारत सरकार द्वारा वायदा बाजार के नियमन के लिए स्थापित वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) के नियंत्रण में कार्य करते हैं । इसके अतिरिक्त देश में 20 और कमोडिटी एक्सचेंज हैं | देश में कमोडिटी कारोबार के काफी बड़े भाग पर एमसीएक्स और एनसीडीईएक्स का आधिपत्य है ।

वायदा बाजार में खतरा (Risk)

वायदा बाजार में ट्रेडिंग करनें से पहले रिसर्च करना चाहिए, क्योंकि वायदा बाजार में रिस्क अधिक होता है । ट्रेडिंग से पहले आरडी डॉक्यूमेंट पर हस्ताक्षर करने होते हैं । शॉर्ट सेलिंग में रिस्क अधिक होता है । शॉर्ट सेलिंग ज्यादा अनुभवी लोगों का कार्य करता है । कैश मार्केट के मुकाबले वायदा कारोबार में रिस्क अधिक होता है । वायदा बाजार में रिस्क अधिक होनें से लाभ भी अधिक होता है । निवेशक ट्रेडिंग की शुरुआत वायदा कारोबार से ना करें, बल्कि कैश मार्केट से करें, क्योंकि हानि होने पर एक्सट्रा मार्जिन देना पड़ सकता है । वायदा कारोबार में ट्रेडर्स के पास लिक्विडिटी होना आवश्यक है, अधिक उतार-चढ़ाव होने पर एक्सचेंज मार्जिन बढ़ा देते हैं ।

शेयर मार्केट या कमोडिटी बाजार में निवेश के दौरान जोखिम से बचने के लिए निवेशक हेजिंग का उपयोग वायदा कारोबार करते हैं, शेयर बाजार में वायदा अनुबंधों के दौरान किसी कंपनी के शेयरों में निवेश किए गए भावों में अचानक गिरावट दर्ज की जाने लगे, तो ऐसी विपरीत परिस्थितियों से बचने के लिए हेजिंग का उपयोग किया जाता है । सामान्य तौर पर हेज का प्रयोग शेयर बाजार में विपरीत परिस्थितियों से बचने के लिए किया जाता है ।

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