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ईजी मार्केट्स

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कोरोनावायरस के फैलने की वजह से इस वित्त वर्ष में कंपनियों की पूंजी जुटाने की गतिविधियां भी प्रभावित हो सकती हैं। मामले के जानकार तीन लोगों ने बताया कि भारतीय कंपनियां पूंजी जुटाने के लिए एशिया प्रशांत क्षेत्र, खास तौर पर सिंगापुर और हॉन्ग कॉन्ग में आयोजित होने वाले रोडशो को रद्द कर रही हैं या उसे टाल रही हैं। इस तरह के कार्यक्रमों के जरिये विदेशी निवेशकों को प्रवर्तकों से मिलने और कंपनी की संभावनाओं के बारे में सवाल-जवाब करने का मौका मिलता है। कोष जुटाने की गतिविधि से एक महीने पहले या कुछ हफ्ते पहले कंपनियों की ओर से इस तरह के कार्यक्रम किए जाते हैं।

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महंगाई रुलाए, दालों के रेट बढ़ते जाएं, जान लीजिए नई कीमतें

pulse rates going on top, housewifes in problem

सब्जियों के रेटों में उछाल से तो पहले ही लोग परेशान थे, मगर अब दालों ने लोगों का बजट बिगाड़ दिया है। अरहर में जहां 40 से 50 रुपये किलो की बढ़ोतरी हुई है, वहीं कई दालों के रेट में उछाल आया है। सरसों के तेल ने भी जनता का तेल निकाल दिया है। महंगाई डायन पूरी तरह से हावी है और रसोई में खाने का स्वाद बिगड़ रहा है।

सेक्टर-23 के बत्तरा करियाना स्टोर के संचालक दीपक बत्तरा का कहना है कि उन्हें भी यह समझ नहीं आ रहा है कि क्यों दालों के रेट इतने बढ़ रहे हैं। उनका कहना है कि डेढ़ माह पहले जो सरसों का तेल 80 रुपये लीटर था अब उसका रेट 130 रुपये पहुंच गया है।

फॉसवेक के मुख्य प्रवक्ता हितेश पुरी का कहना है कि सरकार एक और कह रही है कि महंगाई कम हो रही है, लेकिन यहां पर लोगों की रसोई का बजट हिल गया है। उनका कहना है कि कोई भी दाल ऐसी नहीं है जिसका दाम 100 रुपये किलो से कम हो।

पंचकूला में रेट्स
अरहर दाल 160 रुपये
मूंग दाल 120 रुपये
चना दाल 80 रुपये
मसूर दाल 110 रुपये
उड़द 130 रुपये

विशाल मार्ट में रेट्स
अरहर दाल 197 रुपये
मूंग दाल 120 रुपये
चना दाल 80 रुपये
मसूर दाल 110 रुपये
उड़द 125 रुपये

ईजी डे में रेट्स
अरहर दाल 158 रुपये
मूंग दाल 109 रुपये
चना दाल 99 रुपये
मसूर दाल 115 रुपये
उड़द 155 रुपये

लाइफ स्टोर में रेट्स
अरहर दाल 195 रुपये
मूंग दाल 139 रुपये
चना दाल 89 रुपये
मसूर दाल 129 रुपये
उड़द दाल 169 रुपये

सब्जियों के रेटों में उछाल से तो पहले ही लोग परेशान थे, मगर अब दालों ने लोगों का बजट बिगाड़ दिया है। अरहर में जहां 40 से 50 रुपये किलो की बढ़ोतरी हुई है, वहीं कई दालों के रेट में ईजी मार्केट्स उछाल आया है। सरसों के तेल ने भी जनता का तेल निकाल दिया है। महंगाई डायन पूरी तरह से हावी है और रसोई में खाने का स्वाद बिगड़ रहा है।

सेक्टर-23 के बत्तरा करियाना स्टोर के संचालक दीपक बत्तरा का कहना है कि उन्हें भी यह समझ नहीं आ रहा है कि क्यों दालों के रेट इतने बढ़ रहे हैं। उनका कहना है कि डेढ़ माह पहले जो सरसों का तेल 80 रुपये लीटर था अब उसका रेट 130 रुपये पहुंच गया है।

फॉसवेक के मुख्य प्रवक्ता हितेश पुरी का कहना है कि सरकार एक और कह रही ईजी मार्केट्स है कि महंगाई कम हो रही है, लेकिन यहां पर लोगों की रसोई का बजट हिल गया है। उनका कहना है कि कोई भी दाल ऐसी नहीं है जिसका दाम 100 रुपये किलो से कम हो।

आसान हुई CA की पढ़ाई, हटे कई चैप्टर, ये टॉपिक भी जोड़े जाएंगे

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CA Course: चार्टेर्ड अकाउंटेंट का कोर्स कर रहे स्टूडेंट्स के लिए आइसीएआइ की ओर से एक बड़ी राहत की खबर आई है। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टेर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने सीए फाइनल के कोर्स में बदलाव करते हुए कई चैप्टर हटा दिए हैं। वहीं फाइनल एग्जाम पैटर्न में चेंज कर इसे आसान बनाया जाएगा। सीए इंस्टीट्यूट ने हाल ही में इस संबंध में सर्कुलर जारी किया है। आइसीएआइ के जयपुर चैप्टर के चेयरमैन सीए लोकेश कासट का कहना है कि इंस्टीट्यूट की इस पहल से रिजल्ट इम्प्रूव होगा और बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स सीए बन सकेंगे।

दरअसल अब तक सीए कोर्स में एंट्री तो ईजी है, लेकिन एग्जिट टफ है। स्टूडेंट्स बड़ी संख्या में सीए कोर्स में एनरोल तो हो जाते हैं और इंटरमीडिएट भी क्लीयर कर लेते हैं। लेकिन फाइनल फाइव परसेंट स्टूडेंट्स भी पास नहीं कर पाते। उन्होंने कहा कि कई साल मेहनत के बाद स्टूडेंट्स इंटर के बाद सीए कोर्स ड्रॉप कर देते हैं। स्टूडेंट्स की इसी परेशानी को देखते हुए इंस्टीट्यूट ने सीए कोर्स में इंटरमीडिएट का स्टैंडर्ड टफ और फाइनल आसान किया है।

इन पेपर्स में घटाए और बढ़ाए टॉपिक्स
आइसीएआइ ने सीए फाइनल के फाइनेंशियल रिपोर्टिंग, स्ट्रेटेजिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट, एडवांस्ड ऑडिटिंग एंड प्रोफेशनल एथिक्स, कॉरपोरेट एंड इकोनॉमिक लॉ, रिस्क मैनेजमेंट, फाइनेंशियल सर्विसेज एंड कैपिटल मार्केट्स, इकोनॉमिक लॉ और इनडायरेक्ट टैक्स लॉ पेपर्स में से कई टॉपिक्स हटा दिए हैं। वहीं कॉरपोरेट एंड इकोनॉमिक लॉ, रिस्क मैनेजमेंट और फाइनेंशियल सर्विसेज एंड कैपिटल मार्केट्स पेपर्स में कुछ नए टॉपिक एड ऑन किए हैं। ये सभी बदलाव अगले साल मई में होने वाले एग्जाम्स से लागू होंगे।

आइसीएआइ का यह कदम निश्चित रूप से स्टूडेंट्स के लिए राहत भरा है। इंटर क्लीयर करने वाले करीब-करीब सभी स्टूडेंट्स सीए फाइनल करके ही निकलेंगे। इररेलेवेंट टॉपिक्स को हटा देने से स्टूडेंट्स स्टडी मैटेरियल को लेकर ज्यादा कन्फ्यूज नहीं होंगे।
- सीए लोकेश कासट, चेयरमैन, आइसीएआइ जयपुर चैप्टर

कोरोना से आईपीओ योजना पर असर

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कोरोनावायरस के फैलने की वजह से इस वित्त वर्ष में कंपनियों की पूंजी जुटाने की गतिविधियां भी प्रभावित हो सकती हैं। मामले के जानकार तीन लोगों ने बताया कि भारतीय कंपनियां पूंजी जुटाने के लिए एशिया प्रशांत क्षेत्र, खास तौर पर सिंगापुर और हॉन्ग कॉन्ग में आयोजित होने वाले रोडशो को रद्द कर रही हैं या उसे टाल रही हैं। इस तरह के कार्यक्रमों के जरिये विदेशी निवेशकों को प्रवर्तकों से मिलने और कंपनी की संभावनाओं के बारे में सवाल-जवाब करने का मौका मिलता है। कोष जुटाने की गतिविधि से एक महीने पहले या कुछ हफ्ते पहले कंपनियों की ओर से इस तरह के कार्यक्रम किए जाते हैं।

अमेरिका और ब्रिटेन के अलावा हॉन्ग कॉन्ग भारतीय कंपनियों के लिए अहम क्षेत्रों में हैं क्योंकि कई बड़े संस्थागत निवेशक इन देशों से ही अपने कारोबार का परिचालन करते हैं। एक वरिष्ठ निवेश बैंकर ने कहा, 'कंपनी के अधिकारी स्वास्थ्य जोखिमों के चलते फिलहाल इन इलाकों की यात्रा नहीं करना चाह रहे हैं। इसकी वजह से वैश्विक स्तर पर रोडशो रद्द किए जा सकते हैं, वहीं कोष जुटाने की योजना ईजी मार्केट्स में भी कुछ देरी हो सकती है।'

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड से विभिन्न कंपनियों के करीब 17,300 करोड़ रुपये के आईपीओ को मंजूरी मिल चुकी है और करीब 24,000 करोड़ रुपये के आईपीओ की मंजूरी लंबित है। सरकार भी 2019-20 के विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिए शेयरों की बिक्री करने की योजना बना रही है। आईपीओ लाने की कतार में शामिल कंपनियों में एसबीआई काड्र्स ऐंड पेमेंट सर्विसेस, होम फर्स्‍ट फाइनैंस, बजाज एनर्जी, ईजी ट्रिप प्लानर्स, इक्विटास स्मॉल फाइनैंस बैंक, श्रीराम प्रॉपर्टीज, मझगांव शिपबिल्डर्स, ईएसएएफ स्मॉल फाइनैंस बैंक और आईआरएफसी प्रमुख हैं। एवेन्यु सुपरमाट्र्स भी प्रवर्तक हिस्सेदारी कम करने के लिए इस महीने 7,000 करोड़ रुपये का क्यूआईपी ला सकती है। लेकिन कोरोनावायरस की वजह से कुछ कंपनियों करी पूंजी जुटाने की समयसीमा प्रभावित हो सकती है।

येस सिक्योरिटीज में मर्चेंट बैंकिंग की ग्लोबल हेड और समूह अध्यक्ष अमिशी कपाड़‍िया ने कहा कि पहले हॉन्ग कॉन्ग में विरोध-प्रदर्शन की वजह से पहले ही इस इलाके में रोडशो प्रभावित हुआ था और अब कोरोनावायरस के कारण कार्यक्रम रद्द करने पड़ सकते हैं। कपाड़‍िया ने कहा कि सिंगापुर में हमने अभी तक रोडशो रद्द नहीं किए हैं लेकिन स्थिति पर करीबी नजर है और अगले कुछ दिनों में इस बारे में निर्णय लिया जाएगा।' उन्होंने कहा, 'हम अपने निवेशकों के लिए कॉन्फ्रेंस कॉल करने का विकल्प भी तलाश रहे हैं।'

इडलवाइस इन्वेस्टमेंट बैंकिंग में इक्विटी कैपिटल मार्केट्स के प्रमुख जिबी जैकब ने कहा, 'हम हॉन्गकॉन्ग में रोडशो से परहेज कर रहे हैं पर सिंगापुर, अमेरिका और ब्रिटेन में निवेशकों से मिलना जारी रखेंगे। कुछ बैठकों को वीडियो कॉन्फ्रेंस में बदला गया है। ईजी मार्केट्स इसलिए समयसीमा पर असर नहीं पड़ेगा।' विशेषज्ञों ने कहा, '1,000 करोड़ रुपये या उससे अधिक पूंजी जुटाने वाली कंपनियों के लिए वीडियो कॉल का विकल्प व्यवहार्य नहीं है।'

एक वरिष्ठ निवेश बैंकर ने कहा, 'निवेशक प्रवर्तक का समर्थन कर रहे हैं और कंपनी के आंकड़ों से ज्यादा प्रवर्तकों से आमने-सामने मुलाकात करने को इच्छुक हैं। वे देखना चाहते हैं कि प्रवर्तक किस तरह से खुद को प्रस्तुत करते हैं और अपने दृष्टिकोण को कैसे समझाते हैं। ये सब चीजें आप वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये नहीं कर सकते हैं।' इससे केवल कोष जुटाने की गतिविधि ही नहीं, बल्कि वैश्विक निवेशकों की बैठकें भी प्रभावित हो रही हैं। उदाहरण के तौर पर आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने अपनी वार्षिक वैश्विक निवेशक बैठक को रद्द कर दिया है जिसका आयोजन इसी महीने सिंगापुर और हॉन्ग कॉन्ग में होना था। इस तरह की बैठक वैश्विक निवेशकों से भारतीय कंपनियों को मिलने का मौका मिलता है।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने ईमेल से भेजे जवाब में कहा, 'हमने कोरोनावायरस की वजह से अपनी वैश्विक निवेशक बैठक टाल दी और नई तिथि को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा।' चीन में कोरोनावायरस का संक्रमण शुरू हुआ था जिसका असर दुनिया भर के बाजारों पर पड़ा है। मध्य जनवरी 2020 से एशियाई शेयर बाजार में 4 से 6 फीसदी की गिरावट आई है।

शांघाई स्टॉक एक्सचेंज सोमवार को लगभग आठ फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ। यह पिछले पांच साल की अवधि में सबसे बड़ी गिरावट है। इसकी प्रमुख वजह कोरोना वायरस को लेकर बढ़ती चिंता है। इस वायरस से अब तक 300 से अधिक मौत हो चुकी हैं। शांघाई कंपोजिट इंडेक्स 229.92 गिरकर 2,746.61 पर और शेनझेन कंपोजिट इंडेक्स 8.41 फीसदी गिरकर 1,609 पर बंद हुआ। चीन में कोरोना वायरस फैलने की वजह से दुनिया भर के बाजारों में गिरावट का रुख बना हुआ है। छुट्टियों के बाद चीन का बाजार खुलने पर इसमें भी तेज गिरावट आई। हालांकि घरेलू बाजार में गिरावट पर लगाम लगी। उतार-चढ़ाव वाले कारोबार में 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 136.78 अंक मजबूत होकर 39,872.31 ईजी मार्केट्स पर बंद हुआ। निफ्टी भी 46.05 अंक चढ़कर 11,707.90 पर बंद हुआ।

महंगाई रुलाए, दालों के रेट बढ़ते जाएं, जान लीजिए नई कीमतें

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सब्जियों के रेटों में उछाल से तो पहले ही लोग परेशान थे, मगर अब दालों ने लोगों का बजट बिगाड़ दिया है। अरहर में जहां 40 से 50 रुपये किलो की बढ़ोतरी हुई है, वहीं कई दालों के रेट में उछाल आया है। सरसों के तेल ने भी जनता का तेल निकाल दिया है। महंगाई डायन पूरी तरह से हावी है और रसोई में खाने का स्वाद बिगड़ रहा है।

सेक्टर-23 के बत्तरा करियाना स्टोर के संचालक दीपक बत्तरा का कहना है कि उन्हें भी यह समझ नहीं आ रहा है कि क्यों दालों के रेट इतने बढ़ रहे हैं। उनका कहना है कि डेढ़ माह पहले जो सरसों का तेल 80 रुपये लीटर था अब उसका रेट 130 रुपये पहुंच गया है।

फॉसवेक के मुख्य प्रवक्ता हितेश पुरी का कहना है कि सरकार एक और कह रही है कि महंगाई कम हो रही है, लेकिन यहां पर लोगों की रसोई का बजट हिल गया है। उनका कहना है कि कोई भी दाल ऐसी नहीं है जिसका दाम 100 रुपये किलो से कम हो।

पंचकूला में रेट्स
अरहर दाल 160 रुपये
मूंग दाल 120 रुपये
चना दाल 80 रुपये
मसूर दाल 110 रुपये
उड़द 130 रुपये

विशाल मार्ट में रेट्स
अरहर दाल 197 रुपये
मूंग दाल 120 रुपये
चना दाल 80 रुपये
मसूर दाल 110 रुपये
उड़द 125 रुपये

ईजी डे में रेट्स
अरहर दाल 158 रुपये
मूंग दाल 109 रुपये
चना दाल 99 रुपये
मसूर दाल 115 रुपये
उड़द 155 रुपये

लाइफ स्टोर में रेट्स
अरहर दाल 195 रुपये
मूंग दाल 139 रुपये
चना दाल 89 रुपये
मसूर दाल 129 रुपये
उड़द दाल 169 रुपये

सब्जियों के रेटों में उछाल से तो पहले ही लोग परेशान थे, मगर अब दालों ने लोगों का बजट बिगाड़ दिया है। अरहर में जहां 40 से 50 रुपये किलो की बढ़ोतरी हुई है, वहीं कई दालों के रेट में उछाल आया है। सरसों के तेल ने भी जनता का तेल निकाल दिया है। महंगाई डायन पूरी तरह से हावी है और रसोई में खाने का स्वाद बिगड़ रहा है।

सेक्टर-23 के बत्तरा करियाना स्टोर के संचालक दीपक बत्तरा का कहना है कि उन्हें भी यह समझ नहीं आ रहा है कि क्यों दालों के रेट इतने बढ़ रहे ईजी मार्केट्स हैं। उनका कहना है कि डेढ़ माह पहले जो सरसों का तेल 80 रुपये लीटर था अब उसका रेट 130 रुपये पहुंच गया है।

फॉसवेक के मुख्य प्रवक्ता हितेश पुरी का कहना है कि सरकार एक और कह रही है कि महंगाई कम हो रही है, लेकिन यहां पर लोगों की रसोई का बजट हिल गया है। उनका कहना है कि कोई भी दाल ऐसी नहीं है जिसका दाम 100 रुपये किलो से कम हो।

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