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धारा 144 लागू : 17 दिसंबर तक मुंबई में लागू हुई धारा 144, जानें क्या-क्या रहेगा बंद

महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में 17 दिसंबर तक धारा 144 लागू (Section 144 in force till December 17) कर दिया गया है। अब आप सोच रहे होंगे आखिर ऐसा क्यों? तो हम आपको बता दें, मुंबई में शांति सुनिश्चित (ensure peace in mumbai) करने और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी गड़बड़ी से बचने के लिए ये फैसला लिया गया है। मुंबई पुलिस ने घोषणा के साथ-साथ गाइडलाइंस भी जारी किए हैं.

Mumbai Section 144 imposed: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में 17 दिसंबर तक धारा 144 लागू (Section 144 in force till December 17) कर दिया गया है। अब आप सोच रहे होंगे आखिर ऐसा क्यों? तो हम आपको बता जगह रोक आदेश दें, मुंबई में शांति सुनिश्चित (ensure peace in mumbai) करने और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी गड़बड़ी से बचने के लिए ये फैसला लिया गया है। मुंबई पुलिस ने घोषणा के साथ-साथ गाइडलाइंस भी जारी किए हैं.

Haryana News : हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी की नई लिस्ट जारी, 38 की सूची में इन पुराने सदस्यों को मिली जगह

हरियाणा सरकार ने हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी की प्रधानी को लेकर चल रही खींचतान पर सदस्यों की नई सूची जारी करके रोक लगा दी है। सरकार ने कमेटी के 41 में से 38 सदस्यों की नई सूची जारी की है। इन्हें चुनाव करवाने से लेकर गुरुद्वारों के अधीन परिसंपत्तियों की देखरेख व अन्य जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।

इस सूची में पुरानी कमेटी में से केवल आठ सदस्यों को लिया गया है। शेष 30 की छुट्टी कर दी गई है। पुरानी कमेटी कांग्रेस सरकार के समय में बनी थी। इसके बाद भाजपा सरकार के कार्यकाल में भी दस सदस्यों की नई सूची जारी की गई थी। उसमें से भी किसी को नई सूची में जगह नहीं मिली है। नई सूची में पूर्व प्रधान जगदीश सिंह झींडा, निवर्तमान प्रधान बलजीत सिंह दादूवाल व पूर्व वरिष्ठ उप-प्रधान दीदार सिंह नलवी को फिर से जगह मिली है।

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गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, हाईकोर्ट के स्थगनादेश से जगह रोक आदेश अवैध धर्मातरण के खिलाफ 2003 के कानून के प्रावधान विफल

नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसके 2003 के कानून, जिसे 2021 में मजबूत किया गया था, में यह सुनिश्चित करने के लिए सावधानियां शामिल हैं कि एक धर्म को छोड़ने जगह रोक आदेश और दूसरे को अपनाने की प्रक्रिया वास्तविक, स्वैच्छिक और प्रामाणिक है।

गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, हाईकोर्ट के स्थगनादेश से अवैध धर्मातरण के खिलाफ 2003 के कानून के प्रावधान विफल

नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसके 2003 के कानून, जिसे 2021 में मजबूत किया गया था, में यह सुनिश्चित करने के लिए सावधानियां शामिल हैं कि एक धर्म को छोड़ने और दूसरे को अपनाने की प्रक्रिया वास्तविक, स्वैच्छिक और प्रामाणिक है।

कोहरे ने ट्रेन के रफ्तार पर लगाई रोक, महीनों तक रद्द हुई दर्जनों ट्रेनें

कोहरे के कारण रेलवे जगह रोक आदेश ने एक दिसंबर से कई ट्रेनाें के परिचालन में फेरबदल किया है। दिसंबर से फरवरी तक घने कोहरे रहते हैं इसलिए यात्रियों के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जगह रोक आदेश रेलवे ने 1 दिसंबर से 28 फरवरी तक एक दर्जन से अधिक ट्रेनें पूर्णत: रद्द कर दी हैं।जबकि कुछ ट्रेनों के परिचालन के दिनों में कमी कर चलाने का निर्णय लिया गया है। वहीं दूसरी तरफ ट्रेनें रद्द होने से महीनो पहले रिजर्वेशन कराए लाेगाें को परेशानी हो गई हैं। बिहार में अभी शादी का सीजन हैं ऐसे में शादी-विवाह के लिए रिजर्वेशन कराए लोगों को अधिक कठिनाई उत्पन्न हो गई हैं।

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December 4, 2022

MUZAFFARPUR : होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर के प्रभारी डॉ रविकांत सिंह को “आजादी का 75 अमृत महोत्सव” के अवसर पर NDTV की और से “ट्रू लीजेंड” पुस्कार चिकित्सा के क्षेत्र में मिला। बीते रात NDTV ने दिल्ली में एक समारोह में 9 क्षेत्र में अवार्ड की घोषणा की जिसमें चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ रविकांत सिंह को अवार्ड मिला। इस मौके पर उन्होंने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में MBBS की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने लोगों के लिए काम करना शुरू कर दिया था।

2007 के जगह रोक आदेश जगह रोक आदेश कोसी बाढ़ के समय ही उन्होंने “डॉक्टर्स फॉर यू” नामक गैर सरकारी संस्था बनाई। जिसके तहत उन्होंने हमेशा लोगों को चिकित्सीय सेवा की। इस दौरान उन्होंने बांग्लादेश, नेपाल और भारत में जहां जहां आपदा आई वहां इनकी टीम पहुंच कर लोगों को चिकित्सीय मदद दी। हाल में ही कोरोना के समय इस संस्था ने करीब 44 से ऊपर अस्थाई अस्पताल के जरिए लोगों का इलाज किया वहीं 1.5 करोड़ से ऊपर लोगों को करोना की वैक्सीन उपलब्ध कराई। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारी शुरुआत में हमलोगो ने सबको प्लेटलेट्स दान करने के लिए उत्साहित किया।

पांचों आरोपियों की जमानत हुई जब्त

इसी मामले में देश के सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस और आईबी (IB) के पांच पूर्व अधिकारियों की जमानत खारिज कर दी है। केरल हाई कोर्ट ने इन पांचों आरोपियों को अग्रिम जमानत देने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के इसी आदेश को रद्द कर दिया। जस्टिस एमआर शाह की अगुवाई वाली पीठ ने जमानत याचिकाओं को केरल हाई कोर्ट वापस भेज दिया और यह आदेश भी दिया कि इसपर चार सप्ताह के भीतर फ़ैसला किया जाए।

अग्रिम ज़मानत देने से जांच पर पड़ सकता है प्रभाव

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में आगे कहा कि इस मामले को वापस हाई कोर्ट भेजा जाता है ताकि वह इस मामले के गुणदोष के आधार पर नए सिरे से फैसला कर सके। इस अदालत ने किसी भी पक्ष के लिए गुणदोष पर कोई टिप्पणी नहीं की है। यह फैसला गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP), आर बी श्रीकुमार, केरल के दो पूर्व पुलिस अधिकारियों एस विजयन और टी. एस. दुर्गा दत्त और एक सेवानिवृत्त खुफिया अधिकारी पी एस जयप्रकाश को जमानत देने के आदेश के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की अपील पर आया। सीबीआई का कहना था कि अग्रिम ज़मानत देने से जांच पर प्रभाव पड़ सकता है।

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