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नई क्रिप्टो मुद्रा

नई क्रिप्टो मुद्रा
Govt to introduce 'The Cryptocurrency & Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021' in winter session of Parliament

संसद टीवी संवाद

क्रिप्टोकरेंसी वर्तमान वित्तीय दुनिया में हो रहे बहुत सारे तकनीकी परिवर्तनों में से एक का उदाहरण है और अब नई चुनौतियों को स्वीकार करने के साथ-साथ प्रतिभूति बाज़ार सहित मुद्रा बाज़ारों के लिये एक नए एकीकृत विनियमन की अनुमति देने का मौका है।

यह डिजिटल तकनीक में एक नई क्रांति पैदा कर सकती है जिसे भारत खोना नहीं चाहेगा, लेकिन साथ ही वह आंतरिक सुरक्षा और अन्य संबंधित मुद्दों को लेकर भी जोखिम नहीं उठा सकता है।

विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)

“ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी” के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (वर्ष 2020)

Explainer: क्रिप्टोकरेंसी में निवेश क्या घाटे का सौदा है, जानें एक्सपर्ट की राय?

क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency in India) में ज्यादा रिस्क के बावजूद तेजी से मुनाफा और रिटर्न का मिलता है. इसकी वजह भारत में लोग ऐसी करेंसी में अपना पैसा लगा रहे नई क्रिप्टो मुद्रा हैं.

क्रिप्टोकरेंसी में होता है खूब उतार-चढ़ाव (फाइल फोटो: Getty Images)

सरबजीत कौर

  • नई दिल्ली ,
  • 07 अक्टूबर 2021,
  • (अपडेटेड 07 अक्टूबर 2021, 4:54 PM IST)
  • क्रिप्टोकरेंसी भारत में भी लोकप्रिय
  • निवेश के लिए कई प्लेटफॉर्म मौजूद

भारत में पिछले कुछ साल में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर निवेशकों में काफी ज्यादा उत्साह देखने को मिल रहा है. इसका मुख्य कारण यह है कि अन्य करेंसी के मुकाबले क्रिप्टोकरेंसी में रिस्क के बावजूद निवेश से तेजी से मुनाफा और रिटर्न मिलता है. Bitcoin, Ethereum, Tether, Cardano, Ripple, Polka Dot जैसी कई करेंसी हैं, जहां भारत के लोग अपना पैसा लगा रहे हैं.

आइए जानते हैं कि क्या है क्रिप्टो करेंसी और इसमें निवेश से पहले किन बातों का ध्यान देना जरूरी है? साथ ही यह भी कि एक निवेशक को कितना रिस्क और रिटर्न क्रिप्टों में निवेश से मिल सकता है?

क्या है क्रिप्टोकरेंसी?

पूरे दुनिया के लोगों या फिर यूं कहें की किसी संस्था को असल में अपनी बेसिक जरूरतों को सही तरीके से पूरा करने के लिए और किसी से भी आपसी लेनदेन करने के लिए करेंसी की जरूरत होती है, जिसे हम मुद्रा भी कहते हैं. हर देश की मुद्रा को हम अलग-अलग नाम से जानते हैं. जैसे कि भारत में रुपया, अमेरिका में डॉलर, सऊदी अरब में रियाल, यूरोपीय देशों में यूरो आदि.

लेकिन क्रिप्टोकरेंसी इन मुद्राओं से अलग होती है. क्रिप्टो वो मुद्रा है जिसे आप देख या छू नहीं सकते जो छुपा हुआ होता है. ये एक प्रकार का डिजिटल रुपया है जिसे आप छू नहीं सकते लेकिन रख सकते हैं, वो भी ऑनलाइन. भौतिक रूप से क्रिप्टोकरेंसी का मुद्रण नहीं किया जाता है. पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी लोगों के बीच काफी चर्चा में है. क्रिप्टोकरेंसी कंप्यूटर एल्गोरिद्म पर बनी हुई है. इसका कोई रेगुलेटर नहीं और कोई क्रिप्टोकरेंसी को कंट्रोल नहीं करता.

यानी बाकी किसी मुद्रा की तरह कोई सरकार इसे संचालित नहीं करती. इसके प्रयोग के लिए क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है. साल 2009 में शुरू होने के बाद क्रिप्टो की कीमत अब आसमान को पार कर रही है. यही कारण है कि निवेशकों को क्रिप्टो में काफी रुचि होने लगी है. अब 1000 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार हो रहा है.

क्रिप्टोकरेंसी को आप कैसे खरीद या बेच सकते हैं?

आज की तारीख में क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता को देखते हुए पूरी दुनिया में बहुत सारे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म हैं. क्रिप्टोकरेंसी की खास बात यह है कि इसमें चौबीसोंं घंटे कारोबार होता है. शेयर बाजार की तरह यह हर दिन एक तय समय पर बंद नहीं होता. इसमें निवेश से आप हफ्ते में या दिन में किसी भी समय रकम निकाल, डाल सकते हैं और खरीद-बिक्री कर सकते हैं. भारत में कॉइनस्विच कुबेर, कॉइन्डिसिएक्स, वज़ीरएक्स, ज़ेबपे जैसे प्लैटफॉर्म के नाम से शामिल है जिनके जरिए आप क्रिप्टो में खरीद-बिक्री कर सकते हैं.

इसकी खरीद-बिक्री के लिए प्रक्रिया काफी आसान है. आपको किसी भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की तरह साइन-अप करना होगा. उसके बाद केवाईसी अपडेट कर आपको अपने वॉलेट से उसमें मनी ट्रांसफर करना होगा. साथ ही, क्रिप्टो खरीदारी करने से पहले आप जैसे शेयर्स में स्टॉपलॉस या टार्गेट तय करते हैं उसी प्रकार क्रिप्टो में प्रि-डिसाइड लिमिट तय कर सकते हैं.

आप किसी भी छोटे अमाउंट से खरीद-बिक्री शुरू कर सकते हैं. लेकिन, दिक्कत यह है कि कई बैंक ऐसे एक्सचेंज के साथ काम करने के लिए तैयार नहींं हैं, यही कारण है कि, खरीद-बिक्री में दिक्कत होती है. क्रिप्टो में बैंकों द्वारा पी2पी यानी पर्सन टू पर्सन ट्रांजेक्शन और लेनदेन की प्रक्रिया होती है. क्रिप्टो ट्रांजेक्शन के लिए अभी यूपीआई सपोर्ट नहीं करता, इसलिए पी2पी के जरिए ही लेन-देन किया जा सकता है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से आप कुछ खरीद नहीं सकते है. ये सोने और चांदी की तरह आपको वैल्यू क्रिएट और बढ़ाने का एक माध्यम है.

क्रिप्टो में निवेश से पहले किन बातों का रखें ध्यान

क्रिप्टो में निवेश से पहले हमेशा यह ध्यान रहे कि किसी तरह के लालच में आकर ज्यादा पैसे एक साथ न लगाएं. क्रिप्टो एक वोलाटाइल यानी उतार-चढ़ाव वाला एसेट क्लास है. ऐसे में क्रिप्टो में कभी भी बिना किसी चेतावनी के गिरावट देखने को मिल सकती है और भारी नुकसान हो सकता है, क्योंकि, अभी तक क्रिप्टो को लेकर कोई रेगुलेटर नहीं बना, ऐसे में पैसा डूबने का खतरा हो सकता है.नई क्रिप्टो मुद्रा

हमेशा किसी ऑथेन्टिक या किसी नामी प्लेटफॉर्म के जरिए ही क्रिप्टो में पैसा लगाएं. सही चुनाव करना बहुत जरूरी है. साथ ही, किसी अच्छे जानकार की मदद लें ताकि आपको ये पता रहे कि आप किस क्रिप्टो में पैसा लगा रहे हैं. फिलहाल सबसे ज्यादा लोग बिटकॉइन खरीद रहे है. लेकिन इसके अलावा बाजार में Ethereum, Cardano, Dogecoin, Ripple और Litecoin जैसे क्रिप्टोकरेंसी में भी आप पैसा लगा सकते हैं.

सबसे अहम बात है कि, बिना सोचे-समझे कभी भी निवेश न करें. आज की तारीख में हर कोई कम समय में ज्यादा कमाने के लिए क्रिप्टो में पैसा लगा रहा है. लेकिन जब तक आपको क्रिप्टो की पूरी जानकारी न हो आप इसमें पैसा न लगाएं. अपनी प्लानिंग हमेशा फैक्ट्स से जोड़ें और तभी निवेश करें.

कॉइनडीसीएक्स (CoinDCX) के एक्जीक्यूटिव वीपी (ग्रोथ एंड स्ट्रैटेजी) मृणाल ठकराल का मानना है कि-‘क्रिप्टो प्रारंभिक अवस्था में है लेकिन एक उभरता हुआ संपत्ति वर्ग बन गया है. यह देखते हुए कि इस क्षेत्र में कीमतों में उतार-चढ़ाव है, पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों को किसी परियोजना में निवेश करने से पहले सावधान रहने की जरूरत है. एक निवेशक को अपना उचित शोध करना चाहिए और परियोजना के विभिन्न पहलुओं को समझना चाहिए. किसी परियोजना के टोकन, टोकनोमिक्स की उपयोगिता जैसे कारकों को समझना और यह समझना कि परियोजना का उद्देश्य किसी विशेष समस्या को कैसे हल करना है, महत्वपूर्ण है. एक निवेशक अपने धन के एक छोटे से हिस्से से शुरुआत कर सकता है और लंबी अवधि की मानसिकता के साथ निवेश कर सकता है.

मुद्रेक्स (Mudrex) के सीईओ एवं को-फाउंडर एडुल पटेल का कहना है कि- ‘किसी भी तरह के एसेट क्लास में निवेश से पहले डाइवर्सिफिकेशन का ध्यान देना जरूरी होता है. हर व्यक्ति के लिए ये जरूरी है कि एक साथ पूरा पैसा कभी भी क्रिप्टो में न लगाएं. कई रिटेल निवेशक आज की तारीख में ये सोचते हैं कि वो क्रिप्टो में पैसा लगाकर बहुत जल्द अमीर बन जाएंगे, तो ऐसा नहीं है. ऐसे निवेशकों को अक्सर भारी नुकसान उठाना पड़ता है. साथ ही, 4-7 फीसदी ही पैसा क्रिप्टो में लगाएं उससे ज्यादा नहीं. अगर किसी व्यक्ति के पास 1000 रुपये हैं तो वो सिर्फ 40 से 70 रुपये ही क्रिप्टो में निवेश करें. रिटर्न की बात करें तो क्रिप्टो में अगर समझदारी से निवेश किया जाए तो एक व्यक्ति हर महीने 4-5 फीसदी तक का रिटर्न प्राप्त कर सकता है. साथ ही, सालाना 60 फीसदी तक का भी रिटर्न मिलने की संभावना होती है.’

बैंक बाजार (bankbazaar) के सीईओ आदिल शेट्टी के मुताबिक- ‘किसी भी प्रकार के निवेश से पहले अच्छी तरह से रिसर्च जरूर करें. अगर आप डिजिटल करेंसी में नए हैं तो सबसे पहले ये जानें कि क्रिप्टो करेंसी में डिजिटल की दुनिया में काम कैसे होता है. साथ ही जो ज्यादा नामचीन, अच्छीी करेंसी हैं उसके बारे जानने की कोशिश करें. ऑनलाइन क्रिप्टो कम्युनिटी के लोगों से जुड़ें ताकि आपको सभी क्रिप्टो से जुड़ी खबरों के बारे पता लगता रहे. हमेशा ध्यान दें कि क्रिप्टो करेंसी बहुत वोलाटाइल होता है इसलिए कई बार आपका पैसा एक साथ डूब भी सकता है. कई दिग्गज लोग हैं जिन्होंने एक साथ अपना पैसा बनाया है. ऐसे में हमेशा ध्यान से और सोच समझकर पैसा लगाएं.’

रहना होगा सचेत

हालांकि, यह ध्यान रखने की बात है कि बहुत से लोग इस कारोबार के जरिए अपने काले धन को व्हाइट मनी के रूप में बदलते हैं. क्योंकि क्रिप्टो को कोई रेगुलेटर नहीं कंट्रोल करता, इसलिए लोगों के लिए खरीद-बिक्री में बड़ी आसानी होती है.

क्रिप्टो में निवेश घाटे का सौदा नहीं है लेकिन, बिना रिसर्च और जानकारी के करने पर भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है. इन सबसे हट के देखा जाए तो हमेशा ट्रांजैक्शन करने के लिए क्रिप्टो के पूरे ब्लॉकचेन को समझना पड़ता है. पैसा कमाना कोई बुरी बात नहीं, लेकिन बिना सही जांच, रिसर्च और सलाह से कभी भी किसी भी एसेट क्लास में निवेश नहीं करना चाहिए, चाहे क्रिप्टो करेंसी ही क्यो न हो.

BitCoin पर सरकार का मन तैयार! क्रिप्टो करेंसी नहीं, आपकी संपत्ति होगा, समझिए सबकुछ

Crypto as asset: अगर किसी के पास बिटकॉइन या इथेरियम जैसी क्रिप्टो करेंसी है तो वह उससे शेयर, गोल्ड या बॉन्ड की तरह रख सकते हैं, उसे करेंसी की तरह पेमेंट करने में उपयोग नहीं कर सकते।

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भारत सरकार ने Crypto पर अलग रवैया अपनाने का फैसला किया है। भारत में क्रिप्टो करेंसी को मुद्रा के रूप में अनुमति नहीं दी जाएगी। इसका नई क्रिप्टो मुद्रा मतलब यह है कि अगर किसी के पास बिटकॉइन या इथेरियम जैसी क्रिप्टो करेंसी है तो वह उससे शेयर, गोल्ड या बॉन्ड की तरह रख सकते हैं, लेकिन उसे करेंसी की तरह पेमेंट करने में उपयोग नहीं कर सकते।

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क्रिप्टो को बढ़ावा नहीं

इस मामले से जुड़े लोगों की सरकार के साथ एक बैठक हुई है जिसमें फैसला लिया गया है कि क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज और ट्रेडिंग प्लेटफार्म द्वारा बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को बढ़ावा देने की अनुमति नहीं मिल पाएगी। इस मामले से जुड़े लोगों ने बताया है कि सरकार क्रिप्टो के मामले में एक विधेयक को अंतिम रूप देने में जुटी है।

बिटकॉइन से पेमेंट नहीं

मोदी सरकार देश में क्रिप्टो ट्रेडिंग के नियम तैयार कर रही है। भारत में सरकार वर्चुअल करेंसी के जरिए पेमेंट ट्रांजैक्शन पर रोक लगाने जा रही है। इस बारे में क्रिप्टो बिल को अंतिम रूप दिया जा रहा है।एक सरकारी सूत्र ने इस बारे में कहा, "देश में लोग गोल्ड, शेयर या बांड की तरह क्रिप्टो को संपत्ति के रूप में रख सकेंगे। इतना साफ़ है कि क्रिप्टो एक्सचेंज और ट्रेडिंग प्लेटफार्म को एक्टिव सोलिटिसेशन की अनुमति नहीं दी जाएगी।"

crypto currancy


sebi को मिल सकती है जिम्मेदारी

सरकार क्रिप्टोकरेंसी के नियमों के लिए विधायक बना रही है जिसे अगले दो-तीन हफ्ते में कैबिनेट की मंजूरी के लिए पेश किया जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी के नियमन की जिम्मेदारी पूंजी बाजार नियामक सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया को दी जा सकती है, हालांकि इस बारे में अभी अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।

टैक्स पर भी हो रहा है काम

भारत सरकार इस समय क्रिप्टो के टैक्सेशन संबंधी मसलों पर भी काम कर रही है और आने वाले विधायक में इस बारे में भी जिक्र किया जा सकता है। सरकार संसद के शीत सत्र में क्रिप्टो करेंसी से जुड़े विधेयक को पेश कर सकती है। इससे पहले भी खबर आई थी कि भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी के मसले पर बीच का रास्ता निकालने की कोशिश कर रही है और वह इसे देश में बैन करने के मूड में नहीं है।

फीचर आर्टिकल: बिटकॉइन को वैध मुद्रा का दर्जा मिलने के पूरे क्रिप्टो मार्केट के लिए क्या मायने हैं?

बिटकॉइन दुनिया की सबसे पहली डीसेंट्रलाइज्ड क्रिप्टोकरेंसी या कहें कि डिजिटल कॉइन है। इसका आविष्कार 2008 में हुआ लेकिन मुख्य इस्तेमाल 2010 से शुरू हुआ। पहले बिटकॉइन को संदेह की नजरों से देखा गया लेकिन अब ये दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बन चुकी है। दुनिया में हजारों कंपनियां लेनदेन के लिए बिटकॉइन को अपना चुकी हैं। अब मध्य अमेरिकी देश अल-साल्वाडोर में बिटकॉइन को वैध मुद्रा की मान्यता भी मिल गई है।

इतने कम समय में ही बिटकॉइन ने काफी लंबी दूरी तय कर ली है। इसकी वैधता का प्रभाव भारत और दूसरे देशों में भी महसूस हो रहा है। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि BTC से INR गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च किया जाने वाला खोज शब्द है।

बिटकॉइन को वैध मुद्रा का दर्जा मिलने के क्या मायने हैं?
दुनिया के कुछ देशों में बिटकॉइन के उपयोग को वैधता मिली हुई है, लेकिन अपने अस्तित्व के महज 12 सालों में किसी देश में वैध मुद्रा का दर्जा मिलना इसकी लोकप्रियता का एक और उदाहरण है। पिछले साल, 7 सितंबर 2021 को अल-साल्वाडोर ने बिटकॉइन को वैध मुद्रा का दर्जा देकर प्रचलित फिएट यानी कागजी मुद्रा और डिजिटल करेंसी के बीच के भेद को खत्म कर दिया है। वैध मुद्रा बनने का अर्थ है कि इसे सरकार द्वारा टैक्स, सार्वजनिक या निजी शुल्कों और व्यापारिक लेनदेन के लिए स्वीकार किया जाएगा।

अल-साल्वाडोर ने बिटकॉइन को वैध मुद्रा माना
बिटकॉइन को वैध मुद्रा बनाने के बाद अल-साल्वाडोर की अर्थव्यवस्था में काफी बदलाव आए हैं। देश का 14% से ज्यादा व्यापार बिटकॉइन के जरिए होने लगा है। वहां के पर्यटन क्षेत्र में उत्साह का वातावरण है वहीं बिटकॉइन स्वीकार करने वाले संस्थान खुश हैं। अल-साल्वाडोर ने 1 अरब डॉलर मूल्य के बिटकॉइन बॉन्ड जारी किए हैं।इस फंड का उपयोग एक बिटकॉइन सिटी की स्थापना में किया जाएगा जहां पर जियोथर्मल एनर्जी का उपयोग करके डिजिटल एसेट की माइनिंग की जाएगी। बिटकॉइन और क्रिप्टो के प्रति जागरूकता लाने के लिए शैक्षणिक संस्थान शुरू हुए हैं।

अन्य देश और क्षेत्र भी बिटकॉइन को वैध मुद्रा बनाने की राह पर
अल-साल्वाडोर के नक्शे कदम पर चलते हुए कुछ अन्य देश और क्षेत्र भी बिटकॉइन को वैध मुद्रा का दर्जा देने की राह पर हैं। इनमें पुर्तगाल के ऑटोनॉमस रीजन होंडुरास और मदेरिया शामिल हैं। यहां प्रोस्पेरा के निवासियों को बिटकॉइन पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना होगा और वे बिटकॉइन का उपयोग टैक्स और अन्य शुल्क का भुगतान करने में कर सकेंगे। इसके अलावा एक दक्षिण प्रशांत महासागर के देश टोंगा ने बिटकॉइन को कानूनी मुद्रा बनाने के अलावा भविष्य में नेशनल ट्रेजरीज को भी बिटकॉइन में ले जाने का चार चरणों वाला प्रस्ताव बनाया है। मैक्सिको की संसद में भी बिटकॉइन को वैध मुद्रा बनाने के प्रति दिलचस्पी दिखाई गई है।

बिटकॉइन के वैध मुद्रा बनने से क्रिप्टो मार्केट को क्या फायदे होंगे

  • चूंकि बिटकॉइन का पूरे क्रिप्टो मार्केट में 42% हिस्सेदारी के साथ दबदबा है इसलिए इससे क्रिप्टो मार्केट में मजबूती आएगी।
  • रीयल-टाइम भुगतान और व्यावसायिक लेनदेन के लिए बिटकॉइन के उपयोग में वृद्धि होगी।
  • अल-साल्वाडोर इसका उदाहरण है।
  • लोग बिटकॉइन के अलावा अन्य क्रिप्टो प्रोजेक्ट पर भी अब विचार करना शुरू करेंगे। क्योंकि हो सकता है कि बिटकॉइन के उपयोग से सारे वित्तीय समाधान न हो पाएं।
  • बिटकॉइन की इन उपलब्धियों की वजह से पॉलीगॉन जैसे क्रिप्टो भी भारत में लोकप्रिय होने लगे हैं नई क्रिप्टो मुद्रा और MATIC से INR जैसे खोज शब्द इस बात की पुष्टि करते है। यानी लोग सर्च करते हैं कि MATIC से INR में कैसे कन्वर्ट किया जाए।
  • अब अधिक से अधिक लोग केंद्रीय बैंकों की डिजिटल करेंसी (CBDC) को आजमाने पर भी विचार करेंगे। इससे बाजार में आम प्रचलित मुद्रा यानी फिएट करेंसी के साथ डिजिटल मुद्रा का भी सह-अस्तित्व कायम होगा।
  • क्रिप्टो माइनिंग के लिए अधिक से अधिक ग्रीन माइनिंग यानी पर्यावरण हितैषी साधनों को अपनाने पर जोर दिया जाएगा।

अभी तक केवल फिएट करेंसी यानी कागजी मुद्रा को ही मुद्रा समझा जाता था लेकिन अब कागजी और डिजिल मुद्रा के बीच का अंतर समाप्त हो रहा है। उपयोग को मान्यता मिलने के अलावा बिटकॉइन को तेजी से दुनिया के कई देशों में वैध मुद्रा के नई क्रिप्टो मुद्रा रूप में स्वीकार किया जा रहा है। यह पूरे क्रिप्टो मार्केट के लिए भविष्य का सुनहरा संकेत है।

Cryptocurrency पर बड़ी खबर- बंद होंगी सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी, सरकार संसद में पेश करेगी बिल, लेकिन.

क्रिप्टो करेंसी पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कही थी यह बात.

Cryptocurrency Bill: केंद्र सरकार (Central Government) क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर जल्द ही बिल लाने की तैयारी में है. 29 नवंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र (Winter Session) में सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर बिल को संसद में पेश करेगी. इस बिल का नाम ‘द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेनशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021’ है. न्यूज एजेंसी एएनआई में छपी खबर के मुताबिक देश में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने की मांग इस बिल में की गई है.

शीतकालीन सत्र (Winter Session) के दौरान क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के अलावा 25 और बिल को पेश किया जाएगा. इस सत्र में कुल 26 बिल पेश होंगे, क्रिप्टोकरेंसी को लेकर पिछले कुछ दिनों से लगातार कानून लाने की बातें की जा रही थी. विधेयक के तहत क्रिप्टोकरेंसी की परिभाषा स्पष्ट होगी, यानी क्रिप्टो के दायरे में क्या होगा और क्या नहीं, लोगों को इसकी समझ होगी. हालांकि, अभी यह भी नई क्रिप्टो मुद्रा साफ नहीं है कि क्रिप्टो को डिजिटल एसेट के तौर पर पेश किया जाएगा या कमोडिटी के तौर पर. लेकिन इस सत्र के बाद काफी चीजें क्लियर हो जाने की उम्मीद जताई जा रही है.

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आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी की लेन-देन पर लगाई थी रोक

साल 2018 में आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन का समर्थन करने को लेकर बैंकों और विनियमित वित्तीय संगठनों को बैन कर दिया गया था. करीब दो साल बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसको लेकर कानून बनाने की बात कही थी. गौरतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी किसी मुद्रा का एक डिजिटल रूप है. यह पूरी तरह से ऑनलाइन होती है. इसको इसको कोई सरकार या कोई विनियामक अथॉरिटी जारी नहीं करती है.

लोकसभा सचिवालय के अनुसार, संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 पेश किया जायेगा. इसमें आरबीआई द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण की सुविधा की बात कही गई है . इस विधेयक में भारत में सभी तरह के निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गई है. हालांकि, इसमें कुछ छूट की बात भी कही गई है, ताकि क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए.

क्रिप्टो करेंसी पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कही थी यह बात

कुछ दिन पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ किया था कि केंद्र सरकार की योजना क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लगाने की नहीं है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सभी लोकतांत्रिक देशों से, साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि क्रिप्टो-करेंसी गलत हाथों में ना जाए,अन्यथा युवाओं का भविष्य बर्बाद हो सकता है. उन्होंने कहा कि डिजिटल युग ने राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज को पुनर्भाषित किया है और यह सार्वभौमिकता, शासन, नीति, कानूनों, अधिकारों और सुरक्षा को लेकर नए सवाल भी खड़े कर रहा है.

Govt to introduce 'The Cryptocurrency & Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021' in winter session of Parliament

Bill seeks to create a facilitative framework for creation of official digital currency to be issued by RBI & ban all private cryptocurrencies in India pic.twitter.com/yeaLfuCiBs

— ANI (@ANI) November 23, 2021
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