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बदलेगा पूंजीगत लाभ कर का ढांचा!

राजस्व सचिव तरुण बजाज ने आज कहा कि मौजूदा पूंजी लाभ कर व्यवस्था की संपूर्ण समीक्षा करने और विभिन्न दरों और निवेश रखने की अवधि या होल्डिंग अवधि में एकरूपता लाने की जरूरत है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में बजाज ने कहा कि केंद्र ने राज्यों का 1 लाख करोड़ रुपये का दीर्घावधि पूंजीगत व्यय बढ़ाया नहीं है और वित्त वर्ष 2023 के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 6 फीसदी होगा जबकि बजट अनुमान है कि यह नॉमिनल जीडीपी का 6.4 फीसदी रहेगा।

उद्योग के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए बजाज ने कहा, 'मेरे विचार से पूंजीगत लाभ पर पुनर्विचार की जरूरत है। हमने जब भी इस पर चर्चा की, इसे लेकर तमाम विवाद खड़े हो जाते हैं। मेरा मानना है कि दरों और होल्डिंग अवधि के लिहाज से यह काफी जटिल है। इसे दुरुस्त करने पर काम चल रहा है।' उन्होंने कहा, 'हमने दुुनिया के अन्य देशों में दरों और अवधि पूंजीगत लाभ को समझने की कोशिश की है। मेरे विचार से इस पर काफी कुछ करने की जरूरत है। समस्या यह पूंजीगत लाभ है कि अगर हम इसे तर्कसंगत बनाते हैं तो कुछ निवेशकों को नुकसान हो सकता है जबकि कुछ को इससे फायदा होगा। यही सबसे बड़ी मुश्किल है।' उन्होंने पूंजीगत लाभ उद्योग संगठनों से इस बारे में सुझाव भी मांगे हैं।

पूंजीगत लाभ पर कैसे लगता है आयकर

जागरण संवाद केंद्र, करनाल : आयकर अधिनियम की धारा 45 के अनुसार वर्ष में किसी पूंजीगत संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाले लाभ पर पूंजीगत लाभ शीर्षक के अंतर्गत कर लगाया जाता है। इसके बारे में बता रहे हैं अखिल भारतीय कर व्यवसायी संघ के सदस्य शक्ति सिंह एडवोकेट।

अल्पकालीन और दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ पर आयकर अलग-अलग ढंग से लगाया जाता है। अल्पकालीन पूंजीगत लाभ को करदाता की अन्य आय में शामिल किया जाता है और उसकी कुल आय पर लागू दरों के अनुसार आयकर लगाया जाता है। दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ को करदाता की अन्य आय में शामिल नहीं किया जाता, पूंजीगत लाभ बल्कि उस पर अलग से अधिनियम की धारा 112 के अनुसार आयकर की विशेष दर से सीधा कर लगाया जाता है। इसमें किसी प्रकार की कोई छूट उपलब्ध नहीं है। कर की दर निम्न प्रकार से होगी।

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बजट में पूंजी लाभ कर व्यवस्था में हो सकता है बदलाव

पूंजी लाभ कर में संभावित बदलाव के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने कहा, ‘‘यह बजट प्रक्रिया का हिस्सा है। इसके बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।’’

आयकर कानून के तहत पूंजीगत संपत्तियों…चल और अचल दोनों…की बिक्री से होने वाला लाभ पूंजी लाभ कर की श्रेणी में आता है।

हालांकि कानून में कार, परिधान और फर्नीचर जैसी व्यक्तिगत चल संपत्तियों को बाहर रखा गया है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘हम विभिन्न पक्षों से मिले सुझाव पर गौर कर रहे हैं।’’

फिलहाल एक साल से अधिक समय तक शेयर रखने पर उस पर होनेवाले दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत कर लगता है। वहीं बॉन्ड और अचल संपत्ति क्रमश: तीन साल और दो साल रखने की स्थिति में पूंजीगत लाभ पर कर की दर 20 प्रतिशत है।

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए पूंजीगत लाभ दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

'पूंजीगत लाभ'

आयकर विभाग के पूंजीगत लाभ लिए नीतिगत रुख तय करने वाले सीबीडीटी ने कहा कि इस अघोषित पूंजीगत लाभ का आकार 400 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है. इसके अलावा तैयार इकाइयों की बिक्री से होने वाली आय में भी 90 करोड़ रुपये कम दिखाई गई है.

केंद्रीय वित्त मंत्री पूंजीगत लाभ अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि बाजार में लगातार जारी गिरावट की वजह आम बजट में शेयरों में कमाई पर दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर लगाया जाना नहीं बल्कि वैश्विक कारक हैं. जेटली का बयान ऐसे समय में आया है, जब शेयर बाजार में नवंबर 2016 के बाद से शुक्रवार को सबसे भारी गिरावट दर्ज की गई थी.

आम बजट के दिन गुरुवार को बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स बेहद उतार-चढ़ाव वाले कारोबार में 58 अंक टूट गया. शेयरों पर लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेन यानी पूंजीगत लाभ कर जैसे बजट प्रस्तावों से बाजार की धारणा प्रभावित हुई.

दीर्घकालिक पूंजी लाभ कर फायदा उठाने पूंजीगत लाभ के लिए मुखौटा कंपनियों का गठन कर उनके साथ छद्म सौदे करने और इन कंपनियों में कालाधन लगाने के मामले सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है.

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