स्विंग ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते है

अब तक, हमने मानक स्विंग ट्रेडिंग विधियों पर चर्चा की है जो आपको एक सिर देंगे। लेकिन इसके साथ बहुत कुछ है। दूसरी बात यह है कि अपने व्यापार का प्रबंधन कैसे करें। उसके लिए दो स्थापित तरीके हैं,
Swing Trading कैसे करे – शेयर मार्किट में स्विंग ट्रेडिंग कर के 7 दिन में पैसे कैसे कमाए
शेयर मार्किट में कम समय के अन्दर अगर सबसे ज्यादा पैसे कमाने का अगर कोई तरीका है तो वो Swing Trading है . क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग कि मदद से आप एक निर्धारित समय के अन्दर पैसे कमा सकते है .
लेकिन आपको स्विंग ट्रेडिंग की पूरी जानकारी होनी चाहिए वरना आप ट्रेडिंग करके पैसे नही कमा पाएंगे.
तो चलिए सबसे पहले जानते है स्विंग ट्रेडिंग क्या है ?.
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Swing Trading Kya Hai
स्विंग ट्रेडिंग क्या है: स्विंग ट्रेडिंग इंट्राडे और सकैलपिंग ट्रेडिंग से अलग है क्योंकि इंट्राडे या सकैलपिंग ट्रेडिंग में आप एक ही दिन के अंदर शेयर मार्केट में शेयर को खरीदने और बेचने का काम करते है.
लेकिन स्विंग ट्रेडिंग में ऐसा नही होता. स्विंग ट्रेडिंग में हम कम कीमत में शेयर को खरीद कर रख लेते है.
और शेयर की कीमत बढ़ जाने पर शेयर को बेच के पैसे कमाते है.
अगर आप स्विंग ट्रेडिंग के बारे में और भी विस्तार से जानना चाहते है तो उसके लिए हमारी नीचे दी गई पोस्ट पढ़े.
चलिए अब जानते है कि स्विंग ट्रेडिंग कैसे करते है?
Swing Trading Kaise Kare
स्विंग ट्रेडिंग कैसे करे: स्विंग ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले आपको एक स्ट्रेटेजी बनानी होगी कि आप किस कंपनी के Share खरीदेंगे और कितने दिन तक के लिए ट्रेडिंग करेंगे .
तो सबसे पहले स्विंग ट्रेडिंग के लिए शेयर को चुनने कि स्ट्रेटेजी बनाना सीखते है ताकि हम आसानी से स्विंग स्विंग ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते है ट्रेडिंग करना सीख सके.
Swing Trading Strategy in Hindi
स्विंग ट्रेडिंग रणनीति हिंदी में: सबसे पहले हमे एक ऐसे शेयर को चुनना है जिसमे उतार-चढाव आते रहते है. अब शेयर को चुनने के बाद शेयर कि कीमत पर नजर रखनी है और उस कंपनी से संबधित न्यूज़ पढनी है .
ताकि हम जान सके कि इस कंपनी के शेयर कि कीमत बढ़ेगी या घटेगी क्योंकि अगर एक बार यह पता चल जाता है तो हमारे लिए शेयर खरीदना आसान होगा .
अब मान लेते है कि हमे पता चला कि आज दिनांक से Reliance company के शेयर कि कीमत बढ़ेगी, तो हम आज कि कीमत में जितने जायदा हो सके Reliance company के शेयर ख़रीदे लेंगे .
स्विंग ट्रेडिंग रणनीतियों को समझना
हिंदी
स्विंग ट्रेडिंग रणनीति: स्विंग ट्रेडिंग के कला और विज्ञान में मास्टर कैसे बनें
यदि आपने स्टॉक ट्रेडिंग के विभिन्न विकल्पों का पता लगाना शुरू कर दिया है, तो स्विंग ट्रेडिंग करना सीखना आपको एक लंबा रास्ता तय करने में मदद करेगा। स्विंग ट्रेडिंग सबसे लोकप्रिय ट्रेडिंग स्टाइस में से एक होता है, जहां ट्रेडर्स तकनीकी विश्लेषण पर अपने ट्रेडिंग निर्णयों को आधार बनाते हैं। इस आर्टिकल में, हम ट्रेडर्स द्वारा बाजार में जीतने वाली डील की खोज के लिए प्रचलित सामान्य स्विंग ट्रेडिंग रणनीतियों का अध्ययन करेंगे।
इससे पहले कि हम विभिन्न स्विंग ट्रेडिंग तकनीकों के गुणों पर चर्चा करना शुरू करते है, आइए जल्दी से पढ़ें कि स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है।
स्विंग ट्रेडिंग क्या है?
स्विंग ट्रेडर्स कम समय सीमा में परिसंपत्ति मूल्य परिवर्तन से लाभ कमाने की कोशिश करते हैं। वे थोड़े समय में पैटर्न, प्रवृत्ति और संभावित परिवर्तन की पहचान करने के लिए मूल और तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करते हुए, बाजार के ट्रेंड पर अपने निर्णयों को आधार बनाएंगे।
स्विंग ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते है ?
स्विंग ट्रेडिंग शुरू करने के लिए किसी भी ब्रोकर के पास ट्रेडिंग अमाउंट और डीमैट अकाउंट होना जरूरी होता है क्युकी ट्रेडिंग अकाउंट शेयर को खरीदने के लिए और डीमैट अकाउंट ख़रीदे हुए शेयर्स को रखने के लिए जरूरी है.
स्विंग ट्रेडर का काम किसी भी स्टॉक को खरीदने से पहले मार्केट का ट्रेंड शेयर्स की कीमत में उतार-चढ़ाव ट्रेडिंग चार्ट में बनने वाले पैटर्न का विश्लेषण करना होता है. सिम्पल तौर पर एक स्विंग ट्रेडर उन शेयर्स पर विश्लेषण करता है जिसमें ट्रेडिंग अधिक होती है. अन्य तरह की ट्रेडिंग की तुलना में स्विंग ट्रेडिंग में ज्यादा रिस्क होता है क्युकी इसमें गैप रिस्क शामिल होता है, अगर मार्केट के बंद होने के बाद कोई अच्छी खबर आती हैं तो स्टॉक के प्राइस मार्केट खुलने के बाद अचानक से ही बढ़ जाते हैं लेकिन अगर मार्केट के बंद होने के बाद कोई बुरी खबर आती हैं तो मार्केट खुलने के बाद स्टॉक के प्राइस में भारी गैप डाउन भी देखने को मिलती हैं इस तरह के रिस्क को ओवरनाईट रिस्क’ कहा जाता है.
स्विंग ट्रेडिंग करने के फायदे क्या है?
स्विंग ट्रेडिंग करने के निम्नलिखित फायदे है-
- स्विंग ट्रेडिंग में शेयर्स को कुछ दिनों या कुछ हफ्तों के लिए होल्ड करके रखा जाता है इसलिएइंट्राडे की तुलना में लाइव मार्केट में ज्यादा समय रहने की जरूरत नहीं होती है.
- स्विंग ट्रेडिंग मेंट्रेडर्स को बाजार के साइडवेज़ होने पर एक अच्छा रिटर्न मिलता है.
- स्विंग ट्रेडिंग जॉब या बिज़नेस करने वाले लोगो के लिए सबसे अच्छा होता हैं.
- स्विंग ट्रेडिंग में छोटे-छोटे रिटर्न्स साल में एक अच्छा रिटर्न भी बन जाता है.
- इंट्राडे की तुलना में स्विंग ट्रेडिंग करना आसान होता हैं क्युकी इसमें सिर्फ आपको सिर्फ टेक्निकल एनालिसिस आना चाहिए.
- इंट्राडे की तुलना में स्विंग ट्रेडिंग में स्ट्रेस लेवेल कम कुछ होता है.
स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है?
स्विंग ट्रेडिंग करने के कुछ नुकसान भी है-
- स्विंग ट्रेडिंग में ओवरनाईट और वीकेंड रिस्क भी रहता है.
- स्विंग ट्रेडिंग में गैप रिस्क भी शामिल होता है
- अगर किसी तरह से मार्केट का अचानक ट्रेंड बदल जाता है तो यहां काफी देय भी नुकसान हो सकता है.
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे
- स्विंग ट्रेडिंग में आपको कम समय में प्रॉफिट मिल जाता है।
- कम प्रॉफिट का टारगेट होने के कारण टारगेट हिट करने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
- स्टॉक में एंट्री लेने के लिए उसके गिरने का इंतज़ार नहीं करना पड़ता।
- स्टॉक के फंडामेंटल स्ट्रांग होने के कारण नुकसान होने की संभवना कम होती है।
- यह एक लेस स्ट्रेस यानी कम तनाव वाली ट्रेडिंग है।
- अगर आप शेयर बाजार में नए हैं तो भी इसे Try कर सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान
- शार्ट टर्म में एग्जिट लेने के कारण आपको बड़ा प्रॉफिट नहीं मिल पता है।
- स्टॉक से जुडी रोजाना आने वाली हर छोटी बड़ी खबर से शेयर के प्राइस में उतार-चढ़ाव आता है।
- एक दिन से ज्यादा होल्ड करने के कारण शेयर में गैप अप और गैप डाउन का भी सामना करना पड़ता है।
- डे ट्रेडिंग करने वालों को धैर्य के साथ स्टॉक में बने रहने में प्रॉब्लम आती है।
इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है?
स्विंग ट्रेडिंग स्विंग ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते है और इंट्राडे ट्रेडिंग के बीच का अंतर (Swing trading vs Day trading) आमतौर पर होल्डिंग टाइम का है। स्विंग ट्रेडिंग में अक्सर कम से कम एक दिन से ज्यादा के लिए शेयर को होल्ड किया जाता है, जबकि डे ट्रेडिंग में बाजार बंद होने से पहले पोजीशन को क्लोज करना होता हैं।
क्योंकि हमें स्विंग ट्रेडिंग में एक दिन से ज्यादा के लिए पोजीशन को होल्ड करना होता है स्विंग ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते है इसलिए हमें गैप अप और गैप डाउन का भी सामना करना पड़ता है।
स्विंग ट्रेडिंग से जुड़े सवाल और इनके जवाब
सवाल – स्विंग ट्रेडिंग में हम अपने पोर्टफोलियो में स्टॉक को कितने दिन तक रख सकते हैं
जवाब – आमतौर पर स्विंग ट्रडिंग में आप स्टॉक को 1 दिन से ज्यादा या कुछ हफ्ते तक रख सकते हैं लेकिन कोशिस करें की आपको स्टॉक को 3 हफ्ते से ज्यादा होल्ड ना करना पड़े।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने?
स्विंग ट्रेडिंग के लिए ऐसा स्टॉक चुने जो अपने 52 वीक हाई के आसपास हो, अगर स्टॉक अपने 52 वीक हाई से लगभग 10-15% नीचे है तो आप ऐसे स्टॉक का चयन कर सकते हैं।
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स्विंग ट्रेडिंग कैसे करते हैं?
स्विंग ट्रेडिंग करने ट्रेडर को रूप में आपको टेक्निकल एनालिसिस की चाहिए, जिससे कि ऐसे स्टॉक्स को खोजने में सक्षम हो सके छोटी अवधि में अच्छा रिटर्न दे सके। इसलिए अगर आप स्विंग ट्रेडिंग के लिए सही स्टॉक की तलाश करना चाहते है तो पहले टेक्निकल एनालिसिस सीखे, उसके उपरान्त डेली एंव साप्ताहिक चार्ट पर ऐसे स्टॉक को ढूढ़े जो किसी सपोर्ट को तोड़ कर ऊपर निकल रहे हो। ऐसे स्टॉक छोटी अवधि में अच्छा पैसा कमा कर देते है।
स्विंग ट्रेडिंग का उद्देश्य क्या है?
स्विंग ट्रेडिंग एक ट्रेडिंग शैली है जिसका मुख्य उद्देश्य एक छोटी अवधि के भीतर स्टॉक खरीदना या बेचना शामिल है, जिससे की वह स्टॉक में होने वाले मूवमेंट से प्रॉफिट कर सके। एक स्विंग ट्रेडर आमतौर पर कुछ मूवमेंट दिखाने वाले शेयरों को खोजने की कोशिश करता है और ट्रेंड की शुरुआत स्विंग ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते है में ट्रेड में प्रवेश करता है। ज्यादातर मामलों में, एक स्विंग ट्रेडर ट्रेंड खत्म होने से पहले ट्रेड से बाहर निकलने का प्रयास करता है।
स्विंग ट्रेडर्स अपनी पोजीशन को 2 दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक बनाए रखना चाहते हैं, जिससे स्विंग ट्रेडिंग ट्रेड का अच्छे से फायदा लिया जा सके, स्विंग ट्रेड दो प्रकार के होते हैं:
1) काउंटर ट्रेंड स्विंग ट्रेड – स्टॉक के ट्रेंड की दिशा में रेजिस्टेंस या सपोर्ट एरिया में बेचना या खरीदना (उदाहरण के लिए, अपट्रेंड के दौरान रेजिस्टेंस में बेचना या डाउनट्रेंड के सपोर्ट पर खरीदना)।
स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है?
स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग कुछ हद तक समान हैं। क्योंकि दोनों में लाभ कमाने के प्रयास में स्टॉक खरीदना और बेचना शामिल होता है, लेकिन इनके बीच सबसे बड़ा अंतर समय का होता है।
स्विंग ट्रेडर्स अपनी पोजीशन को कुछ दिनों से लेकर कुछ सप्ताह तक होल्ड रखते है, जबकि इंट्राडे ट्रेडर अपनी पोजीशन को सेम डे पर क्लोज है।
डे ट्रेडर्स के पास स्विंग ट्रेडर की तरह “धैर्य” नहीं है, इसलिए वह प्राइस में होने वाले छोटे – छोटे बदलावों से पैसा बनाने की कोशिश करते है और अपनी पोजीशन को ओवरनाइट होल्ड करने का रिस्क नहीं लेते है।
स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में एक भी मुख्य अन्तर है कि अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते है तो आपको ब्रोकर की तरफ से मार्जिन दिया जाता है जिस कारण से आप कम पैसो के साथ भी इंट्राडे ट्रेडिंग की शुरुआत कर सकते है।