कैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं?

बैंलेंस्ड एडवांटेज फंड इक्विटी, डेट और आर्बिट्राज में मिलाजुलाकर निवेश कर सकते हैं. इक्विटी वाले हिस्से का प्रबंधन बाजार की स्थितियों के अनुसार किया जाता है. इन स्कीमों के पोर्टफोलियो में इक्विटी वाला हिस्सा आमतौर पर 30 फीसदी से 80 फीसदी के बीच होता है. वैसे, कुछ फंड इस सीमा को पार भी कर जाते हैं. विनय बैलेंस्ड एडवांटेज स्कीमों में एकमुश्त निवेश कर सकते हैं.
बिटकॉइन में निवेश कैसे करें?
बिटकॉइन को ऑनलाइन खरीदते हैं और एक डिजिटल वॉलेट में संग्रहीत करते हैं। डिजिटल वॉलेट एक छोटा व्यक्तिगत डाटाबेस है जिसे आप अपने स्मार्टफ़ोन, कंप्यूटर ड्राइव, टैबलेट, या इंटरनेट में कहीं भी संग्रहीत कर सकते हैं।
भारत में कैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं? उपलब्ध कई बिटकॉइन एक्सचेंज जैसे- Zebpay, Unocoin , Bitxoxo, Coinbase। आप इनके वेबसाइट पर जा सकते हैं या इनके मोबाइल ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं। फिर आप इनमें से किसी एक एक्सचेंज पर ऑनलाइन खाता (डिजिटल वॉलेट ) बना सकते हैं। एक बार डिजिटल वॉलेट बनने पर अपने बैंक के खाते से डिजिटल वॉलेट में पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। फिर आप डिजिटल वॉलेट कैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं? से बिटकॉइन खरीद और बेच सकते हैं।
पिछले कुछ सालों में बिटकॉइन की कीमत में काफी उतार चढ़ाव चढाव रहा है। एक बिटकॉइन की कीमत 1,000 से 11,70,000 रुपये के बीच उतार चढ़ाव कर रही है। चूंकि एक बिटकॉइन खरीदना काफी महंगा है इसलिए आप 1000 रुपये से निवेश करके बिटकॉइन का एक अंश खरीद सकते हैं। बिटकॉइन विनियमित नहीं हैं तो आपको नकली और वास्तविक बिटकॉइन के बीच भेद में सावधान रहना चाहिए। बिटकॉन्स में व्यापार करने से पहले आपको एक्सचेंज, वॉलेट इत्यादि के बारे में उचित शोध करना चाहिए।
1. गहरी रिसर्च जरूरी
सबसे पहली बात है कि निवेश से पहले अपनी रिसर्च पक्की रखिए. पैसे-रुपयों के मामले में यह सबसे कॉमन बात है. कहीं भी पैसा लगाने से पहले आपको उस माध्यम की पूरी जानकारी होनी ही चाहिए. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी के लिए यह और भी जरूरी है क्योंकि यह मार्केट अभी नया है और ट्रेडिशनल निवेश के माध्यमों या तरीकों से काफी अलग है. इसलिए अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जान लीजिए. ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को समझ लीजिए, जान लीजिए कि क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में कैसे काम होता है.
क्रिप्टोकरेंसी का मार्केट डिसेंट्रलाइज्ड मार्केट है और इसको कोई रेगुलेट भी नहीं करता. यानी कि इसको कोई एक संस्था या व्यक्ति कंट्रोल नहीं करता है, वहीं ट्रेडिशनल करेंसी की तरह कोई सरकार या सरकारी संस्था इसका नियमन भी नहीं देखती. यह कैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं? पूरी तरह स्वतंत्र है. ऐसे में जवाबदेही आप पर ही आकर रुकती है. इसमें धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का डर होता है. ऐसे में किसी की बात में न आएं, किसी स्कीम के चक्कर में तो बिल्कुल न पड़े. हर जानकारी किसी विश्वसनीय स्रोत से ही लें और वेरिफाई करें.
3. अपनी रिसर्च पर भरोसा करें
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट को लेकर अकसर कहते हैं कि 'इस बारे में कोई कुछ नहीं जानता है.' हालांकि, फिर भी मार्केट में ढेरों मार्केट एनालिटिक्स, ट्रेंड एक्सपर्ट्स और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर हैं, जो आपको क्रिप्टो मार्केट पर स्ट्रेटजी और टिप्स देते हुए मिलेंगे. लेकिन आपके लिए जरूरी है कि आप हर किसी की बात पर भरोसा न करें, अपनी रिसर्च को देखें और अपने पर्सनल फाइनेंस को देखते हुए स्ट्रेटजी बनाएं.
क्रिप्टो निवेश में शुरुआत करते वक्त ध्यान रखें कि शुरुआती चरण में एक ही क्रिप्टो के साथ स्टिक करें. इधर-उधर पैर फैलाने की कोशिश न करें. क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखा जाता है, ऐसे में यही स्मार्ट होगा कि आप छोटे निवेश से शुरू करें. एक ही क्रिप्टो में निवेश करें और मार्केट की चाल को सीखें. जब थोड़ा कॉन्फिडेंट हो जाएं तब अपना निवेश बढ़ाएं.
5. थोड़ा धैर्य रखें
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट की वॉलेटिलिटी यानी अस्थिरता के बारे में जितना चेताया जाए, उतना कम है. ऐसे में यह जरूरी है कि आप थोड़ा धैर्य रखें. मार्केट की चाल अच्छी है या बुरी, बदल जाएगी. हमेशा ठंडे दिमाग से रणनीति के तहत फैसले लें.
6. एक नई ईमेल ID रखना बेहतर
क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग, क्रिप्टो एक्सचेंज पर या peer-to-peer नेटवर्क पर होती है. प्लेटफॉर्म्स पर ट्रेडिंग के लिए आपको ईमेल आईडी के जरिए अकाउंट खोलना पड़ता है. डेटा सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है कि आप क्रिप्टो का अपना पूरा निवेश और ट्रेडिंग वगैरह एक दूसरे आईडी पर रखें. इसके लिए एक अलग ईमेल आईडी बना लें.
क्रिप्टोकरेंसी को ऑनलाइन और ऑफलाइन वॉलेट में स्टोर किया जा सकता है. नए निवेशकों के लिए ऑनलाइन वॉलेट बेस्ट होता है, हालांकि, इसमें हैकिंग का डर ज्यादा होता है. ऐसे में दोनों वॉलेट को अच्छी तरह समझ लें और जो फिट लगे, वो चूज़ करें.
मेरे पास 50,000 रुपये हैं, मुझे इसे कैसे निवेश करना चाहिए?
सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर पंकज माल्दे कहते हैं कि विनय इक्विटी फंडों में निवेश नहीं कर सकते हैं. वजह यह है कि इक्विटी फंडों में निवेश के लिए पांच साल की अवधि काफी नहीं है. खासतौर से ऐसे समय में जब मार्केट ऑल टाइम हाई पर है.
अगर विनय बहुत ज्यादा जोखिम नहीं ले सकते हैं तो बेहतर होगा कि वो नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में अपना पैसा लगाएं. इसमें ब्याज की दर 7.90 फीसदी है. साथ ही किसी तरह का कोई जोखिम भी नहीं है. ब्याज का भुगतान मैच्योरिटी पर होता है.
यहां याद रखना होगा कि अर्जित ब्याज पर टैक्स लगता है. अगर 10 फीसदी रिटर्न के लिए वह ज्यादा जोखिम लेने के लिए तैयार हैं और किसी अवधि में निगेटिव रिटर्न देख सकते हैं तो बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में निवेश कर सकते हैं.
गोल्ड में कैसे करें इन्वेस्ट, 5 तरीके हैं मौजूद
अगर कोई सोने में इन्वेस्ट करना चाहता है तो इसके 5 तरीके हैं- फिजिकल गोल्ड, गोल्ड म्यूचुअल फंड, गोल्ड ETF, डिजिटल गोल्ड और सॉवरेन गोल्ड बांड.
भारतीयों को सोना (Gold) हमेशा से लुभाता रहा है. फिर चाहे सोने की ज्वेलरी पहनकर इतराना हो या फिर इसे निवेश के माध्यम के रूप में देखना हो. अगर कोई सोने में इन्वेस्ट करना चाहता है तो इसके 5 तरीके हैं- फिजिकल गोल्ड, गोल्ड म्यूचुअल फंड, गोल्ड ETF, डिजिटल गोल्ड और सॉवरेन गोल्ड बांड. आइए जानते हैं इन 5 तरीकों से कैसे आप गोल्ड में निवेश कर सकते हैं.
फिजिकल गोल्ड
फिजिकल गोल्ड यानी गोल्ड ज्वेलरी, गोल्ड बार या सिक्के. भारत में फिजिकल गोल्ड की खरीद काफी ज्यादा पॉपुलर है. कई लोग इसे सोने में इन्वेस्टमेंट का सबसे आसान और सुविधाजनक तरीका मानते हैं. लेकिन याद रहे कि फिजिकल गोल्ड की खरीद पर 3 फीसदी जीएसटी लगता है. अगर आप गोल्ड ज्वैलरी के माध्यम से सोने में निवेश करना चाहते हैं तो बीआईएस हॉलमार्क वाली गोल्ड ज्वैलरी ही खरीदें. यह सोने की शुद्धता को प्रमाणित करता है.
आप गोल्ड ETF में भी निवेश कर सकते हैं, हालांकि भारत में ये ज्यादा लोकप्रिय नहीं हैं. गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF ) आपकी कैपिटल को फिजिकल गोल्ड में निवेश करता है और यह सोने की कीमत के हिसाब से घटता-बढ़ता रहता है. गोल्ड ETF के तौर पर मिनिमम 1 ग्राम सोने में भी निवेश किया जा सकता है, निवेश की कोई अपर लिमिट नहीं है. गोल्ड ETF में कोई लॉक इन पीरियड नहीं होता है.
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स भी सोने में निवेश का एक तरीका है. यह गोल्ड ईटीएफ में निवेश करता है. म्यूचुअल फंड की तरह गोल्ड में भी SIP शुरू कर सकते हैं. इससे 500 रुपये की छोटी रकम से भी सोने में लॉन्ग टर्म के लिए निवेश किया जा सकता है. SIP की रकम अपने आप बैंक खाते से कट जाती है. गोल्ड SIP में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड गवर्मेंट सिक्योरिटीज हैं, जिन्हें केंद्रीय बैंक आरबीआई, सरकार की ओर से जारी करता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर निवेशकों को हर साल 2.5 फीसदी का ब्याज हासिल होता है. आमतौर पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का लॉक इन पीरियड 5 साल है और मैच्योरिटी पीरियड 8 साल है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, पेपर फॉर्म में होता है. निवेशक को कम से कम एक ग्राम सोने के लिए निवेश करना होगा. कोई भी व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार अधिकतम 4 किलो मूल्य तक का गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है. ट्रस्ट और समान संस्थाओं के लिए खरीद की अधिकतम सीमा 20 किलो है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सभी बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों (Stock Exchanges), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (BSE) के माध्यम से बेचे जाते हैं.
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स भी सोने में निवेश का एक तरीका है. यह गोल्ड ईटीएफ में निवेश करता है. म्यूचुअल फंड की तरह गोल्ड में भी SIP शुरू कैसे इन्वेस्ट कर सकते हैं? कर सकते हैं. इससे 500 रुपये की छोटी रकम से भी सोने में लॉन्ग टर्म के लिए निवेश किया जा सकता है. SIP की रकम अपने आप बैंक खाते से कट जाती है. गोल्ड SIP में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड गवर्मेंट सिक्योरिटीज हैं, जिन्हें केंद्रीय बैंक आरबीआई, सरकार की ओर से जारी करता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर निवेशकों को हर साल 2.5 फीसदी का ब्याज हासिल होता है. आमतौर पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का लॉक इन पीरियड 5 साल है और मैच्योरिटी पीरियड 8 साल है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, पेपर फॉर्म में होता है. निवेशक को कम से कम एक ग्राम सोने के लिए निवेश करना होगा. कोई भी व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार अधिकतम 4 किलो मूल्य तक का गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है. ट्रस्ट और समान संस्थाओं के लिए खरीद की अधिकतम सीमा 20 किलो है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सभी बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों (Stock Exchanges), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (BSE) के माध्यम से बेचे जाते हैं.