ट्रेडिंग विचार

व्यापार विदेशी मुद्रा नासिक

व्यापार विदेशी मुद्रा नासिक

Economy रुपया 34 पैसे की गिरावट के साथ 81.25 प्रति डॉलर पर

मुंबई: निराशाजनक व्यापार आंकड़ों तथा विदेशी कोषों की निकासी के कारण अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 34 पैसे की गिरावट के साथ 81.25 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। बाजार सूत्रों ने कहा कि वैश्विक बाजारों में जोखिम लेने की धारणा कमजोर होने से रुपया प्रभावित हुआ।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 81.41 पर खुला। कारोबार के दौरान रुपया 81.23 के दिन के उच्चस्तर और 81.58 के निचले स्तर को छूने के बाद अंत में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 34 पैसे की गिरावट के साथ 81.25 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। यह पिछले कारोबारी सत्र में 37 पैसों की तेजी के साथ 80.91 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा में अनुसंधान विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजारों में जोखिम से बचने और कमजोर एशियाई मुद्राओं के कारण भारतीय रुपये में गिरावट आई है। एफआईआई की निकासी से भी रुपया प्रभावित हुआ।” इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख व्यापार विदेशी मुद्रा नासिक मुद्राओं की तुलना में डॉलर की कमजोरी या मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.28 प्रतिशत कमजोर होकर 106.10 रह गया।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.47 प्रतिशत घटकर 94.30 डॉलर प्रति बैरल रह गया। वहीं, बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 107.73 अंक की तेजी के साथ 61,980.72 अंक पर बंद हुआ। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने मंगलवार को 221.32 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। (एजेंसी)

Economy रुपया 34 पैसे की गिरावट के साथ 81.25 प्रति डॉलर पर

मुंबई: निराशाजनक व्यापार आंकड़ों तथा विदेशी कोषों की निकासी के कारण अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 34 पैसे की गिरावट के साथ 81.25 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। बाजार सूत्रों ने कहा कि वैश्विक बाजारों में जोखिम लेने की धारणा कमजोर होने से रुपया प्रभावित हुआ।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 81.41 पर खुला। कारोबार के दौरान रुपया 81.23 के दिन के उच्चस्तर और 81.58 के निचले स्तर को छूने के बाद अंत में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 34 पैसे की गिरावट के साथ 81.25 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। यह पिछले कारोबारी सत्र में 37 पैसों की तेजी के साथ 80.91 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

शेयरखान बाय बीएनपी पारिबा में अनुसंधान विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा, ‘‘वैश्विक बाजारों में जोखिम से बचने और कमजोर एशियाई मुद्राओं के कारण भारतीय रुपये में गिरावट आई है। एफआईआई की निकासी से भी रुपया प्रभावित हुआ।” इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की कमजोरी या मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.28 प्रतिशत कमजोर होकर 106.10 रह गया।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.47 प्रतिशत घटकर 94.30 डॉलर प्रति बैरल रह गया। वहीं, बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 107.73 अंक की तेजी के साथ 61,980.व्यापार विदेशी मुद्रा नासिक व्यापार विदेशी मुद्रा नासिक 72 अंक पर बंद हुआ। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने मंगलवार को 221.32 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। (एजेंसी)

समाचार में:

आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे 6 राज्यों में व्यावसायिक खेती के लिए BT कपास। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि, BT कपास GEAC द्वारा अनुमोदित पहली और एकमात्र ट्रांसजेनिक फसल है।

  • BT बैंगन: महिको ने धारवाड़ कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय और तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय के साथ संयुक्त रूप से BT बैंगन विकसित किया। भले ही जीईएसी 2007 ने BT बैंगन की व्यावसायिक रिलीज की सिफारिश की थी, लेकिन 2010 में इस पहल को रोक दिया गया था।

आगे बढ़ने का रास्ता:

  • सुरक्षा प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए कठोर निगरानी की आवश्यकता है, और अवैध GM फसलों के प्रसार को रोकने के लिए प्रवर्तन को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
  • इसके अलावा, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन स्वतंत्र पर्यावरणविदों द्वारा किया जाना चाहिए, क्योंकि किसान पारिस्थितिकी और स्वास्थ्य पर GM फसलों के दीर्घकालिक प्रभाव का आकलन नहीं कर सकते हैं और न ही कर सकते हैं।

8. क्रिकेट में भुगतान इक्विटी पॉलिसी

  • हाल ही में, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने एक " पे इक्विटी पॉलिसी " की घोषणा करते हुए कहा कि उसके केंद्रीय अनुबंधित पुरुष और महिला खिलाड़ियों को समान मैच फीस मिलेगी।
  • यह कदम लैंगिक वेतन समानता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स 2022 के अनुसार, प्रगति की वर्तमान दर पर, पूर्ण समता तक पहुंचने में 132 साल लगेंगे।

महिला खिलाड़ी की फीस में वृद्धि के बारे में:

  • महिला खिलाड़ियों को अब प्रति टेस्ट मैच के लिए 15 लाख रुपये, एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय (वनडे) के लिए 6 लाख रुपये, और टी 20 इंटरनेशनल के लिए 3 लाख रुपये मिलेंगे । अब तक, उन्हें एक सफेद गेंद के मैच (ODI & T20I) के लिए 1 लाख रुपये और एक टेस्ट के लिए 4 लाख रुपये का भुगतान किया जाता था।

महिला क्रिकेटरों के लिए वार्षिक रिटेनरशिप समान रहती है :

  • ग्रेड A के लिए 50 लाख रुपये,
  • ग्रेड B के लिए 30 लाख रुपये और
  • ग्रेड C के लिए 10 लाख रुपये।
  • अधिक खेल खेलने वाले पुरुषों को उनके ग्रेड के आधार पर 1-7 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाता है।

क्या किसी अन्य देश ने भी खेलों में समान वेतन लागू किया है?

  • भारत अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में समान वेतन लागू करने वाला दूसरा देश बन गया है।
  • न्यूजीलैंड क्रिकेट (NZC) ने 2022 में, देश के खिलाड़ियों के संघ के साथ एक समझौता किया था, जिससे महिला क्रिकेटरों को पुरुष खिलाड़ियों के बराबर कमाई करने में मदद मिली।
  • यह संयुक्त राज्य अमेरिका की महिला राष्ट्रीय फुटबॉलरों द्वारा समान मुआवजे को सुरक्षित करने के लिए अपने महासंघ के साथ छह साल की लंबी लड़ाई जीतने के चार महीने बाद आता है।
  • टेनिस ने अपने पुरुष और महिला खिलाड़ियों के बीच समान वेतन बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं, और आज सभी चार प्रमुख टेनिस टूर्नामेंट (ऑस्ट्रेलियाई ओपन, रोलैंड गैरोस, विंबलडन और यूएस ओपन) समान पुरस्कार राशि प्रदान करते हैं।

खेलों में लैंगिक वेतन समानता लाने में चुनौतियाँ:

  • राजस्व सृजन: तर्क यह है कि पुरुष खिलाड़ियों द्वारा उत्पन्न प्रतिफल महिलाओं की तुलना में अधिक है। खेलों में मौद्रिक लाभों का आकलन करते समय , कुछ बातों पर विचार किया जाता है, जिसमें विज्ञापन, खेल की बिक्री और टिकटों की बिक्री, अन्य शामिल हैं। हालांकि, यह दर्शकों की संख्या और फैनबेस पर आधारित है, जो बदले में, खेल की एंड्रोसेंट्रिक प्रकृति से प्रभावित है। खेल में महिलाओं का प्रवेश सामाजिक प्रतिबंधों के कारण पुरुषों की तुलना में बहुत बाद में हुआ। इसके परिणामस्वरूप महिलाओं के खेल का 'मनोरंजन मूल्य' कम हो गया है।
  • डिफरेंशियल परफॉर्मेंस: इस तर्क में कहा गया है कि चूंकि पुरुष ' मजबूत ' हैं और महिलाओं की तुलना में खेलों में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं , इसलिए उन्हें अधिक राशि का भुगतान किया जाना चाहिए। पेशेवर टेनिस में , पुरुष प्रति मैच पांच सेट खेलते हैं और महिलाएं प्रति मैच तीन सेट खेलती हैं , यह नियम इस धारणा पर आधारित है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में शारीरिक रूप से कमजोर हैं। महिलाओं की पांच सेट खेलने की इच्छा और क्षमता के बावजूद , निर्णय लेने वालों (जो ज्यादातर पुरुष थे) का मानना ​​था कि अगर महिलाएं पांच सेट खेलती हैं तो खेल की गुणवत्ता खराब हो जाएगी।
  • प्रतिनिधित्व के मुद्दे: खेल प्रशासन संरचनाओं में महिलाओं का कमजोर प्रतिनिधित्व भी खेल उद्योग में वेतन अंतर के बने रहने का एक कारण है। कुछ शासन संरचनाओं में महिला प्रतिनिधित्व में सुधार हुआ है, लेकिन यह हाल ही में हुआ है। इसके अलावा, अधिकांश शासी निकायों को अभी भी महिला सदस्यता बढ़ाने के लिए एक मजबूत धक्का की आवश्यकता है।

ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स 2022 का प्रमुख रहस्योद्घाटन क्या है?

  • ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स देशों को उनकी प्रगति के आधार पर चार मुख्य आयामों में उप-मैट्रिक्स के साथ लैंगिक समानता की दिशा में बेंचमार्क करता है:
  • आर्थिक भागीदारी और अवसर, शैक्षिक प्राप्ति, स्वास्थ्य और उत्तरजीविता, राजनीतिक अधिकारिता।
  • कुल 146 देशों में से भारत 135वें स्थान पर है ।
  • भारत का समग्र स्कोर 0.625 (2021 में) से बढ़कर 0.629 हो गया है, जो पिछले 16 वर्षों में इसका सातवां उच्चतम स्कोर है।
  • 2021 में भारत 156 देशों में 140वें स्थान पर था।
  • आर्थिक भागीदारी और अवसर (श्रम बल में महिलाओं का प्रतिशत, समान कार्य के लिए वेतन समानता, अर्जित आय):
  • भारत विवाद में 146 देशों में से 143वें स्थान पर है, भले ही इसका स्कोर 2021 में 0.326 से 0.350 तक सुधरा है।
  • 2021 में, भारत 156 देशों में से 151 पर आंका गया था ।
  • भारत का स्कोर वैश्विक औसत से काफी कम है और इस मीट्रिक पर भारत से केवल ईरान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही पीछे हैं।

सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक जीवन में लैंगिक अंतर को कम करने के लिए भारतीय पहलें क्या हैं?

पीएससी परीक्षा में अर्थशास्त्र विषय की ऐसे करें व्यापार विदेशी मुद्रा नासिक तैयारी

Such preparations of economics subjects in PSC exam

छिंदवाड़ा. भारतीय अर्थव्यवस्था पर एमपीपीएससी परीक्षा में ७ से ८ प्रश्न पूछे जाते हंै। साथ ही समसमायिकी की अर्थव्यवस्था को व्यापार विदेशी मुद्रा नासिक प्रमुख आधार बनाकर पढऩा चाहिए। करीब ६० प्रतिशत प्रश्न इस संदर्भ में पूछे जाते हैं। कुछ प्रतियोगी परीक्षा पर आधारित पुस्तकों की भी मदद ली जा सकती है। अर्थशास्त्र के अध्ययन के लिए इसे दो भागों में बांटा जा सकता है।

इसमें पहला समसमायिकी अर्थव्यवस्था, इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रारंभ की गई योजनाओं, परिवर्तनों, उनकी यात्राएं व संधियों को आधार बनाकर पढें़। यह सामग्री व मूल्यांकन इंटरनेट पर आसानी से उपलब्ध हो जाएगा। इसके अलावा बताई गई समसमायिकी पुस्तकों का अर्थव्यवस्था खंड पढें़। वहीं दूसरा भाग परम्परागत अर्थव्यवस्थ के अंतर्गत लूसेंट सामान्य ज्ञान में दी गई। सभी टेबल व अर्थव्यवस्था खंड के अंतिम पृष्ठ पर दिया गया विविध तैयार करें।

1. विश्व की अर्थव्यवस्थाओं का वास्तविक एवं क्रय शक्ति क्षमता का वर्तमान क्रम।

2. राष्ट्रीय आय - प्रथम प्रयास, गणना विधि, वित्तिय वर्ष, संबंधित शब्दावली, केंद्रीय व राज्य सांख्यिकी संगठन (कार्य व स्थापना)।


3. आर्थिक नियोजन व पंचवर्षीय योजनाएं - इतिहास, समितियां, मॉडल, कालक्रम, उद्देश्य, नारे, बाहरवीं पंचवर्षीय योजना का घोषणा पत्र आंकड़ों सहित जिसमें -

(अ) अन्य कार्यक्रम की तिथियां व पूरे नाम (ट्रायसेम, ड्वफ्रा, अंत्योदय, इंदिरा आवास, अमृत, पीएम रोजगार योजना)।
(ब) मनरेगा (नाम परिवर्तन, स्थापना, नीति निर्माता)।
(स) निर्धनता रेखा - तेंदुलकर समिति व योजना आयोग का अनुमान।

(अ) उद्योग - अर्थव्यवस्था में योगदान, सुधार समितियां, महारत्न कम्पनी, (संख्या व पूरा नाम), नवरत्न व मिनी रत्न (संख्या), आरक्षित उद्योग, मेक इन इंडिया, टकसाल मुद्रा निर्माण उद्योग (नासिक, देवास, होशंगाबाद आदि), एसईजेड, ईईजेड (संख्या व स्थान)।
(ब) कृषि - अर्थव्यवस्था में भाग, कृषि वर्ष, किसान आयोग (गठन व अध्यक्ष), कुल खाद्यान उत्पादन, कृषि बोर्ड के मुख्यालय (कॉफी, रबर, चाय, जूट बोर्ड आदि)।
(स) व्यापार - भारत में सर्वाधिक व्यापार, तेल व्यापार वाले देश, विदेशी मुद्रा भंडार , संगठनों की व्यापार विदेशी मुद्रा नासिक स्थापना, मुख्यालय,
भाग, अध्यक्ष, सदस्य (आईएमफ, डब्ल्यूटीओ, जीएटीटी, ओपेक, सार्क, यूएनओ, डब्ल्यूएचओ, आईएमफ, आसियान)।

6. पुस्तक - एडम स्मिथ, मार्शल, माक्र्स, कीन्स की पुस्तकें।

7. वित्त व्यवस्था - विभिन्न वित्तीय संस्थाओं की स्थापना, मुख्यालय, अध्यक्ष व लेखा (आरबीआई, यूटीआई, एलआईसी, आईआरडीए, नाबार्ड, एक्जिम बैंक, एसबीआई, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, एक्सेस, आईडीबीआई, महिला बैंक)।
(अ) बैंकिंग - राष्ट्रीयकृत बैंक (नाम व तिथि), व्यापार विदेशी मुद्रा नासिक इतिहास, प्रथम (मोबाइल बैंक, तैरता एटीएम, एटीएम, ग्रामीण बैंक, ऑनलाइन बैंक आदि) तथा वर्तमान दरें (बैंक दर, रेपो दर, रिवर्स रेपो दर, बचत बैंक दर, सीआरआर, एसएलआर)।
(ब) भारतीय शेयर बाजार - स्थापना, प्रथम, मुख्यालय, भाग, तेजडि़या, मंदडि़या, स्टॉक एक्सचेंज (भारत, न्यूयार्क, टोकियो, हांगकांग, चीन, यूएसए, इटली)।
(स) बजट - इतिहास, अनुच्छेद ११२, पेशकर्ता (प्रथम, वर्तमान, सर्वाधिक बार, महिला प्रधानमंत्री), आम बजट में रेल बजट कब जुड़ा व कब हटा, टीवी पर बजट कब से आया। कर (वीएटी, प्रमुख समितियां, जीएसटी- समसमायिकी से जोडक़र)।


8. प्रमुख समितियां व उनकी विषयवस्तु - स्वामीनाथन, दांतवाला, रेखी, सहकारिता, महालनोबिस, रंगराजन, चेलैया, गोईपोरिया, नरसिम्हन, सच्चर, तेंदुलकर, आबिद हुसैन समिति।

9. नीति आयोग - गठन व सदस्य।

10. विश्व बौद्धिक संपदा संगठन - स्थापना, भाग व कार्य।


11. प्रमुख परिभाषाएं - स्टैगफ्लेशन, मुद्रा संकुचन, विमुद्रीकरण , ब्रिजलोन, अवमूल्यन, गिनी गुणांक, लॉरेंस वर्क, बफर स्टॉफ, मिश्रित अर्थव्यवस्था, शिफिन वस्तुएं, मुद्रा स्फीति, ब्लो आउट, स्नो बॉलिंग, ग्रे मार्केट।

12. विमुद्रीकरण - कब-कब हुआ व वर्तमान प्रभाव।

14. समसमायिकी की सहायता से वर्तमान व्यापार विदेशी मुद्रा नासिक में भारत व मप्र में संचालित योजनाओं की स्थापना तिथि, पहला प्रयोग, विषयवस्तु पढे़ं (मुख्यत: महिला, विकलांग व गृह निर्माण सम्बंधी)।

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