विकल्प प्रकार

5 बहुविकल्पीय प्रश्नों में से उत्तर निकालने के कुल कितने प्रकार होंगें यदि हर प्रश्न में विकल्प 4 हैं ?
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निर्णयन का अर्थ, परिभाषा, प्रकार, महत्व एवं प्रक्रिया
निर्णयन का शाब्दिक अर्थ, किसी निष्कर्ष पर पहुचने से लगाया जाता है। व्यवसाय में प्रवर्तन से समापन तक निर्णय ही लेने पड़ते हैं। प्रबन्धकों को उपलब्ध विभिन्न विकल्पों में से श्रेष्ठतम विकल्प का चयन करना पड़ता है जिससे न्यूनतम लागत पर, कम समय में, कुशलतापूर्वक कार्यों को सम्पन्न किया जा सके। पीटर एफ. ड्रकर के शब्दों में, ‘‘एक प्रबन्धक जो भी क्रिया करता है वह निर्णय पर आधारित होती है।उसे निर्णय लेकर ही अपने कर्तव्यों का निष्पादन करना पड़ता है। कब व्यवसाय प्रारम्भ करें? कितने लोगों को काम पर लगायें? किस वस्तु का उत्पादन करें? कच्चा माल कहॉं से क्रय करें? निर्मित माल की बिक्री कहाँ करें? आदि निर्णयन ही तो है।
निर्णयन परिभाषा
- आर.एस.डाबर के शब्दों में ‘‘निर्णयन को दो या अधिक विकल्पों में से एक आचरण विकल्प का किसी सिद्धान्त के आधार पर चुनाव करने विकल्प प्रकार के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।निर्णय लेने का आशय काम समाप्त करना या व्यावहारिक भाषा में किसी निष्कर्ष पर पहुँचना ।
- कून्टज एवं ओडोनेल के अनुसार, ‘‘शब्दों एक क्रिया को करने के विभिन्न विकल्पों में से किसी एक का वास्तविक चयन है। यह नियोजन की आत्मा है।’’
- जी.एल.एस. शेकैल के अनुसार, ‘‘निणर्य लेना रचनात्मक मानसिक क्रिया का वह केन्द्र बिन्दु होता है जहॉं ज्ञान विचार भावना तथा कल्पना कार्यपूर्ति के लिए एकत्र किये जाते हैं।
- अर्नेस्ट डेल - ‘‘प्रबधंकीय निर्णयों से आशय उन निर्णयों से है जो प्रबंध संबंधी प्रत्येक क्रिया नियोजन, संगठन, स्टाकिंग, नियंत्रण, नव प्रवर्तन तथा प्रतिनिधित्व करना आदि के निश्पादन के लिए आवश्यक होते हैं।’’
- जार्ज टैटी - ‘‘निर्णयन मापदण्डों पर आधारित दो या दो से अधिक संभावित विकल्पों में से किसी एक विकल्प का चयन है।’’
- हर्बर्ट साइमन - ‘‘निर्णयन के अन्तर्गत तीन प्रमुख अवस्थायें समाहित होती हैं - कार्य करने के अवसरों का पता लगाना, कार्य के सम्भावित क्रमों का पता लगाना तथा कार्य के सम्भावित क्रमों में से चयन करना।
- हाज एवं जॉनसन -’’उपलब्ध विभिन्न विकल्पों में से एक विशेष विकल्प का चयन करना ही निर्णयन कहलाता है।’’
निर्णयन के प्रकार
- प्रमुख व गौण निर्णय
- अनियोजित एवं नियोजित निर्णय
- संगठनात्मक एवं व्यक्तिगत निर्णय
- नैतिक एवं व्यूह रचना संबंधी निर्णय
- व्यक्तिगत एवं सामूहिक निर्णय
- नीति विषयक निर्णय एवं संचालन संबंधी निर्णय
प्रमुख व गौण निर्णय -
जब किसी महत्वपूर्ण विष्ज्ञय पर निणर्य लिये जाते हैं तो इसे प्रमुख निर्णय कहते हैं। इसे आधारभूत निर्णय या महत्वपूर्ण निर्णय भी कहते हैं। भूमि क्रय करना, संयंत्र क्रय करना, वस्तु का मूल्य निर्धारित करना आदि निर्णय इस वर्ग में आते हैं। ऐसे निर्णयों के लिये अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता होती है। जब सामान्य मामलों के संबंध में निर्णय लिये जाते हैं जिसके लिए अधिक सोच विचार करने की आवश्यकता नहीं होती है तो ऐसे निर्णयों को गौण निर्णय कहते हैं। इनमें स्टेशनरी क्रय करना, फोन के बिलों का भुगतान करना आदि आते हैं।
अनियोजित एवं नियोजित निर्णय -
ऐसे निर्णय जो किसी परिस्थिति विशेष पर अकस्मात लेने पड़ते हैं जिसके लिए कोई पूर्व योजना नहीं होती है अनियोजित निर्णय कहलाते हैं। इसके विपरीत ऐसे निर्णय जो किसी पूर्व येाजना पर आधारित होते हैं, नियोजित निर्णय कहलाते हैं। नियोजित निर्णय ठोस तथ्यों पर आधारित होते हैं क्योंकि यह पूर्व निर्धारित योजना पर आधारित होते हैं।
संगठनात्मक एवं व्यक्तिगत निर्णय -
ऎसे निणर्य जो संगठन को प्रत्यक्षत: प्रभावित करते हैं। यह संगठन के पदाधिकारी के रूप में लिये गये होते हैं तो ऐसे निर्णय को संगठनात्मक निर्णय कहते हैं। दूसरे शब्दों में किसी संगठन में कार्यरत व्यक्ति द्वारा अपने पद के कारण जो निर्णय लेने पड़ते हैं जिससे संगठन प्रभावित होता है संगठनात्मक निर्णय कहलाते हैं। इसके विपरीत व्यक्ति द्वारा लिये गये ऐसे निर्णय जिससे व्यक्ति का व्यक्तिगत जीवन प्रभावित होता है व्यक्तिगत निर्णय कहलाते हैं। माल कब क्रय करना है? कितना क्रय करना है? आदि संगठनात्मक निर्णय है। आज कहॉं जाना है किस मित्र से मिलना है? आदि व्यक्तिगत निर्णय है।
नैतिक एवं व्यूह रचना संबंधी निर्णय -
ऐसे निर्णय जो दिन प्रतिदिन के कार्यों से सम्बन्धित होते हैं नैतिक निर्णय कहलाते हैं। इन्हें सामान्य निर्णय भी कहते हैं। जैसे दिहाड़ी मजदूर को किया जाने वाला मजदूरी भुगतान। व्यूह रचना संबंधी निर्णय लेना व्यवसाय के लिए कठिन होता है। यह व्यवसाय के भविष्य को प्रभावित करते हैं तथा सम्पूर्ण संगठन को प्रभावित करता है। ऐसे निर्णय प्रतिद्वन्दियों को पराजित करने तथा व्यावसाय विषम परिस्थितियों में भी सफलता से संचालित करने हेतु किये जाते हैं।
व्यक्तिगत एवं सामूहिक निर्णय -
ऐसे निर्णय जो केवल एक व्यक्ति द्वारा लिये जाते हैं व्यक्तिगत निर्णय कहलाते हैं। एकल स्वामित्व व्यवसाय में लिये जाने वाले निर्णय व्यक्तिगत निर्णय कहलाते हैं। ऐसे निर्णय जो एक समूह द्वारा जैसे अधिकारियों एवं कर्मचारियों के समूह, द्वारा लिये जाते हैं, सामूहिक निर्णय कहलाते हैं।
नीति विषयक निर्णय विकल्प प्रकार एवं संचालन संबंधी निर्णय -
नीति विषयक निर्णय संगठन के शीर्ष प्रबंध द्वारा लिये जाते हैं । यह संगठन की आधारभूत नीतियों से संबंधित होते हैं। लाभाशं की दर निर्धारित करना? कर्मचारियों को प्रशिक्षण देना आदि नीति विषयक निर्णयों की श्रेणी में आते हैं। संचालन संबंधी निर्णय निम्नस्तरीय प्रबंधकों द्वारा लिये जाते हैं। किस व्यक्ति को कौन सा काम करना है? कितना काम आज हो जाना चाहिए? आदि संचालन संबंधी निर्णय ही हैं।
निर्णयन का महत्व
सभी क्षेत्रों में निर्णयन की आवश्यकता पड़ती है। प्रत्येक परिस्थिति में प्रबंधकों द्वारा लिये गये निर्णय सही होने चाहिए तथा जिस उद्देश्य की पूर्ति हेतु निर्णय लिये गये हैं उनकी पूर्ति होनी चाहिए। एक गलत निर्णय जीवन को संकट में ला सकता है। सही निर्णयन क्षमता ही व्यावसायिक सफलता का आधार होती है। लिये गये सटीक निर्णय प्रगति के पथ पर ले जाते हैं ।
निर्णयन प्रक्रिया
- समस्या को परिभाषित करना
- समस्या का विश्लेषण करना
- वैकल्पिक हलों पर विचार करना
- सर्वश्रेष्ठ विकल्प का चयन करना
समस्या को परिभाषित करना -
निर्णयन का प्रथम चरण समस्या को परिभाषित करना है। समस्या की प्रकृति कैसी है? इसका स्वरूप कैसा है? यह कितनी मात्रा में संगठन को प्रभावित करती है? आदि प्रमुख बिन्दु पर विचार किया जाता है। समस्या को परिभाषित करना ठीक उसी प्रकार है जिस प्रकार किसी बीमारी को पता लगाने हेतु चिकित्सकीय परीक्षण किये जाते हैं और बीमारी का सही विकल्प प्रकार सही पता लगाया जाता है। इसके पश्चात ही बीमारी के उपचार हेतु औषधि दी जाती है। इसी प्रकार निर्णयन के प्रथम चरण में समस्या को सुपरिभाषित किया जाता है जिससे समस्या के सम्बन्ध में सही सही निर्णय लिये जा सकें।
RSCIT Assessment 15
आपके कम्प्युटर का प्रबंधन (Managing Your Computer) | RKCL | VMOU kota | MyRKCL
यहाँ पर RS-CIT के ilearn Assessment में जो प्रश्न पूछे जाते वो सभी 14 प्रश्न यहाँ पर दिए गए है | ilearn Assessment में आपसे 10 प्रश् ही पूछे जाते है | जिनके उत्तर आप इन प्रश्नो को देख कर दे सकते हो जिससे आपके असेसमेंट में 2 नंबर में से पुरे के पुरे दो नंबर प्राप्त कर सकते हो | यहाँ पर आपको 15 Assessmnet दिया गया है | इस पहला Lesson - 15 आपके कम्प्युटर का प्रबंधन (Managing Your Computer) के नाम से भी जाना जाता है |
आप चाहें तो चीनी की जगह आजमा सकते हैं ये बेहतर विकल्प
हम सभी के घरों में सफेद चीनी का इस्तेमाल किया जाता है पर स्वास्थ्य के लिहाज से इसे फायदेमंद नहीं माना जाता. ऐसे में चीनी की जगह इन पांच चीजों को विकल्प के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं.
भूमिका राय
- नई दिल्ली,
- 14 जनवरी 2016,
- (अपडेटेड 14 जनवरी 2016, 6:07 PM IST)
बहुत कम ही लोग ऐसे होंगे जिन्हें चाय या कॉफी में चीनी न होने से फर्क नहीं पड़ता है. पर इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि चीनी की मिठास के बिना खाने-पीने की कई चीजें बेस्वाद ही रह जाएंगी.
आमतौर पर हम सभी के घरों में सफेद चीनी का इस्तेमाल किया जाता है पर स्वास्थ्य के लिहाज से इसे फायदेमंद नहीं माना जाता है. हालांकि आप चाहें तो चीनी की जगह इन पांच चीजों को विकल्प के रूप में इस्तेमाल में ला सकते हैं.
अच्छी बात यह है कि ये सभी चीजें मिठास में कहीं विकल्प प्रकार से भी चीनी से कम नहीं हैं और साथ ही फायदेमंद भी हैं. हालांकि सेहत को तवज्जो देने वाले अब सफेद चीनी की जगह ब्राउन शुगर का इस्तेमाल करने लगे हैं पर यही एकमात्र विकल्प नहीं है. यहां ऐसे ही कुछ विकल्प दिए जा रहे हैं जिन्हें आप चीनी की जगह इस्तेमाल कर सकते हैं:
1. एक कप कॉफी या चाय में ब्राउन शुगर का इस्तेमाल करना सफेद चीनी की तुलना में कहीं अधिक फायदेमंद रहता है. ब्राउन शुगर में कई प्रकार के लवण मौजूद होते हैं जो इम्यूनिटी को बढ़ाने का काम करते हैं. ये बीमारियों से भी बचाते हैं.
2. मिठास के लिए खजूर का भी इस्तेमाल करना बहुत फायदेमंद होता है. मधुमेह के रोगियों के लिए भी इसे बेहद सुरक्षित माना जाता है. आप चाहें तो इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़कर या फिर इसका सीरप बनाकर मिठास लाने के लिए इस्तेमाल में ला सकते हैं.
3. एक चम्मच चीनी से कहीं बेहतर है कि आप एक चम्मच शहद का इस्तेमाल करें. शहद न केवल दिल के लिए अच्छा होता है बल्कि इसे वजन कम करने में भी सहायक माना जाता है.
4. चीनी का सबसे बेहतरीन विकल्प है गुड़. आप चाहें तो गुड़ को विकल्प प्रकार हर उस चीज में मिठास के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, जहां आप चीनी का प्रयोग करते हैं. यह खून बढ़ाने में सहायक है. साथ ही इसके इस्तेमाल से पाचन क्रिया भी बेहतर होती है.
5. कई व्यंजन ऐसे भी हैं जिनमें आप फलों का सत्व इस्तेमाल करके उनमें मिठास ला सकते हैं.
एनबीएफसी से पर्सनल लोन लेना बेहतर विकल्प क्यों है
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) व्यक्तिगत प्रस्ताव, व्यापक पहुंच, मजबूत जोखिम प्रबंधन, विभिन्न को-लेंडिंग एग्रीमेंट और गतिशील डिजिटल उपस्थिति के साथ आती हैं, जिसकी वजह से भारत में विकल्प प्रकार क्रेडिट लेना और भी सुगम और लोकप्रिय हो गया है. आगे पढ़ें और जानें कि उधारकर्ता, बैंक लोन की तुलना में एनबीएफसी लोन लेना क्यों पसंद करते हैं.
एनबीएफसी पर्सनल लोन बेहतर विकल्प क्यों है?
1. आसान पात्रता मानदंड
अब आपको नहीं सहने पड़ेंगे लंबे और जटिल पर्सनल लोन के लिए पात्रता मानदंड एनबीएफसी के साथ. प्राथमिक मानदंड जिस पर ये लेंडर विचार करते हैं, वह है आपका क्रेडिट स्कोर. न्यूनतम 750 का सिबिल स्कोर होने से आपको तुरंत मंज़ूरी मिल कर सकती है. कम क्रेडिट स्कोर वाले लोग भी पर्याप्त आय और दमदार करियर पोर्टफोलियो दर्शाकर अप्लाई कर सकते हैं.
इसके विपरीत, बैंकों द्वारा निर्धारित पात्रता शर्तें काफी कठिन रहती हैं, विशेषकर स्व-व्यवसायी एप्लीकेंट्स के लिए.
2. न्यूनतम से शून्य पेपरवर्क
मौजूदा या प्री-अप्रूव्ड कस्टमर को एनबीएफसी के साथ पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करते समय कोई डॉक्यूमेंट सबमिट करने की आवश्यकता नहीं होती. नए कस्टमर के लिए, आवश्यक डॉक्यूमेंट केवाईसी, बैंक अकाउंट स्टेटमेंट और विकल्प प्रकार लेटेस्ट सेलरी स्लिप के ओवीडी तक सीमित हैं.
बैंकों के मामले में, मौजूदा और नए कस्टमर दोनों को ही लंबा पेपरवर्क सबमिट करना पड़ सकता है. इन लेंडर को आमतौर पर स्व-व्यवसायी आवेदक से अतिरिक्त डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है.
3. तुरंत स्वीकृति
प्री-अप्रूव्ड कस्टमर, पर्सनल लोन के लिए, सर्वश्रेष्ठ एनबीएफसी के साथ अप्लाई करने के कुछ मिनटों के भीतर लोन का अप्रूवल प्राप्त कर सकते हैं. अन्य मामलों में भी, आप प्रतिष्ठित एनबीएफसी से केवल 5 मिनट* में अनसेक्योर्ड लोन अप्रूवल प्राप्त कर सकते हैं.
बैंकों के साथ आमतौर पर ऐसा नहीं होता, क्योंकि उनके यहां एप्लीकेशन अप्रूव करने से पहले कई आंतरिक प्रक्रियाएं होती हैं.
4. जल्द प्रोसेसिंग
एनबीएफसी अप्रूवल के बाद एक कार्य दिवस के भीतर एप्लीकेशन को प्रोसेस कर सकते हैं. इस प्रकार उधारकर्ता चुनी नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों के साथ 24 घंटों* के अंदर अपने अकाउंट में पैसे प्राप्त कर सकते हैं. यह एनबीएफसी लोन को मेडिकल एमरजेंसी जैसी तुरंत आवश्यकताओं के लिए आदर्श फंडिंग विकल्प बनाता है.
बैंकों से पर्सनल लोन का डिस्बर्सल समय कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों के बीच कितना भी बढ़ सकता है.
5. पूरी तरह से ऑनलाइन एप्लीकेशन प्रोसेस
हम 100% डिजिटल और पेपरलेस एप्लीकेशन प्रोसेस की सुविधा देते हैं. प्रक्रिया शुरू करने के लिए आपको केवल नाम, फोन नंबर और शहर जैसे मूल विवरण प्रदान करने होंगे.
दूसरी ओर, कई बैंकों आज विकल्प प्रकार भी ऑनलाइन लोन एप्लीकेशन प्रोसेस प्रदान नहीं करते. यह इसे ज़्यादा कठिन बनाता है क्योंकि उधारकर्ताओं को ब्रांच में जाना पड़ता है और व्यक्तिगत रूप से अप्लाई करना पड़ता है.
6. असाधारण कस्टमर सर्विस
और अंत में, एनबीएफसी बेहतरीन कस्टमर सर्विस प्रदान करते हैं जिनपर भरोसा किया जा सकता है. ये लेंडिंग कंपनियां आमतौर पर एक कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजर नियुक्त करती हैं जो पर्सनल लोन अप्लाई करने या स्वीकृत करने से पहले और बाद में उधारकर्ता की सहायता करने के लिए उपलब्ध होते हैं.
दूसरी ओर, बैंकों में ऐसी सर्विस, विशेष रूप से सार्वजनिक क्षेत्र में, कस्टमर-केंद्रित नहीं होती हैं.
इन सभी कारणों से, एनबीएफसी से लोन लेने का विकल्प अक्सर बेहतर माना जाता है. आप बैंक की तुलना में एनबीएफसी (पात्रता के आधार पर) से ज़्यादा इंस्टेंट लोन भी प्राप्त कर सकते हैं. मामूली ब्याज़ दरों पर आकर्षक विशेषताएं और लाभ प्राप्त करने के लिए बजाज फिनसर्व के साथ पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करें.