डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है?

डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है?
रुपये ने डॉलर तोड़ा अपना पिछला रिकॉर्ड कर 79.99 के निचले स्तर पर पहुंच गया डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? है।

रुपया धड़ाम! पहली बार 1 डॉलर का भाव 77.40 रुपये पार, जयंत बोले- लुटिया डुबो दी

अमेरिकी डॉलर (U.S. Dollar) के मुकाबले रुपया (Rupee) सोमवार को रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है। रुपया आज 60 पैसे कमजोर होकर 77.50 पर बंद हुआ। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार (Interbank Forex Exchange Market) में रुपया 27 पैसे कमजोर होकर 77.17 पर खुला था दिनभर के कारोबार में 77.52 का निचला स्तर बनाया। इससे पहले शुक्रवार को ये 76.90 पर बंद हुआ था। पिछले दो कारोबारी सत्रों में, रुपया डॉलर के मुकाबले 115 पैसे टूट चुका है।

मुंबई। अमेरिकी डॉलर (U.S. Dollar) के मुकाबले रुपया (Rupee) सोमवार को रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है। रुपया आज 60 पैसे कमजोर होकर 77.50 पर बंद हुआ। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार (Interbank Forex Exchange Market) में रुपया 27 पैसे कमजोर होकर 77.17 पर खुला था दिनभर के कारोबार में 77.52 का निचला स्तर बनाया। इससे पहले शुक्रवार को ये 76.90 पर बंद हुआ था। पिछले दो कारोबारी सत्रों में, रुपया डॉलर के मुकाबले 115 पैसे टूट चुका है।

पढ़ें :- Rupee at Record Low: रुपया US डॉलर के मुकाबले 82.87 तक गिरा

विदेशी बाजारों (Foreign Markets) में अमेरिकी मुद्रा (Dollar) की मजबूती और विदेशी पूंजी की लगातार निकासी के कारण ऐसा हुआ है। विदेशी मुद्रा (Foreign Currency) कारोबारियों ने कहा कि मुद्रास्फीति (Inflation) को लेकर बढ़ती चिंताओं और वैश्विक केंद्रीय बैंकों (Global Central Banks) द्वारा दरें और बढ़ाने की आशंका के बीच निवेशक जोखिम लेने से बच रहे हैं।

दिन में कारोबार के दौरान रुपया 77.52 के अपने सर्वकालिक निचले स्तर (All Time Low) तक आया। शुक्रवार को रुपया 55 पैसे की गिरावट के साथ 76.90 के भाव पर बंद हुआ था। इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी डॉलर की मजबूती को आंकने वाला डॉलर सूचकांक (Dollar Index) 0.33 प्रतिशत बढ़कर 104 पर पहुंच गया। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.68 प्रतिशत की गिरावट के साथ 110.50 डॉलर प्रति बैरल पर डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? आ गया।

कांग्रेस नेता श्रीनिवास ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि डॉलर निकला मोदी जी की उम्र से 6 वर्ष आगे हुआ रुपया। उन्होंने कहा कि 2014 के मुकाबले करीब 20 रुपए कमजोर। श्रीनिवास ने 2014 में मनमोहन सिंह के कार्यकाल के आखिरी दिन 1 डॉलर की कीमत 58.57 रुपए थी। इसके साथ उन्होंने पीएम का पुराना वीडियो शेयर कर लिखा कि ‘ओह माय गॉड। मोदी जी किस की आबरू गिरने के बारे में यहां बात कर रहे हैं?

कांग्रेस प्रवक्ता रोहन गुप्ता (Rohan Gupta) ने पीएम मोदी का एक पुराना वीडियो शेयर कर लिखा कि आज डॉलर 77 को पार कर गया, मोदी सरकार की गरिमा को तार-तार कर गया। बताइए तो सही, ये कंपटीशन चल रहा है?’ वहीं पीएम मोदी अपने भाषण में कह रहे हैं कि आज देखिए आप, रुपए की कीमत जिस तेजी से गिर रही है। कभी-कभी ऐसा लगता है कि दिल्ली सरकार और रुपए के बीच कंपटीशन चल रहा है। किसकी आबरू तेजी से गिरती जा रही है.. कौन आगे जाएगा?

राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत सिंह चौधरी (Jayant Singh) ने लिखा की लुटिया डुबो दी।

1 सिंगापुर डॉलर से भारतीय रुपया

तालिका डेटा और विविधताओं के विश्लेषण को दर्शाती है। एक साल पहले आज ही के दिन, उन्होंने ₹54.93 भारतीय रुपया के लिए $1.00 सिंगापुर डॉलर के बराबर प्रदान किया था, जो कि है $s की तुलना में यह अब है। पिछले 7 दिनों में, सर्वोत्तम लाभकारी विनिमय दर ₹59.89 थी। किसी भी बदलाव के लिए तैयार रहें, अप-टू-डेट तैयार रहें।

1 साल पहले वास्तविक
₹54.93 ₹59.89
डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है?
स्टेट आखिरी 7 दिन पिछले 30 दिनों में
उच्च ₹59.89 ₹59.89
कम ₹59.18 ₹58.02
औसत ₹59.46 ₹58.93
परिवर्तन ₹0.710 ₹1.87
अस्थिरता 4.59% 5.19%

चार्ट 1 SGD/INR

यह चार्ट उपयोगकर्ताओं को SGD/INR दोलन देखने और पिछले वर्ष के डेटा को देखने की अनुमति देगा। अधिकांश मामलों में, यह डेटा भविष्य के परिवर्तनों की भविष्यवाणी करने के लिए पर्याप्त है।

डॉलर के मुकाबले रुपया 13 पैसे की गिर कर 73.61 पर

विदेशी निवेशकों की ओर से पूंजी की सतत निकासी और अन्य मुद्राओं के समक्ष अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने के बीच बुधवार को डालर के मुकाबले रुपये में में 13 पैसे की गिरावट दर्ज की गयी। दिन में रुपया मजबूत चल रहा था पर अंत में यह गिरावट के साथ 73.61 प्रति डॉलर पर बंद […]

डॉलर के मुकाबले रुपया 13 पैसे की गिर कर 73.61 पर

विदेशी निवेशकों की ओर से पूंजी की सतत निकासी और अन्य मुद्राओं के समक्ष अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने के बीच बुधवार को डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? डालर के मुकाबले रुपये में में 13 पैसे की गिरावट दर्ज की गयी। दिन में रुपया मजबूत चल रहा था पर अंत में यह गिरावट के साथ 73.61 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

बाजार सूत्रों ने कहा कि अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की सितंबर की बैठक का ब्यौरा जारी होने से पहले अमेरिकी डॉलर प्रमुख विदेशी मुद्राओं की तुलना में मजबूत हो गया है। दिन में घरेलू शेयरों में भारी बिकवाली से भी रुपये पर दबाव बढ़ गया।

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अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 73.43 रुपये प्रति डॉलर पर मजबूत खुला और कारोबार के दौरान 73.37 तक मजबूत हो गयां। बाद में रुपये का आरंभिक लाभ लुप्त होता चला गया और अंत में यह 13 पैसे की गिरावट दर्शाता 73.61 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

मंगलवार को रुपया 35 पैसों की तेजी के साथ करीब दो सप्ताह के उच्च स्तर 73.48 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। इस बीच बेहद उतार चढ़ाव भरे कारोबार के बीच बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स बुधवार को 383 अंक नीचे बंद हुआ।

विदेशी संस्थानों पूंजी का सिलसिला बने रहने से भी रुपये की धारणा प्रभावित हुई। प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार विदेशी निवेशकों ने 1,165.63 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की।

फाइनेंशल बेंचमार्क इंडिया प्रा लि (एफबीआईएल) ने संदर्भ दर अमेरिकी मुद्रा के लिए 73.4846 रुपये प्रति डॉलर, यूरो के लिए 84.9800 रुपये प्रति यूरो, ब्रिटिश पौंड के लिए 96.8684 रुपये प्रति पौंड और जापानी येन के लिए 65.47 रुपये प्रति सैकड़ा येन निर्धारित की थी।

भारत की आजादी के वक्‍त एक डॉलर की कीमत थी चार रुपये, आज करीब 80, पढ़ें 75 वर्ष में कैसे हुआ बदलाव

जुलाई 2022 में भारतीय रुपया पहली बार अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 80 के निचले स्तर पर फिसल गया क्योंकि आपूर्ति प्रभावित डॉलर और रुपये के बीच चल क्या रहा है? होने के चलते कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने अमेरिकी डॉलर की मांग को बढ़ावा दिया।

भारत की आजादी के वक्‍त एक डॉलर की कीमत थी चार रुपये, आज करीब 80, पढ़ें 75 वर्ष में कैसे हुआ बदलाव

रुपये ने डॉलर तोड़ा अपना पिछला रिकॉर्ड कर 79.99 के निचले स्तर पर पहुंच गया है।

Rupee’s Journey Since India’s Independence: भारत अपनी आजादी के 75वें वर्ष (75th Independence Day) का जश्न मना रहा है और आने वाले वर्षों के दौरान आर्थिक विकास को ऊंचाइयों पर ले जाने के सपने देख रहा है। अर्थव्यवस्था के अन्य पहलुओं को किनारे रखते हुए आइए देखते हैं कि भारतीय रुपया का 1947 के बाद से अब तक का सफर कैसा रहा है।

किसी देश की मुद्रा उसके आर्थिक विकास का आकलन करने का एक मुख्य घटक होती है। बीते 75 सालों में हमारे देश ने अपार प्रगति की है और लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर है। लेकिन, देश की मुद्रा रुपये में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है। रुपये के अवमूल्यन का नतीजा यह है कि आज रुपया लगभग 80 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है।

पहली बार एक डॉलर की कीमत 4.76 रुपए: भारत को जब 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली। उस समय एक डॉलर की कीमत एक रुपए हुआ करती थी, लेकिन जब भारत स्वतंत्र हुआ तब उसके पास उतने पैसे नहीं थे कि अर्थव्यवस्था को चलाया जा सके। उस समय देश के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व वाली सरकार ने विदेशी व्यापार को बढ़ाने के लिए रुपए की वैल्यू को कम करने का फैसला किया। तब पहली बार एक डॉलर की कीमत 4.76 रुपए हुई थी।

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1962 तक रुपये की वैल्यू में कोई बदलाव नहीं हुआ, लेकिन उसके बाद 1962 और 1965 के युद्ध के बाद देश की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा और 1966 में विदेशी मुद्रा बाजार में भारतीय रुपए की कीमत 6.36 रुपए प्रति डॉलर हो गई। 1967 आते-आते सरकार ने एक बार फिर से रुपए की कीमत को कम करने का फैसला किया, जिसके बाद एक डॉलर की कीमत 7.50 रुपए हो गई।

RBI ने दो फेज में रुपए का अवमूल्यन किया: 1991 में एक बार फिर भारत में गंभीर आर्थिक संकट आया। जिसके बाद देश अपने आयातों का भुगतान करने और अपने विदेशी ऋण चुकाने की स्थिति में नहीं था। इस संकट को टालने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने दो फेज में रुपए का अवमूल्यन किया और उसकी कीमत 9 प्रतिशत और 11 प्रतिशत घटाई। अवमूल्यन के बाद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए का मूल्य लगभग 26 था।

रिसर्च एनालिस्ट दिलीप परमार ने जानकारी दी कि 1991 के आर्थिक सुधारों के बाद से रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले CAGR (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) पर 3।74 प्रतिशत की दर से गिर रहा है। 2000 से 2007 के बीच, रुपया एक हद तक स्थिर हो गया जिसके कारण देश में पर्याप्त विदेशी निवेश आया। हालांकि, बाद में 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान इसमें गिरावट आई।

फॉरेन रिज़र्व का रुपए पर असर: 2009 के बाद से रुपए का मूल्यह्रास शुरू हुआ, जिसके बाद वह 46.5 से अब 79.5 पर पहुंच गया। डॉलर के मुकाबले रुपये के लुढ़कने की सबसे बड़ी वजह फॉरेन रिज़र्व में गिरावट होती है। अगर फॉरेन रिज़र्व कम होगा तो रुपया कमज़ोर होगा और अगर ये ज्यादा होगा तो रुपया मज़बूत होगा।

हाल की घटनाओं को देखें तो जहां सितंबर 2021 में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 642.45 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था। वहीं, 24 जून 2022 आते-आते ये कम होकर 593.32 बिलियन डॉलर पर आ गया है। जिसके पीछे की सबसे अहम वजह महंगाई और क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों को बताया जा रहा है। यही वजह है कि रुपए की वैल्यू गिरती जा रही है।

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